बिहार में ‘का बा?‘ से ‘का किए हो?’ तक

बिहार लोक संवाद ब्यूरो
एक गाना बना, बंबई में का बा? इसके लिखनेवाले हैं पूर्वांचल के बलिया के डॉ. सागर और अभिनय करनेवाला हैं बिहार के बेतिया के मनोज वाजपेयी। गाना हिट हो गया। वीडियो को यू ट्यूब पर अब तक 70 लाख से ज़्यादा लोग देख चुके हैं। इसके बाद इसकी पैरोडी बनी, ‘बिहार में का बा..’
इसे भोजपुरी गायिका नेहा राठौर ने गाया है। इसके जरिए बिहार की बदहाली और बेबसी पर सवाल उठाया गया है और पूछा गया है कि आखिर प्रदेश में इतने वर्षों की जुगलबंदी का परिणाम क्या है? इस वीडियो को यूट्यूब पर अब तक 3 लाख से ज़्यादा लोग देख चुके हैं।
अब चुनाव सर पर है तो बिहार भाजपा के आइटी सेल ने ‘बिहार में का बा..’ का डिजिटल जवाब ‘बिहार में ई बा….’ से दिया है।
इसके जरिए विकास के तमाम कार्यों के साथ-साथ एक तरह से रिपोर्ट-कार्ड भी पेश किया गया हैे।
लेकिन ‘का बा….’ और ‘ई बा….’ से बात काफ़ी आगे बढ़ चुकी है। इसी के तहत कांग्रेस ने ‘का किए हो’ कैम्पेन लाॅंच किया है। पार्टी इसके माध्यम से भाजपा और जदयू के 15 साल के शासन का हिसाब मांग रही है।
लेकिन असली जवाब तो जनता को देना है। देखिये, वोटिंग के बाद क्या नतीजा निकलता है।

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