सामाजिक ताने-बाने को मज़बूत करती हैं अख़तर ओरैनवी की रचनाएं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट

बिहार सरकार के उर्दू निदेशालय के तत्वावधान में बुधवार को पटना में अख़्तर ओरैनवी स्मृति समारोह और बज्मे सुखन का आयोजन किया गया। अख्तर ओरैनवी का जन्म जहानाबाद जिले के काको में 19 अगस्त 1910 को हुआ था। उनका शुमार उर्दू के मशहूर कथाकारों और उपन्यासकारों में होता है। शायरी में भी उनका आला मकाम है।

समारोह में उर्दू निदेशालय के निदेशक अहमद महमूद और साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित उपन्यासकार अब्दुस्समद समेत उर्दू-हिन्दी के साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

बिहार लोक संवाद से बातचीत करते हुए पीजी उर्दू पटना विश्वविद्यालय के पूर्व एचओडी डॉ. जावेद हयात ने कहा कि अख्तर ओरैनवी ने इस्लामी मूल्यों को अपनी रचनाओं में समाहित किया।

सीएम कॉलेज, दरभंगा के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अब्दूल हई ने कहा कि अख्तर ओरैनवी की रचनाओं में हिन्दू माइथोलॉजी और हिन्दी शब्दों की भरमार देखने को मिलती है।

इस अवसर पर काव्य पाठ भी किया गया।

 

 804 total views

Share Now