छ्पी-अनछपी: बीपीएससी उम्मीदवारों पर जमकर लाठी चार्ज, बांग्लादेश में भारतीय सामान का बायकॉट

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रिज़ल्ट में नॉर्मलाइज़ाशन का विरोध करने वाले बीपीएससी के उम्मीदवारों पर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच बांग्लादेश में भारतीय सामान का बायकॉट शुरू हो गया है। राज्यसभा के कांग्रेस सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के नीचे से नोटों की गड्डी मिलने के बाद सदन में हंगामा हुआ है। उद्योग विभाग में सीमांचल में लेदर हब बनाने का फैसला किया है।

यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन पद्धति के विरोध में अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को बेली रोड से लेकर गर्दनीबाग तक जमकर हंगामा किया। बड़ी संख्या में बीपीएससी दफ्तर जा रहे अभ्यर्थियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी, जिनमें कुछ को चोट लगी हैं। इसके पहले सुबह से ही अभ्यर्थी बेली रोड (नेहरू पथ) पर जुटने लगे। उन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं और ’एक शिफ्ट, एक पेपर’ नारे लगा रहे थे। वे बीपीएससी दफ्तर की ओर बढ़ने लगे और बेली रोड को जाम कर दिया। इससे काफी देर तक आवागमन बाधित रहा। पहले पुलिस ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन अभ्यर्थी मुख्य सड़क से हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। इस दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।

एक ही सेट से होगी 70वीं बीपीएससी की पीटी

प्रभात खबर के अनुसार बीएससी की एकीकृत 17वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर मचे हंगामा के बीच देर रात बीपीएससी ने स्पष्ट कर दिया है कि 13 दिसंबर को होने वाली पीटी एक पाली में और प्रश्न पत्र के एक ही सेट में ली जाएगी। इसलिए नॉर्मलाइजेशन की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी। बीपीएससी के अनुसार इस पीटी के लिए प्रश्न पत्र के पांच सेट छापे जा सकते हैं। परीक्षा केंद्रों तक इन्हें भेजा जाएगा लेकिन इनमें से किसी एक सेट का ही इस्तेमाल होगा जिसका चयन परीक्षा से महज दो घंटा पहले लॉटरी से होगा।

बांग्लादेश में भारतीय सामान का बायकॉट

प्रभात खबर के अनुसार त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हुए प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने कोलकाता और त्रिपुरा से अपने दो राजनयिकों को वापस बुला लिया है। कोलकाता में बांग्लादेश के एक्टिंग डेप्युटी हाई कमिश्नर मोहम्मद अशरफुर रहमान ढाका पहुंच चुके हैं। उन्होंने बांग्लादेशी सरकार के विदेशी सलाहकार तौहिद हुसैन से मुलाकात कर अगरतला में हुए प्रदर्शन और ताजा हालात की जानकारी दी है। त्रिपुरा के बांग्लादेशी सहायक उच्चायुक्त आरिफ मोहम्मद फिलहाल ढाका नहीं पहुंचे हैं। इधर अगरतला व कोलकाता में हुए प्रदर्शन के जवाब में बांग्लादेश में भी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। गुरुवार को बांग्लादेशी नेताओं ने राजधानी ढाका में भारतीय साड़ी जलाकर भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की।

सिंघवी की सीट के नीचे नोटों की गड्डी मिलने पर हंगामा

जागरण के अनुसार गुरुवार को विदेश में बैठे लोगों की मदद से देश को अस्थिर करने की कोशिश में कांग्रेस व राहुल गांधी के जुड़ाव को लेकर आरोपी की गर्मी अभी कम भी नहीं हुई थी कि शुक्रवार को राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य अभिषेक मनोज सिंह की सीट से 500 के नोटों की गड्डी मिलने से एक नया हंगामा खड़ा हो गया। दोपहर बाद भी जब यह हंगामा जारी रहा तो सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में शुक्रवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब सभापति जगदीप धनखड़ ने सुबह 11:00 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सीट नंबर 222 से 500 के नोटों की गाड़ी मिलने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वैसे तो यह पैसे जिसके हों वह उसका प्रमाण देकर उसे ले जा सकता है लेकिन सदन में नोटों की गड्डियां आने का मामला गंभीर है। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति से मुखातिब होते हुए कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और यह साफ नहीं हो जाता कि पैसा किसका है, तब तक किसी सदस्य का नाम नहीं लेना चाहिए।

सीमांचल में बनेगा लेदर हब

भास्कर के अनुसार उद्योग विभाग सीमांचल के जिलों को लेदर हब बनाने की तैयारी कर रहा है। उत्तर प्रदेश के आगरा और कानपुर की तरह किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया लेदर उद्योग के केंद्र बनेंगे। इसके लिए किशनगंज को मुख्यालय बनाया जाएगा जहां लेदर से संबंधित रॉ मैटेरियल आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। मुजफ्फरपुर मार्केट बनेगा जो लेदर पार्क के रूप में विकसित होगा। यहां से लेदर के बेल्ट, पर्स, जैकेट, जूते, चप्पल सहित अन्य सामग्री देश के अन्य प्रदेशों के साथ विदेशी भेजी जाएगी।

सीएचओ बहाली फर्जीवाड़ा: हर उम्मीदवार से 5 लाख में सौदा

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की ऑनलाइन परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की पूछताछ में नौ परीक्षार्थियों ने बताया कि पास करवाने के लिए प्रति अभ्यर्थी चार से पांच लाख रुपये लिए गए थे। ईओयू की पूछताछ में 3 केंद्र संचालकों ने परीक्षा में गड़बड़ी में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। ईओयू ने शुक्रवार को जांच की प्रगति मीडिया से साझा की। गिरफ्तार नौ परीक्षार्थियों ने बताया कि सौदे में कुछ अग्रिम राशि दलाल के जरिये ली गई थी। शेष परिणाम के बाद प्राप्त करना था। ईओयू ने गड़बड़ी करने वाले गिरोह के सरगना के रूप में नालंदा के चंद्रभूषण प्रसाद का पुत्र रविभूषण को चिन्हित किया है। इस गिरोह की तलाश में छापेमारी की जा रही है। ईओयू के मुताबिक, कांड संख्या 28/ 2024 का अनुसंधान प्रगति पर है।

कुछ और सुर्खियां:

  • पटना विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की हड़ताल से सभी परीक्षाएं स्थगित
  • बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा का पटना में हुआ निधन
  • हरियाणा पुलिस ने पंजाब के किसानों को दिल्ली कूच से रोका
  • हाशिमपुरा नरसंहार के आठ दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
  • 15 अगस्त 2025 को पटना में पहली मेट्रो चलाने की तैयारी
  • रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ से मांगी गई 50 लाख रुपए की रंगदारी
  • रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को 50 बेस पॉइंट घटाया
  • आरबीआई ने किसानों को बिना गिरवी 2 लाख तक का लोन देने का फैसला किया

अनछपी: इतनी सारी ठगी और साइबर फ्रॉड को देखते हुए एक पुरानी कहावत याद आती है कि चोर के आगे का ताला और बेईमान के आगे केबाला। इस कहावत को याद करने का ताजा कारण यह है कि मोतिहारी के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भठहां में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) का फर्जी ट्रेनिंग सेक्टर पकड़ा गया है। पुलिस प्रशासन की इतनी मौजूदगी और इतनी जागरुकता के बावजूद ठगों की यह हिम्मत कैसे हो जाती है कि वह आरपीएफ के नाम पर ट्रेनिंग सेंटर खोलकर मोटी रकम की उगाही कर लें? पुलिस ने इस ट्रेनिंग सेंटर में छापेमारी के बाद आरपीएफ की वर्दी, स्टार, अवैध पिस्तौल, दो मैगजीन और 14 कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस ने ट्रेनिंग सेंटर के कथित केयरटेकर सन्नी कुमार को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि यह ट्रेनिंग सेंटर एक गिरोह चला रहा है जिसका सरगना पप्पू कुमार बेरोजगार युवकों को आरपीएफ में नौकरी दिलाने के नाम पर अब तक करोड़ों की ठगी कर चुका है। एक युवक से चार से पांच लाख रुपये लेकर उन्हें ट्रेनिंग देता था। उसके बाद फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर अलग-अलग स्टेशनों पर ड्यूटी के लिए भेज देता था। पुलिस के पास अब तक 30 से अधिक युवकों की लिस्ट है जिनसे पप्पू ने नौकरी के नाम पर ठगी की है। इस केंद्र का पता भी दिलचस्प तरीके से तब लगा जब सोनपुर रेलवे स्टेशन पर दो फर्जी टिकट कलेक्टर पकड़े गए तो सरगना पप्पू कुमार ने उन्हें छुड़ाने के लिए दो शागिर्दों को सोनपुर भेज दिया। आए दिन हम कई शहरों से यह खबर सुनते हैं कि किसी ने कोई कंपनी बनाकर नौकरी देने का झांसा दिया और लोगों से पैसे ऐंठ कर फरार हो गया। लेकिन यह सोच कर अजीब लगता है कि केंद्र सरकार की पुलिस आरपीएफ में बहाली के नाम पर भी आरपीएफ की वर्दी लगाकर ट्रेनिंग सेंटर कैसे खोला जा सकता है? इस मामले की जांच केवल सरगना पर नहीं रुकनी चाहिए बल्कि यह मालूम करना चाहिए कि ऐसे लोगों को किन लोगों का संरक्षण प्राप्त था। यह भी देखने की बात होगी कि जिन्हें गिरफ्तार किया गया है उन पर कठोर कानूनी कार्रवाई होती है या किसी की पैरवी के बाद उन्हें छोड़ दिया जाता है या उन पर हल्की धाराएं लगाई जाती हैं। एक तरफ बिहार में लोगों को पास नौकरी की इतनी भारी किल्लत है तो दूसरी तरफ नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों का धंधा भी फल फूल रहा है। इससे बचने का तो एक ही तरीका है कि जागरूक रहा जाए और खूब छानबीन करने के बाद ही नौकरी देने का दावा करने वाले लोगों पर भरोसा किया जाए।

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