छ्पी-अनछपी: बीपीएससी परीक्षा मामले में 10 विधायकों पर केस, कई जिलों में कोल्ड डे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन के मामले में 10 विधायकों पर केस दर्ज किया गया है। बिहार के तीन जिलों में कोल्ड डे रहा और आज 5 जिलों में कोल्ड डे रहने का अनुमान है। आरा की एक बांग्लादेशी महिला को सीएए के तहत नागरिकता प्रमाण पत्र दिया गया है जो बिहार का पहला मामला है। चीन ने लद्दाख के क्षेत्र को अपना बताया है जिस पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

भास्कर के अनुसार 70वीं बीपीएससी पीटी रद्द करने के लिए शुक्रवार को कई मोर्चों पर राजनेताओं से लेकर छात्र संगठनों ने धरना प्रदर्शन, रेल रोको, रोड जाम और आमरण अनशन व शिक्षा सत्याग्रह किया। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव सैकड़ों समर्थकों के साथ सचिवालय हाल्ट पर पूर्व से घोषित चक्का जाम को लेकर ट्रेन रोकने के लिए सुबह में पहुंच गए। दानापुर की ओर से आ रही ईएमयू को रोक दिया। इस वजह से दानापुर पटना जंक्शन रेल खंड के बीच कई ट्रेन प्रभावित हुईं। पप्पू यादव पर ट्रेन रोकने के मामले में एफआईआर की गई है। कम्यूनिस्ट पार्टियों के छात्र संगठनों के प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस और भारतीय भाकपा माले के 10 विधायकों पर केस हुआ है। इस मामले में कांग्रेस के विधायक शकील अहमद, माले के विधायक गोपाल रविदास, महबूब आलम, सूर्यकांत पासवान, संदीप सौरभ, सत्यदेव राम, अजीत कुशवाहा, अमरजीत कुशवाहा, सत्येंद्र यादव और श्रीप्रकाश रंजन पर केस हुआ है। इसके अलावा गांधी मैदान में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर दूसरे दिन भी आमरण अनशन पर डटे रहे। प्रशासन के नोटिस के बाद भी वे नहीं हटे। उधर गर्दनीबाग धरनास्थल पर धरना देने और बीपीएससी के कार्यालय का घेराव करने के मामले में गुरु रहमान समेत 11 कोचिंग के शिक्षकों पर केस दर्ज किया गया है।

राहुल गांधी ने उठाया परीक्षार्थियों का मुद्दा

हिन्दुस्तान के अनुसार लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार पेपर लीक करवाकर छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय कर रही है। जब छात्र इस अन्याय के खिलाफ खड़े होते हैं, तो उनकी आवाज को दबा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि छात्रों के अधिकार की लड़ाई में हम उनके साथ हैं। भाजपा को देश के युवाओं के हक की आवाज किसी कीमत पर दबाने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पहले बिहार में प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों की आवाज दबाने का काम हुआ है और अब मध्य प्रदेश में पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठाने वाले छात्रों को जेल में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा भारत के युवाओं का बिल्कुल एकलव्य जैसा अंगूठा काट रही है और उनका भविष्य मिटा रही है।

बिहार के तीन जिलों में कोल्ड डे

भास्कर के अनुसार राजधानी पटना में दो दिनों बाद दिन में धूप निकली। अधिकांश हिस्सों में सुबह के समय कुहासा था लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा तेज हवाओं से कुहासा छंटा और धूप निकली। दिन 3:00 बजे के बाद फिर बर्फीली हवाओं से ठंड बढ़ गई। राज्य में अधिकतम तापमान में दो-तीन डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी के साथ न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज की गई। सुबह पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान और सारण में घने कोहरे से जनजीवन प्रभावित रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार को बांका सबसे ठंडा रहा। बांका के अलावा जमुई और वैशाली में कोल्ड डे रहा। बांका का न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री रहा। शनिवार को भी रोहतास, बक्सर, जमुई, बांका और नवादा में कोल्ड डे का अलर्ट जारी किया गया है। शुक्रवार को पटना सहित 23 जिलों का न्यूनतम तापमान दूसरे दिन भी 10 डिग्री से नीचे रहा।

बिहार में सीएए के मिली पहली नागरिकता

प्रभात खबर के अनुसार आरा में रहने वाले एक हिंदू परिवार ने 40 साल के इंतजार के बाद भारतीय नागरिकता हासिल कर ली है। नागरिकता संशोधन अधिनियम सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद बिहार में शुक्रवार को पहली बार आरा की रहने वाली सुमित्रा रानी साहा को सिटीजन सर्टिफिकेट मिला। नागरिकता नियम 2009 के नियम 11 ए के उप नियम एक और नियम 13 ए के तहत राज्य स्तरीय सशक्त समिति की नागरिक निबंध के कार्यालय में हुई बैठक में यह प्रमाण पत्र जारी हुआ। 60 वर्षीय सुमित्रा रानी साहा 5-6 साल की उम्र में फुआ के साथ बांग्लादेश गई थीं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इस कारण पढ़ाई को लेकर वह वहां गई थी। 20 साल के बाद 19 जनवरी 1985 को बांग्लादेश से पिता के घर कटिहार आईं। सुमित्रा की शादी 10 मार्च 1985 को आरा के परमेश्वर पिता से हुई थी। उन्हें हर हर साल अपना वीज़ा एक्सटेंशन करवाना पड़ रहा था।

चीन ने लद्दाख को बताया अपना क्षेत्र

जागरण के अनुसार अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात में भारत व चीन के रिश्तों को पटरी पर लाने की सहमति बनी और तीन महीने भी नहीं हुई कि इस सहमति के दरकने के संकेत मिलने लगे हैं। पहले चीन ने अपने क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर 137 अरब डॉलर की लागत से विशाल बांध बनाने की घोषणा की और फिर अपने होतम प्राप्त में दो नई काउंटी बनाने की घोषणा कर दी। इसके अधिकार क्षेत्र के कुछ से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं। भारत ने दोनों घोषणाओं पर कड़ी आपत्ति जताते हुए साफ किया है कि लद्दाख के किसी भी हिस्से पर चीन का गैर कानूनी कब्जा बर्दाश्त नहीं है।

चीन में फैला नया वायरस

अभी लोग कोरोना वायरस महामारी को पूरी तरह भूल भी नहीं पाए हैं कि 5 साल बाद चीन में इससे मिलते-जुलते एक नए वायरस ने अफरा तफरी का माहौल बना दिया है। दावा किया जा रहा है कि ह्यूमन मेटानिमो वायरस (एचएमपीवी) चीन में बहुत तेजी से फैल रहा है और अस्पतालों व श्मशानों में जबरदस्त भीड़ पहुंच रही है। हालांकि चीन ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि हर साल सर्दियों में सांस की बीमारियों बढ़ जाती हैं और पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कम मामले सामने आए हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • मणिपुर के कांगपोकपी जिले में भीड़ ने एसपी ऑफिस पर हमला किया, एसपी और कुछ दूसरे पुलिस वाले जख्मी
  • बिहार के 1.90 लाख शिक्षकों का चार चरणों में होगा तबादला, गंभीर बीमारी वालों को मिलेगी प्राथमिकता
  • बीपीएससी पीटी की बापू सेंटर, पटना की रद्द परीक्षा आज, बनाए गए 22 सेंटर
  • रेलवे ग्रुप डी (लेवल 1) के लिए अब डिप्लोमा की शर्त खत्म, केवल दसवीं पास भी कर सकेंगे आवेदन
  • 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन
  • बन रहा कानून: 18 से कम उम्र वालों का सोशल मीडिया अकाउंट मां-बाप की मंजूरी से ही बनेगा

अनछपी: पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के बारे में जो सबसे बड़ी शिकायतें मिली हैं उनमें ईडी का रवैया भी बहुत चर्चित रहा है। मोदी सरकार पर सीबीआई के अलावा ईडी को भी अपने विरोधियों पर हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लंबे समय से लगता रहा है। ईडी की कार्रवाइयों पर पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी लेकिन अपनी ताजा टिप्पणी में इसने ईडी के रवैये को मनमाना और अमानवीय बताया है। मोदी सरकार कह सकती है कि ईडी एक स्वतंत्र संस्था है लेकिन वह इस आरोप से नहीं बच सकती कि इस संस्था के इस रवैया के पीछे उसका हाथ है। सुप्रीम कोर्ट की ताजा टिप्पणी हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार से जुड़ी हुई है जिनसे ईडी ने 15 घंटे की पूछताछ की थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह कोई आतंकवाद का मामला नहीं था बल्कि सरकार के आरोप के अनुसार यह अवैध बालू खनन से जुड़ा हुआ मामला है। एक छोटा सा सवाल है कि जब काम करने के लिए निर्धारित घंटे 8 हैं तो पूछताछ के लिए 15 घंटे क्यों होने चाहिए और इसके बदले दो दिनों में क्यों नहीं पूछताछ होनी चाहिए। दरअसल ऐसा लगता है कि ईडी ने सरकार की ओर से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को तंग करने का ठेका ले रखा है। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद ईडी की भूमिका पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस किए जाने की जरूरत है। हो सकता है कि ईडी अब पूछताछ के लिए लगातार इतने घंटे तक किसी आरोपित को मजबूर ना करे लेकिन क्या वह अपने रवैया पर गौर करेगा? क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसी कोई व्यवस्था कर सकता है जिससे ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को तंग करने की नीयत से ना किया जाए? यह बात भी याद रखने की है कि ईडी ने कई मामलों में उन राजनेताओं के खिलाफ केस वापस ले लिए जो या तो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए या भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी बन गए। इसीलिए तंज के तौर पर भारतीय जनता पार्टी को वॉशिंग मशीन भी कहा जाता है। ईडी का यह रवैया पूरे देश के लिए गंभीर मामला है लेकिन मीडिया में इसकी चर्चा काम ही होती है।

 

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