छ्पी-अनछ्पी: बारिश नहीं होने से धान की रोपनी आधी से भी कम, कई राज्यपाल बदले
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में मॉनसून के रूठने से धान रोपनी आधी से भी कम हो पाई है। झारखंड और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के राज्यपाल बदल दिए गए हैं। दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में पानी घुसने से तीन विद्यार्थियों की मौत हो गयी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीति आयोग की बैठक में अपना माइक बंद करने का आरोप लगाया है।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: मॉनसून रूठा, अभी ऐसे ही रहेगी उमस भरी गर्मी। मॉनसून के रूठने से बिहार में बारिश का कोई सिस्टम नहीं बन पा रहा है। ना तो साइक्लोनिक सर्कुलेशन है और ना ही ट्रॉफ़ लाइन किसी इलाके से गुजर रही है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर पश्चिमी यूपी पर बना हुआ है और ट्रॉफ लाइन ओडिशा से गुजर रही है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन अगर पूर्वी यूपी पर रहता तो गोपालगंज, सीवान और सारण के सटे जिलों में बारिश होती। हिन्दुस्तान के अनुसार राज्य में औसत से 32 प्रतिशत कम बारिश हुई है। किसान परेशान हैं। रोपनी कम हो रही है। बिचड़ा बचाना भी मुश्किल है। इस साल अभी तक 47 फीसदी ही रोपनी हुई है। कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि अभी तक सामान्य रूप से 462.9 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन मात्र 314.3 मिलीमीटर वर्षा हुई है। यानी सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश हुई है। इससे धान की रोपनी और अन्य फसलों की बुआई प्रभावित हुई है। राज्य में इस साल 36 लाख 60 हजार 973 हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य है। अभी तक 17 लाख 3 हजार 802 हेक्टेयर में रोपनी हुई है।
कई राज्यपाल बदले
जागरण के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार देर रात राजस्थान, झारखंड और पंजाब समेत कई राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की। संतोष गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल होंगे। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल होंगे। हरिभाऊ किशनराव बागड़े को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। रमन डेका को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के अनुसार असम के राज्यपाल गुलाब चंद्र कटारिया बनवारी लाल पुरोहित की जगह पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक होंगे। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को असम का राज्यपाल बनाया गया है। वह मणिपुर के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगे। ओम प्रकाश माथुर सिक्किम के राज्यपाल का पदभार संभालेंगे।
तीन विद्यार्थियों की मौत
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से दर्दनाक हादसा हो गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक शनिवार को भारी बारिश के चलते बेसमेंट में पानी भरा और कई छात्र फंस गए। अग्निशमन विभाग और एनडीआरएफ ने दो छात्राओं के शव निकाले। जागरण के अनुसार एक छात्र की भी मौत हुई है। देर रात तक बाकी की तलाश जारी थी इससे मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। मृतकों में एक छात्र तानिया तेलंगाना की रहने वाली है जबकि दो अन्य की पहचान नहीं हो सकी है। कोचिंग सेंटर प्रबंधन ने पहले हालात खुद संभालने की कोशिश की लेकिन जब स्थिति बिगड़ गई तो पुलिस व दमकल को सूचना दी।
ममता ने दिखाए तल्ख तेवर
जागरण के अनुसार विपक्षी दलों के फैसले से अलग होकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में शामिल तो हुईं लेकिन यह आरोप लगाकर बाहर आ गईं कि उन्हें बोलने का पूरा मौका नहीं दिया गया। बीच में ही माइक बंद कर दिया गया। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस आरोप को झूठ करार देते हुए कहा कि उन्हें भी उतना समय मिला जितना दूसरे मुख्यमंत्री को। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें केवल 5 मिनट समय दिया गया जबकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 20 मिनट अपनी बात रखी। इसी तरह असम, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ व गोवा के मुख्यमंत्री ने भी 15- 20 मिनट तक बात रखी। ममता ने बैठक में शामिल होकर इंडिया गठबंधन को यह संदेश भी दे दिया कि उन्हें किसी का नेतृत्व स्वीकार नहीं है। कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया ने यह फैसला लिया था कि उनके मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं होंगे।
नीति आयोग की बैठक में मोदी क्या बोले?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल बैठक के दौरान कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश के रूप में देखना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है। देश को विकसित राष्ट्र बनाने में राज्यों की अहम भूमिका होगी, क्योंकि वे लोगों से सीधे जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित देश बनाने का सपना हर राज्य को साथ लिए बिना पूरा नहीं हो सकता। शनिवार को हुई इस बैठक में 26 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री तथा उपराज्यपाल शामिल हुए। 10 राज्यों के मुख्यमंत्री ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। पहले से व्यस्त होने की वजह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में शामिल नहीं हो पाए। कांग्रेस और डीएमके ने पहले ही बैठक के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था।
नए कानूनों की तारीफ
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस कृष्ण बिनोद चंद्रन ने कहा कि देशभर में 1 जुलाई से लागू 3 नए कानून में न्यायिक प्रक्रिया से छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं है। इन कानूनों से न्याय व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इनमें पहले से मौजूद कई कानूनी चुनौतियों से निपटने का समाधान भी है। मुख्य न्यायाधीश शनिवार को पटना के ज्ञान भवन में ‘नए आपराधिक कानून’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे आम जनता को काफी सुविधा होगी। सभी जिलों के डीएम, एसपी, जिला जज, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, लोक अभियोजक आदि को संबोधित करते हुए जस्टिस चंद्रन ने कहा कि नए कानून में वैज्ञानिक और डिजिटल साक्ष्यों को प्रधानता दी गई है। इससे न्याय व्यवस्था अधिक प्रभावी बनेगी और न्याय दिलाने में तेजी आएगी।
अग्रणी की संपत्ति नीलाम कर ग्राहकों को पैसा लौटाने का आदेश
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है कि पटना हाई कोर्ट ने पटना के डीएम को 12 हफ्ते के अंदर अग्रणी होम्स की परिसंपत्तियों नीलाम कर पीड़ित ग्राहकों को पैसा लौटाने का आदेश दिया है। पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अभिषेक रेड्डी की बेंच ने कहा कि इस अवधि के दौरान पटना डीएम सभी पक्षों को नोटिस देते हुए सुनवाई का पर्याप्त अवसर दें और सख्ती से पीडीआर (पब्लिक डिमांड रिकवरी) एक्ट के तहत मामलों को निपटाएं। इससे पहले पीड़ितों के वकील पुनीत कुमार ने कोर्ट को बताया की अग्रणी से जुड़े 1000 से अधिक मामलों में बिहार रेरा ने रिकवरी आदेश पारित कर रखा है। इस मामले में पटना डीएम के स्तर से कार्रवाई होनी है। अग्रणी होम्स के निदेशक आलोक कुमार डेढ़ साल से जेल में बंद है।
कुछ और सुर्खियां
- पूर्णिया में तनिष्क शोरूम से कल 3.5 करोड़ के जेवरात की लूट हुई थी
- गोपालगंज में शौचालय की टंकी में दम घुटने से दो कामगारों की मौत
- मुकेश सहनी के दरभंगा स्थित आवास पहुंचे लालू प्रसाद, सहनी के पिता को दी श्रद्धांजलि
- कमला हैरिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी घोषित की
- बिहार के सभी विश्वविद्यालयों को वोकेशनल कोर्स में दाखिला लेने की मंजूरी
- बिहार में बाघ की संख्या बढ़ी, आठ से बढ़कर 54 हुए बाघ
अनछपी: नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान संसद में विपक्षी सदस्यों को बोलने का मौका नहीं देने और उनकी आवाज को दबाने का आरोप तो पुराना हो चुका है लेकिन अब नीति आयोग की बैठक में भी एक विपक्षी मुख्यमंत्री को बोलने का पर्याप्त समय नहीं देने का आरोप सामने आया है। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ममता बनर्जी के आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है लेकिन ममता बनर्जी ने यह कहा कि उन्हें बोलने के लिए सिर्फ 5 मिनट का समय दिया गया जबकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को 20 मिनट का समय दिया गया। याद रखने की बात यह है कि चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी के पास इस समय 16 सांसद हैं और मोदी सरकार उनके समर्थन पर टिकी हुई है। विपक्षी इंडिया गठबंधन ने तो घोषित कर रखा था कि उसके मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं होंगे लेकिन अपनी अलग राह पर चलने वाली ममता बनर्जी इसमें शामिल हुईं तो यह शिकायत लेकर लौटीं। इससे इंडिया गठबंधन को यह कहने का मौका मिल गया कि उसने जो आशंका जताई थी वह सही साबित हुई। इस कॉलम के एक सम्मानित पाठक ने यह सुझाव दिया की नीति आयोग के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक की चर्चा भी होनी चाहिए। राष्ट्रीय एकता परिषद सांप्रदायिकता, जातिवाद और क्षेत्रवाद की समस्याओं के हल की कोशिश के लिए बनाई गई है। नेशनल इंटीग्रेशन काउंसिल या राष्ट्रीय एकता परिषद अनुच्छेद 355 के तहत गठित की गई है लेकिन 2014 के बाद से राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक की खबर शायद ही सामने आई हो। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भारतीय जनता पार्टी के किसी पदाधिकारी से एकता की बात कम ही सुनी जाती है। लेकिन एक संवैधानिक परिषद की बैठक ना बुलाना क्या किसी सरकार के लिए उचित माना जा सकता है? ममता बनर्जी और इंडिया गठबंधन को भी चाहिए कि राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलाने की मांग करें और देश में जो नफरत का माहौल है उसके बारे में चर्चा करें। वैसे भी नीति आयोग की बैठक एक औपचारिकता मात्र रह गई है लेकिन राष्ट्रीय एकता परिषद की जरूरत भारत के समाज को इस समय सबसे ज्यादा है और वही आयोजित नहीं हो पा रही है। राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलाने की मांग करनी चाहिए।
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