छपी-अनछपी: उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ के घोटाले पर केंद्र जवाब तलब, 1096 शिक्षक-कर्मी गायब मिले

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में केंद्र को हलफनामा देने का निर्देश दिया है। बिहार की यूनिवर्सिटियों से खबर है कि सोमवार को एक हज़ार से अधिक टीचर व कर्मी गायब मिले हैं। इन दो महत्वपूर्ण खबरों के अलावा पाकिस्तान के बारे में रक्षामंत्री के बयान को लीड बनाया गया है। नक्सलियों के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई भी पहले पेज पर है।

जागरण की खबर है: 500 करोड़ के घोटाले में केंद्र को हलफनामा दायर करने का निर्देश। पटना हाईकोर्ट में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ के घोटाले में केंद्र सरकार को 2 सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा है। इसके साथ-साथ कोर्ट ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सीएमडी को भी 2 सप्ताह के अंदर अपना जवाब दायर करने के लिए कहा है। न्यायधीश पीबी बजन्थरी एवं न्यायाधीश जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने नवनीत कुमार एवं धर्म जय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। अधिवक्ता शिव प्रताप ने कोर्ट को बताया कि बैंक के वरीय अधिकारियों द्वारा की गई अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायत याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार की इकोनामिक ऑफेंस यूनिट से की थी। पिछले वर्ष मार्च में मुजफ्फरपुर की निचली अदालत के आदेश पर काजी मोहम्मदपुर थाना में 500 करोड़ के घोटाले की प्राथमिकी दर्ज हुई थी। आर्थिक अपराध इकाई ने पिछले वर्ष 20 दिसंबर को विस्तृत जांच के लिए ईडी को पत्र भेजा लेकिन मामले में कोई संतोषजनक प्रगति नहीं हुई।

यूनिवर्सिटीज़ का हाल

हिन्दुस्तान की खबर है: 1096 शिक्षक और कर्मी गायब मिले। सोमवार को विभिन्न विश्वविद्यालयों ने शिक्षा विभाग को 1096 अनुपस्थित शिक्षकों और कर्मियों की रिपोर्ट भेजी है। विश्वविद्यालयों ने बताया है कि अनुपस्थित शिक्षकों का वेतन स्थगित किया गया है। केके पाठक ने कार्यभार संभालने के बाद ही विश्वविद्यालयों और अंगीभूत कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मियों की उपस्थिति रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेजने का निर्देश दिया था। इसके बाद से ही ईमेल के माध्यम से शिक्षा विभाग में उपस्थिति की रिपोर्ट ली जा रही है।

पाकिस्तान पर गरजे राजनाथ

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: पाकिस्तान में घुसकर हमले की चेतावनी दी। जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: गुलाम जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, पाक का कोई हक नहीं: राजनाथ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत आतंकवाद को खत्म करने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है। पाकिस्तान को परोक्ष रूप से चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम सीमा के उस पार भी जा सकते हैं। जम्मू विश्वविद्यालय में सुरक्षा विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सेना ने आतंकियों के खिलाफ कई बड़े अभियानों को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा था और आगे भी रहेगा। पाकिस्तान ने अवैध तरीके से पीओके पर कब्जा किया है।

नक्सली ठिकानों पर छापेमारी

हिन्दुस्तान की पहली खबर है: बिहार समेत देशभर में नक्सली ठिकानों पर छापे। एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने नक्सल फंडिंग के मामले में देशभर में आधा दर्जन स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इसी क्रम में फंडिंग नेटवर्क के अहम सूत्रधार और कुख्यात नक्सली आनंदी पासवान उर्फ आनंद पासवान को अरवल जिले के किंजर थाना क्षेत्र के निरखपुर गांव से गिरफ्तार कर लिया। आनंदी के गांव के अलावा उसके एक करीबी के ठिकाने पर भी एनआईए की टीम ने छापेमारी की।

चिकनपॉक्स की समस्या

भास्कर की खबर है: बिहार में बढ़ रहा चिकन पॉक्स; केंद्र की एडवाइजरी जारी, पीड़ित बच्चों को स्कूल आंगनबाड़ी सेंटर नहीं भेजें। बिहार में बढ़ रहे चिकन पॉक्स के मद्देनजर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य स्वास्थ्य समिति को एडवाइजरी जारी की है। चिकनपॉक्स का वायरस तेजी से फैलता है। यह अमूमन बच्चों को अपनी चपेट में लेता है लेकिन सभी उम्र के लोग इससे पीड़ित होते हैं। बिहार में सबसे ज्यादा सुपौल, सीवान और त्रिवेणीगंज में बच्चे और अन्य आयु वर्ग के लोग चिकन पॉक्स के शिकार हो रहे हैं। चिकन पॉक्स से पीड़ित बच्चों और व्यक्तियों को 6 दिनों तक आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।

पाकिस्तान में सेना की सेना पर कार्रवाई

पाकिस्तान में बीती नौ मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में नाकाम रहने पर लेफ्टिनेंट-जनरल सहित तीन सैन्य अफसरों को बर्खास्त कर दिया गया है। हिन्दुस्तान के अनुसार, इसके अलावा तीन मेजर जनरल तथा सात ब्रिगेडियर के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की गई है। इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मई महीने में लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की थी। इसके अलावा रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी भीड़ ने हमला किया था।

बारिश से पहाड़ों पर आफत

हिन्दुस्तान की खबर है कि मानसून की पहली बारिश में ही देश के कई राज्यों में मुसीबत खड़ी हो गई है। मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से पहाड़ी राज्यों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर यातायात बाधित हुआ। 20 घंटे बाद पत्थरों को हटाकर छोटे वाहनों के लिए मार्ग खोला जा सका। राज्य में 301 मार्ग बंद हैं। जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य सड़कें अवरुद्ध हो गईं। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा भी प्रभावित हुई है।

कुछ और सुर्खियां

  • पटना सिविल कोर्ट के जज प्रफुल्ल कुमार की कार सहरसा में पुल की रेलिंग से टकराकर गड्ढे में गिरी, पिता, चाचा व चचेरे भाई की मौत
  • पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में मुठभेड़ में मारे गए 2 नेपाली डकैत, तीन पुलिसवाले भी जख्मी
  • रांची-पटना वंदे भारत ट्रेन को आज हरी झंडी दिखाएंगे पीएम
  • लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का प्रकाशन 5 जनवरी को
  • बालू खनन पर 1 जुलाई से रोक, बनाया गया 41 करोड़ घन फ़ीट का बफर स्टॉक
  • पेंशन पाने के लिए अब 11 जुलाई तक करें आवेदन
  • टोरंटो की उड़ान रद्द होने से फ्रांस में फंसे भारतीय यात्री

अनछपी: जबसे के के पाठक में शिक्षा विभाग की कमान संभाली है, यूनिवर्सिटी और कॉलेज में टीचरों और कर्मचारियों की हाजिरी को लेकर सख्ती शुरू की गई है। बिहार में उच्च शिक्षा के लिए यह कितने अफसोस की बात है कि इस बात की निगरानी रखनी पड़ती है कि कौन शिक्षक और कर्मचारी आते हैं और कौन नहीं। एक तरह से कहा जाए कि वहां शिक्षकों और कर्मचारियों की हाजिरी का कोई माई बाप नहीं है। केके पाठक अपने विवादास्पद फैसलों के लिए जाने जाते हैं लेकिन उनका यह एक्शन कहीं से भी गलत नजर नहीं आता। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में हाज़िरी के लिए बायोमेट्रिक पद्धति का विरोध भी शायद इसी कारण होता है कि उनके आने जाने का कोई ठोस सबूत ना रहे। विश्वविद्यालयों में काम करने वालों को अन्य जगहों से काफी अधिक वेतन मिलता है लेकिन वहां के टीचर और कर्मचारियों की यह अजीब आदत है कि वे बिना ड्यूटी किए पूरी तनख्वाह चाहते हैं। यह कहा जा सकता है कि सभी शिक्षक और कर्मचारी ऐसे नहीं हैं लेकिन एक हज़ार कर्मचारी अगर गायब पाए जाते हैं तो यह कोई कम गंभीर बात नहीं मानी जानी चाहिए। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के नहीं आने या समय पर ना आने का अजीब मामला है। कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो नियमित रूप से कॉलेज या यूनिवर्सिटी जाते हैं लेकिन उनकी शिकायत यह रहती है कि विद्यार्थी ही नहीं आते। दूसरी और स्टूडेंट्स का कहना रहता है कि जब टीचर ही नहीं आए तो वे क्यों जाएं। इस दुष्चक्र से निकलने के लिए जरूरी है कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में हाजिरी पर सख्ती जारी रखी जाए और स्टूडेंट पर भी कड़ाई की जाए कि वह पढ़ने के लिए क्लास में पहुंचें। बिहार में उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को सेशन लेट होने का खामियाजा तो वैसे भी भुगतना पड़ता है लेकिन सिरे से पढ़ाई ही न हो, शिक्षक ही न पहुंचें तो इसके लिए सख्ती के अलावा और क्या उपाय हो सकता है?

 

 

 

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