छपी-अनछपी: बीजेपी 100 पर सिमटेगी अगर कांग्रेस समेत विपक्ष एक हो: नीतीश, सोरोस पर शोर जारी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भाकपा माले के कार्यक्रम में कांग्रेस आरजेडी और जेडीयू का भी जुटान हुआ जिसमें दिया गया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान काफी चर्चित है। अदानी शेयर घोटाले पर जॉर्ज सोरोस की टिप्पणी से विदेश मंत्री एस जयशंकर भी खफा हो गए हैं और इस बारे में उनके बयान को अखबारों ने अच्छी जगह दी। भास्कर ने अपनी खास खबर में बताया है कि दक्षिण के दो राज्यों तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हिंदुत्व की राजनीति के अनुरूप मंदिर बनाने कि सरकारी घोषणा हो रही है।
हिन्दुस्तान में पहली खबर है: विपक्ष की एकता पर जल्द फैसला ले कांग्रेस: नीतीश। जागरण ने लिखा है: कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष एकजुट हो तो भाजपा 100 में सिमट जाएगी। भास्कर की सुर्खी है: नीतीश बोले- पीएम कोई बने कांग्रेस दे साथ तो 100 सीटों पर सिमट जाएगी भाजपा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता के लिए बहुत सारी पार्टियां तैयार बैठी हैं। कांग्रेस को भी जल्द इस पर फैसला लेना चाहिए। हमलोग इंतजार कर रहे हैं कि कांग्रेस बुलाये और विपक्षी एकजुटता के लिए बात करे, ताकि आगे की रणनीति तैयार हो। मुख्यमंत्री शनिवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित भाकपा (माले) के 11 वें महाधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे सुझाव को अगर मान लीजिएगा तो भाजपा 100 के नीचे आ जाएगी। अगर मेरी बात नहीं मानिएगा तो क्या होगा, आपलोग जानिये, हमको क्या है। मंच पर मौजूद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि विपक्षी एकता के मुद्दे पर हम सब तैयार हैं। अब निर्णय कांग्रेस को करना है।
बिहार मॉडल की चर्चा
जागरण में एक हेडलाइन है: गुजरात नहीं, देश में होनी चाहिए बिहार मॉडल की चर्चा: सलमान। भाकपा माले के महाधिवेशन में राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि गुजरात मॉडल की बात देश में होती है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शांति और सद्भाव वाला बिहार मॉडल सबसे अच्छा है। नीतीश जी को देशभर में घूमकर बिहार मॉडल की चर्चा करनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुखातिब होकर कहा कि विपक्षी एकता को लेकर जो आप चाहते हैं, कांग्रेस भी वही चाहती है। आपके प्रस्ताव को जल्द-से-जल्द स्वीकार करके इसकी घोषणा होनी चाहिए। इससे देश का पूरा माहौल बदल जाएगा। वहीं, भाकपा (माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भी आह्वान किया कि कांग्रेस समेत वामपंथी और समाजवादी शक्तियों को एक होना होगा।
दक्षिण भी अब मंदिर पथ पर
भास्कर की पहली खबर है: दक्षिण भी अब मंदिर पथ पर। अख़बार लिखता है कि 2024 के लिए पार्टियों ने नैरेटिव सेट करने शुरू कर दिए हैं। आमतौर पर माना जाता है कि उत्तर भारत की राजनीति में धर्म और धर्म स्थल हावी हैं। भाजपा अपनी हिंदुत्ववादी पहचान और राम मंदिर को अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रोजेक्ट करती है लेकिन अब तक धर्म निरपेक्षता का नारा देने वाली दक्षिण भारत की पार्टियां भी भाजपा की काट के लिए मंदिर मार्ग पर सरपट दौड़ रही है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने सबसे बड़े हनुमान मंदिर के लिए 600 करोड़ रूपीस जारी किए हैं तो आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने लगभग 1400 मंदिरों के निर्माण की बात कही है। मंदिर के लिए 8 लाख और मूर्ति के लिए 2-2 लाख का प्रावधान किया गया है। इन 1400 मंदिरों में 1034 मंदिर तो खुद राज्य सरकार बनवा रही है जबकि 330 का निर्माण आर एस एस से जुड़ा एनजीओ सेवा फाउंडेशन करवा रहा है।
पाकिस्तान कंगाल
हिन्दुस्तान की एक अहम सुर्खी है: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कबूला,देश दिवालिया हुआ। अखबार लिखता है: आतंक और आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को कबूला कि उनका देश दिवालिया हो चुका है। आसिफ सियालकोट में शनिवार को एक कॉलेज के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कई नौकरशाहों और राजनेताओं ने ऐसी भारी गलतियां की हैं, जो देश पर अब भारी पड़ रही हैं। आतंकवाद के लिए उन्होंने इमरान सरकार को दोषी ठहराया। ख्वाजा ने आर्थिक तंगी पर चिंता जताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाली मदद से राहत नहीं मिलेगी। समाधान आंतरिक रूप से ही खोजना होगा।
सोरोस पर इतना शोर क्यों?
जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी विदेश मंत्री जयशंकरका बयान है: सोरोस पूर्वाग्रही व खतरनाक व्यक्ति। अख़बार लिखता है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरस को आड़े हाथों लिया है। जयशंकर ने कहा कि सोरोस से एक बूढ़े, रईस, पूर्वाग्रही और खतरनाक व्यक्ति हैं। उनके अनुसार सोरोस की सोच है कि दुनिया वैसे ही चले वैसा वह चाहते हैं लेकिन यह संभव नहीं। अखबार लिखता है कि सोरोस को ज़बर्दस्त मोदी विरोधियों में गिना जाता है। सोरोस ने अदानी के शेर घोटाले के बारे में कहा था कि इसके साथ ही मोदी सरकार का पतन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं, वह तानाशाह है और भारत में जल्दी लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा।
कुछ और अहम सुर्खियां
- बाढ़ में वार्ड पार्षद की हत्या, शव के बगल में पिस्टल रखा ताकि यह आत्महत्या लगे
- आईजी विकास वैभव ने 2000 पेज में दिया जवाब, अपना काम गिनाया, डीजी की रिकॉर्डिंग भी भेजी
- Ed. परीक्षा 8 अप्रैल को संभव, कल से आवेदन
- राज्यों को होगा जीएसटी के बकाए का भुगतान
- ईमेल से नोटिस भेजना वैद्य तरीका नहीं सुप्रीम कोर्ट
- होली में बिहार आने के लिए ट्रेनें कम, विमान हुए महंगे
अनछपी: विपक्षी एकता की जो कोशिश कांग्रेस और दूसरे दलों के मंच से होनी चाहिए वह दरअसल एक छोटी पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के अधिवेशन से हुई है। भाकपा माले लगातार भारतीय जनता पार्टी की राजनीति को चुनौती देने की गंभीर कोशिशें कर रही है। नीतीश कुमार की कही गई बात वास्तव में ऐसे वक्त पर आई है कि इसमें और अधिक देरी होने का मतलब है भारतीय जनता पार्टी के लिए राह आसान करना है। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि इसकी सबसे बड़ी पहल कांग्रेस की ओर से होनी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद का यह कहना कि बात इस पर अटकी है कि पहल कौन करे। यह समझना चाहिए कि पहल तो कई ओर से हो रही है लेकिन अगर कांग्रेस ने इसका समय से लाभ नहीं उठाया तो यह भारतीय जनता पार्टी के पाले में जा सकती है। नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता होने पर भारतीय जनता पार्टी को 100 के नीचे समेटने की बात कहने के साथ यह भी कहा है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार होगी। ये सभी दल चाहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की विभाजनवादी राजनीति सत्ता से विदा हो लेकिन अब तक न उनके बीच सीट बंटवारे पर कोई बात हुई है और ना ही भविष्य की नीतियों पर। उनके लिए समय बहुत कम बचा है और अगर समय रहते कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाते तो अगले कई वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी की उस राजनीति का शिकार होंगे जिसमें विपक्ष के अक्सर नेता जेल के अंदर हो सकते हैं।
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