छ्पी-अनछ्पी: अमित शाह के 150 डीएम को फोन करने मामला गरमाया, अरुणाचल में बीजेपी जीती

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने डेढ़ सौ डीएम से फोन पर बात की है। यह मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा है लेकिन अक्सर अखबारों ने इस खबर को नजरअंदाज किया है। अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने तीसरी बार बहुमत प्राप्त कर लिया है। एग्जिट पोल के रिज़ल्ट पर पक्ष विपक्ष के बीच घमासान जारी है।

हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि 4 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 150 डीएम और कलेक्टरों से फोन करके बात की है। निर्वाचन आयोग ने रविवार को जयराम रमेश से उनके इस दावे का तथ्यात्मक विवरण मांगा है। जयराम रमेश को भेजे गए पत्र में आयोग ने कहा है कि वह रविवार शाम 7:00 बजे तक अपने दावों का विवरण साझा करें।  रविवार की देर रात तक आधिकारिक रूप से यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि कांग्रेस नेता ने विवरण सौंपा है या नहीं। एक जून को जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था कि निवर्तमान गृह मंत्री जिला अधिकारियों/कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं। अब तक उन्होंने इनमें से 150 से बात की है। यह खुले आम धमकी देना है जो दिखाता है कि भाजपा कितनी हताश है। इस पोस्ट पर निर्वाचन आयोग ने रमेश से कहा कि जब आदर्श आचार संहिता लागू होती है तो सभी अधिकारी आयोग की प्रतिनियुक्ति के अधीन होते हैं और वह किसी भी निर्देश के लिए सीधे निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट करते हैं। अभी तक किसी डीएम ने ऐसी सूचना नहीं दी है।

अरुणाचल में तीसरी बार बीजेपी सरकार

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है कि अरुणाचल प्रदेश में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। 60 सदस्यों वाली विधानसभा के रविवार को घोषित चुनाव नतीजों में भाजपा ने 46 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। 19 अप्रैल को 50 सीटों के लिए हुए मतदान में भाजपा को 36 सीटों पर जीत मिली। 10 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे। मुख्यमंत्री पेमा खांडू और डिप्टी सीएम चोवना मेन  निर्विरोध निर्वाचित होने वाले उम्मीदवारों में शामिल हैं।

सिक्किम में एसकेएम की सरकार

पूर्वोत्तर के एक और राज्य सिक्किम की 32 सदस्यों वाली विधानसभा में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने दूसरी बार बहुमत पाया है। इसके हमने रिकॉर्ड 31 सीटों पर जीत हासिल की। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग दो सीटों से चुनाव जीते हैं। सिक्किम में भी 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी।

एग्जिट पोल के आंकड़ों पर घमासान

एग्जिट पोल के नतीजे आए तो भाजपा की बांछें खिल गईं लेकिन विपक्ष का पारा सातवें आसमान चढ़ गया। भाजपा ने कहा, देश ने मोदी की गारंटी पर भरोसा किया तो इंडिया गठबंधन ने कहा कि यह एग्जिट पोल नहीं बल्कि मोदी पोल है। हर दल एग्जिट पोल को अपने-अपने नजरिए से देख रहा है। बहरहाल, अगले 24 घंटों में दूध का दूध और पानी का पानी होगा जब नतीजे सामने होंगे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को इसे मोदी मीडिया पोल बताया तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, यह पोल महीनों पहले तैयार कर लिए गए थे ताकि भाजपा समर्थक शेयर बाजार को उठाकर अधिक से अधिक लाभ कमा लें। ‘इंडिया’ खेमे के ही यूबीटी नेता संजय राउत के अनुसार, मीडिया हाउस दबाव में है इसलिए ऐसे एग्जिट पोल तो आने ही थे।

वोटों की गिनती कल आठ बजे से, रिज़ल्ट 2 बजे तक

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार सात चरणों का मतदान संपन्न होने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग ने 4 जून को होने वाली मतगणना की तैयारी शुरू कर दी है। मतगणना को लेकर सभी 38 जिला मुख्यालयों में स्ट्रांग रूम बनाया गया है जहां पर सभी 40 लोकसभा क्षेत्र के पोल्ड ईवीएम को सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी के बीच रखा गया है। 4 जून को सुबह 8:00 बजे से शुरू होने वाली मतगणना से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में स्ट्रांग रूम खोला जाएगा। सबसे पहले पोस्टल बैलट की गिनती होगी। सुबह 9:00 बजे तक पहले रुझान की उम्मीद है और दोपहर 2:00 बजे तक तस्वीर साफ होने की जानकारी दी गई है।

पाठक गए छुट्टी पर, सिद्धार्थ को कमान

जागरण की सबसे बड़ी खबर है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के 28 दिनों के अर्न्ड लीव के आवेदन को सरकार ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। उनकी जगह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव व मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर एस. सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। केके पाठक 3 जून से 30 जून तक अवकाश पर रहेंगे।

कटिहार में सबसे ज़्यादा, नवादा में सबसे कम वोटिंग

बिहार में इस बार भी तमाम प्रयासों के बावजूद लोकसभा चुनाव में मतदान का औसत नहीं बढ़ा। सात चरणों में कराये गये लोकसभा चुनाव में सिर्फ नौ संसदीय क्षेत्रों में मतदान का औसत 60 फीसदी से ज्यादा रहा। चार सीटों पर तो 50 फीसदी से भी कम मत पड़े। इस बार राज्य में सबसे कम मतदान नवादा संसदीय क्षेत्र में सिर्फ 43.17 फीसदी तो सबसे ज्यादा कटिहार में 63.76 फीसदी रहा।

आरएसएस का नया ट्रेनिंग प्रोग्राम

जागरण ने रांची से खबर दी है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण वर्ग इस बार बदले हुए पाठ्यक्रम के साथ प्रारंभ हो रहा है। क्षेत्र के आधार पर होने वाले द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षण वर्ग का नाम अब कार्यकर्ता विकास वर्ग-एक हो गया है। उत्तर पूर्व (झारखंड और बिहार) क्षेत्र के स्वयंसेवकों के लिए 20 दोनों का यह वर्ग इस बार 6 जून से बोकारो में लगने जा रहा है। बोकारो में लग रहे हैं इस वर्ग में ही झारखंड के स्वयंसेवकों के लिए संघ शिक्षा वर्ग 11 जून से लगेगा। पहले यह प्रथम वर्ष के नाम से जाना था जाता था और 20 दिनों का होता था। अब संघ शिक्षा वर्ग कहलायेगा और 15 दोनों का होगा।

कुछ और सुर्खियां

  • गौतम अडानी फिर एशिया के सबसे अमीर शख्स बने
  • हैदराबाद अब आंध्र प्रदेश की राजधानी नहीं रही
  • तिहाड़ जेल लौटे दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, बोले- गलत साबित होंगे एग्जिट पोल
  • अमूल का दूध प्रति लीटर आज से ₹2 महंगा
  • नीतीश कुमार पहुंचे दिल्ली, आज एनडीए नेताओं से मुलाकात संभव
  • मसौढ़ी की आरजेडी विधायक रेखा पासवान के खिलाफ बूथ में समर्थकों के संग घुसने का आरोप, केस दर्ज
  • तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा 27 से 30 जून तक
  • अपनी अपनी बात लेकर कांग्रेस और भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा चुनाव आयोग

अनछपी: आज के अखबारों की दो अलग-अलग खबरें हमें यह बताती हैं कि बिहार में कृषि और पशुपालन के बारे में कितनी कम चर्चा होती है। हिन्दुस्तान ने ख़बर दी है कि हाजीपुर के मालभोग केले का उत्पादन 25 फ़ीसद कम हो गया है। प्रभात खबर ने यह सूचना दी है कि राष्ट्रीय औसत से 3 किलो कम दूध देती हैं बिहार की गायें और भैंसें। केला अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया है कि मिट्टी से पैदा होने वाले फफूंद रोग के कारण मालभोग केले की पैदावार काफी घट गई है। यह रोग केले के पौधों की जड़ों को बीमार करता है, इसके कारण पौधे मरने लगते हैं। बिहार में कुल केले की पंद्रह प्रतिशत पैदावार हाजीपुर में होती है और वैशाली जिले में करीब 50000 हेक्टेयर में केले की खेती होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार जिस खेत में यह फंगस लग जाता है उसे खेत की फसल को तबाह कर देता है। केले की मालभोग प्रजाति काफी संवेदनशील होती है और इसके पौधे तुरंत इस फंगस की चपेट में आ जाते हैं। जाहिर है इससे हजारों किसानों को परेशानी हो रही हलेकिन इसका कोई उपाय सामने नहीं आ रहा है। जहां तक गायों के दूध देने का मामला है तो इसका राष्ट्रीय औसत प्रति गए 10 किलो है। प्रभात खबर के अनुसार 20वीं पशु गणना के आधार पर बिहार में एक करोड़ 31 लाख 35 हजार प्रजनन योग्य गाय और भैंस जाति के पशु हैं। इसमें 25 लाख के लगभग संकर नस्ल के पशु हैं। इन पशुओं से उत्पादित दूध राष्ट्रीय औसत से 30 फ़ीसदी कम है। यह बात किसको नहीं पता कि बिहार की बड़ी आबादी पशुपालन और खेती पर निर्भर है। बिहार में गाय पालने वाले और केले की खेती करने वाले किसानों की संख्या काफी है लेकिन ऐसा लगता है कि कृषि रोड मैप की चर्चा तो होती है लेकिन उनकी समस्या का हल नहीं निकलता है। यह बात भी याद रखने की है कि चुनाव में बहुत सारे मुद्दों की चर्चा होती है लेकिन ऐसे जरूर मुद्दे हमारे बीच चर्चा का विषय नहीं बन पाते। जिन दोनों अखबारों ने इन मुद्दों को सामने लाया है उन्हें बधाई दी जानी चाहिए।

 1,415 total views

Share Now