छ्पी-अनछपी: केजरीवाल का इस्तीफा कल, बिहार में जमीन सर्वे की कोई अंतिम तारीख नहीं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को सीएम पद छोड़ने का ऐलान किया है। बिहार में जमीन सर्वे के काम के लिए कोई डेडलाइन तय नहीं की गई है। इमारत-ए-शरिया के अमीर ने कहा है कि केंद्र सरकार वक़्फ़ संशोधन बिल वापस ले और जदयू इसके लिए पहल करे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी जासूसी कराई जा रही है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के 2 दिन बाद एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह 17 सितंबर मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। पांच माह तक जेल में रहने के बाद रविवार को पहली बार पार्टी मुख्यालय पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया भी सरकार में शामिल नहीं होंगे। समय से पहले चुनाव कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा दिल्ली में फरवरी में चुनाव होने हैं मगर नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ दिल्ली के भी चुनाव कराए जाएं। राजनीति के जानकार आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल के फैसले को हरियाणा चुनाव व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पार्टी को हुए नुकसान को रोकने की कोशिश से जोड़कर देख रहे हैं।

सर्वे के लिए कोई आखिरी तारीख नहीं

भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार जमीन सर्वे को लेकर लोगों में मची अफरातफरी के बीच सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। जमीन बंटवारे से संबंधित और अप टू डेट कागजात को लेकर अंचल कार्यालय की दौड़ लगा रहे परेशान लोगों के लिए यह राहत की खबर है। राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लोगों की संतुष्टि तक सरकार सर्वे जारी रखेगी। जब तक लोग अपने सभी तरह के कागजात उपलब्ध नहीं करेंगे सर्वे जारी रहेगा। पैनिक होने की जरूरत नहीं है। जमीन संबंधी कागजात को सर्व कार्यालय में ऑनलाइन या ऑफलाइन जमा करने की कोई कट ऑफ डेट तय नहीं है। आगे भी तय नहीं होगी।

“वक़्फ़ बिल वापस ले केंद्र, जदयू पहल करे”

हिन्दुस्तान के अनुसार इमारत-ए-शरिया के अमीर सह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव व खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जादानशीं हजरत मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी ने कहा है कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को केंद्र सरकार वापस ले और जदयू इसमें पहल करे। उन्होंने कहा, “वक्फ संशोधन विधेयक अगर लाया जाएगा तो पूरे मुल्क में विधि व्यवस्था बिगड़ सकती है। मौजूदा केन्द्र सरकार टीडीपी और जदयू के समर्थन से चल रही है। हमारी अपील है कि ये दोनों राजनीतिक दल अपने प्रभाव का उपयोग करें। पूरे हिन्दुस्तान में इस बिल का विरोध किया जा रहा है।”  इमारते शरिया बिहार, झारखंड एवं ओडिशा की ओर से रविवार को बापू सभागार में आयोजित तहफ्फुजे औकाफ (वक्फ की संपत्ति की सुरक्षा) सम्मेलन में फैसल रहमानी ने कहा कि केन्द्र सरकार वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन कर औकाफ की जमीन और संपत्ति को जब्त करना चाहती है।

सरकार मेरी जासूसी करा रही: तेजस्वी यादव

जागरण के अनुसार नेता प्रतिपक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उनकी जासूसी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार मेरे कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम से घबरा गए हैं, इसलिए जासूसी करा रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पीछे सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के लोग सक्रिय हैं। वह रविवार को मधुबनी सर्किट हाउस में झंझारपुर के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने से पहले पत्रकारों से बात कर रहे थे। तेजस्वी ने कहा कि सरकार बुरी तरह से डरी हुई है, इसी वजह से हर जिले में उनकी जासूसी कराई जा रही है।

मोदी ने कहा, झारखंड के तीन दुश्मन

भास्कर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया। मूसलाधार बारिश के बीच वे सड़क मार्ग से रांची से जमशेदपुर पहुंचे। बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में परिवर्तन महारैली को संबोधित किया। अपने 40 मिनट के भाषण में उन्होंने भ्रष्टाचार, घुसपैठ, मंइयां सम्मान योजना और उत्पाद सिपाही बहाली पर झारखंड सरकार को घेरा। पीएम मोदी ने कहा कि झारखंड के तीन सबसे बड़े दुश्मन हैं- झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा), कंग्रेस और राजद। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को झारखंड से नफरत है, इन दुश्मनों को पहचानिए।

जनगणना करने की तैयारी शुरू

प्रभात खबर के अनुसार केंद्र सरकार ने जनगणना कराने की तैयारी शुरू कर दी है और जल्द ही जनगणना का काम शुरू हो जाएगा। हालांकि जाति जनगणना पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। एक सूत्र ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि दशकीय जनगणना जल्दी कराई जाएगी। जनगणना में जाति संबंधी कॉलम शामिल करने के बारे में पूछे जाने पर सूत्र ने कहा कि इस पर निर्णय लेना अभी बाकी है। अधिकारियों ने बताया कि पूरी जनगणना और एनपीआर प्रक्रिया पर सरकार के 12000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।

कुछ और सुर्खियां

  • छत्तीसगढ़ में जादू टोने के शक में पांच लोगों की पीट-पीटकर हत्या
  • टाटानगर-पटना, भागलपुर- हावड़ा और गया- हावड़ा वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई हरी झंडी
  • राज्यसभा सदस्य डॉक्टर नासिर हुसैन ने पूछा- नीतीश व चिराग बताएं, वक़्फ़ संशोधन बिल पर किसके साथ हैं
  • अपराध के मुद्दे पर बिहार राजद ने किया राजभवन मार्च, अपराधों की सूची सौंपी
  • पटना सहित बिहार के 20 जिलों में बादल गरजने के साथ होगी बारिश
  • नेशनल पार्लियामेंट्री डिबेट में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और आईआईटी बॉम्बे की टीम अव्वल

अनछपी: रवनीत सिंह बिट्टू केंद्र में रेल राज्य मंत्री हैं लेकिन उनका नाम बहुत कम लोगों ने ही सुना होगा। 2014 से लेकर 2019 तक लुधियाना से वह कांग्रेस के सांसद रहे और 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में आ गए। भारतीय जनता पार्टी में आने के बाद वह लोकसभा सीट तो हार गए लेकिन विवादास्पद बयान देने में वह भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता से कम नजर नहीं आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी को बिट्टू कितने पसंद हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव हारने के बाद भी उन्हें मंत्री बनाया गया। रविवार को बिट्टू वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन कार्यक्रम के लिए भागलपुर पहुंचे थे। कुछ अखबारों ने उनके बयान को तो बिगड़े बोल लिखकर छापा लेकिन कुछ अखबारों ने उनके बयान को जस का तस छापा है जिसमें उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश के नंबर वन आतंकी हैं और उन पर इनाम होना चाहिए। राहुल गांधी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता हैं। कायदे से रवनीत सिंह बिट्टू पर नेता प्रतिपक्ष के बारे में गलत आरोप लगाने की एफआईआर दर्ज होनी चाहिए लेकिन ऐसे नेताओं को इस बात का भरोसा रहता है कि वह कुछ भी बयान दे दें उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसकी वजह क्या है? इसे कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल के बयान से समझा जा सकता है। वेणुगोपाल ने कहा कि मोदी सरकार में मंत्री बनने की न्यूनतम योग्यता यही है। “यह बात बोले बिट्टू हैं, पर शब्द प्रधानमंत्री के हैं।” एक तरह से कहा जा सकता है कि ऐसे बयान देने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शह हासिल रहती है। ठीक उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में घुसपैठ का आरोप लगाते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद को झारखंड का दुश्मन बताया। पहले झारखंड के बारे में ऐसे आरोप दूसरे नेता लगाते थे लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही खुद ऐसा आरोप लगाया है तो उनसे पूछा जा सकता है कि पिछले 10 सालों से उनकी सरकार ने घुसपैठ क्यों नहीं रोकी? ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री से लेकर भारतीय जनता पार्टी के आम नेताओं तक को गैर जिम्मेदाराना बयान देने की छूट मिली हुई है। बिट्टू के मामले में कांग्रेस अगर एफआईआर दर्ज नहीं कराती है तो यह उसकी ही कमजोरी मानी जाएगी। दूसरा सवाल यह है कि अगर मंत्री का बयान सही है तो केंद्रीय एजेंसी राहुल गांधी को गिरफ्तार क्यों नहीं करती?

 

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