छ्पी-अनछ्पी: 400 का दावा फेल, मोदी का पीएम बनना नायडू-नीतीश की मर्ज़ी पर

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एग्जिट पोल का 400 पर का दावा मंगलवार को आए लोकसभा रिजल्ट में पूरी तरह फेल हो गया। भारतीय जनता पार्टी बहुमत से दूर रह गई और अब मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और जदयू के नीतीश कुमार की मर्जी पर निर्भर है। नायडू की पार्टी को 16 और नीतीश की पार्टी को 12 सीटें आई हैं। बीजेपी के खराब रिजल्ट के कारण शेयर बाजार में 4300 अंक से ज्यादा की गिरावट हुई जिससे 31 लाख करोड़ का घाटा हुआ। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का 24 साल का राज खत्म हो चुका। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में 67 छात्रों ने 720 में 720 अंक लाए हैं। आज के अखबारों की यह प्रमुख सुर्खियां हैं।

भास्कर ने लिखा है कि देश के 64 करोड़ वोटरों का सबसे बड़ा जनादेश आ गया। लगातार तीसरी बार एनडीए को बहुमत मिला वहीं ‘इंडिया’ में नई जान आ गई। 10 साल बाद देश में गठबंधन सरकार होगी क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को अकेले बहुमत नहीं मिला है। यूपी में जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘लड़के’ और ‘शहजादे’ कहा करते थे, उनकी जुगलबंदी, बंगाल में ममता बनर्जी की मोर्चाबंदी और तमिलनाडु में डीएमके के दबदबे ने ‘इंडिया’ का वोट शेयर 13% बढ़ा दिया। एनडीए को एक बार फिर बहुमत मिल गया है। मगर भाजपा इस बार 240 सीटों पर अटक गई । 543 सीटों की लोकसभा में बहुमत 272 सीटों पर है। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार किंग मेकर की भूमिका में आ गए हैं। भारतीय जनता पार्टी की सीटों में गिरावट के बाद मोदी ने अपने संबोधन में खास तौर पर उड़ीसा का जिक्र किया जहां भारतीय जनता पार्टी ने बीजू जनता दल का सफाया करते हुए 21 में से 20 सीटें जीत ली हैं।

एग्जिट पोल के उलट इंडिया का बेहतर प्रदर्शन

‘इंडिया’ ने एग्जिट पोल के दावों से उलट उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करके सबको चौंका दिया। इस प्रदर्शन के बाद राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी ने विपरीत परिस्थितियों में चुनाव लड़ा। उन्होंने एक बार फिर अडानी पर हमला बोला। इस बीच अटकलें चलती रहीं कि कांग्रेस सरकार बनाने के लिए चंद्रबाबू और नीतीश कुमार से संपर्क साध रही है। हालांकि चंदन बाबू ने कहा कि आंध्र की जनता ने उनके गठबंधन पर भरोसा करके बड़ी जीत दी है और वह एनडीए के साथ हैं। इसी तरह जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि चुनाव पूर्व एनडीए को लेकर उनका जो कमिटमेंट था वह अब भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश और नायडू को फोन करके एनडीए में बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है।

किस पार्टी को कितनी सीटें

  1. भारतीय जनता पार्टी 240
  2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 99
  3. समाजवादी पार्टी 37
  4. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस 29
  5. डीएमके 22
  6. तेलुगु देशम पार्टी 16
  7. जनता दल यूनाइटेड 12
  8. शिवसेना उद्धव ठाकरे 9
  9. एनसीपी शरद पवार 8
  10. शिवसेना शिंदे 7
  11. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 5
  12. राष्ट्रीय जनता दल 4

बिहार में एनडीए को 9 सीटों का घाटा

बिहार की सभी 40 सीटों पर अधिकतर सीटों पर सीधे मुकाबले में एनडीए को 30 और इंडिया गठबंधन को 9 सीटें मिलीं, जबकि बाकी एक सीट पूर्णिया में निर्दलीय पप्पू यादव ने परचम लहराया। एनडीए में जदयू को 12, भाजपा को 12, लोजपा (आर) को 5 और हम को एक सीट हासिल हुई। वहीं, इंडिया में राजद को 4, कांग्रेस को 3, भाकपा माले को दो सीटें हासिल हुई हैं।

पप्पू जीते, बीमा की जमानत जब्त

पप्पू यादव बिहार के इकलौते निर्दलीय नेता हैं जो सांसद चुने गए हैं। हालांकि यह करिश्मा पप्पू यादव पहले भी कर चुके हैं। दुनिया छोड़ दूंगा, पूर्णिया नहीं छोड़ूंगा के नारे के साथ पूर्णिया की सरजमीं पर दोबारा कदम रखने वाले पप्पू यादव की जीत ने उन्हें सीमांचल की सियासत में फिर से स्थापित कर दिया। पप्पू यादव को 566867 वोट मिले। जदयू के संतोष कुशवाहा को 543313 और राजद की बीमा भारती को 27017 मत मिले। इस तरह बीमा भारती की जमानत ज़ब्त हो गई।

हेना शहाब दूसरे स्थान पर

लोकसभा चुनाव 2024में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी समर में उतरीं हेना शहाब को एक और हार से मंगलवार को गुजरना पड़ा। एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी विजय लक्ष्मी देवी ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी हेना शहाब को पराजित किया। कुल पड़े 9 लाख 98 हजार मतों में जदयू प्रत्याशी को 3 लाख 86 हज़ार 508 मिले। हेना शहाब को 2 लाख 93 हज़ार 651 मत प्राप्त हुए। राजद प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी को 1 लाख 98823 मत प्राप्त हुए।

अख्तरुल ईमान तीसरे स्थान पर

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के उम्मीदवार अख्तरुल ईमान तीसरे स्थान पर रहे। उन्हें 3 लाख 9 हज़ार 264 वोट मिले। मोहम्मद जावेद ने चार लाख 2 हज़ार 850 वोट लाख कर जीत हासिल की। दूसरे स्थान पर जदयू के मुजाहिद आलम रहे जिन्हें 3 लाख 43 हज़ार 158 वोट मिले।

क्या इंडिया सरकार बनाएगा?

हिन्दुस्तान के अनुसार चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मीडिया से रूबरू हुए। कांग्रेस सरकार बनाने का प्रयास करेगी या विपक्ष में बैठेगी के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि हम गठबंधन का सम्मान करते हैं और घटक दलों से चर्चा किए बगैर कोई फैसला नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बुधवार को इंडिया गठबंधन की बैठक होगी। उसमें सभी से बातचीत के बाद कोई भी फैसला किया जाएगा।

ओडिशा में बीजेपी, आंध्र में टीडीपी की सरकार

भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में 147 में 78 सीट लेकर बहुमत प्राप्त कर लिया है और अब उसकी वहां पहली बार सरकार बनेगी। 24 साल से उड़ीसा पर राज कर रहे नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल को केवल 51 सीटें मिल सकीं। उधर आंध्र प्रदेश में सीएम जगनमोहन रेड्डी की बड़ी हार हुई। उनकी पार्टी को महज 11 सीटें मिलीं और उन्हें 140 सीटों का घाटा हुआ। जबकि 74 साल के चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु दृश्य पार्टी को 135 सीटें मिलीं और नायडू चौथी बार सीएम बनेंगे। नायडू की पार्टी का भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन था जिसे सीटें मिलीं।

लोकसभा चुनाव की कुछ और जानकारी

  • पंजाब में आम आदमी पार्टी 13 में तीन सीट जीत सकी, कांग्रेस को 7 सीटें मिलीं
  • दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने 7 की 7 सीट जीती, उत्तराखंड में भी भाजपा ने सभी पांच सीटें जीतीं
  • मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को 29 में 29 सीटें मिलीं
  • बहुजन समाज पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली
  • तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद, यूसुफ पठान और महुआ मोइत्रा भी जीतीं
  • झारखंड में इंडिया गठबंधन ने आदिवासी सीटों पर कब्जा जमाया
  • मोदी सरकार के 10 मंत्रियों की हार हुई, हारने वालों में सबसे चर्चित नाम स्मृति ईरानी का
  • आरा से मंत्री व भाजपा सांसद आरके सिंह को माले के सुदामा प्रसाद ने हराया
  • काराकाट से उपेंद्र कुशवाहा को मिली हार, माले के राजाराम सिंह ने जीत हासिल की
  • अगिआंव विधानसभा उपचुनाव में भाकपा (माले) की जीत, पहले भी माले के पास थी यह सीट
  • भारतीय जनता पार्टी की सबसे चर्चित हार अयोध्या में, समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार जीता
  • वाराणसी में तीसरी बार जीते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेकिन जीत का अंतर कम होकर डेढ़ लाख रह गया
  • इस बार 23 मुस्लिम सांसद लोकसभा पहुंचेंगे, पिछली बार 26 थे

शेयर बाज़ार: 31 लाख करोड़ का नुकसान

भास्कर के अनुसार चुनावी नतीजे के दौरान सेंसेक्स 4390 तो निफ्टी 1379 अंक गिरकर बंद हुआ। निवेशकों को 31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हुआ। इससे पहले कोरोना काल में मार्च 2020 को सेंसेक्स सबसे अधिक 3934 अंक गिरा था। एक दिन पहले एग्जिट पोल से निवेशकों को 14 लाख करोड़ रूपया का फायदा हुआ था।

NEET में 67 को 720/720

हिन्दुस्तान के अनुसार एनटीए ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 का रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया। इसमें बिहार के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने बाजी मारी है। बिहार के चार छात्रों को 720 में 720 अंक मिले हैं। पहला नाम मंजिन मंसूर का है। इन्हें 99.997129 पर्सेटाइल प्राप्त हुआ है। तथागत अवतार को 99.997129 और ऋतिक राज तथा अभिनव किशन को भी 99.997129 के साथ पहली रैंक मिली है।

अनछ्पी: लोकसभा चुनाव के रिजल्ट में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की होनी चाहिए के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘अबकी बार 400 पार’ का जो दम भर रहे थे वह चकनाचूर हो गया। लोकतंत्र की जीत के लिए इस दंभ का टूटना जरूरी था क्योंकि अगर विपक्ष और ज्यादा कमजोर हो जाता तो सरकार की निरंकुशता अपने चरम पर पहुंच जाती। लोकतंत्र में लोक लाज और नैतिकता की गुंजाइश क्योंकि अब खत्म हो चुकी है इसलिए नरेंद्र मोदी तीसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। बहुत संभव है कि वह तीसरी बार प्रधानमंत्री बन भी जाएं लेकिन यह बात याद रखने की होगी कि भारतीय जनता पार्टी को बहुमत नहीं मिला है और यह सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की बैसाखियों पर चलेगी। इसे इस रूप में भी कहा जा सकता है कि नरेंद्र मोदी सरकार पर नीतीश और नायडू का अंकुश रहेगा। कई लोगों ने यह उम्मीद जताई थी कि शायद नीतीश कुमार और नायडू पलटी मार लें लेकिन शुरुआती बयानों से ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि वह एनडीए का साथ छोड़कर इंडिया में शामिल होंगे। इस चुनाव परिणाम से भारत के अल्पसंख्यकों को जरूर एक हद तक राहत मिली होगी लेकिन उनके लिए अब भी निश्चिंत बैठने की गुंजाइश नहीं है। एक बात और याद रखने की है कि चंद्रबाबू नायडू ने अपने चुनाव प्रचार में मुसलमानों के लिए कई बार आवाज उठाई थी और उन्हें आरक्षण देने का भी वादा किया था। उम्मीद की जानी चाहिए कि चंद्रबाबू नायडू अपने वादों पर कायम रहेंगे। इस चुनाव परिणाम में एक और बात की चर्चा बेहद जरूरी है वह है मेनस्ट्रीम मीडिया का पूरी तरह एकतरफा होकर मोदी के लिए प्रचार करना। इस चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया कि मीडिया सच्चाई बयान नहीं कर रहा था और एग्जिट पोल भी हकीकत से बिल्कुल दूर था। अगली बार जो भी चुनाव होगा और उसका जो एग्जिट पोल होगा उस पर कितने लोगों को भरोसा होगा? एग्जिट पोल से शेयर बाजार को जो शुरुआती बढ़त हासिल हुई थी और उसके बाद जो भारी गिरावट आई उससे होने वाले घाटे की भरपाई कौन करेगा? इस चुनाव से एक और संदेश मिला है कि विपक्ष को हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है लेकिन इसके साथ ही उन्हें अभी और लगातार मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी। बिहार के लिहाज से देखा जाए तो तेजस्वी यादव ने काफी कोशिश की लेकिन यह बात उन्हें माननी पड़ेगी कि उनकी पार्टी ने उम्मीदवारों का जो चुनाव किया वह शायद सही नहीं था। पप्पू यादव के मामले में भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने जो ज़िद की वह सही साबित नहीं हुआ। राहुल गांधी को बिहार का और दौरा करना चाहिए था लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा की मदद से जो कामयाबी हासिल की है उसकी प्रशंसा की जा सकती है। कुल मिलाकर लोकतंत्र की लड़ाई अभी बाकी है और इसमें जरा सी भी सस्ती की कोई गुंजाइश नहीं है।

 

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