छपी-अनछपी: दिल्ली नगर निगम में भाजपा का राज ख़त्म, गुजरात-हिमाचल विधानसभा का रिज़ल्ट आज
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दिल्ली के बहु प्रचारित नगर निगम चुनाव में 15 वर्षों के बाद भाजपा को बहुमत से कम सीटों पर संतोष करना पड़ा है। उधर गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव का नतीजा आज आना है। इसके साथ मुजफ्फरपुर की कुंडली विधानसभा सीट के उपचुनाव का रिजल्ट भी आज ही आएगा और यह खबरें आज के अखबारों में छाई हुई हैं। इसके अलावा फरार आईपीएस आदित्य के घर से 20 लाख रुपये रुपए कैश मिलने की खबर भी प्रमुखता से छपी है। रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में वृद्धि की खबर भी प्रमुखता से ली गई है।
भगोड़ा आईपीएस, घर में 20 लाख नक़द
प्रभात खबर की पहली खबर है: भगोड़े आईपीएस अधिकारी आदित्य के तीन ठिकानों पर छापे, आय से 131% अधिक कमाई। भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: फरार आईपीएस आदित्य की 11 साल की नौकरी में आय से 131% अधिक संपत्ति। जागरण ने लिखा है: फरार आईपीएस आदित्य के घर से मिले 20 लाख। हिंदुस्तान की हेडलाइन है: छापा: आईपीएस आदित्य के घर से 20 लाख नगर जब्त। अखबारों के अनुसार फरार अधिकारी के पटना गाजियाबाद और मेरठ स्थित ठिकानों पर कार्रवाई की गई है। गया में एसएसपी रहते उन्होंने पद का दुरुपयोग कर के करोड़ों की अवैध संपत्ति जमा की है। उनके खिलाफ पद के दुरुपयोग समेत अन्य आरोपों को लेकर आर्थिक अपराध इकाई ने एफआईआर दर्ज की है। इनके सगुना मोर वाले फ्लैट के इंटीरियर पर करीब ₹300000 खर्च होने का अनुमान है। इसके अलावा इनके बैंक खातों में भी 90 लाख रुपए जमा हैं।
फिर बढ़ी ईएमआई की मार
जागरण की लीड है: लोन की मासिक किस्त बढ़ेगी। हिंदुस्तान में लिखा है रेपो रेट में लगातार पांचवीं बार वृद्धि, ईएमआई और बढ़ेगी। प्रभात खबर की सुर्खी है: रेपो रेट में इजाफा, कर्ज लेना होगा महंगा, बढ़ेगी ईएमआई। भास्कर की सुर्खी है: रेपो रेट में पांचवीं बढ़ोतरी, 30 लाख लोन पर किस्त 7 महीने में 18% बढ़ी। मौद्रिक नीति समिति या एमपीसी की पिछले 3 दिनों से चल रही बैठक में 6 में से 5 सदस्यों ने मई 2022 के बाद रेपो रेट में एक और बढ़ोतरी का समर्थन किया जिसके बाद यह 6.25% हो गई है। इसके साथ ही यह तय हो गया कि बैंक जल्दी होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे व्यक्तिगत कर्ज़ों के अलावा कारपोरेट लोन की दरों में बढ़ोतरी करेंगे।
एमसीडी से भाजपा बाहर, आप का राज
हिन्दुस्तान के पहले पेज पर एमसीडी यानी म्युनिसिपल कॉरपोरेशन और दिल्ली की खबर है: दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी जीती। जागरण ने सुर्खी लगाई है: दिल्ली नगर निगम में भी बनी आप की सरकार। दिल्ली नगर निगम की कुल 250 सीटों में आम आदमी पार्टी 134 सीटें जीतकर सबसे आगे है जबकि भाजपा को 104 सीट मिली है। कांग्रेस को 9 सीटों पर संतोष करना पड़ा है, इनमें 7 मुस्लिम उम्मीदवार हैं। भाजपा ने 2017 में सर्वाधिक 181 सीटें जीती थीं, तब दिल्ली नगर निगम तीन हिस्सों में बांटा था और उसमें कुल 272 वार्ड थे। अब इन्हें एक कर वार्डों की संख्या 250 कर दी गई है।
भास्कर ने पहले पेज पर सुर्खी लगाई है: गुजरात में सातवीं बार सत्ता का रिकॉर्ड दांव पर। जागरण ने लिखा है गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों की मतगणना आज। हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर खूबर दी है: कुढ़नी उपचुनाव के नतीजे आज।
कुत्तों ने नोचकर महिला की जान ली
प्रभात खबर ने पहले पेज पर खबर दी है: महिला को 30 कुत्तों ने नोच कर मार डाला। बेगूसराय जिले के बछवाड़ा की कद्राबाद पंचायत मैं बुधवार को हुई इस दर्दनाक घटना में 56 वर्षीय शांति देवी की मौत हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि महिला बहियार में खेत से घास लाने के लिए गई थी। वहीं पर आसपास के खेत में मौजूद कुत्तों के झुंड ने उस पर चारों तरफ से हमला कर दिया। जब तक महिला कुछ समझ पाती करीब 30 की संख्या में रहे कुत्तों ने उसके शरीर को नोचना शुरु कर दिया। महिला के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर खेतों में काम कर रहे लोग बजाने के लिए पहुंचे लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
जजों की नियुक्ति का क़ानून
जागरण ने पहले पेज पर खबर दी है: एनजेएसी का सुप्रीम कोर्ट से रद्द होना संसदीय संप्रभुता से गंभीर समझौता। राज्यसभा में अपने पहले ही संबोधन में सभापति उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जहां सदस्यों को संसद और सदन के संवैधानिक अधिकारों और गरिमा की याद दिलाएं, वहीं सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा। उन्होंने जजों की नियुक्ति के लिए लाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग या एनजेएसी से जुड़े कानून को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के 2015 के उस फैसले पर भी सवाल खड़े किए जिसमें संसद से सर्वसम्मति से पारित होने के बाद भी कोर्ट ने यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि यह न्यायपालिका और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के विरुद्ध है।
अनछपी: जजों की नियुक्ति का मामला लंबे समय से सवालों के घेरे में रहा है। कॉलेजियम के द्वारा जजों की नियुक्ति पर कई समूह द्वारा आपत्ति व्यक्त की जाती है जबकि पहले से नियुक्त जज यह बिल्कुल नहीं चाहते कि अगले जजों की नियुक्ति में उनकी भूमिका खत्म या कम हो जाए। इससे पहले कानून मंत्री किरण रिजिजू ने भी कॉलेजियम पद्धति की आलोचना की है। एक और बात ध्यान देने की है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में कॉलेजियम द्वारा भेजे गए जजों के नामों पर मुहर न लगाने के लिए नाराजगी व्यक्त की थी। इस बहस में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी खुलेआम उतर आए हैं। जगदीप धनकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद पर काफी विवादित रहे थे। उनका यह ताजा बयान भी नए विवादों को जन्म देने वाला है। कॉलेजियम की इस बात के लिए आलोचना की जाती है कि इससे हाकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मौजूदा जजों के बाहर के लोगों के लिए जज बनना लगभग नामुमकिन हो जाता है। मौजूदा चीफ जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के पिता भी चीफ जस्टिस रहे हैं और इनकी नियुक्ति में भी कॉलेजियम का रोल रहा है। एक तरह से निचली अदालतों से ऊपर नियुक्ति का मामला पारिवारिक हो कर रह जाता है। दूसरी और यह भी देखना जरूरी है कि जगदीप धनखड़ ने जिस तरह का खुल्लम-खुल्ला बयान दिया है उससे टकराव ही बढ़ेगा। सूरत इस बात की है कि बीच का कोई रास्ता निकाला जाए और कोर्ट को सीधे निशाने पर लिए बिना बात की जाए।
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