छपी-अनछपी: केसरिया गुजरात, हिमाचल में हाथ; कुढ़नी में महागठबंधन की हार, आईपीएस लोढ़ा पर केस
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भारतीय जनता पार्टी को सीटों की संख्या के लिहाज से ऐतिहासिक कामयाबी हासिल हुई है जिसकी खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से छपी है। दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा से सत्ता छीनने में सफलता प्राप्त की है। इधर कुढ़नी विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांटे की टक्कर के बाद भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता ने जीत हासिल कर ली। यह दोनों खबरें भी प्रमुखता से छपी हैं। सीनियर आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा के खिलाफ एफआईआर की खबर भी सभी जगह है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: गुजरात में मोदी-मोदी। जागरण की सुर्खी संतुलित है: केसरिया गुजरात, हिमाचल में हाथ। प्रभात खबर ने लिखा है भाजपा-156, ऐतिहासिक और चमत्कारी जीत। भास्कर की लीड है: गुजरात का सीना…। भारतीय जनता पार्टी को मिली 156 सीट पिछली बार की तुलना में 57 अधिक है। कांग्रेस की 61 सीटें घट गईं और उसे महल 17 सीटों पर संतोष करना पड़ा जबकि आम आदमी पार्टी को 4 सीटें मिलीं। वोट प्रतिशत के लिहाज से भी कांग्रेस को भारी घाटे का सामना करना पड़ा। 2017 में उसके वोटों का प्रतिशत 41.4 था लेकिन इस बार यह महज 27.28% रहा। हालांकि भाजपा के फोटो में ढाई प्रतिशत के लगभग की वृद्धि हुई है। ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी ने 12.92% वोट लाकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है।
हिमाचल की 68 सीटों में 40 पर कांग्रेस जीती
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने 68 सीटों में 40 सीट जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया लेकिन उसे अब भी इस बात का शक है कि उसके विधायकों को भारतीय जनता पार्टी तोड़ न ले। इस पहाड़ी राज्य में भाजपा सिर्फ 1% वोट के अंतर से पिछड़ गई। प्रभात खबर के अनुसार कांग्रेस ने शुक्रवार को अपने विधायकों की बैठक शिमला में बुलाई है जिसमें छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल व हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा बतौर पर्यवेक्षक शामिल होंगे। हिमाचल में कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा यह अभी साफ नहीं है।
कुढ़नी में जदयू की हार
कुढ़नी में जदयू की हार पर भास्कर की सुर्खी है: सवर्ण-दलितों का साथ व सहनी वोटों में बिखराव से जीती भाजपा। हिन्दुस्तान ने लिखा है: उपचुनाव: कुढ़नी की सीट पर भाजपा की बड़ी जीत, महागठबंधन को झटका। यहां भाजपा प्रत्याशी केदार प्रसाद गुप्ता ने जदयू के मनोज कुमार सिंह उर्फ मनोज कुशवाहा को 3649 मतों से पराजित कर दिया। भाजपा के केदार गुप्ता को 76522 वोट मिले जबकि जदयू प्रत्याशी मनोज कुशवाहा को 73073 मत मिले। तीसरे स्थान पर रहे वीआईपी के प्रत्याशी नीलामकुमार जने 9988 वोट प्राप्त हुए। निर्दलीय संजय कुमार को 4250 और ए आई एम आई एम के मोहम्मद गुलाम मुर्तजा को 3206 वोट मिले। खास बात यह रही कि नोटा पर 4446 लोगों ने बटन दबाए। यह सीट पहले राजद के अनिल सहनी के पास थी जिन्होंने 712 वोटों से 2020 में भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता को हराया था। उस समय जदयू और भाजपा का साथ है इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि यह सीट महागठबंधन से छीनी गई है।
मैनपुरी में मुलायम की बहू
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने अपने ससुर स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की विरासत संभाल ली है। डिंपल ने रिकॉर्ड 288461 वोट के अंतर से जीत हासिल की। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के गढ़ रामपुर में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल कर ली। इस विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हुआ था।
मगध के पूर्व आईजी पर एफआईआर
भास्कर ने यह खबर प्रमुखता से छापी है: खाकी द बिहार चैप्टर वेब सीरीज की कहानी का 1 रुपए में करार, उसी से हुई 49 लाख की कमाई का आईपीएस अमित लोढ़ा पर एफआईआर। जागरण ने लिखा है: खाकी वेब सीरीज के लिए वर्दी का दुरुपयोग करने पर गिरे आईपीएस अमित लोढ़ा। मगध क्षेत्र गया के पूर्व आईजी अमित लोढ़ा पर विशेष निगरानी इकाई में गुरुवार को आई आर दर्ज की गई पूर्ण राम इसमें उन पर पीसी एक्ट यानी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
कॉलेजियम के खिलाफ न बोलें: सुप्रीम कोर्ट
हिन्दुस्तान ने पहले पेज पर यह खबर दी है: मंत्रियों को समझाएं, कॉलेजियम के खिलाफ ना बोलें: सुप्रीम कोर्ट। अखबार लिखता है सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कॉलेजियम प्रणाली को लेकर सरकार के पदाधिकारियों की टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कहा कि इसे हम बिल्कुल उचित नहीं मानते कोर्ट ने अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणि से कहा कि वह सरकार को इस बारे में सलाह दें। जस्टिस एसके कौल, विक्रम नाथ और अभय एस ओका की पीठ ने यह टिप्पणी कॉलेजियम की 19 सिफारिशों पर डेढ़ साल तक सरकार द्वारा मंजूरी न देने के मामले में सुनवाई के दौरान की। 28 नवंबर को कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कॉलेजियम प्रणाली को संविधान में अजनबी संस्था करार दिया था। इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी इस बारे में टिप्पणी की थी।
पीएचईडी में बहाली
प्रभात खबर में पहले पेज पर यह सूचना है: पीएचईडी में की जाएगी 400 लैब टेक्नीशियन की बहाली। इसमें इसमें जानकारी दी गई है कि पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट अपने जिला लैब को हाईटेक करने के लिए 400 लैब टेक्नीशियन की खाली सीट पर बहाली करेगा। इसके लिए इसी महीने विज्ञापन निकलने की उम्मीद है। विभागीय समीक्षा में पाया गया कि नल जल योजना के तहत 15 मांगों पर पानी की जांच होनी चाहिए लेकिन लैब में कर्मियों की कमी से सभी मांगों पर जांच नहीं हो पा रही है।
अनछपी: कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी मनोज कुशवाहा की हार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके दल जदयू के लिए खतरे की घंटी है। यह कहना कि यह सीट भाजपा ने महागठबंधन से छीनी है, सही नहीं है क्योंकि पिछली बार यह सीट आरजेडी ने जीती थी तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी भाजपा के साथ थी। इस बार वहां महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में जदयू के उम्मीदवार जरूर थे और यही बात मुख्यमंत्री के लिए मंथन की है। यह भी सही है कि हार जीत का अंतर इतना कम है कि अगर जदयू यहां से जीत जाता तो आज वह कारण नहीं बताया जाते जो उसकी हार के लिए बताए जा रहे हैं। रोचक बात यह है कि विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने जिस उम्मीद के साथ वहां अपना प्रत्याशी खड़ा किया था वह उसमें बुरी तरह कामयाब रहे। उनका मकसद भाजपा को हराना था लेकिन 3000 से कुछ अधिक वोट से वह इस मंशा में नाकाम हो गए। हुआ यह कि वीआईपी ने रक्षा में जदयू के उम्मीदवार की चुनावी हत्या कर दी क्योंकि उसके उम्मीदवार स्वर्ण समाज के नीलाभ कुमार सवर्ण वोटों में तो सेंधमारी कम ही कर पाए लेकिन जो सहनी वोट जदयू को मिल सकता था वह इनके खाते में भी आ गया। 10000 में से अगर आधे वोट भी जदयू को मिल जाते तो इस समय परिणाम कुछ और होता। एक हद तक यही बात एआईएमआईएम के उम्मीदवार के बारे में भी कही जा सकती है। बहरहाल जदयू और महागठबंधन के लिए यह समय रहते जगने का संकेत है ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में उसे ऐसी फजीहत का सामना नहीं करना पड़े।
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