छ्पी-अनछपी: वक़्फ़ बिल की बैठक में झड़प, नए सिरे से बनेगा मोईनुल हक स्टेडियम
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। वक़्फ़ संशोधन बिल पर जेपीसी की बैठक में झड़प होने की खबर है। पटना के मोईनुल हक स्टेडियम को नए सिरे से बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया गया है। मेडिकल दाखिला परीक्षा ‘नीट’ के पेपर लीक के सरगना संजीव मुखिया के घर छापेमारी की गई है।
हिन्दुस्तान के अनुसार वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में मंगलवार को भाजपा और टीएमसी सांसद के बीच झड़प हुई। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी को अशोभनीय व्यवहार के लिए जेपीसी से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है। जेपीसी बैठक में भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस के दौरान तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कांच की बोतल पटककर तोड़ दी और फिर वह जेपीसी अध्यक्ष जगदम्बिका पाल की ओर फेंकी। इस दौरान बनर्जी के अंगूठे और तर्जनी में चोट लग गई, उन्हें चार टांके लगे। इसके कारण बैठक कुछ देर रोकनी पड़ी। सूत्रों के अनुसार, कल्याण अपनी बारी से पहले बोलना चाहते थे। गंगोपाध्याय ने इस पर आपत्ति जताई, जिसके लेकर दोनों में नोकझोंक हुई। जगदंबिका पाल ने घटना की निंदा की है।
मोईनुल हक़ स्टेडियम नए सिरे से बनेगा
प्रभात खबर के अनुसार बिहार सरकार ने पटना के मोईनुल हक स्टेडियम को नए सिरे से बनाने के लिए बीसीसीआई के साथ समझौता करने का फैसला किया है। इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मान्यता प्राप्त बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) को स्टेडियम लीज पर दिया जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बीसीसीआई से करार के प्रारूप को स्वीकृति दी गई। कैबिनेट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉक्टर एस सिद्धार्थ ने बताया कि स्वीकृत एमओयू प्रारूप में स्टेडियम के निर्माण के लिए बीसीए से जो करार होगा वह ₹1 की दर पर होगा। शुरुआत के 7 वर्ष तक स्टेडियम में होने वाली कमाई में राज्य सरकार के कोई हिस्सा नहीं मिलेगा। 7 वर्ष के बाद लीज की अवधि 30 वर्ष की होगी। इस दौरान जो लाभ होगा उसमें 50% हिस्सा बीसीसीआई और 50% हिस्सा राज्य सरकार को मिलेगा। यहां 40 हजार दर्शकों की क्षमता वाला स्टेडियम बनेगा। फ्लडलाइट में डे नाइट क्रिकेट की भी सुविधा होगी। इसके अलावा बास्केटबॉल कोर्ट, टेनिस कोर्ट, जिम, स्वीमिंग पुल और स्पा भी होंगे। स्टेडियम में 70 कमरों वाला फाइव स्टार होटल, रेस्टोरेंट, डिनर हॉल के अलावा मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था भी होगी।
नीट पेपर लीक सरगना के घर छापेमारी
भास्कर के अनुसार नीट पेपर लीक मामले में मंगलवार को आर्थिक अपराध इकाई ‘ईओयू’ ने बड़ी कार्रवाई की। 25 सदस्यों वाली ईओयू की विशेष टीम ने परीक्षा माफिया संजीव मुखिया के नालंदा स्थित आवास पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत बरामद किए हैं। संजीव मुखिया के माता-पिता से पूछताछ की गई है। उनका कहना था कि उनके बेटे को इस कांड में फंसाया गया है। छापेमारी टीम का नेतृत्व कर रहे ईओयूके डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि ज़ब्त दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में मदद के लिए तैयार भारत
हिन्दुस्तान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष को शीघ्र और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए और भारत इसके लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार है। 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कजान पहुंचने के कुछ घंटों बाद ही मोदी ने पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। प्रधानमंत्री ने टेलीविजन पर प्रसारित अपनी शुरुआती टिप्पणी में पुतिन से कहा कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली को लेकर निरंतर प्रयासरत है।
अररिया सांसद प्रदीप सिंह के विवादास्पद बोल
भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो भाजपा के नेता सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा का बताया जाता है। वायरल वीडियो में भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह अररिया की ठाकुरबाड़ी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान वे कई ऐसी बातें बोल गए जिससे विवाद में घिर गए हैं। सांसद प्रदीप सिंह ने यह तक कह दिया कि वो लोगों को कहते हैं कि अगर अररिया में रहना है तो हिंदू बनना होगा।
कुछ और सुर्खियां
- एआईएमआईएम ने उपचुनाव के लिए बेलागंज से ज़ामिन अली और इमामगंज से कंचन पासवान को दिया टिकट
- मुजफ्फरपुर में संदिग्ध परिस्थिति में एक की मौत, जहरीली शराब पीने की आशंका
- प्रत्यय अमृत बिहार के नए विकास आयुक्त बने, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग भी उन्हीं के पास रहेगा
- राष्ट्रमंडल खेलों से कुश्ती, हॉकी और क्रिकेट को बाहर किया गया
- बिहार के पांच प्रमंडलों में धान की सरकारी खरीद एक नवंबर से शुरू होगी
- चक्रवर्ती तूफान ‘डाना’ के मद्देनजर ओडिशा के 14 जिलों में स्कूल बंद, बिहार के 13 जिलों पर भी होगा असर
- बक्सर सिविल कोर्ट में बहस के दौरान वकील की हार्ट
- मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में बारूद फैक्ट्री में धमाके में एक की जान गई
अनछपी: सरकार, नेता और सरकारी अधिकारी कैसे किसी घोषणा को बार-बार दोहराकर लोगों के बीच यह भ्रम फैलाते हैं कि वह बहुत काम कर रहे हैं इसका ताजा उदाहरण मोईनुल हक़ स्टेडियम के बारे में बिहार सरकार की घोषणा है। याद रखने की बात यह है कि मोईनुल हक स्टेडियम नीतीश कुमार सरकार के आने से पहले अच्छा खासा स्टेडियम हुआ करता था और यहां फुटबॉल और क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय मैच हुआ करते थे। यहां क्रिकेट वर्ल्ड कप का भी मैच हो चुका है। इसके बाद इसकी स्थिति जर्जर होती गई और पिछले 20 वर्षों में इसकी देखभाल के लिए कोई काम नहीं हुआ। आज हालत यह है कि यहां अगर रणजी ट्रॉफी क्रिकेट मैच हो भी रहा है तो दर्शकों से कहा गया है कि वह स्टेडियम के अंदर ना आएं क्योंकि वहां की इमारतें बिल्कुल जर्जर हैं और उनसे खतरा भी है। अब बिहार की कैबिनेट ने यह फैसला किया है कि इस स्टेडियम को नए सिरे से बनाया जाएगा जिसके बारे में पहले भी घोषणा की गई थी। कैबिनेट की घोषणा में बड़े-बड़े वादे तो किए गए हैं लेकिन जिसके साथ यह एमओयू होना है उसकी ओर से यानी बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) या बीसीए (बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) को ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है। हैरत की बात यह है कि बिहार सरकार वहां होटल और दूसरी इमारतें बनवाने की घोषणा कर रही है लेकिन यह किसी को पता नहीं की स्टेडियम के अंदर इतनी जमीन कहां से आएगी? इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सारे निर्माण कार्यों के लिए पैसे देने का एकतरफा समझौता बीसीसीआई से कैसे हो सकता है? कहीं ऐसा ना हो कि अधिकारियों के कहने पर सरकार ने ऐसी घोषणाएं कर दीं और बाद में बीसीसीआई इसके लिए तैयार ना हो। सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए था कि इस मामले में बीसीसीआई से उसकी क्या बात हुई है। वैसे भी अगर सारा निर्माण कार्य बीसीसीआई को करना होगा तो इसमें सरकार का क्या योगदान होगा? ऐसा लगता है कि सरकार और उसके अधिकारी मोईनुल हक स्टेडियम के नाम पर क्रेडिट तो लेना चाहते हैं लेकिन उन्हें पता नहीं कि वहां जो प्रस्तावित काम है वह कैसे होगा। यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि इन सारी घोषणाओं पर कोई अमल होता है या यह हवा हवाई साबित होती हैं।
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