छ्पी-अनछपी: भारत व चीन बोले- सीमा पर शांति ज़रूरी, तुर्की में रक्षा कंपनी पर आतंकी हमला

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रूस के शहर कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और चीन ने अलग से वार्ता कर कहा है कि सीमा पर शांति जरूरी है। तुर्किये में एक रक्षा कंपनी पर आतंकी हमला हुआ है जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी के तीनों बड़े दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। 26 अगस्त को हुई सात विषयों की सक्षमता परीक्षा रद्द कर दी गई है। चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के मद्देनजर बिहार में आंधी-पानी का अलर्ट जारी किया गया है।

यह हैं आज के अखबारों की ख़ास ख़बरें।

हिन्दुस्तान के अनुसार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर रूस के शहर कजान में बुधवार को पांच साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए। दोनों नेताओं ने एलएसी विवाद को जल्द निपटाने, आपसी सहयोग और विश्वास को बनाए रखने पर जोर दिया। मोदी और जिनपिंग ने बीते दिनों हुए एलएसी पर गश्त और सेनाओं को पीछे हटाने के समझौते का समर्थन किया। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, भारत-चीन संबंध हमारे नागरिकों, क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए अहम हैं। परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों को राह दिखाएंगे।

तुर्की में आतंकी हमला

जागरण के अनुसार तुर्किये की राजधानी अंकारा में बुधवार को आतंकी हमला हुआ। यह हमला एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी तुसास के परिसर में हुआ। हमले में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 14 लोग घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में दो हमलावर मारे गए। इस हमले की किसी ने अब तक जिम्मेदारी नहीं ली है। निजी टेलीविजन चैनल एनटीवी की ओर से कहा गया है की सुरक्षा कर्मियों के बदलने के दौरान हमलावर टैक्सी से परिसर में आ गए। इनमें से एक हमलावर ने बम विस्फोट कर दिया। मीडिया रिपोर्टर में कहा गया है कि परिसर में विस्फोट के बाद गोलीबारी की आवाज सुनी गई। हमलावरों को इमारत में प्रवेश करते समय एसॉल्ट राइफल और बैकपैक के साथ देखा गया। तुसास तुर्किये की सबसे महत्वपूर्ण रक्षा और विमानन कंपनी में से एक है। इसमें 10000 से अधिक कर्मचारी हैं।

महाराष्ट्र में सीट बंटवारा

प्रभात खबर के अनुसार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी के घटक दलों कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) के बीच सीट शेयरिंग का फार्मूला बुधवार को तय हो गया। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कुल 288 सीटों में से 270 पर सहमति बन गई है पूर्ण राम तीनों घटक दल यानी कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। बाकी 33 सीटों को आपस में और छोटी पार्टियों के साथ बांटने पर चर्चा चल रही है। गठबंधन में समाजवादी पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी को शामिल किया जाएगा।

सक्षमता परीक्षा के 7 विषय की परीक्षा रद्द

हिन्दुस्तान के अनुसार स्थानीय निकाय शिक्षकों की दूसरे चरण की सक्षमता परीक्षा के अंतर्गत सात विषयों की परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने प्रश्न पत्रों में विसंगति होने के कारण यह फैसला लिया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने बुधवार को बताया कि जिन विषयों की परीक्षा दोबारा ली जाएगी उसमें कक्षा नौवीं-दसवीं के पांच विषय संगीत, हिन्दी, गृह विज्ञान, नृत्य और फारसी शामिल हैं। वहीं कक्षा 11वीं – 12वीं के गृह विज्ञान और इतिहास विषय शामिल हैं। बोर्ड ने कहा है कि प्रश्न पत्रों में कुछ विसंगति पाई गई जिस कारण इनकी परीक्षा रद्द कर दी गई है।

दाना तूफान के मद्देनजर आंधी-पानी का अलर्ट

अंडमान सागर से उठा चक्रवर्ती तूफान दाना या डाना बंगाल की खाड़ी की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इसके 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक पूरी और सागर द्वीप के बीच उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है। इस दौरान हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। इधर बुधवार दोपहर को चक्रवाती तूफान दाना का बाहरी बंद पूर्वी तट से टकराया। इससे ओडिशा के कई इलाकों में भारी बारिश शुरू हो गई। बंगाल के दक्षिणी हिस्से में भी भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश को देखते हुए 350 से अधिक ट्रेनें रद्द की गई है। इधर बिहार में इस तूफान के कारण 17 जिलों में आंधी पानी का अलर्ट जारी किया गया है। पटना से कोलकाता जाने वाली दो फ्लाइट भी कैंसिल की गई है।

गिरिराज पर बरसे लालू

हिन्दुस्तान के अनुसार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि हमारे रहते कोई दंगा फसाद नहीं करा सकता। बुधवार को पटना में मीडिया से बातचीत में श्री प्रसाद ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा से जुड़े सवाल पर कहा कि गिरिराज सिंह को इस तरह की बात करने की आदत है। हिंदू मुस्लिम सब रहेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे रहते कोई कैसे दंगा करा देगा। उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह का काम ही यही है, उलटा-पुलटा बोलना।

कुछ और सुर्खियां

  • कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव लिए पर्चा भरा
  • छठ के लिए सरकारी स्कूल अब 6 से 9 नवंबर तक बंद रहेंगे
  • बिहार के पुलिसकर्मियों की छुट्टी पर 29 अक्टूबर से 9 नवंबर तक रोक
  • जिंबॉब्वे ने बनाया टी 20 में सबसे बड़ा स्कोर, चार विकेट पर 344 रन बनाए
  • फ़िल्म स्टार सलमान खान से 5 करोड़ की रंगदारी का मैसेज भेजने वाला जमशेदपुर का शेख हुसैन गिरफ्तार
  • ईडी को गिरफ्तार आईएएस अधिकारी संजय हंस की सात दिनों की रिमांड मिली

अनछपी: इंसान अगर हक़ के लिए लड़ने को तैयार हो और व्यवस्था के किसी हिस्से से मदद मिल जाए तो 50 पैसे के बदले 15 हज़ार रुपये हासिल कर सकता है। आम तौर पर 50 पैसे को कोई मुद्दा नहीं बनाता लेकिन बात सिद्धांत की हो तो कुछ लोग इसके लिए जीतोड़ कोशिश करते हैं। ऐसी ही कोशिश तमिलनाडु के ए मनशा ने की। उनकी कहानी यह है कि उन्होंने 13 दिसंबर 2023 को चेन्नई के पास पोझिचालुर डाकघर में एक रजिस्टर्ड पत्र के लिए ₹30 की नक़द का भुगतान किया लेकिन रसीद पर केवल ₹29.50 दिखाए गए थे। उन्होंने 50 पैसे वापस करने की मांग की लेकिन उन्हें यह पैसे नहीं दिए गए। उन्होंने इसके लिए यूपीआई से भुगतान की पेशकश की लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण डाक कर्मियों ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद वह इस मामले को कांचीपुरम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के पास ले गए। डाक विभाग ने इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला दिया कि मानसिक पीड़ा अनुचित व्यवहार और सेवा की कमी के लिए उन्हें ₹10000 का मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा ₹5000 मुकदमा खर्च देने का निर्देश भी आयोग ने दिया। शिकायतकर्ता का कहना है कि हर दिन लाखों रुपए का लेनदेन डाक विभाग से होता है और उसका सही हिसाब नहीं रखने से उपभोक्ताओं को नुकसान होता है। उन्होंने अपनी शिकायत में डाक विभाग पर ढाई लाख रुपये का मुआवजा देने का मुकदमा किया था। अब सवाल यह है कि क्या बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में 50 पैसे के लिए कोई आदमी उपभोक्ता आयोग जा सकता है? यहां तो लोगों को यह बात ही नहीं मालूम होती है कि उपभोक्ता आयोग कहां है और अक्सर उपभोक्ता आयोग के पद खाली पाए जाते हैं। अगर रेलवे स्टेशनों को देखा जाए तो वहां भी टिकट काटने के दौरान खूदर पैसे वापस नहीं किए जाते और उसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। देखने में यह रकम छोटी जरूर लगती हो लेकिन बात नीति और सिद्धांत की हो तो यह छोटी बात नहीं।

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