दलितों और अल्पसंख्यक अति पिछड़ों के लिए साक्षरता दर्ज कराने की परीक्षा कल

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
बिहार में महादलितों, दलितों और अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग की महिलाओं की साक्षरता दर्ज कराने के लिए बिहार सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से 14 मार्च, 2021 को पूरे राज्य में अक्षर आंचल योजना के तहत साक्षरता परीक्षा आयोजित की जाएगी।
बिहार में मुस्लिम महिलाओं की साक्षरता दर 2011 की जनगणना के अनुसार 48.4 प्रतिशत है जबकि भारत का राष्ट्रीय औसत 62 प्रतिशत है। यह आंकड़ा बिहार में मुस्लिम अतिपिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए और भी कम माना जाता है। दूसरी ओर सभी धर्मों को मिलाकर महिलाओं की साक्षरता दर बिहार में 51.1 प्रतिशत और भारत में 64.6 प्रतिशत है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की ओर से जारी सूचना के अनुसार यह परीक्षा संकुल स्तर पर आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा में 14 से 45 वर्ष तक की उम्र की महिलाएं भाग ले सकती हैं।
तीन घंटे की यह परीक्षा 10 बजे से 4 बजे तक आयोजित होगी। इस अवधि में किसी भी तीन घंटे में परीक्षा दी जा सकती है।
इस बुनियाद साक्षरता परीक्षा के लिए कोई फीस नहीं ली जाती। इस परीक्षा में शामिल महिलाओं को बुनियादी साक्षरता का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
श्री कुमार के अनुसार परीक्षा के बारे में ज्यादा जानकारी स्थानीय शिक्षा सेवक, तालीमी मरकज के शिक्षा सेवक और जिला प्रोग्राम अफसर से मिली सकती है।
इस परीक्षा में 50-50 नंबर के तीन पेपर होते हैं। पहला पेपर पढ़ने का, दूसरा लिखने का और तीसरा हिसाब का पेपर होता है। इस परीक्षा में शामिल होने वाली महिलाओं को 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर ए ग्रेड, 40 से 60 प्रतिशत अंक लाने वाली महिलाओं को बी और 40 प्रतिशत से कम अंक लाने वाली महिलाओं को सी ग्रेड दिया जाएगा। सी ग्रेड लाने वाली महिलाओं को ग्रेड बेहतर करने का मौका भी दिया जाता है।
अक्षर आंचल योजना के तहत महादलित, दलित और अल्पसंख्यक अतिपिछड़ा वर्ग की असाक्षर महिलाओं को पढ़ने-लिखने के लिए अक्षर ज्ञान और छोटे-मोटे जोड़-घटाव की जानकारी दी जाती है।

 

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