BIHAR: क्या ओमिक्रॉन से हज 2022 हो सकता है प्रभावित?

 बिहार लोक संवाद डॉट नेट

कोविड-19 के नये वैरियंट ओमिक्रॉन से पूरी दुनिया में हलचल मच गई है। ये वैरियंट अब तक 22 देशों में फैल चुका है। अफ्रीकी देश से लौटे सऊदी अरब के नागरिक भी इस वायरस से संक्रमित हुए हैं। इसकी वजह से सऊदी सरकार भी सतर्क हो गई है। कई देशों ने विदेशी नागरिकों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं। ऐसे में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि अन्य देशों के लोगों को सन 2022 में भी हज की सआदत नसीब हो पाएगी या नहीं। इस बीच, बिहार में हज पर जाने वालों के दरख्वास्त देने का सिलसिला जारी है। हालांकि कोटा के हिसाब से दरख्वास्त देने वालों की तादाद काफी कम है। बिहार का कोटा 12 हजार हाजियों का है जबकि एक दिसंबर तक प्रदेश से सिर्फ पांच सौ आजमीन ने ही दरख्वास्त दी है। दरख्वास्त देने की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2022 है। बिहार स्टेट हज कमिटी के सीईओ मोहम्मद राशिद हुसैन ने बिहार लोक संवाद डॉट नेट से बातचीत करते हुए बताया कि दरख्वास्त ऑलाइन जमा की जा रही है। जरूरतमंद लोग पटना स्थित हज भवन आकर भी ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं।
हज पर जाने के लिए सबसे पहली जरूरत पासपोर्ट की होती है। जिन लोगों का पासपोर्ट नहीं बना है, वे जल्दी पासपोर्ट बनवाने के लिए भी हज भवन से राब्ता कर सकते हैं। राशिद हुसैन ने बताया कि पासपोर्ट आफिस आजमीने हज के साथ भरपूर सहयोग कर रहा है।

कोरोना संक्रमण की वजह से जहां एक तरफ लोगों की आमदनी और बचत पर असर पड़ा है, वहीं दूसरी तरफ हज जागरूकता अभियान भी प्रभावित हुआ है। दो साल पहले तक हज भवन की तरफ से पूरे बिहार में ‘तरगीबे हज मुहिम’ चलाई जाती थी और इसका काफी अच्छा असर देखने को मिलता था। लोगों में हज के तईं बेदारी के लिए राशिद हुसैन ने आलिमों और मजहबी रहनुमाओं से आगे आने की अपील की है।

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