बिहार में मस्जिद की तरह मंदिर-गुरुद्वारा खोलने की भी मांग उठी

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट पटना

हाल ही में बिहार की प्रतिष्ठित धार्मिक संस्थाओं ने रमज़ान के मद्देनज़र मजिस्द के दरवाज़े खोलने की मांग की थी। जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार और इमारते शरीया फुलवारीशरीफ़ समेत दर्जन भर संस्थाओं ने मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में उन्होंने कहा था कि रमज़ान में मुसलमान सामूहिक रूप से मस्जिदों में कई तरह की इबादतें करते हैं। मुख्य मंत्री कुछ शर्तों के साथ मस्जिद खोलने की अनुमति दें। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए प्रदेश में धार्मिक स्थलोें के दरवाजे़ बंद करने का फ़रमान जारी कर दिया गया था।

रमज़ान शुरू होने के साथ ही चैत्र नवरात्र भी शुरू हो गया है। नवरात्र के दौरान मंदिरों में कई तरह की पूजा अर्चना होती है। पटना स्थित गोलघर के पुजारी विशाल तिवारी ने सरकार से मंदिर के दरवाज़े खोलने की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मनोरंजन स्थलों और खाने-पीने की जगहों को खोला जा सकता है तो धार्मिक स्थलें क्यों बंद हैं?

तख़्त श्रीहरिमंदिरजी पटना साहिब प्रबंधम कमिटी के महासचिव महेन्द्रपाल सिंह ढिल्लन ने भी धार्मिक स्थलों को खोले जाने की मांग का समर्थन किया।

यह कम हैरत की बात नहीं है कि लोग सामूहिक रूप से सिनेमा तो देख सकते हैं, पार्क में घूम तो सकते हैं लेकिन धार्मिक स्थलों पर इबादत और अर्चना नहीं कर सकते। अब देखना है, सरकार धर्मस्थलों को बंद रखने संबंधी अपने पूर्व के फ़ैसले पर कितना जल्द पुनर्विचार करती है।

 580 total views

Share Now

Leave a Reply