नीतीश सरकार का एक विकट डाउन, भ्रष्टाचार के आरोपी मंत्री मेवालाल ने शपथ लेने के तुरंत बाद दिया इस्तीफा

बिहार लोक संवाद ब्यूरो
पटना, 19 नवंबर: शपथ लेने के बाद से ही भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे मेवालाल चैधरी ने इस्तीफा दे दिया है। दिलचस्प बात है कि मेवालाल चैधरी ने आज ही शिक्षा विभाग का पदभार ग्रहण किया था।

इस बीच अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अशोक चैधरी को शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

मेवालाल पर घोटाला का आरोप
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बिहार के बड़े नौकरी घोटाले के आरोपी को अपना शिक्षा मंत्री बनाया था। बिहार के नये शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चैधरी पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते नौकरी में भारी घोटाला करने का आरोप है। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने बिहार का राज्यपाल रहते मेवालाल चैधरी के खिलाफ जांच करायी थी और उन पर लगे आरोपों को सच पाया था। ये जांच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई थी। मेवालाल चैधरी पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घोटाले का आरोप है।

सबसे बड़ी बात ये है कि मेवालाल चैधरी के इस बड़े घोटाले के खिलाफ सत्तारूढ जेडीयू के नेताओं ने भी आवाज उठायी थी। विधान परिषद में जेडीयू विधान पार्षदों ने मेवालाल चैधरी के खिलाफ हंगामा खघ्ड़ा कर दिया था। वहीं बाद में बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने इसे जोर-शोर से उठाया था। सुशील कुमार मोदी सबूतों का पुलिंदा लेकर तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोबिंद से मिले थे। इसके बाद जांच हुई और जांच में पाया गया कि मेवालाल चैधरी ने कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति रहते बड़ा घोटाला किया। ये घोटाला 161 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में हुआ था। मेवालाल चैधरी पर लगे आरोपों को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार पर हमला बोलती रहीं लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप रहे।

विपक्ष हमलावर
इस बीच महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा है कि-
‘‘जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर हम आपसे भिड़ेंगे। मैंने कहा था ना आप थक चुके है इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है।
जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया
थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया
घंटे बाद इस्तीफे का नाटक रचाया।
असली गुनाहगार आप है। आपने मंत्री क्यों बनाया? आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी।’’

दूसरी ओर भाकपा-माले ने भी अपने तेवर सख्त कर दिए हैं।
भाकपा-माले के बिहार राज्य सचिव कुणाल ने नीतीश – 4 सरकार के गठन के तीन दिन के अंदर शिक्षा मंत्री मेवालाल चैधरी को मंत्रिमंडल से हटाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह जनदबाव का नतीजा है और जनता की जीत है। पहले ही दिन से भाकपा-माले, पूरा विपक्ष और बिहार की जनता दागी व्यक्ति को शिक्षा मंत्री जैसा पोस्ट दिए जाने का विरोध कर रही थी। नीतीश कुमार को इसकी बखूबी जानकारी थी कि मेवालाल चैधरी कृषि विश्वविद्यालय घोटाले के मुख्य आरोपी हैं, फिर भी मंत्री बनाया। जब पूरे बिहार में इसका प्रतिवाद हुआ तो मजबूरन उन्हें मेवालाल चैधरी को पद से हटाना पड़ा है।

माले राज्य सचिव ने यह भी कहा कि मेवालाल चैधरी के बाद मंगल पांडेय जैसे नकारा मंत्रियों को भी तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर करने की जरूरत है। पिछले दिनों लाॅकडाउन के समय में मंगल पांडेय अव्वल दर्जे के नकारा मंत्री साबित हुए हैं। पूरा बिहार लगातार उनकी बर्खास्तगी की मांग उठाता रहा। उनके मंत्रित्व में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत चरमाराते गई, लेकिन सरकार ने उन्हें फिर से इसी विभाग की जिम्मेदारी दी है। सरकार को बिहार की जनता की आवाज सुननी चाहिए।

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