छ्पी-अनछपी: ट्रंप का दवा पर 100% टैरिफ, प्रियंका बोलीं- सरकार बचाने के लिए वो भेज रहे पैसे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ब्रांडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने की घोषणा की है जिसका भारत के दवा उद्योग पर बुरा असर पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के खाते में पैसे भेजने पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है। बिहार के विश्वविद्यालय 2411 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं दे रहे हैं।

और, जनिएगा कि संयुक्त राष्ट्र में जब इसराइल के प्रधानमंत्री का भाषण शुरू हुआ तो 50 देशों ने किया वॉकआउट।

पहली ख़बर

भास्कर के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नए टैरिफ का ऐलान किया है। एक अक्टूबर से ब्रांडेड या पेटेंट वाली दवाओं पर 100% टैरिफ लागू होगा। ट्रम्प ने कहा, ये टैरिफ उन कंपनियों पर नहीं लगेगा जो अमेरिका में ही दवा बनाती हैं या बनाने के लिए प्लांट बना रही हैं। यदि किसी कंपनी के प्लांट की नींव खुद चुकी है और निर्माण कार्य शुरू हो गया है तो भी उस कंपनी को 100% टैरिफ नहीं देना पड़ेगा। ट्रम्प के आदेश से भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाली लगभग 13 अरब डॉलर की दवाओं पर ज्यादा असर पड़ने की आशंका नहीं है। भारत से अमेरिका को ज्यादातर जेनेरिक दवाओं का निर्यात किया जाता है। लेकिन ब्रांडेड दावों पर इसका असर पड़ेगा। ट्रम्प ने जेनेरिक दवाओं को टैरिफ के दायरे में नहीं रखा है। बता दें कि अभी भारत पर 50% ट्रम्प टैरिफ लगा है।

सरकार बचाने के लिए भेज रहे पैसे

प्रभात खबर के अनुसार विधानसभा चुनाव के पहले पटना पहुंची कांग्रेस महासचिव व सांसद प्रियंका गांधी शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में महिला संवाद कार्यक्रम में शामिल हुईं। डेढ़ घंटे तक सदाकत आश्रम में जीविका, आशा और अन्य स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं से संवाद करते हुए प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि 20 सालों में यहां की सरकार ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। अब विधानसभा चुनाव आया है, तो 10 हजार रुपये देकर उनका वोट लेना चाहती है। चुनाव के समय नीतीश और मोदी महिलाओं के लिए नई-नई स्कीम ला रहे हैं। अगर महिलाओं को कुछ देना था तो उनका मानदेय ₹10000 क्यों नहीं किया। प्रियंका ने कहा कि महिलाएं समझदार हैं और वह सब की नियत को पहचानती हैं।

बिहार में रोजगार से महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा: मोदी

हिन्दुस्तान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा। बहन या बेटी रोजगार करती है, स्वरोजगार करती है, तो उसके सपनों को नए पंख लग जाते हैं। नीतीश जी की सरकार ने यह बहुत बढ़िया कदम उठाया है। प्रधानमंत्री शुक्रवार को जीविका से जुड़ी बिहार की 75 लाख महिलाओं के बैंक खाते में दस-दस हजार रुपये हस्तांतरित करने के बाद वीडियो कांफ्रेंसिंग से उन्हें संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए कुल 7500 करोड़ भेजे गये। इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज 75 लाख महिला लाभुकों के खाते में पहली किस्त दस-दस हजार की दर से 7500 करोड़ की राशि डीबीटी से हस्तांतरित की गयी। शेष महिलाओं को लाभ देने के लिए अभी से ही तिथि निर्धारित कर दी गयी हैं। अगली तिथि तीन अक्टूबर है, जब महिलाओं को दस-दस हजार दिये जाएंगे।

बिहार के विश्वविद्यालय 2411 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं दे रहे

हिन्दुस्तान के अनुसार शिक्षा विभाग की लगातार बैठक और पत्र भेजने के बाद ही विश्वविद्यालय खर्च की गई राशि का हिसाब नहीं भेज रहे। विश्वविद्यालयों पर वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर 2024-25 तक दी गई राशि में से 2411 करोड़ का हिसाब बकाया है। शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों के वेतन, पेंशन सहित विभिन्न मद में दी गई राशि का हिसाब लगातार मांगा रहा है। बावजूद उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा है। इससे आगे राशि जारी करने पर रोक लग सकती है। सबसे अधिक एलएनएमयू में 739 करोड़ 96 लाख 53 हजार 196 का हिसाब बाकी है। बीएनएमयू पर 394 करोड़ 79 लाख 44 हजार, पीयू पर 287 करोड़ 34 लाख 25 हजार, एमयू पर 75 करोड़ 10 लाख 54 हजार रुपये, बीआरए बिहार विवि पर 52 करोड़ 79 लाख 46 हजारे, जेपी विवि पर 65 करोड़ 15 हजार का हिसाब बाकी है। वहीं, वीकेएसयू विवि पर 84 लाख 36 हजार 82 हजारे, टीएमबीयू पर 57 करोड़ 75 लाख 55 हजार, केएसडीएस पर 237 करोड़ 98 लाख 16 हजार रुपये, पाटलिपुत्र विवि पर 246 करोड़ 89 लाख 41 हजार, पूर्णिया विवि पर 9 करोड़ 80 लाख 14 हजार और मुंगेर विवि पर 159 करोड़ 29 लाख 53 हजार का हिसाब देना बाकी है।

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक गिरफ्तार

हिन्दुस्तान के अनुसार लेह हिंसा मामले में शुक्रवार को पुलिस ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत वांगचुक के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस टीम ने दोपहर में वांगचुक को उनके गांव उल्याकटोपो से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें जोधपुर भेज दिया गया है। वांगचुक दोपहर 2:30 बजे लेह में लेह एपेक्स बॉडी ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करना था, लेकिन जब वे नहीं पहुंचे तो वहां मौजूद लोग चिंतित हो गए। बाद में उन्हें पता चला कि वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर लेह में मोबाइल, इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। सोनम वांगचुक लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के प्रमुख सदस्य हैं। वे 2019 में जम्मू और कश्मीर से अलग हुए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पिछले पांच सालों से राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

इसराइल के प्रधानमंत्री का भाषण का बायकॉट

हिन्दुस्तान के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासभा की 80 वीं वर्षगांठ पर इसराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का भाषण शुरू होते ही 50 देशों के सौ राजनयिक सदन छोड़कर बाहर चले गए। वॉकआउट करने वाले देशों में ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया सहित वे देश शामिल थे जिन्होंने हाल ही में फलस्तीन को मान्यता दी है। अमेरिका और ब्रिटेन के प्रतिनिधि कक्ष में मौजूद रहे, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की जगह कनिष्ठ राजनयिक बैठे थे। नेतन्याहू ने कहा कि इसराइल को ग़ज़ा सिटी में हमास के बचे ठिकानों को खत्म करना ही होगा ताकि 7 अक्टूबर जैसा हमला फिर न हो। उन्होंने हमास नेताओं को आत्मसमर्पण कर 48 बंधकों को छोड़ने का अल्टीमेटम दिया। नेतन्याहू ने भाषण के दौरान नक्शा दिखाकर कहा कि ये ईरान और उसके सहयोगी दुनिया के लिए श्राप हैं। उन्होंने क्यूआर कोड का सहारा लिया, जिसे स्कैन करने पर 7 अक्टूबर के हमलों का वीडियो दिखाया। वहीं, न्यूयॉर्क की सड़कों पर हजारों लोग विरोध प्रदर्शन करते रहे।

कुछ और सुर्खियां:

  • उत्तर प्रदेश के बारे में जुम्मे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ जुलूस को पुलिस ने रोका तो गुस्साई भीड़ से हुई झड़प
  • एशिया कप क्रिकेट के सुपर 4 में टाई के बाद सुपर ओवर में भारत ने श्रीलंका को हराया
  • सीतामढ़ी में ब्रह्मर्षि सेना के पूर्व जिला अध्यक्ष की गोली मारकर हत्या गुस्साए लोग ना पुलिस को खदेड़कर पीटा
  • छह दिनों में 2587 अंक गिरा सेंसेक्स, निवेशकों को 15 लाख करोड़ रुपए का नुकसान
  • पीएमसीएच में ऑपरेशन के दौरान गिरा छठ का प्लास्टर, डॉक्टर घायल

अनछपी: आज के अखबारों में शिक्षा जगत की दो ऐसी खबरें छपी हैं जिनसे बिहार में भ्रष्टाचार की चरम अवस्था का पता चलता है। अफसोस यह है कि इस पर विपक्षी दल बिल्कुल नाकाम नजर आते हैं और सरकारी नेता अपनी वाहवाही करते रहते हैं। भास्कर अखबार के अनुसार औरंगाबाद के हसपुरा में जंगल में सर्वोदय डिग्री कॉलेज का एक साइन बोर्ड लगा है। जंगल में थोड़ा अंदर जाने पर एक टेंट है जहां दो कर्मी लैपटॉप लेकर बैठे मिले। मगध विश्वविद्यालय ने इसे हाल में डिग्री कॉलेज का एफीलिएशन दिया है। यहां 2 जनवरी 2025 को कॉलेज के शिलान्यास का शिलापट्ट लगा था। इस पर शिलान्यासकर्ता के तौर पर मगध यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर शशि प्रताप शाही का नाम लिखा है। इस बात की जांच पड़ताल इस वजह से की गई क्योंकि इस साल अब तक 61 कॉलेज को एफीलिएशन दिया गया है और पता यह चला कि इनमें से कई कॉलेज केवल कागज पर चल रहे हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस रिपोर्ट के छपने के बाद बिहार का विपक्ष थोड़ा सक्रिय होगा और इस मामले को जनता के बीच ले जाएगा। वैसे तो इसकी बहुत उम्मीद नहीं लेकिन शायद सरकार इस मामले में जागे और कुछ कार्रवाई करे। एक दूसरा मामला यह है कि बिहार के विश्वविद्यालयों ने शिक्षा विभाग को लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए का कोई हिसाब नहीं दिया है। शिक्षा विभाग उनसे लगातार इसका हिसाब मांग रहा है लेकिन उसे अब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। यह मामला 2019-20 से लेकर 2024-25 तक की दी गई राशि का है। सबको पता है कि बिल बनाने में काफ़ी फर्जीवाड़ा होता है, इसके बावजूद अगर विश्वविद्यालय बिल देने में आनाकानी कर रहे हैं तो यह किसी और बड़े फर्जीवाड़ा की निशानी है। बस जरूरत है कि इस मामले की सख्ती से जांच की जाए और विपक्ष भी इस मुद्दे को आम लोगों के बीच ले जाए।

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