छ्पी-अनछपी: दिल्ली भगदड़ में मरने वालों में 11 बिहारी, दिल्ली का फ्लाइट टिकट 22 हजार के पार
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात भगदड़ में मरने वाले 18 लोगों में 11 बिहार के हैं। पटना-नई दिल्ली फ्लाइट के किराए में भारी इजाफा, अधिकतम किराया 22 हजार पार। बिहार के मुख्य सचिव ने लोगों से अपील की है कि अभी कुंभ यात्रा से बचें। भारत के विदेश मंत्री ने कहा है कि हम हिंद महासागर में अपनी क्षमता बढ़ाएंगे।
और, जानिएगा कि अमेरिका ने भारत को किस मद में दी जाने वाली करोड़ों की मदद रोक दी है।
जागरण के अनुसार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात हुई भगदड़ में मरने वाले 18 लोगों में 11 लोग बिहार के हैं। इनमें सात महिलाएं, दो बच्चे और एक-एक युवक-युवती शामिल हैं। मरने वालों में नवादा व समस्तीपुर के तीन-तीन, सारण, बक्सर, वैशाली, मोतिहारी व पटना के एक-एक लोग शामिल हैं। मृतकों का पोस्टमार्टम कर उनका शव रविवार सुबह ही उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया। रेलवे ने मृतकों के आश्रितों के लिए 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है। हादसे में अधिकतर मौत ट्राॅमेटिक एस्फिक्सिया से हुई है। यह ऐसी स्थिति होती है जब छाती व पेट के ऊपरी हिस्से पर दबाव पड़ने से सांस व रक्त संचार रुक जाता है और दम घुट जाता है।
पटना-दिल्ली हवाई टिकट आसमान पर
हिन्दुस्तान के अनुसार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में यात्रियों की मौत के बाद रेल यात्रा को लेकर कई यात्रियों के मन में दहशत की स्थिति है। कई लोग रेल यात्रा के बजाय हवाई यात्रा की ओर शिफ्ट कर रहे हैं। नतीजतन पटना से दिल्ली और मुंबई जाने वाले विमानों का किराया बेलगाम हो गया है। एक दो दिन पहले तक बिहार आने वाले विमानों में टिकटों की कीमत काफी महंगी हुई थी। ताजा स्थिति के अनुसार पटना एयरपोर्ट से दिल्ली जाने का अधिकतम किराया 22 हजार के पास पहुंच गया है। 18 फरवरी को एयर इंडिया की शाम चार बजे की उड़ान का किराया 22005 रुपये है। पटना-मुंबई मार्ग पर भी हवाई किराया आसमान छू रहा है। 18 फरवरी को पटना से मुंबई जाने का अधिकतम किराया 28 हजार पर पहुंच गया है। इस दिन न्यूनतम किराया 17 हजार 395 रुपये है। 21 फरवरी को पटना से मुंबई का किराया 23 हजार के पार पहुंच गया है।
अभी न बनाएं कुंभ यात्रा का कार्यक्रम: मुख्य सचिव
दिल्ली हादसे के बाद बिहार सरकार ने आम लोगों से अपील की है कि वे फिलहाल कुछ दिनों तक कुम्भ यात्रा का कार्यक्रम न बनाएं। आने वाले दिनों में जब कुछ भीड़ कम हो तभी यात्रा का कार्यक्रम बनाएं। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि अभी राज्य के प्रमुख स्टेशनों पर कुम्भ जाने वाले यात्रियों की अत्यधिक भीड़ हो रही है। पटना सहित अन्य शहरों से गुजरने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। इससे अफरातफरी की स्थिति कायम हो जा रही है। जबकि राज्य सराकर की ओर से सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। इसलिए जब कुछ दिनों में ट्रेनों के साथ ही स्टेशनों पर भीड़ कम हो जाएगी तो कुम्भ जाने का कार्यक्रम बनाएं।
हिंद महासागर में अपनी क्षमता बढ़ाएंगे: जयशंकर
जागरण के अनुसार हिंद महासागर क्षेत्र में भारत न सिर्फ अपनी क्षमता बढ़ाएगा बल्कि इस क्षेत्र के दूसरे देशों को भी उनकी क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही भारत इस क्षेत्र की तीन दिशाओं में कनेक्टिविटी परियोजनाएं लाने का भी काम कर रहा है। यह बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को ओमान में हुई इंडियन ओशन कॉन्फ्रेंस 2025 में कही। इंडिया फाउंडेशन की तरफ से आयोजित इस सम्मेलन में नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव जैसे भारत के सहयोगी देशों के विदेश मंत्रियों ने भी अपनी बात रखी जबकि फ्रांस, चीन, ब्रिटेन और अमेरिका के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया।
टोल बूथ पर पहुंच कर फास्ट टैग रिचार्ज करने पर दुगना लगेगा टोल
भास्कर के अनुसार टोल बूथ पर इस्तेमाल होने वाले फ़ास्ट टैग सोमवार से नए नियम लागू होने जा रहे हैं। अब जिन यूजर्स के फास्ट टैग में लो बैलेंस, भुगतान में देरी या ब्लैक लिस्ट होगा उन्हें दोगुना टोल देना पड़ेगा। फास्ट टैग ब्लैक लिस्टेड है या लो बैलेंस है या टोल पर आने से 60 मिनट पहले तक और पहुंचने के 10 मिनट बाद तक हॉट लिस्ट में है तो पेमेंट रिजेक्ट होता। दोगुना टोल देना होगा। फास्टैग ब्लैकलिस्टेड है तो अंतिम समय में रिचार्ज करने से फायदा नहीं होगा क्योंकि ट्रांजैक्शन नहीं होगा। अभी टोल बूथ पर पहुंच कर भी फास्ट टैग रिचार्ज कर निकल सकते थे।
अमेरिका ने इस मद में रोकी भारत की फंडिंग
जागरण के अनुसार अमेरिका ने भारतीय चुनाव में अपनी फंडिंग रोक दी है। टेस्ला प्रमुख एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी कार्यदक्षता विभाग ने भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए किए जाने वाले 2.1 करोड़ डॉलर के आवंटन सहित खर्च में कई कटौतियों की घोषणा की है। इधर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने रविवार को इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया कि जब वह चुनाव आयोग के प्रमुख थे तब भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक अमेरिकी एजेंसी की फंडिंग का इस्तेमाल किया गया था। कुरैशी ने कहा कि 2012 में जब मैं मुख्य चुनाव आयुक्त था तब भारत में मतदाता प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी एजेंसी द्वारा फंडिंग को लेकर मीडिया के एक वर्ग में आई रिपोर्ट निराधार है।
कुछ और सुर्खियां:
- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में मारे बिहार के लोगों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा
- बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा आज से, इस बार 15.85 लाख परीक्षार्थी
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 22 फरवरी को आ सकते हैं बिहार
- ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने फतेहपुर सीकरी स्थित सूफी शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाया
- आईपीएल 22 मार्च से, 13 शहरों में 10 टीमें लेंगी हिस्सा
- तीसरी बार भी अमेरिका ने भारतीयों को हथकड़ियां लगाकर भेजा, सिखों को पगड़ी भी नहीं पहने दी
अनछपी: बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा कि यह अपील बिल्कुल सही है कि फिलहाल कुंभ की यात्रा से परहेज किया जाए हालांकि यह बयान काफी देर से आया है। ऐसा लगता है कि जब यह बात मालूम हुई कि दिल्ली की भगदड़ में मरने वालों में आधे से ज्यादा लोग बिहार के हैं तो इसकी जरूरत महसूस हुई। इससे पहले बिहार के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर कुंभ के लिए जाने वाले यात्रियों की बेतहाशा भीड़ हम देख चुके थे लेकिन तब बिहार सरकार या उसके किसी अधिकारी ने ऐसी अपील नहीं की। बिहार के कुछ स्टेशनों से ट्रेनों के शीशे तोड़े जाने के वीडियो भी वायरल हुए, तब भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यह खबर भी आई कि जो लोग टिकट लिए हुए हैं वह ट्रेनों के डिब्बे में नहीं घुस पा रहे क्योंकि बेटिकट यात्रियों ने डिब्बे पर कब्जा कर रखा था और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था। ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस वजह से भी कुंभ जा रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि मोदीजी ने उन्हें बेटिकट यात्रा करने की छूट दे रखी है। कायदे से देखा जाए तो कुंभ जाने वाली ट्रेनों की बुरी हालत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना बयान जारी करना चाहिए था और लोगों से संयम बरतने की अपील की जानी चाहिए थी। लेकिन आजकल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से किसी गंभीर बात की उम्मीद नहीं की जा रही और वैसे भी भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन के कारण वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। नेताओं की चाहे जो मजबूरी हो उसका नतीजा आम लोग भुगत रहे हैं और उनकी जान जा रही है। भारतीय जनता पार्टी ने तो कुंभ के स्नान को अपना पॉलीटिकल एजेंडा और इवेंट बना रखा है इसलिए ना तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से यह कहा कि फिलहाल कुंभ जाने से रुक जाएं। रेल यात्रियों की इस बदहाली का दोष केवल रेलवे के अधिकारियों को देना सही नहीं होगा। इन्हीं रेल अधिकारियों ने छठ के दौरान भारी भीड़ को संभाला था लेकिन भीड़ संभालने की भी एक सीमा होती है। जब सरकार ही जानबूझकर भीड़ लगवाने में जुटी हो तो अधिकारियों को किस तरह दोषी ठहराया जा सकता है।
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