छ्पी-अनछपी: कांग्रेस की मांग- ईवीएम को गोदाम में रखें, इमरान समर्थकों का इस्लामाबाद में ज़बर्दस्त प्रदर्शन
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम से असंतुष्ट कांग्रेस ने एक बार फिर ईवीएम को निशाना बनाया है। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इमरान समर्थकों ने ज़बर्दस्त प्रदर्शन किया है जहां सेना ने देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है। सीतामढ़ी के रहने वाले और आंगनबाड़ी सेविका के बेटे उज्ज्वल कुमार ने बीपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में टॉप किया है। बिहार सरकार ने घोषणा की है कि बेतिया राज की संपत्ति पर उसका हक है।
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जागरण के अनुसार संविधान दिवस के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश में बैलट पेपर से चुनाव कराने का विमर्श फिर से गर्म कर दिया है। हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार की पृष्ठभूमि के बीच खड़गे ने ईवीएम के गुण दोष पर सवाल उठाए बिना बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने के पक्ष में आंदोलन चलाए जाने का आह्वान किया। उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर बैलट पेपर से चुनाव कराने के लिए देशव्यापी अभियान चलाया जाए। खड़गे ने चुनाव पारदर्शिता के लिए बैलेट पेपर की वापसी पर जोर देते हुए कहा कि ईवीएम के जरिए मतदान की मौजूदा प्रणाली में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के वोट बर्बाद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें ईवीएम नहीं चाहिए। भाजपा नेता इन्हें अपने गोदामों में रखें। हम बैलेट पेपर पर वोट करेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट बोला- हारने पर ईवीएम की शिकायत
हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्र से चुनाव कराने की मांग खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जाती है, लेकिन जब आप चुनाव हारते हैं तो छेड़छाड़ की जाती है। जस्टिस विक्रमनाथ और पी.बी. वराले की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब याचिकाकर्ता डॉ. के.ए. पॉल ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं ने भी कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। पीठ ने यह टिप्पणी करते हुए ईवीएम के बजाय मतपत्र से चुनाव कराने की मांग वाली डॉ. पॉल की जनहित याचिका खारिज कर दी।
इमरान समर्थकों के प्रदर्शन से भारी तनाव
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों का प्रदर्शन हिंसक हो जाने के कारण छह सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। 100 से अधिक सुरक्षकर्मी घायल हो गए। हिंसा के बाद सरकार ने मंगलवार को राजधानी में सेना तैनात कर दी। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश भी दिया गया है। सोमवार देर रात इस्लामाबाद में श्रीनगर राजमार्ग पर एक वाहन द्वारा टक्कर मारे जाने से पाकिस्तान रेंजर्स के चार अधिकारियों की मौत हो गई। वहीं उनके पांच अन्य कर्मियों एवं पुलिस अधिकारियों को भी गंभीर चोटें आईं हैं। दूर हथियारों और गोला-बारूद से लैस बदमाशों ने रेंजर्स के जवानों पर पथराव किया और रावलपिंडी स्थित चुंगी नंबर- 26 में सुरक्षाकर्मियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इसमें पुलिस के दो कर्मी मारे गए।
बीपीएससी: सीतामढ़ी के उज्ज्वल अव्वल
बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) ने मंगलवार की देर शाम 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी कर दिया। सीतामढ़ी के रायपुर गांव के उज्ज्वल कुमार उपकर टॉपर बने हैं। वह आंगनबाड़ी सेविका के बेटे हैं। यह प्रभात खबर की पहली खबर है। उज्ज्वल अभी वैशाली में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी हैं। दूसरे स्थान पर सर्वेश कुमार और तीसरा स्थान शिवम तिवारी को मिला है। शीर्ष-10 में छठे स्थान पर आई क्रांति कुमारी एक मात्र महिला हैं। शीर्ष-10 में पहला स्थान बनाने वाले बीसी कैटेगेरी के छात्र हैं। इसमें ईबीसी, ओबीसी और ईडलल्यूएस के उम्मीदवार भी जगह बनाने में सफल हुए हैं। अंतिम रूप से 470 उम्मीदवारों को सफलता मिली है। पांच पद खाली रह गए। साक्षात्कार में 972 उम्मीदवार उपस्थिति हुए थे, वहीं 33 अनुपस्थित थे।
उज्ज्वल को वर्दी पहनने का शौक़, नौकरी करते तैयारी की
बीपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाले उज्ज्वल कुमार सीतामढ़ी के रायपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी पूरी शिक्षा सरकारी स्कूल व कॉलेज में हुई और माध्यम भी हिंदी रहा। उन्होंने 12वीं पास करने के बाद एनआईटी उत्तराखंड से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। कोरोना के दौरान प्राइवेट नौकरी छोड़कर उन्होंने प्रशासनिक सेवा की तैयारी की। 67वीं बीपीएससी में उन्हें 496वां रैंक मिला। अभी वह वैशाली जिले में गोरौल प्रखंड में कल्याण पदाधिकारी के पद पर हैं। नौकरी के साथ-साथ तैयारी पर वह कहते हैं कि रोज उनकी ड्यूटी सुबह 10 से शाम तक होती थी। कई बार सात भी बज जाते थे लेकिन रूम पर जब पहुंचने तो देर रात तक पढ़ाई करते। उन्हें आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे को देखकर वर्दी पहनने का शौक हुआ।
बेतिया राज की जमीन बिहार सरकार लेगी
भास्कर के अनुसार बेतिया राज की बिहार और उत्तर प्रदेश की सारी जमीन अब बिहार सरकार की हो जाएगी। अधिसूचना की तारीख से रैयतों या रैयतों के अधीन रहने वाले के हितों को छोड़कर बेतिया राज की जमीन और संपत्तियों पर सभी मौजूदा पट्टे या मौजूदा विशेष अधिकार समाप्त हो जाएंगे। किसी भी न्यायालय के समक्ष लंबित कार्यवाही या मुकदमा समाप्त हो जाएगा। विधानसभा में मंगलवार को बेतिया राज की संपत्ति को निहित करने वाला विधायक पारित हो गया। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार में बेतिया राज की 15215 एकड़ जबकि उत्तर प्रदेश में 143 एकड़ जमीन है।
एस्सार ग्रुप के चेयरमैन नहीं रहे
1969 में शुरू हुए छोटे से कंस्ट्रक्शन कारोबार को साम्राज्य में बदलने वाले एस्सार ग्रुप के चेयरमैन और को फाउंडर शशिकांत रुइया का सोमवार रात मुंबई में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। रुइया के नेतृत्व में एस्सार ग्रुप ने इंफ्रा, मेटल, टेलीकम्युनिकेशन और तेल व गैस क्षेत्र में पहचान बनाई। पांच दशक में ही 35 देश में कारोबार फैलाया।
कुछ और सुर्खियां
- लैंड फॉर जॉब मामले में रेलवे के 30 अफसर और कर्मियों पर भी चलेगा केस
- भारत के संविधान का मैथिली और संस्कृत में भी हुआ अनुवाद, राष्ट्रपति ने किया अनावरण
- खराब मौसम और काम विजिबिलिटी की वजह से दरभंगा की आठ फ्लाइट रद्द
- महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री पर अटकलें जारी, एकनाथ शिंदे का इस्तीफा
- वक़्फ़ संशोधन बिल पर बनी जेपीसी की बैठक के आज होने की संभावना
- 1550 पैक्सों में 62 प्रतिशत वोटिंग, 179 निर्विरोध चुने गए
- हज 2025 के सफर पर जाने वालों को जमा करने होंगे दूसरी किस्त में ₹1.42 लाख
अनछपी: क्या ऐसा मुमकिन है कि किसी राज्य में जूनियर इंजीनियरों के लगभग 80% पोस्ट खाली रहें? एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में ऐसा ही है। यही नहीं असिस्टेंट इंजीनियर के करीब 41% और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के करीब 43% पद खाली हैं। इसके अलावा सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के 36% और चीफ इंजीनियर के 24 फीसद पद खाली हैं। इसके अलावा 58% पद इंजीनियर इन चीफ के भी खाली हैं। हमने इसी कॉलम में कुछ दिनों पहले बिहार में डॉक्टरों की भारी कमी के बारे में भी लिखा था। एक ऐसी सरकार जो सुशासन का दावा करती है उसमें डॉक्टर और इंजीनियरों के पद खाली रहने से न केवल बेरोजगारों को परेशानी हो रही है बल्कि राज्य का काम भी प्रभावित हो रहा है। ऐसी स्थिति में जो इंजीनियर काम कर रहे हैं वह भारी दबाव में हैं और उन्हें दो-दो, तीन-तीन काम का प्रभार दिया जा रहा है। इसकी वजह से अक्सर प्रोजेक्ट का काम पीछे चल रहा है। इंजीनियरिंग कोई कमी से कई प्रोजेक्ट तो 10 साल की देर से चल रहा है। इंजीनियरों की इतनी भारी कमी के बावजूद उन्हें नौकरी क्यों नहीं दी जा रही, यह समझ से परे है क्योंकि प्रोजेक्ट में देरी की वजह से राज्य सरकार का खर्च बढ़ता है। बिहार इंजीनियरिंग सर्विसेज एसोसिएशन का कहना है कि इंजीनियरों की बहाली की दिक्कत 2017 के बाद पैदा हुई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इंजीनियर हैं और उन्हें इस बात का भली भांति अंदाजा होगा कि इंजीनियरिंग की कमी से नुकसान हो रहा है लेकिन हैरत की बात है कि उनकी ओर से इस दिशा में कोई पहल सामने नहीं आ रही है। उनका इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने पर तो बहुत जोर था लेकिन इंजीनियरों की नौकरी पर शायद कोई ध्यान नहीं है। हालत यह है कि बिहार के हर जिले में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज खुल गए हैं और वहां भी सीट खाली रह जा रही हैं। इस मुद्दे को विपक्ष को भी जोरदार ढंग से उठाना चाहिए ताकि बिहार के इंजीनियरों को नौकरी मिल सके।
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