छ्पी-अनछपी: पटना से दिल्ली तक वक़्फ़ की आवाज़, इसराइल-हिज़्बुल्लाह में जंग रुकी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। वक़्फ़ संशोधन बिल के खिलाफ पटना से दिल्ली तक आवाज़ उठी और इसके लिए बनाई गई जेपीसी का वक़्त अगले साल बजट सेशन तक कर दिया गया है। अमेरिका ने इसराइल-हिज़्बुल्लाह युद्धविराम की घोषणा की है। अजमेरशरीफ दरगाह में मंदिर होने का दावे पर कोर्ट ने सर्वे की मंजूरी दी है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने बताया है कि भारत में वक़्फ़ बोर्ड की 58929 संपत्तियों पर अतिक्रमण है।
यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।
हिन्दुस्तान के अनुसार वक्फ संशोधन बिल के विरोध में बुधवार को विपक्षी सदस्यों ने बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा किया। विपक्षी सदस्य वेल में आ गए। सरकार के विरोध में नारेबाजी की। विपक्ष ने बिहार सरकार से सदन में प्रस्ताव लाकर वक्फ संशोधन विधेयक को खारिज करने की मांग की। हंगामे के कारण पहली पाली की कार्यवाही 20 मिनट पहले तो दूसरी पाली में विधायी कार्यों का निबटारा कर सदन की कार्यवाही स्थगित ही कर दी गई।
नीतीश कुमार स्टैंड क्लियर करें: तेजस्वी
पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह वक्फ बिल का समर्थन कर रहे हैं और जदयू नेतृत्व इस मसले पर मौन साधे हुए है। गांधी का अनुयायी होने का दावा करने वाले गोड्से समर्थकों का साथ दे रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पर अपना स्टैंड क्लीयर करना चाहिए। वक्फ संशोधन बिल के बहाने मोदी सरकार संविधान के साथ छेड़छाड़ कर रही है।
वक़्फ़ जेपीसी की बैठक से वॉकआउट
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त संसदीय समिति में तकरार बढ़ती जा रही है। बुधवार को हुई नई दिल्ली में संसदीय समिति की बैठक में अध्यक्ष के रुख पर ऐतराज जताते हुए विपक्षी दलों के सदस्य बैठक से निकल गए। दरअसल, विपक्षी सदस्य समिति के अध्यक्ष के 29 नवंबर को वक्फ संशोधन विधेयक पर मसौदा रिपोर्ट पेश करने की घोषणा से नाराज हैं। कांग्रेस के गौरव गोगोई, डीएमके के ए राजा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल पर आरोप लगाया कि वह उचित प्रक्रिया पूरी किए बिना 29 नवंबर की समयसीमा तक इसकी कार्यवाही पूरी करने के इच्छुक है।
वक़्फ़ जेपीसी का वक़्त बढ़ा
जागरण के अनुसार वक़्फ़ से जुड़े नए कानून को लेकर दो संसदीय सत्रों के बाद फिलहाल दो महीने का और इंतजार करना होगा। विपक्षी सदस्यों के हंगामे और बैठक का बहिष्कार करने के बाद वक़्फ़ विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर आखिरकार सहमति बन गई है। समिति अब बजट सत्र के पहले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी जो संभवतः 29 जनवरी 2025 से शुरू होगा। जेपीसी का समय बढ़ने पर अंतिम फैसला लोकसभा अध्यक्ष का होता है जो गुरुवार को इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं।
58000 से अधिक वक़्फ़ संपत्ति पर अतिक्रमण: केंद्र सरकार
जागरण के अनुसार भारत में वक़्फ़ बोर्ड की 58929 संपत्तियों पर अतिक्रमण है और इनमें से 809 संपत्तियां कर्नाटक में हैं। यह जानकारी बुधवार को लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बसवराज बोम्मई के सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने दी। रिजिजू ने कहा कि मंत्रालय और केंद्रीय वक़्फ़ काउंसिल को समय-समय पर वक़्फ़ संपत्तियों से जुड़े मामलों की शिकायतें मिलती रहती हैं। भारत वक़्फ़ संपत्ति प्रबंधन प्रणाली पर जानकारी के अनुसार 58929 वक्त संपत्तियों पर अतिक्रमण है।
इसराइल-हिज़्बुल्लाह के बीच युद्धविराम
प्रभात खबर के अनुसार इसराइल और हिज़्बुल्लाह के बीच बुधवार को युद्ध विराम शुरू हो गया। अमेरिका की मध्यस्थता से मंगलवार देर रात संघर्ष विराम की घोषणा की गई, जो लगभग 14 महीनों से जारी दोनों के बीच युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। युद्ध विराम समझौता लागू होने के बाद लेबनान के लोग अपने घर लौटने लगे हैं। दक्षिणी लेबनान की ओर जाने वाले हाईवे पर लोगों में उत्साह देखा जा सकता है। सबसे अधिक लेबनान और इसराइल की सीमा पर स्थित दक्षिणी लेबनान के कस्बे और गांव हैं जहां से बड़ी तादाद में लोगों ने पलायन किया था। घर वापस आए कुछ लोगों को घर मलबे में तब्दील मिले। हालांकि वापसी की खुशी कई लोगों के चेहरे पर देखी जा सकती है। समझौते के अनुसार हिज़्बुल्लाह को दक्षिणी लेबनान में हथियार डालने होंगे व इसराइली सेना चरणबद्ध तरीके से अगले 60 दिनों में दक्षिणी लेबनान को खाली करेगी।
हमास से भी सीज़फायर की संभावना
भास्कर के अनुसार हमास ने ऐलान किया है कि वह भी हिज़्बुल्लाह की तरह संघर्ष विराम के लिए तैयार है। हमास ने कहा है कि वह सीजफायर वार्ता के लिए तैयार है। हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने मिस्र, कतर और तुर्की के मध्यस्तथों को सूचित किया है कि हमास युद्ध विराम समझौते और कैदियों की अदला बदली के लिए गंभीर समझौते को तैयार है। हमास-इसराइल के बीच सीजफायर की शर्तों पर सूत्रों का कहना है कि हमास करीब 100 बंधकों की रिहाई के बदले 1000 फ़लस्तीनियों और हमास के लड़ाकों की रिहाई का दबाव बना रहा है।
अजमेरशरीफ दरगाह में मंदिर का दावा, कोर्ट से सर्वे की मंजूरी
जागरण के अनुसार उत्तर प्रदेश की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब राजस्थान के अजमेर शरीफ स्थित विश्वविख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महावीर मंदिर का होने का दावा करते हुए अजमेर जिला सिविल न्यायालय में याचिका दायर की गई है। बुधवार को न्यायालय के सिविल जज मनमोहन चंदेल की बेंच ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनने योग्य माना और अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और एएसआई को नोटिस देकर पक्ष रखने को कहा। इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। याचिका हिंदू सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई है।
कुछ और सुर्खियां
- गौतम अडानी के घुस मामले और संभल में पांच लोगों की पुलिस फायरिंग में मौत पर संसद फिर ठप
- महाराष्ट्र के ने वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेंगे पीएम मोदी, देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने के आसार
- झारखंड में हेमंत सोरेन आज चौथी बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
- बिहार में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने पर 6 माह की जेल या जुर्माना या दोनों का कानून पास
- पैक्स चुनाव के दूसरे चरण के 611 पैक्सों में 52% मतदान, 105 निर्विरोध चुने गए
- बिहार में घने कोहरे की वजह से रुकी हवाई जहाज की रफ्तार, एक दर्जन ट्रेनें भी देर से चलीं
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आरक्षण का लाभ लेने के लिए धर्म परिवर्तन संविधान के साथ धोखाधड़ी
अनछपी: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए वक़्फ़ संशोधन बिल एक अग्निपरीक्षा की तरह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा जहां वक़्फ़ संशोधन बिल को पास करने पर अड़े हुए हैं, वहीं नीतीश कुमार से यह मांग की जा रही है कि वह इसे अपना समर्थन नहीं दें और अपना स्टैंड क्लियर करें। नीतीश कुमार अपनी चुनावी सभाओं में मुसलमानों के लिए किए गए कामों का उल्लेख बार-बार करते हैं और इस आधार पर उनसे समर्थन मांगते हैं लेकिन इस बार मुसलमान ने उनसे यह मांग कर रखी है कि वह वक़्फ़ संशोधन बिल का समर्थन न करें। हालांकि जब वक़्फ़ संशोधन बिल पेश किया गया तो नीतीश कुमार की पार्टी के मुंगेर से लोकसभा सांसद ललन सिंह ने इसका समर्थन किया था। इस मुद्दे पर ललन सिंह को अपनी ही पार्टी के मुस्लिम नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा मुस्लिम धार्मिक विद्वानों ने उनसे मुलाकात कर वक़्फ़ बिल के विरोध करने का अनुरोध भी कर रखा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह दावा करते हैं कि उन्होंने कभी सांप्रदायिकता से समझौता नहीं किया। वक़्फ़ संशोधन बिल उनके लिए एक और इम्तिहान की घड़ी है कि वह अपनी बात को साबित करें। इससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी से अलग राय रखी थी लेकिन जब बात संसद में गई तो उसने वही किया जो भारतीय जनता पार्टी चाहती थी। इसकी मिसाल अनुच्छेद 370, सीएए और ट्रिपल तलाक कानून भी है। सीएए और ट्रिपल तलाक कानून पर मुसलमानों के विरोध के बावजूद नीतीश कुमार की पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की ही राह अपना ली। अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार से वक़्फ़ संशोधन बिल का विरोध करने को कहा है। ललन सिंह ने हाल ही में यह शिकायत की थी कि मुसलमान उनकी पार्टी को वोट नहीं देते लेकिन उन्हें भी सोचना चाहिए कि जब उनकी पार्टी मुसलमानों के मुद्दे पर वह मुसलमानों के साथ नहीं है तो मुसलमान उनके साथ कैसे हो सकते हैं।
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