छ्पी-अनछ्पी: नीतीश ने होम डिपार्टमेंट अपने पास रखा, आडवाणी को भारत रत्न

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कई दिनों के इंतजार के बाद बिहार में नई सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास होम डिपार्टमेंट रखा है। भाजपा नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है। सभी अखबारों ने इन दो खबरों को अहम जगह दी है।

भास्कर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: गृह सहित पांच विभाग सीएम के पास, दोनों डिप्टी सीएम को 9-9 विभाग। बिहार में एनडीए सरकार गठन के सातवें दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद, दो डिप्टी सीएम सहित 6 मंत्रियों को विभागों का आवंटन कर दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने पास हर बार की तरह पांच महत्वपूर्ण विभाग (सामान्य प्रशासन, गृह, कैबिनेट, निगरानी और निर्वाचन) रखा है। वही दोनों डिप्टी सीएम को 9-9 विभाग आवंटित किए गए हैं। विभागों के वितरण में भाजपा कोटे में 23 विभाग, जदयू कोटे में 19 विभाग हम (से) कोटे में दो विभाग और निर्दलीय मंत्री को एक विभाग मिला है। जदयू कोट के 19 विभागों का बजट आवंटन 117633 करोड़ है जबकि भाजपा के विभागों का बजट आवंटन 69612 करोड़ है।

आडवाणी को भारत रत्न

प्रभात खबर, भास्कर और जागरण की पहली खबर लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा है। जागरण लिखता है कि सामाजिक न्याय के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर के बाद मोदी सरकार ने अब सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को राजनीतिक विमर्श के केंद्र में लाने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (96 वर्ष) को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी देते हुए इसे भाजपा कार्यकर्ताओं के संघर्षों का सम्मान बताया।

बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए

लालकृष्ण आडवाणी 1947 में बंटवारे के बाद परिवार के साथ भारत आए थे। उन्होंने 50 के दशक की शुरुआत में आरएसएस में राजस्थान का जिम्मा संभाला। इसके बाद 1970 में राज्यसभा पहुंचे। 1977 में मोरारजी देसाई सरकार में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने और मई 1986 में भाजपा के अध्यक्ष चुने गए। अटल सरकार में वे उप प्रधानमंत्री भी रहे।

सक्षमता परीक्षा में पास नहीं हुए तो नौकरी जाएगी

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: पहले सक्षमता परीक्षा 26 को, तीन ही अवसर मिलेंगे। नियोजित शिक्षकों की पहली सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी को आयोजित की जाएगी। इन शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के लिए तीन अवसर मिलेंगे। कुल चार चरणों में परीक्षाएं होंगी। किसी तीन में पास नहीं होने वाले नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त करने की अनुशंसा समिति ने की है। शनिवार को शिक्षा विभाग में सक्षमता परीक्षा से संबंधित गठित विभागीय समिति की बैठक में यह अनुशंसा की गई है।

ईरानी ठिकानों पर अमेरिका के हमले

प्रभात खबर की सुर्खी है: अमेरिका ने इराक और सीरिया में 85 ईरानी ठिकानों पर किये हमले, तनाव। अमेरिका ने शनिवार तड़के इराक और सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया और ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पचासी ठिकानों पर हमले किए। अमेरिकी बी-1 सुपरसोनिक बमवर्षक विमान ने 30 मिनट के भीतर सीरिया के चार और इराक के तीन ठिकानों पर हमला बोला और मिसाइलें दागीं। इन हमलों में ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड के कमान और कंट्रोल ऑपरेशन, रॉकेट, मिसाइल, लॉजिस्टिक हब, खुफिया केंद्र तथा ड्रोन स्टोरेज यूनिट को निशाना बनाया गया। यह हमले 28 जनवरी को उत्तर पूर्वी जॉर्डन में एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हुए ड्रोन हमले के जवाब में किए गए हैं। उस ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे और 40 से अधिक सैनिक घायल हुए थे।

इमरान और उनकी बीवी को 7-7 साल की सजा

पाकिस्तान की एक अदालत ने कथित तौर पर गैर-इस्लामिक निकाह के मामले में पहले से जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सात साल कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने यह फैसला आम चुनाव से एक हफ्ता पहले शनिवार को सुनाया। 2022 के बाद से 71 वर्षीय इमरान खान की यह चौथी सजा है।

भाजपा लड़ा रही: राहुल

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को देवघर, दुमका और गोड्डा में आयोजित सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जातीय गणना की बात उठाने पर मोदी सरकार ने कहा कि देश में अमीर और गरीब दो ही जातियां हैं। आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, युवाओं और किसानों के साथ केंद्र सरकार अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा एक जात को दूसरी जात से और आदिवासी को गैर आदिवासी से लड़ा रही है। इस नफरत के खिलाफ हम यहां आए हैं। इस यात्रा में न्याय शब्द जोड़ दिया। पूरे देश में गरीबों, कमजोर से अन्याय हो रहा है। आर्थिक, महिलाओं, युवाओं, किसानों के खिलाफ अन्याय हो रहा है।

भाजपा विधायक ने थाने में मारीं गोलियां

जागरण की खबर है कि महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भाजपा विधायक ने शिवसेना शिंदे गुट के नेता पर थाने के अंदर गोलियां बरसा दीं। इस घटना के बाद विपक्ष को राज्य की कानून व्यवस्था पर हमला करने का अवसर मिल गया। गोलीबारी निजी दुश्मनी का परिणाम बताई जा रही है। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच के आदेश दिए हैं। घटना शुक्रवार देर रात हुई। उल्हासनगर हिल लाइन पुलिस थाने में कल्याण से भाजपा विधायक गणपत गायकवाड का बेटा जमीन संबंधी विवाद की रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचा था। विवाद शिवसेना शिंदे गुट के कल्याण शहर प्रमुख महेश गायकवाड़ के साथ था। थाने में बहस बढ़ने के बाद भाजपा विधायक गणपत गायकवाड ने लाइसेंसी पिस्टल से महेश पर गोलियां बरसा दीं।

कुछ और सुर्खियां

  • झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी ने दस्तावेजों एवं खातों पर पूछे सवाल
  • हेमंत सोरेन को विश्वास मत में शामिल होने की कोर्ट से मिली अनुमति
  • मल्लिकार्जुन खड़गे की बुलावे पर दिल्ली गए कांग्रेस के बिहार विधायक, विश्वास मत के दिन लौटेंगे
  • पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का इस्तीफा
  • उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसौदे पर 6 फरवरी को चर्चा
  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पुलिस का नोटिस, ईडी कोर्ट पहुंची

अनछपी: भारत रत्न का सम्मान पाने वालों के बारे में यह समझा जाता है कि उसने देश की भलाई के लिए काफी काम किए होंगे लेकिन लालकृष्ण आडवाणी के मामले में यह फैसला सवालों के घेरे में रहना लाजमी है। पहले तो भारतीय जनता पार्टी ने लालकृष्ण आडवाणी को मार्गदर्शक मंडल में रखकर किनारे लगाने की कोशिश की लेकिन अब उसकी भरपाई के लिए उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। लालकृष्ण आडवाणी को याद करने का मतलब है उनकी रथ यात्रा को याद करना और इस बात को भी याद करना कि उस रथ यात्रा के दौरान कितने मासूमों की जान साथ (लगा ग्राफिक देखें) चली गई थी। आज के सभी अखबारों ने उस दौरान की हिंसा को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया और आडवाणी के हिंदुत्व की प्रशंसा में पन्ने भर दिए। इस समय भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आरएसएस की हिंदुत्ववादी नीतियों पर चल रहा है और ऐसे में लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का सम्मान कतई चौंकाने वाला नहीं है। लेकिन मीडिया में ईमानदारी की कमी का आलम यह है कि उनकी यात्रा के दौरान हुई हिंसा का कोई जिक्र नहीं मिलता और किस तरह उन्होंने समाज को बांटने का काम किया, इसकी चर्चा भी नहीं मिलती। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के प्रशंसक रहे लालकृष्ण आडवाणी ने भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ जितना माहौल तैयार किया शायद कम ही लोगों ने ऐसा किया होगा। उन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षता (सूडो सेक्यूलरिज़्म) और तुष्टीकरण जैसे शब्दों से हमेशा अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया। अफसोस की बात यह है कि सेक्यूलर माने जाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार जैसे नेताओं ने भी उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा का स्वागत किया है। सच्चाई यह है कि आज के गैर भाजपा दल भी लालकृष्ण आडवाणी की हिंसात्मक राजनीति को भुला देना चाहते हैं। इसमें कांग्रेस और लालू प्रसाद के राजद को अपवाद माना जा सकता है। याद रहे कि तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने लालकृष्ण आडवाणी की हिंसक रथ यात्रा को रोक कर उन्हें गिरफ्तार करवाया था। बहरहाल, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देना एक राजनीतिक फैसला है और इस फैसले में जो सांप्रदायिकता छिपी है उसे उजागर करना मीडिया का काम था जो उसने नहीं किया।

 

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