छ्पी-अनछपी: भूकंप से तिब्बत में 126 की मौत, दिल्ली विधानसभा का चुनाव 5 फरवरी को

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। तिब्बत में भूकंप से 126 लोगों की मौत हो गई और इसके झटके बिहार में भी महसूस किए गए। दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव 5 फरवरी को होगा। पटना पुलिस ने डकैती कर भाग रहे दो अपराधियों को मार गिराया है। बीपीएससी की परीक्षा दोबारा करने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए हैं।

यह हैं आज के अखबारों की अहम ख़बरें।

जागरण के अनुसार हिमालय की उत्तरी तलहटी में स्थित दक्षिण चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के पवित्र शहर शिगात्से के पास मंगलवार सुबह 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र शहर की तिंगरी काउंटी के त्सोगो टाउनशिप में था जो माउंट एवरेस्ट क्षेत्र का उत्तरी द्वार माना जाता है। इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सेवा ने रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 बताई है। भूकंप के कारण कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई और 188 अन्य घायल हो गए। पड़ोसी देश नेपाल, भूटान और भारत में भूकंप से इमारतें हिल गईं लेकिन इन देशों में किसी की मौत की खबर नहीं है। इधर बिहार में मंगलवार की सुबह 6:35 पर आए भूकंप से धरती अचानक ही हिल उठी। सुबह में जो लोग जगे थे उन्होंने भूकंप का हल्का झटका महसूस किया। भूकंप से तिब्बत के शिगात्से शहर में कई घर मलबे में तब्दील हो गए हैं। बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंसे हैं। इलाके में भारी तबाही हुई है और बिजली, पानी दोनों तरह की सेवाएं बाधित हैं। चीन की राज्य परिषद ने लेवल-3 इमरजेंसी घोषित कर दी है। भूकंप के मद्देनजर चीन ने माउंट एवरेस्ट के पर्यटन क्षेत्रों को भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 5 फरवरी को

प्रभात खबर के अनुसार भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। दिल्ली की 70 सदस्यों वाली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा। तीन दिन बाद 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग की ओर से दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान करने के साथ ही राजधानी में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। इस बार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। आम आदमी पार्टी पिछले 11 वर्षों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है। इससे पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था हालांकि उसे 7 सीटों में से किसी पर भी कामयाबी नहीं मिली थी।

फुलवारी शरीफ में दो डकैत मारे गए

भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार पटना पुलिस की टीम ने नालंदा के दो कुख्यात डकैत लाल दहन उर्फ मेम और विवेक कुमार को एनकाउंटर में मार गिराया। क्रॉस फायरिंग में गौरीचक थाने के ऊपर थानेदार विवेक कुमार को पीठ में गोली लगी और आर पार हो गई। उनकी किडनी और लीवर पर चोट लगी है। नालंदा का यह गिरोह फुलवारी शरीफ के हिंदूनी नहर पर कुंदन कुमार की किराना दुकान का ताला तोड़कर सामान और धान को पिकअप पर लाद कर भाग रहा था। इसी बीच पुलिस ने उन्हें घेर लिया। सरेंडर करने को कहा लेकिन डकैतों ने गोली चला दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में लाल दहन और विवेक को सर, सीने और पेट में गोली लगी। बाकी फरार हो गए। दोनों को घायल अवस्था में फुलवारी शरीफ सामुदायिक अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। एसएसपी अवकाश कुमार ने बताया कि फरार डकैतों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

प्रशांत किशोर अस्पताल में भर्ती

हिन्दुस्तान के अनुसार जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को पेट में दर्द के बाद मंगलवार की सुबह मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। उनकी हालत स्थिर है। अस्पताल के निदेशक डॉ. रविशंकर सिंह ने कहा कि इलाज के बाद उनकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। जल्द ही वे आईसीयू से बाहर हो जाएंगे। प्रशांत किशोर की हालत स्थिर बनी हुई है। उन्होंने खाना और दवा लेने से इनकार कर दिया है। अस्पताल के निदेशक डॉ. रवि शंकर सिंह ने बताया कि उनसे दवा लेने और खाना खाने का आग्रह किया जा रहा है। लेकिन वे अपना अनशन नहीं तोड़ने के निर्णय पर अडिग हैं। आईवी के जरिए प्रशांत किशोर को दवाइयां दी जा रही हैं।

पटना समेत कई शहरों में कोल्ड डे

प्रभात खबर के अनुसार बिहार सर्द ठंडी पछुआ हवाओं की चपेट में है। मंगलवार को दिन में शीतलहर जैसी स्थिति महसूस की गई। मंगलवार को उच्चतम तापमान में 7 डिग्री सेल्सियस से अधिक तक की गिरावट दर्ज की गई। इससे पटना सहित मध्य बिहार की कई जगहों पर कोल्ड डे जैसी स्थिति देखी गई। मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि बिहार में घने और अधिक घने कोहरे का दौर 10 जनवरी तक बने रहने के आसार हैं।

34 लाख को मिलेगा रोजगार: नीतीश

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दूसरे चरण में मंगलवार को सीवान जिले को करीब 109 करोड़ रुपए की योजनाओं की सौगात दी। उन्होंने कहा कि 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और 34 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य पूरा कर दिया जाएगा।

कुछ और सुर्खियां

  • बीपीएससी पीटी पेपर लीक की शिकायत पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, हाई कोर्ट जाने को कहा
  • पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन सुप्रीम कोर्ट के जज बनेंगे
  • फिल्म अभिनेता सलमान खान के घर की सुरक्षा बढ़ी, बालकनी में भी बुलेट प्रूफ ग्लास लगाया गया
  • गया के एयरपोर्ट पर थाईलैंड की महिला यात्री से ₹8.56 करोड़ का ड्रग्स जब्त
  • भारत की आर्थिक विकास दर 4 साल के निचले स्तर 6.4% पर रहने का अनुमान

अनछपी: कुछ दिनों पहले बेतिया से एक खबर आई थी कि रेल की पटरी पर रील्स बना रहे तीन बच्चे ट्रेन से कट गए और उनकी मौत हो गए। वैसे तो जब से लोगों के हाथ में स्मार्ट मोबाइल फोन आया है तब से ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं कि लोग फोन पर लगे होने की वजह से ट्रेन से कट गए। लेकिन रील्स बनाने का मामला हमारे बच्चों को बड़े पैमाने पर बुरी तरह प्रभावित कर रहा है और अब इस मामले में एक ताजा रिपोर्ट आई है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार के 60% बच्चे रील्स बनाने में हर दिन चार से पांच घंटे बर्बाद कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 10 से 20 साल तक के बच्चों की स्थिति ज्यादा खराब है। ऐसे बच्चों में 4 से 5 रील्स बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने की होड़ लगी रहती है। यह रिपोर्ट डेढ़ सौ दिनों में बिहार के दो लाख 56 हज़ार बच्चों पर अध्ययन के बाद तैयार की गई है। बच्चों में इस बात की भी होड़ मची रहती है कि उन्होंने जो रील्स पोस्ट किया है उसे कितने लोगों ने देखा और फॉलो किया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना के बाद से रील्स बनाने में काफी इजाफा हुआ है। 2020 में जहां 15% बच्चे रील्स बनाने में टाइम लगाते थे वहीं अब 60% बच्चों में यह आदत आ गई है। दरअसल कोरोना के बाद से ऑनलाइन पढ़ाई का सिलसिला शुरू होने के बाद बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन देना मजबूरी हो गई है। कई देशों में तो 15 साल के बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने के लिए कानून भी बनाया गया है। लेकिन इस समस्या का हल केवल कानून बनाने से नहीं होगा। इस मामले में स्कूलों और शिक्षकों पर भी ध्यान देना होगा कि वहां से जो टास्क ऑनलाइन मिलता है, उसे कम किया जाए। दरअसल गार्जियन की भी यह मजबूरी होती है कि वह इसी टास्क के नाम पर बच्चों को मोबाइल फोन देते हैं। स्मार्ट मोबाइल फोन बच्चों के लिए दोधारी तलवार बन चुका है। इसपर कंट्रोल करना बहुत ज़रूरी हो गया है।

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