छ्पी-अनछपी: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने उड़ाई पुलिस की गाड़ी- 9 की मौत, कनाडा के पीएम ट्रुडो का इस्तीफा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर पुलिस की जीप उड़ा दी जिससे 9 लोगों की मौत हो गई। जस्टिन ट्रूडो ने 9 साल के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। चीन में फैले वायरस से भारत में पांच बच्चे इनफेक्टेड बताए गए हैं। दिनभर गिरफ्तार रहने के बाद प्रशांत किशोर को शाम में रिहा किया गया।

यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

भास्कर के अनुसार छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सोमवार को दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बीजापुर जिले के अंबेली गांव में जवानों के वाहन को निशाना बनाते हुए आईईडी ब्लास्ट किया जिसमें आठ जवान मारे गए जबकि एक कर ड्राइवर की भी मौत हो गई। यह बीते 2 साल में राज्य में सुरक्षा बलों पर नक्सलियों का सबसे बड़ा हमला था। सभी जवान जिला रिजर्व गार्ड्स (डीआरजी) के थे जो शनिवार को अबूझमाड़ में पांच नक्सलियों को ढेर करने के बाद एसयूवी से दंतेवाड़ा में बेस पर लौट रहे थे। ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि मौके पर 10 से 12 फीट चौड़ा गड्ढा हो गया है। जवानों के शव क्षत विक्षत हो गए। उनकी कार का एक हिस्सा करीब 30 फीट दूर पेड़ पर लटका मिला। उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जवानों की शहादत से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक देश से हर हाल में नक्सलवाद का सफाया कर देंगे।

जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा

प्रभात खबर के अनुसार भारत विरोधी खालिस्तानियों के समर्थन से वैश्विक और घरेलू मोर्चे पर घिरे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। हालांकि लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक ट्रुडो प्रधानमंत्री बने रहेंगे। ट्रुडो ने कहा कि वह किसी लड़ाई में आसानी से पीछे नहीं हटते खास कर जब यह उनकी पार्टी और देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो। कनाडा में इसी साल आम चुनाव होने हैं। ट्रूडो चौथी बार मैदान में उतरने की योजना बना रहे थे मगर पार्टी के अंदर उनके खिलाफ विरोध तेजी से बढ़ने लगा था। टोरंटो और मोंट्रियल के चुनाव में मिली हार के बाद यह विरोध सतह पर आ गया था।

चीन में फैले वायरस से भारत के पांच बच्चे इनफेक्टेड

हिन्दुस्तान के अनुसार चीन में फैले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से भारत में पांच बच्चे संक्रमित पाए गए। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कर्नाटक में दो बच्चों में संक्रमण की पुष्टि की है। वहीं तमिलनाडु में दो और गुजरात में भी एक बच्चे में संक्रमण का पता चला है। संक्रमित बच्चों ने कभी विदेश यात्रा नहीं की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि बेंगलुरु में तीन महीने की एक बच्ची को बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो स्वस्थ होकर घर लौट गई। दूसरे बच्चे का इलाज चल रहा है। मंत्रालय के अनुसार बेंगलुरु में संक्रमित मिले दोनों बच्चों को ब्रांकोनिमोनिया की शिकायत पहले से थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एचएमपीवी वायरस का प्रसार पूरी दुनिया में है।

जमानत की शर्त में बदलाव के बाद छूटे प्रशांत किशोर

जागरण के अनुसार बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना पर बैठे जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर को गिरफ्तारी के बाद देर शाम रिहा कर दिया गया। अदालत से उन्हें जमानत मिल गई पर उन्होंने बेल बॉन्ड की शर्तों पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया। इस कारण उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया गया लेकिन बाद में शर्तों में बदलाव के साथ उन्हें जमानत मिल गई। प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका अनशन आगे भी जारी रहेगा। वह करीब 15 घंटे तक पुलिस की गिरफ्त में रहे।

मैं अटल हूं: नीतीश

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के साथ आने के ऑफर पर सीधे कोई प्रतिक्रिया दिए बिना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर दोहराया कि दो बार गलती हुई। “यह गलती मुझसे कराई गई। मैं तब भी जहां था वहां पर रहना चाहता था। कुछ लोगों के कारण ही यह गलती हुई थी। जिन लोगों के कारण गलती हुई उन्हें बाहर कर दिया गया है। मैं अटल हूं। जहां हूं वहां पर बिल्कुल ठीक हूं। अब पुरानी गलती नहीं होगी।”

हर पंचायत में बनेगी दीदी की लाइब्रेरी

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिलाधिकारियों को राज्य की सभी पंचायत में दीदी की लाइब्रेरी खोलने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया है। दरअसल प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री सोमवार को वैशाली के पटेढ़ी बेलसर प्रखंड के नगमा गांव पहुंचे थे। वहां उन्होंने दीदी की लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। इस दौरान जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री से इस तरह की लाइब्रेरी राज्य की सभी पंचायत में खोलने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इसके लिए तत्काल कार्रवाई करने का आदेश जिलाधिकारी को दिया।

वैशाली जिले में बनेगा बड़ा औद्योगिक पार्क

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि वैशाली जिले में आमस-दरभंगा रोड के किनारे एक हजार 293 एकड़ भूमि पर बड़ा औद्योगिक पार्क बनेगा। वह प्रगति यात्रा के दौरान सोमवार को वैशाली जिले में थे, जहां उन्होंने कई घोषणाएं की। वैशाली को 276 करोड़ 80 लाख रुपये की सौगात भी दी।

कुछ और सुर्खियां

  • गिरफ्तार आईएएस अधिकारी संजीव हंस भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड
  • बीपीएससी समेत सभी पेपर लीक की जांच की मांग पर विपक्ष के नेता राज्यपाल से मिले
  • सेंसेक्स 1258 अंक लुढ़का, एक दिन में निवेशकों के डूबे 11 लाख करोड़ रुपये
  • दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वादा, जीते तो महिलाओं को हर महीने ₹2500
  • अब सिर्फ पीएचडी और नेट के विषयों के आधार पर विश्वविद्यालय में बनेंगे शिक्षक
  • असम के दीमा हसाओ ज़िले के कोयला खदान में पानी भरने से 9 मजदूर फंसे

अनछपी: यह कहा जाए कि बिहार में आजकल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद सबसे ज्यादा चर्चित नेता प्रशांत किशोर बने हुए हैं तो शायद बहुत कम ही लोगों को इससे असहमति होगी। प्रशांत किशोर के बारे में ना तो सत्ताधारी दल बहुत खुश नजर आता है और ना ही विपक्षी आरजेडी। आरजेडी का आरोप रहता है कि प्रशांत किशोर दरअसल भारतीय जनता पार्टी के कहने पर विपक्ष को कमजोर करने के लिए बिहार की राजनीति में आए हैं। दूसरी तरफ सरकार चलाने वाली पार्टियां जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी कहती है कि प्रशांत किशोर को राजनीति नहीं आती। सोमवार को पुलिस ने जिस तरह आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को गिरफ्तार किया उसके बारे में यह कहा जा रहा है कि उन्हें इस गिरफ्तारी से जितना प्रचार मिला शायद उनकी दो साल की लंबी पद यात्रा से भी नहीं मिला हो। यह बात सबको पता है कि प्रशांत किशोर बीपीएससी की सिविल सेवा की पीटी को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे उम्मीदवारों के समर्थन में आंदोलन से जुड़े और आमरण अनशन पर बैठे। बहुत से लोगों की राय यह है कि प्रशांत किशोर की वजह से छात्रों का आंदोलन पीछे चला गया और प्रशांत किशोर खुद मुद्दा बन गए। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर आगे छात्रों को कितना इंसाफ दिला पाते हैं या सिर्फ अपनी राजनीति चमकाते हैं। इतना जरूर है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के लिए प्रशांत किशोर का कद बढ़ना खतरे की निशानी है और बिहार में महागठबंधन की राजनीति को प्रभावित कर रहा है। महागठबंधन ने भी छात्रों के आंदोलन को समर्थन देने की कोशिश की लेकिन उनमें फूट साफ नजर आती है। महागठबंधन में जब पहली बार प्रदर्शन किया तो आरजेडी के नेता इसमें शामिल नहीं हुए और दूसरी बार जब वह गवर्नर से मिलने गए तो कांग्रेस पार्टी का कोई नेता उसमें नहीं था। कुल मिलाकर अभी स्थिति यह है कि विपक्ष का जो स्थान महागठबंधन के पास था उसमें प्रशांत किशोर की सेंधमारी साफ नजर आती है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रशांत किशोर को अपनी बी टीम बनाया हो या नहीं लेकिन उसे इतना जरूर पता है कि प्रशांत किशोर के रहते महागठबंधन के रूप में जो विपक्ष है वह कमजोर होगा और फिलहाल इसमें उसे कामयाबी मिल रही है। प्रशांत किशोर वास्तव में तेजस्वी यादव के लिए एक चुनौती हैं इसलिए कि अगले चुनाव में कहीं वह वही रोल न निभाएं जो चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के लिए 2020 में निभाया था। चिराग पासवान पर उस समय भाजपा के इशारे पर जदयू के उम्मीदवारों के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा करने का आरोप लगा था और नीतीश कुमार की पार्टी केवल 43 विधायकों के साथ तीसरे स्थान पर सिमट गई थी।

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