छपी-अनछपी: बैंक गार्ड को गोली मार 13 लाख की लूट, एनसीईआरटी की किताब से मौलाना आज़ाद का ज़िक्र हटा
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सारण जिले में बैंक के दो गार्ड की हत्या कर 13 लाख रुपए की लूट की खबर सभी जगह प्रमुखता से छपी है। एक दिन पहले ही पूर्वी चंपारण में आईसीआईसीआई बैंक से 48 लाख लूट लिए गए थे। एनसीईआरटी की किताब से मौलाना अबुल कलाम आजाद का जिक्र हटाने की खबर कहीं पहले पेज पर तो कहीं अंदर छपी है। यूपी के पूर्व सांसद और गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे के एनकाउंटर की खबर भी अहम जगह पर है।
भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: बैंक में घुसते लुटेरों ने रोकने पर दो होमगार्ड जवानों को मारी गोली, दोनों की मौत;12 लाख भी लूटे। हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर भी यही है: दुस्साहस: दो गार्ड को गोली मार बैंक से लूटे 13 लाख। सारण जिले के सोनपुर थाना क्षेत्र में हथियारों से लैस अपराधियों ने दो होमगार्ड जवानों की हत्या कर पंजाब नेशनल बैंक से दिनदहाड़े 13 लाख 28 हजार 197 रुपए लूट लिये। एक ग्राहक को भी गोली लगी है। घटना होते ही बैंक में मौजूद ग्राहक भाग खड़े हुए। यह वारदात सोनपुर के डीआरएम कार्यालय परिसर में हुई है। बैंक में जाते ही अपराधियों ने सबसे पहले होमगार्ड जवान महेश साह को निशाना बनाया। हेलमेट से लैस अपराधियों ने गार्ड को गोली मारी तो उन्हें रेलवे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। होमगार्ड के दूसरे जवान रामनरेश राय को भी अपराधियों ने गोली मारी, जिसे पीएमसीएच रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी।
मौलाना आज़ाद का ज़िक्र हटाया
पहले पेज पर भास्कर की उह खबर अहम है: पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद का उल्लेख और गुजरात दंगों का अंश किताबों से हटाया। राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 11वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से स्वतंत्रता सेनानी एवं देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के उल्लेख को हटा दिया गया है। एनसीईआरटी ने पिछले वर्ष पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने और कुछ अंशों के अप्रसांगिक होने के आधार पर गुजरात दंगों, मुगल दरबार, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन आदि के कुछ अंशों को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया था। कांग्रेस प्रवक्ता अंशुल अविजीत ने कहा कि केंद्र ने इतिहास को फिर से लिखने और झूठ और असत्य पर बनी मनगढ़ंत, विकृत विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए एक ठोस प्रयास किया है।
अतीक के बेटे का एनकाउंटर
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: माफिया अतीक का बेटा व शूटर ढेर। उमेश पाल हत्याकांड में नामजद पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को झांसी स्थित पारीछा बांध के पास मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया। पुलिस के अनुसाए पांच-पांच लाख रुपये के दोनों इनामी बदमाशों ने भी पुलिस पर कई राउंड फायर किए। पुलिस ने दावा किया कि दोनों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार भी बरामद किए हैं।
सीट शेयरिंग का फॉर्मूला
भास्कर की अहम खबर है: पहली बार सीटों के बंटवारे का फार्मूला आया, चुनाव के बाद भी गठबंधन संभव। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी मोर्चा की पार्टियों के बीच राज्यों के राजनीतिक हालात के हिसाब से सीट एडजेस्टमेंट होगा क्योंकि हर राज्य में अलग-अलग परिस्थिति है। केरल में कांग्रेस और हमारे बीच सीधा टकराव है वहां भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकती है। उनके अनुसार सब का एक ही उद्देश्य है कि भाजपा के खिलाफ वोट को इकट्ठा करें ताकि वह सिर्फ 37% वोट लेकर सरकार ना बना ले। वे गुरुवार को दिल्ली में नीतीश कुमार से मिलने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
चार साल का ग्रेजुएशन कोर्स
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: इसी सत्र से सभी विश्वविद्यालयों में लागू हो जाएगा 4 वर्षीय स्नातक कोर्स। बिहार के विश्वविद्यालयों में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम यानी सीबीसीएस के तहत 4 वर्षीय स्नातक कोर्स 2023-27 की पढ़ाई इसी साल से शुरू की जाएगी। 4 साल के स्नातक डिग्री में विद्यार्थियों को 8 सेमेस्टर पास करने होंगे। यह निर्णय चांसलर राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर की अध्यक्षता में गुरुवार को राजभवन में आयोजित बैठक में लिया गया। इस बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह सहित सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद रहे। इस दौरान प्रथम वर्ष के लिए सिलेबस और कोर्स स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए कमेटी गठित करने का निर्णय भी लिया गया है।
कुछ और सुर्खियां
● जीतन मांझी भी दिल्ली में शाह से मिले, चर्चा गरमाई तो बोले जहां नीतीश, मैं भी वहीं
● नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू की बेटी चंदा यादव का बयान दर्ज
● अलर्ट: बिहार में कल से 3 दिन लू चलेगी
● कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण रद्द करना त्रुटिपूर्ण सुप्रीम कोर्ट
● ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी का निधन
● लालगंज में घर के सामने बैठे दलित सेना के नेता की हत्या समर्थकों ने की तोड़फोड़
● रांची के डीसी रहे छवि रंजन, सीओ सहित 18 लोगों के ठिकानों पर ईडी का छापा
अनछपी: एक जमाना था जब पुलिस किसी एनकाउंटर को फेक एनकाउंटर मानने से इनकार करती थी लेकिन अब वक्त बदल गया है और लोग साफ़-साफ़ फेक एनकाउंटर को भी एनकाउंटर मानने लगे हैं। अतीक अहमद के बेटे और एक अन्य को मार गिराया जाने का मामला यह है कि इस एनकाउंटर का ऐलान किया जा चुका था, इस एनकाउंटर के बारे में सुप्रीम कोर्ट में डर जताया जा चुका था और यह एनकाउंटर कर दिया गया। उमेश पाल हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विधान सभा में मिट्टी में मिलाने की बात कही थी जिसे इनकाउंटर ही समझा गया था। ऐसा नहीं है कि अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर मुस्लिम होने की वजह से ही किया गया क्योंकि इससे पहले विकास दुबे नाम के अपराधी को भी गाड़ी से उलट कर मारने का आरोप लगाया गया था। मूल सवाल यह है कि क्या अपराधी को गिरफ्तार किए बिना और अदालती कार्यवाही किए बिना मारना भारत के संविधान के अनुरूप है या उसके खिलाफ? अखबारों के संपादकीय को पढ़ने के बाद यह चिंता कहीं नजर नहीं आती। अच्छे खासे पढ़े-लिखे लोग भी एनकाउंटर का समर्थन करते नजर आते हैं जबकि उन्हें भी मालूम होता है कि यह एनकाउंटर नहीं होता बल्कि पकड़कर मार देने के बाद उसे एनकाउंटर का नाम दिया जाता है। अतीक अहमद के बेटे के मामले में हो सकता है पुलिस जो कह रही है वह सही हो लेकिन सिद्धांत के रूप में एनकाउंटर का समर्थन करना वास्तव में संविधान की धज्जियां उड़ाना है। अगर अपराधी का इलाज एनकाउंटर ही है तो देश की अदालतें और देश के जज किस दिन के लिए हैं? एनकाउंटर के बारे में यह आरोप आमतौर पर लगते हैं कि यह धर्म और दल देखकर किया जाता है। इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानव अधिकार ने भी दिशानिर्देश तय किए हैं। जरूरी है कि उन दिशा निर्देशों के आलोक में इस एनकाउंटर की भी जांच हो पुलिस से सवाल किया जाए और सरकार चलाने वाले मुखिया से भी।
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