छ्पी-अनछपी: पटना में आज जुटेंगे देश-विदेश के 600 निवेशक, भजनलाल शर्मा राजस्थान के सीएम नियुक्त

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना में आज देश-विदेश के 600 निवेशक जुटेंगे। इससे जुड़ी खबर सभी जगह है। भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के तौर पर भजन लाल शर्मा को चुना है। इसकी खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

हिन्दुस्तान के अनुसार पटना के ज्ञान भवन में होने वाला दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बुधवार को शुरू होगा। इस समिट में अडानी, गोदरेज, आईटीसी, आईओसीएल समेत देश-दुनिया के 600 उद्यमी व निवेशक शामिल होंगे। समिट के दौरान 500 करोड़ से अधिक का निवेश करने वालीं 12 कंपनियों से अलग-अलग करार होगा। 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री के समक्ष इनसे एमओयू किया जाएगा। इसके अलावा 500 करोड़ से कम निवेश करने वाली 240 कंपनियां हैं। अमेरिका, सउदी अरब, जापान, रूस, ताइवान, मॉरिशस, जर्मनी, नीदरलैंड, बांग्लादेश, नेपाल, उज्बेकिस्तान, वियतनाम, मेडागास्कर, मलेशिया, हंगरी, यूएई के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

भजनलाल शर्मा राजस्थान के सीएम

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: राजस्थान में मोदी के भजन। भाजपा ने फिर चौंकाते हुए आरएसएस और संगठन से जुड़े पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाया है। 55 साल के भजन लाल ब्राह्मण हैं। इस तरह पार्टी ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी और मध्य प्रदेश में ओबीसी को सीएम बनाने के बाद जातीय संतुलन का संदेश दिया है। 52 साल की विधायक दीया कुमारी और 49 साल के डॉक्टर प्रेमचंद बेरवा डिप्टी सीएम बने गए हैं। भजनलाल ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया पूर्ण ग्राम वे राजस्थान के 25 में कम होंगे।

बिहटा में इंडस्ट्रियल एरिया का उद्घाटन

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहटा के सिकंदरपुर में इंडस्ट्रियल एरिया (औद्योगिक क्षेत्र) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही यहां की 30 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि बिहार में उद्यमियों के लिए अनुकूल माहौल है। राज्य सरकार उद्यमियों को हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करा रही है। इसी खबर को जागरण और प्रभात खबर ने भी पहले जगह दी है। जागरण की पहली सुर्खी है: राज्य में उद्योग का अनुकूल माहौल: नीतीश। प्रभात खबर ने लिखा है: राज्य में बेहतर माहौल, उद्यमियों को मिल रही सभी तरह की सुविधा: मुख्यमंत्री।

तेरह ज़िलों में अल्पसंख्यक आवासीय स्कूल

भास्कर की खबर है: दरभंगा, किशनगंज समेत 13 जिलों में अगले साल से अल्पसंख्यक आवासीय स्कूल में पढ़ाई। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ज़मां खान ने कहा है कि बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना के तहत अगले साल जनवरी से दरभंगा और किशनगंज समेत 13 जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। हज भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इनमें दरभंगा और किशनगंज में 108 करोड़ की लागत से स्कूल का भवन बनकर तैयार है गया है। मधुबनी, बेगूसराय, कटिहार, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर, कैमूर, जमुई, बांका, वैशाली, रोहतास और शेखपुरा में भी बिहार स्टेट वक़्फ़ बोर्ड की जमीन पर स्कूल बनेंगे। इन 11 जिलों में जब तक स्कूल नहीं बनते तब तक वहां किराए के भवन लेकर स्कूल खोले जाएंगे। हर एक स्कूल में क्लास 9 से 12 तक की पढ़ाई होगी। बिहार सरकार ने इन 13 जिलों में प्रधानाध्यापक, टीचर और शिक्षकेतर कर्मचारियों की बहाली के लिए अनुमति दे दी है। 13 जिलों में 481 पदों पर बहाली होगी।

घुसपैठियों का आंकड़ा बताना संभव नहीं

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे अवैध प्रवासियों यानी घुसपैठियों का आंकड़ा जुटाना संभव नहीं है क्योंकि ऐसे लोग देश में चोरी छिपे प्रवेश करते हैं। नागरिक अधिनियम की धारा 6 ए की वैधता से जुड़े मामले में केंद्र में सुप्रीम कोर्ट में यह हलफनामा दाखिल किया है। इसमें बताया गया है कि इस प्रावधान के तहत 17861 लोगों को नागरिकता प्रदान की गई है। शीर्ष अदालत इस धारा की संवैधानिक वैधता की समीक्षा कर रही है।

उमर अब्दुल्ला की तलाक़ की अर्जी खारिज

अलग रह रही पत्नी पायल अब्दुल्ला से क्रूरता के आधार पर तलाक मांगने वाली जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अमर अब्दुल्ला की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। पारिवारिक अदालत के निर्णय को बरकरार रखते हुए न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विकास महाजन की पीठ ने कहा कि अपील याचिका में कोई योग्यता नहीं है और इसे खारिज किया जाता है। बताया जाता है कि दोनों 14 वर्ष से अलग रह रहे हैं।

चुनाव आयुक्त का दर्जा सुप्रीम कोर्ट के जज जैसा

राज्यसभा में मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसमें अगस्त में लाए गए बिल में संशोधन कर निर्वाचन आयुक्तों का दर्जा उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति के समकक्ष बरकरार रखा गया है। पिछले विधेयक में इस दर्जे को कैबिनेट सचिव के समकक्ष रखने का प्रस्ताव था। विपक्ष ने आयोग की स्वायत्तता और निष्पक्षता के मुद्दे पर सदन से वॉकआउट किया।

पाकिस्तान में आर्मी के कैंप पर हमला, 23 मरे

पाकिस्तान के अशांत ख़ैबर पख्तूनख़्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में 6 आत्मघाती आतंकियों ने मंगलवार सुबह सैन्य चौकी पर विस्फोटक से लदे ट्रक से टक्कर मार दी। इस हमले में 23 सैनिक मारे गए। देश में आगामी 8 फरवरी को होने जा रहे आम चुनाव से पहले इस हमले को हल के वर्षों में सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किए गए सबसे भयानक हमले में से एक माना जा रहा है। तहरीके तालिबान पाकिस्तान से जुड़े नए आतंकी संगठन तहरीके जिहाद पाकिस्तान ने इसकी जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तान में हुए कुछ बड़े हमले के पीछे इस आतंकी संगठन का हाथ रहा है।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार में दाखिल खारिज के 7:30 लाख मामले अटके हुए हैं
  • सीबीएसई की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से
  • शिक्षकों की लगेगी बायोमीट्रिक हाजिरी, 4602 प्लस टू स्कूलों से होगी शुरुआत
  • बच्चों के लिए अलग कैंसर संस्थान खोलेगा महावीर मंदिर ट्रस्ट

अनछपी: प्रभात खबर ने भभुआ से खबर दी है कि कैमूर के डीएम सावन कुमार ने स्थानीय सदर अस्पताल में अपनी पत्नी की डिलीवरी सर्जरी से कराकर एक उदाहरण पेश किया है। अखबार के अनुसार मंगलवार की सुबह डीएम सावन कुमार ने अपनी पत्नी बबली आनंद की भभुआ सदर अस्पताल में सर्जरी कराई। उनको पुत्र की प्राप्ति हुई है। खास बात यह है कि डीएम शुरू से ही अपनी पत्नी का सदर अस्पताल में इलाज कराते रहे हैं। मंगलवार की सुबह महिला चिकित्सक डॉक्टर किरण सिंह के नेतृत्व में डॉक्टर मधु यादव व डॉक्टर अरविंद कुमार ने डीएम की पत्नी की सर्जरी की। डीएम सावन कुमार के अनुसार उन्होंने सदर अस्पताल में इलाज व सर्जरी का निर्णय इसलिए लिया ताकि लोगों का सदर अस्पताल एवं सरकारी अस्पतालों को लेकर विश्वास बढ़े। कैमूर के डीएम के इस कदम के दो पहलू हैं। पहली बात तो यह है कि डीएम का यह निर्णय बिल्कुल सराहनीय है। कैमूर के डीएम चाहते तो आसानी से पटना या किसी बेहतर जगह पर डिलीवरी करवा सकते थे। शायद उनसे तब कोई सवाल भी नहीं करता। यहां यह बात याद दिलाई जा सकती है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक बार अपनी आंख के इलाज के लिए दिल्ली जाना पड़ा था तो यह सवाल उठा था कि क्या बिहार में ऐसी सुविधा नहीं है? यहां यह बात भी याद दिलाने की है कि कुछ ही दिनों पहले केरल के एक जिला अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की खबर आई थी जो आम सदर अस्पतालों में मुमकिन नहीं मालूम होती। बिहार के सरकारी अस्पताल और सरकारी स्कूलों का डीएम जैसे अधिकारी इस्तेमाल करना शुरू कर दें तो निश्चित रूप से इसमें सुधार की गुंजाइश है। बिहार के 38 जिलों के सदर अस्पतालों में कितने ऐसे होंगे जहां डीएम अपनी पत्नी को डिलीवरी की सर्जरी के लिए भेज सकें? कैमूर के अस्पताल में डीएम की पत्नी की डिलीवरी की खबर का दूसरा पहलू यह है कि आम आदमी के लिए क्या वही सुविधा उपलब्ध रहती है जो डीएम की पत्नी के लिए थी? पत्रकारिता की यह जिम्मेदारी भी अपनी जगह है कि उसी अस्पताल में बाकी दिनों में आम लोगों को डिलीवरी की कैसी सुविधा मिलती है इसकी भी खबर छापी जाए। अगर आम आदमी के लिए भी वही सुविधाएं उपलब्ध हैं तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है।

 

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