छ्पी-अनछपी: सबसे बड़े सेंटर पर हुई बीपीएससी की परीक्षा रद्द, खड़गे का आरोप- मोदी ने झूठ बोला

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार पब्लिक सर्विस कमिशन की सबसे बड़े परीक्षा केंद्र बापू सेंटर पर हुई परीक्षा को आखिरकार रद्द कर दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सदन में झूठ बोलने का आरोप लगाया है और उनसे माफी की मांग की है। ईडी ने गिरफ्तार चल रहे आईएएस अधिकारी संजीव हंस समेत तीन की 23.72 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। बांग्लादेश में हसीना सरकार गिरने के बाद पहले विजय दिवस पर भारत विरोधी नारे लगाए गए हैं।

यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 13 दिसंबर को पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा परिसर केंद्र पर हुई 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी है। इस केन्द्र पर आयोजित परीक्षा दोबारा ली जाएगी। परीक्षा की तारीख की घोषणा जल्द होगी। रिजल्ट का प्रकाशन एक साथ होगा। यह जानकारी सोमवार को प्रेसवार्ता में आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने दी। अध्यक्ष ने बताया कि केंद्राधीक्षक, जिला प्रशासन, आयोग की आईटी सेल की रिपोर्ट के अलावा मीडिया में आई खबरों के बाद परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया है। वहीं परीक्षा केन्द्र पर हंगामा करने वाले 25 से 30 अभ्यर्थियों को भी चिह्नित किया है। इन्हें नोटिस भेजा जाएगा। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि बिहार के शेष 911 केन्द्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से हुई।

पेपर लीक सरगना की संपत्ति जब्त होगी

बिहार में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में संलिप्त संजीव मुखिया की तमाम संपत्तिय्यां जब्त होंगी। संजीव की सभी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा एकत्र कर आय से अधिक धन अर्जित करने को लेकर कांड दर्ज किया गया है और जांच चल रही है। इस क्रम में 11.5 लाख रुपये, करीब 8 अचल संपत्तियां, दर्जनों बैंक खाते जब्त किए गए हैं। बिहार स्पेशल कोर्ट एक्ट के तहत इन संपत्तियों को अटैच (राज्यसात) करने की कार्रवाई की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनायी गयी है। साथ ही अन्य आरोपित रंजीत कुमार रजक के पांच अचल संपत्ति के कागजात, 8 बैंक खाते एवं अन्य वित्तीय निवेश आदि के कागजात जब्त किए गए हैं। उसे भी अटैच किया जा रहा है।

मोदी ने झूठ बोला: खड़गे

भास्कर के अनुसार लोकसभा के बाद राज्यसभा में सोमवार को भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान सरकार की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर सवाल उठाए। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे चर्चा में शामिल हुए तो सत्ता और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान रखे तथ्यों को गलत बताया। खड़गे ने पीएम मोदी द्वारा लोकसभा में नेहरू- गांधी परिवार और कांग्रेस पर किए दावों को झूठा बताया। खड़गे ने कहा, मोदी ने पहला झूठ बोला कि 1947 से 1952 के बीच चुनी सरकार नहीं थी, गैर कानूनी संशोधन किए गए। उन्होंने ने कहा कि मोदी नफरत में इतना बहक गए हैं कि संविधान सभा, अंतरिम सरकार और अंतरिम संसद पर सवाल उठा दिया। इन सभी में श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे।

आईएएस अधिकारी संजीव हंस की संपत्ति जब्त

जागरण के अनुसार ईडी ने लगातार छापेमारी के बाद आईएएस अधिकारी संजीव हंस और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी 23.72 करोड रुपए मूल्य की सात अचल संपत्तियों को अस्थाई रूप से जब्त कर लिया है। ईडी ने संजीव हंस के खिलाफ इस वर्ष जुलाई महीने में पहली बार मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करते हुए अपनी जांच शुरू की थी। हंस के साथी पूर्व राजद विधायक गुलाब यादव और तेरह अन्य आरोपियों के खिलाफ भी ईडी ने अपनी कार्रवाई की थी।

बांग्लादेश में भारत विरोधी नारे लगे

भास्कर के अनुसार 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश में 9 महीने चला लिबरेशन वॉर खत्म हुआ था। भारत के साथ 13 दिन चली जंग में पाकिस्तान हार गया और पूर्वी पाकिस्तान की जगह बांग्लादेश बना। इसी की याद में बांग्लादेश और भारत विजय दिवस मनाते हैं। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद सोमवार को बांग्लादेश में पहली बार विजय दिवस मना। इसके बाद यहां सत्ता में प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के अंतरिम सरकार है, इसलिए इस बार जश्न थोड़ा अलग है। सोमवार को जब बांग्लादेश में 53वां विजय दिवस मना तो ढाका की सड़कों पर खुशी से ज्यादा भारत विरोध देखा। सोमवार को विजय दिवस पर बांग्लादेश में भारतीय सैनिकों की याद में बन रहा आशुपुर का वॉर मेमोरियल सूना पड़ा था। आशुपुर में जितना सन्नाटा था उतना ही शोर ढाका के सड़कों पर सुना दिया। यहां भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ खुले आम नारे लगाए गए।

जॉर्जिया में 11 भारतीय मृत मिले

प्रभात खबर के अनुसार जॉर्जिया के पर्वतीय रिजॉर्ट गुदौरी के एक रेस्तरां में 11 भारतीय नागरिक समेत 12 लोग मृत पाए गए। यहां स्थित भारतीय मिशन ने सोमवार को यह जानकारी दी। जॉर्जिया के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शुरुआती जांच में किसी भी तरह की चोट या हिंसा के कोई संकेत नहीं मिले हैं। स्थानीय मीडिया ने पुलिस के हवाले से बताया कि सभी की मौत कार्बन मोनोऑक्साइड से हुई है। बयान के मुताबिक सभी मृतक इस भारतीय रेस्तरां ‘हवेली’ में बतौर कर्मचारी काम कर रहे थे और उनके शव दूसरी मंजिल पर स्थित सोने के कमरे में पाए गए।

कुछ और सुर्खियां

  • प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की उम्र में अमेरिका में निधन
  • बांग्लादेश में विजय दिवस पर नहीं याद किए गए शेख मुजीबुर रहमान
  • राजौरी में आतंकी हमले में गोपालगंज निवासी सेना के हवलदार की जान गई
  • चर्चित आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे का इस्तीफा मंजूर
  • श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिशानायके आज बोधगया आएंगे

अनछपी: सबसे बड़ा अस्पताल और सबसे बड़ा एग्जामिनेशन सेंटर जैसे दावों से अपनी तारीफ करवाने में लगी बिहार सरकार के लिए यह शर्मिंदगी की बात है कि उसे इन जगहों से सबसे बड़ी शिकायत भी मिलती है। बिहार सरकार अक्सर पीएमसीएच की बिल्डिंगों के बारे में यह दावा करती फिरती है कि उसने भारत का सबसे बड़ा अस्पताल बना लिया है लेकिन सच्चाई यह है कि वहीं से सबसे ज्यादा शिकायत भी मिलती है। अभी खबरों में बापू एग्जामिनेशन सेंटर है। इसके बारे में सरकार इसी तरह का दावा कर चुकी है। बीपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा बिहार की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा होती है लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस परीक्षा को उस जगह रद्द करना पड़ा है जिसके बारे में राज्य सरकार सबसे ज्यादा प्रचार करती थी। बापू परीक्षा केंद्र को दुनिया का सबसे बड़ा परीक्षा केंद्र बताया जा रहा था लेकिन जब यहां परीक्षा में अनियमितता जाहिर हुई और उसे रद्द करना पड़ा तो आज अखबारों ने इस बात की चर्चा बिल्कुल नहीं की। बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने ऐलान किया कि जो परीक्षा रद्द हुई है उसकी अगली परीक्षा बापू परीक्षा परिसर में नहीं होगी। उनका कहना है कि एक केंद्र पर ज्यादा प्रेशर ना हो इस वजह से यह फैसला लिया गया है। यह बेहद दिलचस्प बात है कि एक तरफ सरकार सबसे बड़ा परीक्षा केंद्र बनाने का क्रेडिट लेना चाहती है तो दूसरी तरफ बीपीएससी के अध्यक्ष कहते हैं कि इससे प्रेशर बढ़ जाता है। उनकी इस बात से तो यही लगता है कि दरअसल सबसे बड़ा परीक्षा केंद्र बनाना किसी काम का नहीं अगर इसे सही तरीके से चलाया नहीं जाए। एग्जामिनेशन सेंटर के अंदर के प्रेशर के अलावा बाहर भी ट्रैफिक का बहुत बड़ा दबाव बन जाता है। इसलिए सरकार को इस दावे के बाहर निकलना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि कैसा एग्जामिनेशन सेंटर परीक्षा लेने के लिए सही होगा। बीपीएससी का इम्तिहान बापू एग्जामिनेशन सेंटर का पहला बड़ा टेस्ट था और उसमें वह फेल हो गया। यहां के परीक्षार्थियों ने क्वेश्चन पेपर देर से मिलने की शिकायत की थी और इस बारे में इम्तिहान लेने वालों ने कोई संतोषजनक वजह नहीं बताई। बीपीएससी अब यह आरोप लगा रहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने अफवाह फैलाई लेकिन उसे इस बात का जवाब जरूर देना चाहिए कि आखिर क्वेश्चन पेपर देरी से देने की वजह क्या हुई और इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है। बहरहाल अभी तो यही जा सकता है कि लगभग 12 हज़ार परीक्षार्थियों के लिए बीपीएससी की अपनी कुव्यवस्था परेशानी का सब बना है और इसकी वजह से उन्हें दोबारा परीक्षा देने के मानसिक तनाव से गुजरना पड़ेगा।

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