छ्पी-अनछपी: नीतीश की इफ्तार पार्टी का बायकॉट, नकदी मामले वाले जज की होगी जांच
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आज इफ्तार पार्टी है लेकिन प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने इसके बायकॉट की अपील जारी की है। इस खबर को हिंदी अखबारों के साथ-साथ कुछ उर्दू अखबारों ने भी ब्लैक आउट किया है। दिल्ली हाई कोर्ट के जज के घर पर नकदी मिलने के मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की बनाई समिति करेगी। बिहार पुलिस ने दावा किया है कि आर और पूर्णिया में तनिष्क लूट कांड के वांटेड चुनमुन को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। पटना में एक अस्पताल डायरेक्टर की उनके चेंबर में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई है।
और, जानिएगा कि मणिपुर हिंसा के पीड़ित सुप्रीम कोर्ट के जजों से क्यों बोले कि वह नरक में जी रहे हैं।
आज के अंक की शुरुआत कल की एक ऐसी खबर से जो अखबारों में नहीं है। कल पटना में आठ प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने यह ऐलान किया के वक़्फ़ संशोधन बिल के मामले में नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के रवैया के खिलाफ उनकी इफ्तार पार्टी का बायकॉट कर रहे हैं। ध्यान रहे कि लोकसभा में जनता दल यूनाइटेड की ओर से मुंगेर के सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने इस बिल का समर्थन किया था जिसके बारे में मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह वक़्फ़ संपत्ति पर सरकार के कब्जे का बिल है। इस बारे में मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने नीतीश कुमार से मिलकर अपना विरोध जताया था लेकिन उनकी ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला और ऐसा तय माना जा रहा है कि संसद में जनता दल यूनाइटेड इस बिल का समर्थन करेगा। इन संगठनों का मानना है कि अपने 12 सांसदों की मदद से नीतीश कुमार चाहें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बिल वापस लेने पर मजबूर कर सकते हैं। इस बारे में प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने नीतीश कुमार को खुला पत्र लिखा है। पत्र लिखने वाले संगठनों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारत-ए-शरिया, जमीयत उलेमा हिंद (अरशद मदनी, महमूद मदनी), जमीयत अहले हदीस, जमात-ए-इस्लामी हिंद, खानकाह मुजीबिया और खानकाह रहमानी शामिल हैं।
नकदी मामले वाले जज की होगी जांच
भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के बंगले पर आग लगने के बाद मिली भारी नकदी के मामले में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्यक्ष ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना को रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने शनिवार रात ही इन हाउस जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी गठित कर दी। देर रात सुप्रीम कोर्ट ने 25 पन्नों की पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। इसमें दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस, दिल्ली पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट, जस्टिस यशवंत वर्मा का पक्ष और जले हुए कैश की फोटो और वीडियो शामिल है। इससे पहली बार इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने आई है। इस बारे में दो दिनों तक ऊहापोह बना रहा और नकदी मिलने और उसे अफवाह बताने की खबर भी आई।
तनिष्क लूटकांड के मुख्य आरोपी को एनकाउंटर में मारने का दवा
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार अररिया में नरपतगंज थाना क्षेत्र के थलहा नहर के पास पुलिस और अपराधियों के बीच शुक्रवार रात हुई मुठभेड़ में अररिया और पूर्णिया के तनिष्क शोरूम लूटकांड का मुख्य आरोपी चुनमुन झा मारा गया। घटना में चार एसटीएफ जवान समेत पांच पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। सभी का इलाज चल रहा है। जवानों की हालत खतरे से बाहर है। चुनमुन झा लूट सहित अन्य मामलों का वांटेड था। वह 3 लाख का इनामी था। उसके खिलाफ कई जिलों में लूट, हत्या और फिरौती के मामले दर्ज थे। पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि चुनमुन झा अपने गिरोह के बदमाशों के साथ नरपतगंज इलाके में छिपा हुआ था। इसके बाद एसटीएफ व स्थानीय पुलिस ने छापेमारी की तो नहर के पास पहुंचने के बाद अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें चुनमुन झा ढेर हो गया।
पटना में चेंबर में घुसकर अस्पताल डायरेक्टर की हत्या
जागरण के अनुसार पटना के अगमकुआं थाना क्षेत्र के कुमार स्थित धनुकी मोड़ के पास शनिवार की दोपहर अपराधियों ने एशिया अस्पताल की डायरेक्टर सुरभि राज के चेंबर में घुसकर उन्हें गोलियों से भून डाला। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। काफी देर बाद जब एक महिला स्वास्थ्य कर्मी उनके चेंबर में गई तो सुरभि को फर्श पर खून से लथपथ देखा। इसके बाद उन्हें अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया जहां से सहकर्मी सुरभि को एम्स पटना लेकर गए। वहां डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि की। एम्स में ही सुरभि का पोस्टमार्टम कराया गया। उनके शरीर से सात गोलियां निकालने की जानकारी मिली है। इस हत्याकांड में साइलेंसर पिस्तौल का उपयोग किए जाने की आशंका जताई जा रही है।
परिसीमन और 25 साल टालने की मांग
हिन्दुस्तान के अनुसार लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर चेन्नई में शनिवार को पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की एक बैठक हुई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पहल पर हुई इस बैठक में संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) ने परिसीमन पर प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में कहा गया कि वर्ष 1971 की जनगणना के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों पर रोक को 25 साल तक बढ़ाया जाए। जेएसी के प्रस्ताव में कहा गया कि लोकतंत्र को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार के परिसीमन प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से करना चाहिए, जिससे सभी राज्यों के राजनीतिक दल, राज्य सरकारें और अन्य हितधारक इसपर विचार-विमर्श, चर्चा कर सके और अपना योगदान दे सकें।
मणिपुर हिंसा के पीड़ित बोले- हम यहां नर्क में जी रहे
भास्कर के अनुसार मैतेई- कुकी समुदाय के बीच 690 दिन से चल रही हिंसा और बाद में घोषित राष्ट्रपति शासन के बीच शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस बीआर गवई के नेतृत्व में मणिपुर पहुंचा। इस दौरान उन्होंने इंफाल और चुराचांदपुर में विस्थापितों से मुलाकात की। जजों को अपनी समस्याओं का मांग पत्र देने वाले अमरजीत मैतेई ने भास्कर को बताया कि राहत कैंपों में जिंदगी नर्क जैसी है। न इलाज है, ना दवाई हैं और ना ही सरकारी मदद। इंफाल के शिविर में रह रही न संगीता ने बताया कि उनके शिविर में भी जजों का आना था पर शाम तक नहीं आए। जस्टिस गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एमएम सुंदरेश कुकी बहुल चुराचांदपुर गए लेकिन जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह नहीं आए क्योंकि वह मैतेई समुदाय से हैं। वहां के स्थानीय वकील विरोध कर रहे हैं। इस पर जस्टिस सिंह ने कहा, मुझे यकीन है जल्द वहां जाऊंगा।
कुछ और सुर्खियां:
- नैयर हसनैन खान बनाए गए आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी
- हिंदी के प्रसिद्ध कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ला को 59 वां ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलेगा
- आईपीएल के पहले मैच में कोलकाता नाइटराइडर्स ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को 7 विकेट से हराया
- आरएसएस ने कहा- बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार चिंता का विषय
अनछपी: गोदी मीडिया क्या गुल खिला सकता है और अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने की क्या-क्या कोशिश करता है, इस बात को समझने के लिए जिन घटनाओं से मदद मिलती है उसमें फिल्म एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का मामला प्रमुख है। खबर यह है कि सीबीआई ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने मुंबई की एक विशेष अदालत को अपनी रिपोर्ट दे दी है और अब अदालत को तय करना है कि वह इस क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करती है या आगे जांच के निर्देश देती है। क्लोजर रिपोर्ट में सीबीआई ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पर लगे सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों में दोषी नहीं पाया। सीबीआई का कहना है कि विभिन्न स्थानों से फॉरेंसिक जांच, तकनीकी साक्ष्य और सभी संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ करने के बाद उसे इस मामले में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। सुशांत मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में 14 जून, 2020 को फंदे से लटके हुए पाए गए थे। वह 34 साल के थे। याद करने की बात यह है कि इस पर काफी राजनीतिक हंगामा मचा था और भारतीय जनता पार्टी ने उस वक्त की महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे ताकि बिहार विधानसभा चुनाव में उसे फायदा मिले। चूंकि सुशांत सिंह राजपूत बिहार के रहने वाले थे इसलिए इसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए बिहार सरकार ने भी अपने यहां एक जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मुद्दे पर काफी हंगामा मचा था और टीवी पर भी सुशांत की आत्महत्या को हत्या बताने की पूरी कोशिश की गई थी। एम्स की रिपोर्ट में भी हत्या की बात को नकारा गया लेकिन इसके बावजूद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए सीबीआई को बिहार का केस अपने हाथ में लेने को कहा और सीबीआई ने लंबी जांच पड़ताल के बाद यह फैसला सुना दिया कि उसके पास इसे हत्या मानने का कोई आधार नहीं है। गोदी मीडिया से अब यह सवाल कौन करे कि उसने किस आधार पर एक आत्महत्या को हत्या बताने की पूरी कोशिश कर अपने राजनीतिक आत्माओं को खुश किया? इस मामले में फिल्म एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को भी विलन बताने की पूरी कोशिश की गई और उन्हें एक महीना जेल में भी बिताना पड़ा। बिहार सरकार ने भी मुंबई में हुई घटना के लिए अपने यहां एफआईआर दर्ज कर अपना राजनीतिक स्वार्थ ही देखा। राजनीतिक स्वार्थ के लिए गोदी मीडिया का ऐसा इस्तेमाल बेहद खतरनाक है लेकिन लोगों को यह बात बहुत दिनों तक याद नहीं रहती।
349 total views