छपी-अनछपी: नीतीश ने मंत्री-अधिकारी विवाद में दोनों को समझाया, शरद पवार बोले- मैं ही एनसीपी अध्यक्ष

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उनके सबसे बड़े अधिकारी केके पाठक के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री ने दोनों को समझाया है जो पहले पेज की पहली खबर है। उधर एनसीपी के संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि वहीं एनसीपी के अध्यक्ष हैं। इससे जुड़ी खबर को  प्रमुखता दी गई है। ट्विटर को टक्कर देने के लिए लांच किए गए एप्स थ्रेड्स (साथ लगी तस्वीर) की खबर भी सब जगह है

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: नीतीश ने मंत्री-अधिकारी को समझाया, विवादों का सार्वजनिक होना उचित नहीं। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर व प्रमुख सचिव केके पाठक के बीच चल रहे तनातनी की खबर के सार्वजनिक होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को दोनों को मुख्यमंत्री आवास बुलाया। उनके साथ बैठक की और समझाया कि इस तरह से कोई मसला सार्वजनिक होना उचित नहीं है। अगर कोई समस्या है तो आपस में चर्चा हो जानी चाहिए। इस मुलाकात के दौरान मौजूद रहे वित्त मंत्री विजय चौधरी ने बाद में पत्रकारों को बताया कि सब कुछ सामान्य है कोई परेशानी नहीं है।

मैं ही अध्यक्ष: शरद पवार

एनसीपी पर कब्जे को लेकर जंग तेज हो गई है। हिन्दुस्तान के अनुसार महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खुद को एनसीपी अध्यक्ष घोषित करने के बाद गुरुवार को शरद पवार ने कहा, “मैं ही एनसीपी का अध्यक्ष हूं। कोई क्या कहता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।” शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार में शपथ लेने वाले नौ विधायकों, सांसद प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है। दिल्ली में पार्टी कार्यकारणी की बैठक के बाद शरद पवार ने अपने भतीजे अजीत पवार के दावों का खारिज कर दिया। कहा कि वे ही पार्टी अध्यक्ष हैं। “अगर कोई और ऐसा दावा करता है, तो उसमें कोई सच्चाई नहीं है।” उन्होंने अजीत पवार के उनकी उम्र को लेकर की गई टिप्पणी पर कहा कि वह चाहे 82 वर्ष के हैं या 92 के, आज भी प्रभावी हैं।

43 विधायक दल-बदल के घेरे में

भास्कर की खबर है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 16 और एनसीपी के दोनों गुटों के 27 विधायक यानी कुल 43 विधायक दल-बदल विरोधी कानून के दायरे में आ गए हैं। एनसीपी नेता पीसी चाको ने कहा कि पार्टी की सभी 27 राज्य इकाइयां शरद पवार के साथ हैं। वही अजित पवार गुट ने इस मीटिंग को गैरकानूनी बताया है। इस बीच अपने इस्तीफे की अटकलों को सीएम एकनाथ शिंदे ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि अजित पवार के साथ आने से कोई दिक्कत नहीं है।

ट्विटर को थ्रेड्स से टक्कर

ट्विटर को टक्कर देने के लिए मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने माइक्रो ब्लागिंग साइट थ्रेड्स ऐप को लॉन्च किया। यह एक नया सोशल नेटवर्किंग ऐप है। थ्रेड्स ट्विटर जैसा है और कुछ फीचर इंस्टाग्राम के जोड़े गए हैं। इसे भारत समेत100 देशों में लॉन्च करते ही सात घंटे में एक करोड़ यूजर इस्तेमाल करने वाले हो गए। थ्रेड्स यह एक टेक्स्ट बेस्ड कन्वर्सेशन ऐप है। इसके जरिये यूजर कम्युनिटीज करंट और ट्रेंडिंग दोनों टॉपिक्स पर चर्चा करने के लिए एक साथ आ सकते हैं।

पीएम से मिलने की तैयारी में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर विधि आयोग को अपनी राय भेजने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अब इस पर राजनीतिक समर्थन जुटाने में जुट गया है। हिन्दुस्तान के अनुसार बोर्ड ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है। बोर्ड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने की तैयारी कर रहा है। बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. कासिम रसूल इलियास ने कहा कि बोर्ड इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक पार्टियों से मुलाकात कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का वक्त मांग रहे हैं। प्रधानमंत्री मिलने का वक्त देते हैं, तो यकीनन हम उनके सामने अपना पक्ष रखेंगे।

लालू बोले- 300 सीट जीतेंगे

भास्कर की खबर है: लालू बोले महागठबंधन अगले लोकसभा चुनाव में 300 सीटें जीतेगा। भास्कर के अनुसार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि महागठबंधन अगले लोकसभा चुनाव में 300 सीटें जीतेगा। पीएम मोदी की विदाई की तैयारी शुरू हो गई है। 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में सीटों के बंटवारे पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई की चार्जशीट उन्हें डिमोरलाइज करने के लिए भाजपा की साजिश है। उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी को मूंछ भी नहीं थी तब से हम पर केस है, वह भी केस खत्म हो रहा है। लालू प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शादी करने की सलाह से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने ने यह जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पीएम कोई भी हो बिना पत्नी के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नहीं रहना चाहिए।

स्कूलों में हाजिरी ऑनलाइन

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों और विद्यार्थियों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज होगी। इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने मोबाइल ऐप तैयार किया है। इसकी शुरुआत 16 जुलाई से पटना जिले में होगी। इस मोबाइल एप पर स्कूल, प्राचार्य, शिक्षक और विद्यार्थियों के अलग-अलग मॉडयूल बनाए गए हैं। स्कूल परिसर में रहने पर ही एप काम करेगा। इसकी जानकारी राज्य के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूल के प्राचार्यों को दे दी गयी है।

खालिस्तान पर कड़ा रुख

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: खालिस्तान को हवा देने वाले देशों को भारत ने फिर किया आगाह। भारत ने कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों और हिंसा भड़काने की घटनाओं पर कड़ा ऐतराज जताया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि देश इन कृत्यों को रोकें। साथ ही कहा, दूसरे देशों में राजनयिकों और अपने मिशन की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारतीय राजनयिकों और मिशन के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले पोस्टर अस्वीकार्य हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • मणिपुर में हिंसा जारी, स्कूल के बाहर कुकी समुदाय की महिला की हत्या
  • पेशाब कांड के पीड़ित के पैर धोए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने
  • राजस्थान में कांग्रेस 3 महीने पहले घोषित करेगी प्रत्याशी, सीएम फेस नहीं
  • दलित महादलित महिलाओं को सरकार देगी कमर्शियल वाहन चलाने की ट्रेनिंग
  • एसटी समुदाय का व्यक्ति एससी के लिए रिजर्व सीट पर चुनाव नहीं लड़ सकता: हाई कोर्ट
  • अब हर माह ₹40 से ₹150 लगेगा पानी का टैक्स
  • पंजाब से दो ट्रकों पर भूसी के नीचे लाई जा रही थी शराब, फतुहा पुलिस ने पकड़ी
  • कन्हैया कुमार बने एनएसयूआई के प्रभारी
  • जहरीली शराब से मृत 38 लोगों के आश्रितों को मिलेंगे 4-4 लाख

अनछपी: बिहार के स्कूलों में हाजरी बनाने के लिए ऐप के इस्तेमाल को दो तरह से देखा जा सकता है। इसका एक मतलब तो यह है कि शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन और अप टू डेट रहेगी। शायद रजिस्टर पर कागजी कार्रवाई से भी मुक्ति मिल जाए। इसका दूसरा पहलू यह है कि स्कूलों में हाजिरी को लेकर ईमानदारी की इतनी कमी है कि अब वहां हाज़िरी बनाने के लिए ऐप का इस्तेमाल होगा। हाजिरी की यह समस्या सिर्फ स्कूलों की नहीं बल्कि विश्वविद्यालयों के भी है और उससे आगे दूसरे विभागों जैसे अस्पताल आदि की भी है। अस्पतालों में डॉक्टरों की बायोमेट्रिक हाजिरी बनाने का काफी विरोध भी होता आया है। लेकिन स्कूलों में ऐप द्वारा हाजिरी बनाने में कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह यह है कि बहुत सारे स्कूल ऐसी जगह पर बने हुए हैं जहां इंटरनेट का नेटवर्क सही काम नहीं करता है और ऐसे में ऐप भी नहीं काम करेगा। यह जरूर है कि ऐप पर हाजिरी बनाए जाने से शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचना होगा क्योंकि वह ऐप स्कूल कैंपस में ही काम करेगा। ऐप से हाजिरी बनाने का एक फायदा यह भी होगा कि साइकिल योजना और दोपहर के भोजन के लिए छात्रों की सही संख्या भी पता चल सकेगी। लेकिन क्या यह ऐप इस बात की निगरानी रख पाएगी की हाजिरी बनाने के बाद शिक्षक और छात्र स्कूल से गायब हो जाते हैं? बिना स्कूल पहुंचे हाजिरी तो शायद नहीं बन सके लेकिन हाजिरी बनाने के बाद स्कूल से चले जाने का क्या इलाज हो सकता है? हाजिरी बनाने के लिए ऐप का इस्तेमाल एक अच्छा विचार हो सकता है लेकिन अगर स्कूलों में ईमानदारी नहीं हो तो सारे आप बेकार हो जाएंगे। इसलिए इस बात पर विचार करना जरूरी है कि आखिर ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक खुद क्यों ईमानदारी से दूर रह जाते हैं?

 

 

 

 

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