छपी-अनछपी: मोदी के तंज़ पर विपक्ष ने कहा- उन्हें ‘इंडिया’ से नफरत, लोकसभा में आज अविश्वास प्रस्ताव

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। विपक्षी दलों के नए गठबंधन के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी ने तंज़ किया तो विपक्ष ने उन्हें कहा कि वे ‘इंडिया’ (कार्टून साभार) से नफरत करने लगे हैं। इससे जुड़ी खबरें अखबारों में छाई हुई हैं। मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान ना आने के मुद्दे पर जारी गतिरोध के बीच विपक्ष ने आज लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही है। यह खबर भी पहले पेज पर है। सीओ समेत रेवेन्यू डिपार्टमेंट में हुए सभी तबादलों को रद्द करने की खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

जागरण की खबर है: विपक्ष का पलटवार, कहा- ‘इंडिया’ से नफरत करने लगे हैं पीएम मोदी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की तुलना आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से करने पर विपक्ष ने तीखा पलटवार किया है। विपक्ष ने कहा कि गठबंधन की एकजुटता से घबराकर ऐसी टिप्पणियां करके प्रधानमंत्री अपने पद की गरिमा कम कर रहे हैं। वह इंडिया नाम से नफरत करने लगे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए वार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चाहे हमें जो बुला लें, हम इंडिया हैं और मणिपुर में भारत के विचार का पुनर्निर्माण करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम जल रहे मणिपुर की बात कर रहे हैं तो प्रधानमंत्री हमारे इंडिया को ईस्ट इंडिया कंपनी कह रहे हैं। कांग्रेस पार्टी हमेशा मदर इंडिया यानी भारत माता के साथ रही है जबकि भाजपा के राजनैतिक पूर्वज अंग्रेजों के गुलाम थे।

अविश्वास प्रस्ताव आज

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव आज। हिन्दुस्तान ने लिखा है: मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव आज। मणिपुर मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर कायम है। इस बीच, इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) ने बुधवार को केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। वहीं, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जो विपक्ष जनता का विश्वास खो चुका है, वो कितने ही अविश्वास प्रस्ताव लाए, कुछ नहीं बदलने वाला।

कांग्रेस ने व्हिप जारी किया

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में इंडिया गठबंधन के घटक दलों की मंगलवार को बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा हुई। कांग्रेस ने अपने सांसदों को बुधवार को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने लोकसभा सदस्यों से कहा है कि वे सुबह साढ़े दस बजे संसद भवन स्थित संसदीय दल के कार्यालय में मौजूद रहें।

मणिपुर के मुद्दे पर नोकझोंक

राज्यसभा में मंगलवार को मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को लेकर सदन के नेता पीयूष गोयल और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच नोंकझोंक हुई। प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने मणिपुर की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि इस संबंध में करीब 50 सदस्यों ने नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य चार दिन से लगातार चर्चा की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार तैयार नहीं है। सदन के नेता गोयल ने खड़गे की बात का प्रतिकार करते हुए कहा कि किसी भी महिला के साथ अत्याचार होता है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इस विषय के साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर चर्चा चाहती है।

मोदी-योगी के आधार कार्ड का मामला

पीएम नरेंद्र मोदी व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आधार कार्ड में छेड़छाड़ करने की कोशिश में मुजफ्फरपुर से एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। हिन्दुस्तान के अनुसार गुजरात के अहमदाबाद साइबर थाने की पुलिस ने मंगलवार को कांटी के सदातपुर दूबे टोला में छापा मारकर आरोपित अर्पण दूबे को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त किया है। आधार कार्ड में जिस सॉफ्टवेयर के जरिए जन्मतिथि आदि में छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई थी, उसका एप भी अर्पण के मोबाइल में मिला है। अहमदाबाद साइबर पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर गुजरात ले गई।

सीओ और दूसरे अफ़सरों के तबादले रद्द

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: मुख्यमंत्री के आदेश पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तबादले रद्द। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से इस साल 30 जून को किए गए 489 अधिकारियों के तबादले मंगलवार को रद्द कर दिए गए। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर हुआ है। इसमें अंचल अधिकारी राजस्व अधिकारी सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी चकबंदी अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी सह कानून गो शामिल है। इनके तबादले 4 अधिसूचनाओं के माध्यम से किए गए थे। तबादला रद्द होने के बाद सभी अधिकारी अपने पुराने पदों पर लौट जाएंगे। इससे पहले पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल और रामसूरत राय के समय में भी तबादले रद्द हुए थे तब भी अनियमितताओं की चर्चा हुई थी।

सुसाइड में आरोपित पूर्व मंत्री बरी

भास्कर की खबर है: गीतिका शर्मा सुसाइड: सरकारी गवाह अमेरिका चला गया, गीतिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली इसलिए बयान अमान्य… और पूर्व मंत्री कांडा 11 साल बाद बरी। 11 साल पुराने चर्चित गीतिका शर्मा सुसाइड केस में आरोपी हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा और सह आरोपी अरुणा चड्ढा को दिल्ली की कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा अभियोजन पक्ष आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। कांडा की कंपनी की डायरेक्टर रही गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को दिल्ली में अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने गोपाल कांडा उनकी कंपनी की कर्मचारी अरुणा चड्ढा व शुरू नाम के व्यक्ति के खिलाफ दर्ज किया था चंद्र उप मुख्य गवाह बन गया था लेकिन कोर्ट में पेश होने से पहले वह अमेरिका भाग गया और वहीं बस गया।

कुछ और सुर्खियां

  • 16 महीने से खाली था राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष पद, गोपालगंज के राजद अध्यक्ष रियाज उल हक को मिली जिम्मेदारी
  • मंत्री विजय व विजेंद्र बोले- एनडीए से अलग होने पर केंद्रीय मदद में कमी, इससे बिहार को 92 हजार करोड़ का नुकसान
  • 14 घंटे ठप रही आईआरसीटी की सेवा, टिकट रिजर्वेशन कराने के लिए परेशान रहे लोग
  • इमारत ए शरिया के नायब नाजिम सोहेल नदवी का इंतकाल, नीतीश ने जताया शोक
  • चीन के विदेश मंत्री छिन कांग बर्खास्त, वांग यी को फिर से मिली जिम्मेदारी
  • पाकिस्तान गई उत्तर प्रदेश की अंजू बनी फातिमा, प्रेमी से किया निकाह
  • पटना हाई कोर्ट के असिस्टेंट के लिए पीटी में 7394 सफल, मुख्य परीक्षा 13 अगस्त को
  • सूखे से निपटने के लिए डीजल अनुदान में 100 करोड़ मंजूर
  • पटना हाईकोर्ट ने 500 पेड़ लगाने की शर्त पर कारोबारी को दी अग्रिम जमानत

अनछपी: बिहार में तबादलों का खेल भी अजीब है। तबादले वैसे तो सामान्य प्रशासनिक मामला माना जाना चाहिए लेकिन यह खेल इसलिए बन जाता है क्योंकि इस तबादले में सिर्फ विभाग की नहीं बल्कि कई लोगों की दिलचस्पी होती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह अच्छी बात नहीं मानी जाएगी कि जो तबादले पिछले महीने हुए और इससे पहले भी हुए उन्हें रद्द करना पड़ा है। सरकारी तौर पर तबादले रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया है लेकिन यह माना जा रहा है कि इन में अनियमितताओं की शिकायत आई थी इसके बाद तबादले रद्द किए गए हैं। अनियमितताओं की शिकायत क्या है इसकी चर्चा बहुत ही रोचक मालूम होती है। बिहार के समाज में आमतौर पर यह बात मानी जाती है कि तबादले के लिए घूसखोरी चलती है। लेकिन बात सिर्फ घूसखोरी पर नहीं बल्कि विधायकों, मंत्रियों और अन्य राजनीतिक शक्तियों की पसंद-नापसंद पर भी होते हैं। राजस्व विभाग में तैनाती एक ऐसा मामला है जिसे लेकर यह कहना भी अजीब लगता है कि इसमें सामाजिक समीकरण का ध्यान रखा जाता है। राजस्व विभाग के सर्किल ऑफिसर (सीओ) के पर ही ध्यान दें तो सैकड़ों ऐसी शिकायतें मिलती हैं जिनमें दाखिल खारिज और अन्य मामलों में हेराफेरी की बात रहती है। दर्जनों सीओ अनियमितताओं के मामले में निलंबित हो चुके हैं। यही वजह है कि आम आदमी को दाखिल खारिज कराने में एड़ी चोटी एक करना पड़ता है लेकिन उनका काम बिना घूसखोरी के नहीं होता है। ध्यान से देखा जाए तो विधायक और मंत्री आम लोगों की परेशानियों पर कभी उतना ध्यान नहीं देते जितना ध्यान उनका इस बात पर रहता है कि उनके क्षेत्र में कौन से अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं। इस मामले में पक्ष विपक्ष सब एक ही हम्माम में नजर आते हैं। बिहार के आम आदमी के दुर्भाग्य का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अधिकारियों की तैनाती उनकी योग्यता पर नहीं बल के मंत्रियों और विधायकों की पैरवी पर होती है। और इसमें घूसखोरी की बात को दरकिनार करना भी मुमकिन नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन तबादलों को रद्द कर दिया है तो अब कम से कम तबादले मेरिट के आधार पर हों, न कि पैरवी और घूसखोरी पर।

 

 

 883 total views

Share Now

Leave a Reply