छपी-अनछपी: कटिहार में बिजली के लिए प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में दो की मौत, लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कटिहार जिले के बारसोई प्रखंड में बिजली के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस फायरिंग में दो की मौत की खबर सभी जगह पहले पेज पर है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने की खबर भी प्रमुखता से ली गई है। भागलपुर में इंजीनियर के घर से आय से अधिक संपत्ति मिलने की खबर भी पहले पेज पर है।

भास्कर की पहली खबर है: बिजली कटौती के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने फायरिंग की 2 की जान गई। हिन्दुस्तान ने लिखा है: उग्र भीड़ पर फायरिंग, दो की मौत। अनियमित बिजली आपूर्ति और कटौती के खिलाफ बुधवार को 29 पंचायतों के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बारसोई अनुमंडल कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे थे इसी दौरान प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए। मौके पर मौजूद पुलिस ने गुस्साए लोगों को समझाने बुझाने की कोशिश की। आक्रोशित लोगों ने पुलिस की एक नहीं सुनी जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। पुलिस की कार्रवाई से प्रदर्शनकारी और आक्रोशित हो गए और पत्थरबाजी करने लगे। बेकाबू प्रदर्शनकारियों ने अनुमंडल कार्यालय परिसर स्थित बिजली विभाग के कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पहले हवाई फायरिंग की। भीड़ को खदेड़ने के दौरान पुलिस ने 5 राउंड फायरिंग की जिसमें 2 प्रदर्शनकारी और बिजली विभाग के कर्मी के भाई को गोली लगी। फायरिंग में मरने वालों में खुर्शीद आलम और सोनू कुमार शामिल हैं।

अविश्वास प्रस्ताव पेश

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन लाया अविश्वास प्रस्ताव। मणिपुर हिंसा पर संसद में जारी सियासी संग्राम बुधवार को लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तक पहुंच गया। विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से कांग्रेस ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसे स्वीकार कर लिया गया। अब अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बाद मतदान अगले हफ्ते कराए जाने के संकेत हैं। वैसे लोकसभा में आंकड़ों को देखा जाए तो मोदी सरकार के सामने बहुमत साबित करने का कोई चुनौती नहीं है पूर्ण राम विपक्ष का यह भी कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव का मकसद बहुमत परीक्षण नहीं बल्कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बोलने के लिए बाध्य करना है।

मोदी का तीसरी पारी का दावा

विपक्ष केअविश्वास प्रस्ताव पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी पारी का दावा किया। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे तीसरे कार्यकाल में दुनिया की पहली तीन अर्थव्यवस्थाओं में भारत का नाम होगा, जो मोदी की गारंटी है। 2024 के बाद देश के लोग अपने सपने आंखों के सामने पूरे होते देखेंगे। अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (आईईसीसी) का उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह बातें कहीं और आईईसीसी को भारत मंडपम नाम दिया।

मणिपुर पर बोलें पीएम: नीतीश

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: मणिपुर मामले पर संसद में जवाब दें प्रधानमंत्री, विपक्ष एकजुट: मुख्यमंत्री। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर की घटना पर चिंता प्रकट करते हुए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। कारगिल विजय के मौके पर गांधी मैदान के पास शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा कि मणिपुर में जो कुछ भी हो रहा है उस पर केंद्र सरकार को ध्यान देना चाहिए। महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया गया। विपक्ष इस मामले को लेकर एकजुट है। प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास को पहले बदलने की कोई कोशिश नहीं की गई है। आजकल इतिहास बदलने में लगे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम तक नहीं लेते लेकिन हम इन्हें इतिहास नहीं बदलने देंगे।

इंजीनियर की बेतहाशा दौलत पर छापा

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: इंजीनियर के घर मेें 98 लाख कैश मिला। भास्कर की सुर्खी है: दो करोड़ के इंजीनियर के पास 3 राज्य में 20 प्लॉट। आय से अधिक संपत्ति मामले में पुल निर्माण निगम लिमिटेड के सीनियर प्रोजेक्ट इंजीनियर श्रीकांत शर्मा के ठिकाने पर निगरानी ब्यूरो की विशेष टीम ने छापेमारी की। बुधवार की सुबह भागलपुर में हनुमान नगर मोहल्ला स्थित इंजीनियर के चार मंजिला मकान पर जांच टीम ने धावा बोला । तलाशी में नोटों से भरे दो सूटकेस मिले। गिनती करने पर 97.80 लाख नकद निकले। सवा किलो सोने के आभूषण के अलावा एक सोने की बिस्कुट और 3 किलो 230 ग्राम चांदी के गहने बरामद हुए हैं। इनका मूल्य करीब 69 लाख रुपये आंका जा रहा है। लगभग 30 स्थानों पर जमीन-जायदाद से संबंधित कागजात मिले हैं।

वक़्फ़ बोर्ड, मुसलमान और स्मृति ईरानी

जागरण की खबर है: वक्फ बोर्ड किसी समुदाय को धर्म से बाहर नहीं कर सकता: स्मृति। आंध्र प्रदेश वक़्फ़ बोर्ड द्वारा अहमदिया समुदाय को गैर मुस्लिम बताने वाला प्रस्ताव पारित करने से उपजे विवाद के बीच अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि देश को किसी भी वक़्फ़ बोर्ड के पास किसी व्यक्ति या समुदाय को धर्म से बाहर करने का अधिकार नहीं है। प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा ए हिंद ने अहमदिया समुदाय को गैर मुस्लिम बताने वाले आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड के कदम का समर्थन करते हुए मंगलवार को दावा किया कि सभी मुसलमानों का यह सर्वसम्मत रुख़ है। इस मुद्दे पर स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं केवल इतना कहना चाहती हूं कि सभी वक़्फ़ बोर्ड संसद के अधिनियम के तहत आते हैं। कोई भी वक़्फ़ बोर्ड संसद की गरिमा के विपरीत काम नहीं कर सकता और उसके द्वारा बनाए गए कानूनों का उल्लंघन नहीं कर सकता। किसी भी वक्फ़ बोर्ड को इसकी इजाजत नहीं है कि वह किसी फतवे को सरकारी आदेश में बदल दे। उन्होंने कहा कि हमने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है क्योंकि अहमदिया समुदाय ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के समक्ष अपील की है।

कुछ और सुर्खियां

  • सीबीएसई में अब दसवीं और बारहवीं में भी डायरेक्ट एडमिशन की व्यवस्था
  • बिहार के 6 आयोगों और बोर्ड का पुनर्गठन: एक पूर्व सांसद और 5 पूर्व विधायकों को मिला अध्यक्ष पद
  • बीपीएससी में जारी किया सीडीपीओ का अंतिम परीक्षा फल
  • औरंगाबाद में ट्रैक पार कर रही 2 शिक्षिकाएं मालगाड़ी से बचने के चक्कर में दूसरी ट्रेन से कटीं
  • ईडी निदेशक के एक्सटेंशन को गैरकानूनी करार दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची केंद्र सरकार
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ऐलान- सम्मान के लिए जरूरी हुआ तो एलओसी भी पार कर सकते हैं
  • मणिपुर के मोरे में आक्रोशित भीड़ ने घरों और दुकानों में लगाई आग

अनछपी: कटिहार में पुलिस फायरिंग के दौरान हुई दो मौतों के लिए पूरी तरह पुलिस प्रशासन ही जिम्मेदार माना जाएगा हालांकि उसकी यह बात सही है कि भीड़ उग्र हो गई थी और उसने बिजली कार्यालय में तोड़फोड़ की थी। कटिहार के एसपी को यह बताना चाहिए कि क्या भीड़ के उग्र होने पर वाटर कैनन जैसे उपायों का इस्तेमाल किया गया और नहीं किया गया तो ऐसा क्यों नहीं किया गया? भीड़ को तितर-बितर करने का कारगर उपाय वाटर कैनन और आंसू गैस माना जाता है। आईपीएस एकेडमी में पढ़ाई के दौरान एसपी को इन दोनों उपायों के बारे में जरूर पढ़ाया गया होगा। एसपी ही नहीं कटिहार के डीएम को भी जरूर इस बात की जानकारी और ट्रेनिंग दी गई होगी लेकिन ऐसा लगता है कि प्रशासन इस मामले में पूरी तरह लापरवाह था, उसका गुप्तचर तंत्र बिल्कुल नाकाम रहा और उसने धैर्य से काम नहीं लिया। एसपी ने इस कांड के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है लेकिन क्या इसके लिए सिर्फ उग्र भीड़ ही जिम्मेदार थी और जिन 2 लोगों की मौत हुई है उसके लिए पुलिस प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती? सरकार को चाहिए कि इस घटना से जिला प्रशासन के अफसरों को अलग रखकर इसकी जांच कराएं और पीड़ित लोगों को मुआवजा भी दे। भीड़ में शामिल जिन असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ की है तो उन पर भी सख्त कार्रवाई हो लेकिन बेकसूर लोगों पर लाठीचार्ज करना और उन पर इस तरह फायरिंग करना कि उनकी मौत हो जाए यह पुलिस की अयोग्यता और अक्षमता को दर्शाता है। इसलिए जरूरी है कि वहां से संबंधित अधिकारियों का तबादला किया जाए और उन पर विभागीय कार्रवाई भी की जाए। इसका भी पता लगाया जाए कि बिहार में जब बिजली सप्लाई को इतना सुधरा हुआ बताया जा रहा है तो उस इलाके में बिजली सप्लाई के लिए लोगों का गुस्सा क्यों भड़का। कुल मिलाकर यह बेहद दुखद दुर्घटना है जिससे आसानी से बचा जा सकता था।

 

 

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