छ्पी-अनछ्पी: राहुल की यात्रा बिहार के सात ज़िलों से गुज़रेगी, बांग्लादेश में चुनाव से पहले विपक्ष क़ैद

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान बिहार के सात जिलों से गुजरेंगे। उधर बांग्लादेश में चुनाव से ठीक पहले पूरा पक्ष क़ैद हो चुका है। वहां 7 जनवरी को वोटिंग है। आज के लिए यह दो महत्वपूर्ण खबरें हैं। इसके अलावा इंडिया गठबंधन में गहमागहमी तेज होने की खबर को भी प्रमुखता दी गई है।

हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस ने राहुल गांधी की यात्रा का नाम बदलकर भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर दिया है। राहुल की यह यात्रा मणिपुर की राजधानी इंफाल से 14 जनवरी को शुरू होगी और बिहार समेत 15 राज्यों से गुजरेगी। बिहार में चार दिनों के दौरान यह यात्रा 7 जिलों में 425 किमी की दूरी तय करेगी। राहुल की यात्रा सासाराम, कैमूर, औरंगाबाद, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज से गुजरेगी। बिहार में यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पिछली बार जब भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई थी, तब बिहार में राहुल गांधी की यात्रा नहीं हुई थी। सांकेतिक यात्रा के तौर पर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने 5 जनवरी 2023 से 12 जिलों में यात्रा की थी।

बांग्लादेश में बिना विपक्ष चुनाव

भास्कर की खबर है: विपक्ष कैद, हसीना समर्थक ही आपस में लड़ रहे; जीते कोई भी, सत्ता इन्हीं की। सियासत के उन्मादी माहौल के लिए बदनाम बांग्लादेश के चुनाव में हिंसा की चर्चा बेशक कम है लेकिन लोकतंत्र खामोश है। या यूं कहे कि खामोश कर दिया गया है। वजह कई हैं। लेकिन पहले बात करते हैं सरकारी दमन की। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और सहयोगी दलों के 28 हज़ार नेता व कार्यकर्ता तीन महीने में जेलों में ठूंस दिए गए हैं। बीएनपी समेत 14 पार्टियों ने यह कहते हुए चुनाव का बहिष्कार कर रखा है कि पहले केयरटेकर सरकार बने। ठीक वैसे ही जैसे 1996 में शेख हसीना केयरटेकर सरकार न बनने पर चुनाव से हट गई थीं, हालांकि इस बार पीएम शेख हसीना ऐसा नहीं चाहतीं।

इंडिया गठबंधन की गहमागहमी

प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: ‘इंडिया’ खेमे में गहमागहमी तेज। इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की बैठक की गहमागहमी के साथ ही बिहार में गुरुवार को राजनीतिक तापमान गर्म रहा। सूत्रों के अनुसार इंडिया के प्रमुख घटक शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने बिहार में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद व अन्य वरिष्ठ नेताओं से गठबंधन के संयोजक पद व अन्य मुद्दों को लेकर विमर्श किया। माना जा रहा है कि उन्होंने संयोजक पद के लिए नीतीश कुमार के नाम पर सहमति भी दी। दूसरी ओर कांग्रेस की सीट शेयरिंग कमेटी ने बिहार समेत दूसरे राज्यों में सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे संबंधी रिपोर्ट राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष को सौंप दी। इधर पटना में गुरुवार दोपहर बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गया दौरे से लौट के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की।

नीतीश को संयोजक बनाने की चर्चा

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: नीतीश को ‘इंडिया’ संयोजक बनने की चर्चा। लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी एकता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। नीतीश कुमार को आईएनडीआईए का संयोजक बनाए जाने का मसला भी तूल पकड़ रहा है। ऐसी ही चर्चा और उठते सवालों के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। बुधवार को लालू प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत आईएनडीआईए के कई नेताओं से फोन पर बात की। राजद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लालू प्रसाद ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की। लालू की इन नेताओं से लोकसभा के सीटों के बंटवारे को लेकर लंबी बात हुई है। चर्चा यह भी है कि लालू प्रसाद ने फोन पर नीतीश कुमार को आईएनडीआईए का संयोजक बनाने को लेकर अपनी बात रखी है।

ईडी और केजरीवाल

दिल्ली के कथित आबकारी घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका के बीच ईडी उन्हें चौथा समन भेजने की तैयारी कर रही है। गुरुवार को दिनभर केजरीवाल के घर छापे और उनकी गिरफ्तारी की अटकलों के बीच सियासी सरगर्मी बढ़ी रही। आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री बुधवार रात से ही दावा कर रहे थे कि केजरीवाल की गिरफ्तारी हो सकती है। सुबह से ही केजरीवाल के सरकारी आवास के बाहर बैरिकेड लगाकर बाहरी लोगों का प्रवेश रोक दिया गया। इस बीच केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में कोई शराब घोटाला नहीं हुआ।

कोटक महिंद्रा बैंक धांधली

हिन्दुस्तान के अनुसार ईडी ने कोटक महिंद्रा बैंक में सरकारी बैंक खातों से फर्जी निकासी के मामले में पटना के तीन स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान पटना के एग्जीबिशन रोड स्थित इस बैंक की शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुमीत कुमार के भाई सौरभ कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार को इन्हें 12 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

खून के दाम पर कंट्रोल

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: अब खून का अनाप-शनाप दाम नहीं। जरूरतमंदों को अब खून के लिए अनाप-शनाप दम नहीं देने पड़ेंगे। अस्पताल और ब्लड बैंक अब रक्त के लिए केवल प्रोसेसिंग फीस ले सकेंगे। भारतीय औषधि महानियंत्रक ने इसे छोड़कर अन्य सभी तरह के शुल्क वसूलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अस्पतालों और प्राइवेट ब्लड बैंकों में रक्त के बदले मोटी रकम वसूलने के मामले को देखते हुए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। इस संबंध में देश भर में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि खून बेचने के लिए नहीं होता है। दिशा निर्देश में कहा गया है की प्रोसेसिंग शुल्क ढाई सौ से 1550 रुपए तक हो सकता है। संपूर्ण रक्त या पैक्ड रेड ब्लड सेल्स का वितरण करते समय 1550 रुपए का अधिकतम शुल्क लगाया जा सकता है। प्लाज्मा और प्लेटलेट के लिए शुल्क प्रति यूनिट ₹400 तक होगा। सूत्रों के अनुसार रक्तदान न करने की स्थिति में निजी अस्पतालों या ब्लड बैंक के द्वारा प्रति यूनिट रक्त की कीमत ₹3000 से ₹8000 के बीच वसूली जाती है।

यूनिवर्सिटी में करोड़ों रहते परेशानी

भास्कर की खबर है: विश्वविद्यालय-कॉलेजों के खातों में पड़े रहे दो हज़ार करोड़, टूटी बेंच-डेस्क पर पढ़ते रहे विद्यार्थी। ऑडिटिंग में यह बात पता चली है कि विश्वविद्यालय और कॉलेज के खातों में 2000 करोड़ रुपए पड़े रहे और विद्यार्थी टूटी बेंच-डेस्क और जीर्ण शीर्ण हॉस्टल को झेलते रहे। विद्यार्थियों की दूसरी बुनियादी ज़रूरतें भी पूरी नहीं हुईं। एक विश्वविद्यालय में तो 476 निष्क्रिय खाते मिले और इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं थी। इसके मद्देनजर कुलपतियों से कहा गया है कि अब विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में सिर्फ दो बैंक खाते होंगे। एक से वेतन- पेंशन मिलेगा और दूसरा कॉरपस फंड का होगा।

कुछ और सुर्खियां

  • टेस्ट क्रिकेट के सबसे छोटे मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 7 विकेट से हराया
  • दरभंगा एम्स के निर्माण का रास्ता साफ, राज्य के प्रस्ताव पर केंद्र की मुहर
  • उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगे
  • आंध्र प्रदेश की सीएम वाईएस जगन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला कांग्रेस में शामिल
  • बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में 1 फरवरी को सुनवाई

अनछपी: बांग्लादेश में दो दिन के बाद संसदीय चुनाव होने वाले हैं लेकिन कहा यह जा रहा है कि यह ऐसी चुनाव बिसात है जिसमें दोनों तरफ के मोहरे उनके ही हैं। विपक्षी दलों की मांग है कि चुनाव केयरटेकर सरकार के तहत कराया जाए लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना इसके लिए तैयार नहीं है। शायद इसीलिए इस चुनाव को वन वुमन शो भी कहा जा रहा है। बांग्लादेश की संसद में 300 सीटें हैं और प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ताधारी अवामी लीग 298 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उसके ही 185 नेता बतौर आजाद उम्मीदवार भी मैदान में हैं। बताया गया है कि करीब 220 सीटों पर पहले, दूसरे और तीसरे नंबर का कैंडिडेट हसीना समर्थक ही हैं। ऐसे में लोग मानने लगे हैं कि जीते कोई भी सत्ता का कंट्रोल शेख हसीना के पास ही रहेगा। दूसरी और प्रमुख विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी इस चुनाव का बहिष्कार कर रही है क्योंकि उसका कहना है कि चुनाव से ठीक पहले करीब 28000 विपक्षी नेताओं को शेख हसीना सरकार ने जेल में डाल रखा है। वास्तविकता यह है कि पिछले कई चुनावों से शेख हसीना इकतरफ़ा जीत हासिल कर रही हैं और उन्होंने पूरे विपक्ष को कुचल कर रख दिया है। ताज्जुब लगता है कि बांग्लादेश में चुनाव आयोग और वहां की अदालतें इस स्थिति को क्यों नहीं संभाल पा रही हैं। बांग्लादेश का चुनाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक मजाक बनकर रह गया है। अमेरिका की ओर से इस स्थिति पर लगातार आपत्ति जाहिर की जा रही है लेकिन चीन और रूस पूरी तरह शेख हसीना के साथ नजर आते हैं। अमेरिका ने यहां तक धमकी दी है कि अगर इसी तरह चुनाव हुए तो वह बांग्लादेश के नागरिकों को वीजा नहीं देगा। लोकतांत्रिक ढांचे को इस तरह कुचले जाने के बावजूद भारत सरकार ने अब तक इस पर कोई विशेष टिप्पणी नहीं की है। ऐसा माना जाता है कि भारत शेख हसीना के प्रति सहानुभूति रखता है लेकिन क्या यह बांग्लादेश के नागरिकों के साथ इंसाफ होगा कि वहां इस तरह लगातार इकतरफा चुनाव होते रहें जिसका कोई मतलब नहीं है। इस चुनावी धांधली के बाद शेख हसीना एक बार फिर से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बन जाएंगी लेकिन इससे बांग्लादेश में लोकतंत्र की हत्या में कोई शक बाकी नहीं रह जाएगा।

 

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