छ्पी-अनछ्पी: बीजेपी-जेडीयू के लोकसभा उम्मीदवारों में 7 नए, गया के धनंजय जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड ने लोकसभा के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष पद पर गया के धनंजय कुमार जीते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिरासत से अपना पहला आदेश जारी किया है। असम के मुख्यमंत्री ने बांग्ला बोलने वाले लोगों को स्वदेशी मानने के लिए अजीबोगरीब शर्त लगाई है। आज के अखबारों की ये अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान की पहली खबर है: भाजपा जदयू के प्रत्याशी घोषित, 7 नए चेहरे। जागरण ने लिखा है: रवि शंकर, राम कृपाल को फिर मौका, चौबे-छेदी बेटिकट। प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: भाजपा में 13 तो जदयू में  12 पुराने चेहरे। भास्कर की सुर्खी है: भाजपा: सर्वे में पिछड़े तीन सांसद बेटिकट, जदयू: अपने चार सांसदों का टिकट काटा। भाजपा ने होली से 1 दिन पहले लोकसभा चुनाव के लिए पांचवी सूची जारी की।  इसमें 17 राज्यों की 111 सीटों से प्रत्याशियों का ऐलान किया गया है। बिहार में भाजपा के तीन वर्तमान सांसदों का टिकट काटकर उनकी जगह पर प्रदेश भाजपा के तीन पदाधिकारियों को टिकट दिया गया है। भाजपा में जिन चार लोगों का टिकट कटा है उसमें बक्सर से अश्विनी कुमार चौबे, मुजफ्फरपुर से अजय कुमार निषाद, सासाराम से छेदी पासवान और शिवहर से रमा देवी शामिल हैं। हालांकि इसमें रमा देवी का टिकट इसलिए काटा नहीं माना जा सकता है क्योंकि गठबंधन के तहत यह सीट जदयू प्रत्याशी लवली आनंद को दी गई है। बाकी तीन उम्मीदवारों के टिकट कटने के पीछे सर्वे को कारण बताया गया है।

जदयू में किनका टिकट कटा

जदयू में जिन चार लोगों का टिकट कटा है उसमें दो के टिकट काटने की वजह यह है कि गठबंधन के तहत सीट दूसरी पार्टी को मिल गई। गया सीट से विजय कुमार मांझी जदयू के सांसद थे। यह सीट जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को मिल गई। काराकाट से महाबली सिंह जदयू के सांसद थे। यह सीट उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा को दी गई है। इसलिए महाबली का टिकट कटा। सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू जदयू के सांसद थे। पार्टी उनके खिलाफ थी और इस सीट पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को जदयू का टिकट दिया गया है। सीवान से कविता सिंह जदयू की सांसद थीं। उनकी लोकप्रियता घटने के कारण उनकी जगह जदयू ने विजयलक्ष्मी देवी को टिकट दिया है। विजयलक्ष्मी देवी रमेश कुशवाहा की पत्नी हैं जो हाल तक राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे।

बीजेपी की पांचवीं लिस्ट की खास बातें

  • 37 सांसदों के टिकट कटे, मेनका गांधी को सुल्तानपुर से फिर मैदान में उतारा गया
  • पीलीभीत से तीन बार के सांसद और मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी का टिकट कटा
  • फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौट को हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से टिकट मिला
  • रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को मेरठ से टिकट

जेएनयू में लेफ्ट का जलवा

जागरण की खबर है: गया के धनंजय जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष बने। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी जेएनयू में 4 वर्ष बाद हुए छात्र संघ चुनाव में एक बार फिर लाल झंडा फहराया है। लिफ्ट के संयुक्त गठबंधन ने अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव और संयुक्त सचिव की चारों सीटों पर कब्जा जमा लिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी सारी कोशिशें के बावजूद एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी। अध्यक्ष पद पर गया के गुरारू निवासी धनंजय कुमार ने जीत हासिल की। धनंजय दलित वर्ग से आते हैं। उपाध्यक्ष पद पर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अविजीत घोष, सचिव पद पर  बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन की प्रियांशी आर्य ने और संयुक्त सचिव पद पर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के मोहम्मद साजिद ने जीत हासिल की।

हिरासत से चलेगी दिल्ली सरकार

हिन्दुस्तान की खबर है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में रहते हुए पहला आदेश जारी किया है। उन्होंने जल मंत्री आतिशी को निर्देश दिए कि लोगों को हो रही पानी-सीवर की समस्या को तत्काल दूर कराया जाए। इसके लिए वह मुख्य सचिव और अन्य विभागीय अधिकारियों को निर्देश दें। इस मामले पर ईडी ने संज्ञान लिया है। जल मंत्री आतिशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री के आदेश की जानकारी दी।

असम के मुख्यमंत्री का अजीब ऐलान

जागरण में खबर है: बांग्ला भाषी मुस्लिम बाल विवाह व बहु विवाह बंद करें तभी स्वदेशी माने जाएंगे: सरमा। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बांग्ला भाषी मुसलमानों को बाल विवाह और बहुविवाह जैसी प्रथाओं को छोड़ना होगा तभी वह राज्य के मूल निवासी ‘खिलौंजिया’ माने जाएंगे। इससे पहले उन्होंने राज्य के बांग्ला भाषा मुस्लिम समुदाय को सामाजिक कुरीतियों के लिए जिम्मेदार बताया था। सरमा ने कहा कि मियां (बांग्ला भाषी मुसलमान) मूल निवासी हैं या नहीं यह अलग मामला है। “हम यह कह रहे हैं कि अगर वह मूल निवासी बनना चाहते हैं तो हमें कोई समस्या नहीं है लेकिन इसके लिए उन्हें बाल विवाह और बहु विवाह को छोड़कर महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना होगा।”

कुछ और सुर्खियां

  • वायु सेवा के पूर्व प्रमुख राकेश कुमार सिंह भदोरिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल
  • बहुजन समाज पार्टी ने 25 सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित किए, सात मुस्लिम चेहरे
  • बिहार में एक बूथ पर औसतन 987 मतदाता
  • उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा का चुनाव चिन्ह गैस सिलेंडर
  • दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की कार चोरी
  • लखनऊ में आईपीएल पर सट्टा लगाते बिहार के तीन लोग समेत 13 पकड़े गए

अनछपी: भारतीय जनता पार्टी ने जिन 17 उम्मीदवारों को लोकसभा का टिकट दिया है उनमें कम से कम चार लोग ऐसे हैं जिनके पिता भी भारतीय जनता पार्टी में रहे हैं। चर्चित डॉक्टर, पूर्व सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर को नवादा से भारतीय जनता पार्टी का लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया है। मधुबनी से भाजपा उम्मीदवार अशोक कुमार यादव पूर्व भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र हैं। पश्चिम चंपारण से भाजपा के उम्मीदवार संजय जायसवाल पूर्व भाजपा सांसद मदन जयसवाल के पुत्र हैं। सासाराम से शिवेश राम को भाजपा का टिकट दिया गया है। उनके पिता भी अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में मंत्री थे। यह तो रही भारतीय जनता पार्टी की बात। एनडीए में शामिल चिराग पासवान के पिता दिवंगत रामविलास पासवान को कौन नहीं जानता। चिराग पासवान के चाचा और चचेरे भाई भी सांसद रह चुके हैं। यह सब बताने का मकसद यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बिहार आकर परिवारवाद पर जितना लंबा चौड़ा भाषण दिया था वह निरर्थक है। बात सिर्फ बिहार की नहीं बल्कि बिहार के बाहर भी भारतीय जनता पार्टी में परिवारवाद आसानी से देखा जा सकता है लेकिन हैरत की बात यह है कि इसके बावजूद भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवारवाद पर नैतिक बातें करते हैं। उम्मीद थी कि आज की अखबारों में उम्मीदवारों के परिवार के बारे में भी चर्चा होगी लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला। मीडिया में ऐसा माहौल बनाया जाता है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ही परिवारवाद की राजनीति की उपज हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि भारतीय जनता पार्टी में भी परिवारवाद कम नहीं है हालांकि इसकी चर्चा नहीं होती। परिवारवाद पर भाजपा की कथनी और करनी मैं इस फर्क को जनता के बीच ले जाने का काम विपक्षी दलों का है। मीडिया की भी जिम्मेदारी है कि वह निरपेक्ष भाव से परिवारवाद की हर खबर को उजागर करे, ना कि इस मामले में सिलेक्टिव होकर किसी खास नेता के बारे में ऐसा माहौल बनाए कि परिवारवाद बस वही है।

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