छपी-अनछपी: जातीय गिनती पर केंद्र ऊहापोह में, चारा घोटाले में भाजपा के पूर्व विधायक को सजा
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का रवैया ऊहापोह का शिकार नजर आता है। इससे जुड़ी खबर पहले पेज पर ली गई है। चारा घोटाला के 27 साल पुराने मामले में पूर्व भाजपा विधायक को सजा मिलने की खबर भी प्रमुख है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन का संयोजक बनने में अनिच्छा जताई है। इसकी भी अच्छी कवरेज है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: संघ सूची में शामिल है जनगणना: केंद्र। भास्कर की लीड है: जातीय सर्वे का रास्ता साफ। केंद्र सरकार ने बिहार में जातीय गणना पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सोमवार को हलफनामा दायर किया है। इसमें कहा गया है कि जनगणना सातवीं अनुसूची के तहत संघ सूची में शामिल है। शीर्ष कोर्ट के समक्ष केंद्र ने बिहार सरकार को जाति आधारित गणना करने को हरी झंडी देने वाले पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पक्ष रखा। सरकार की ओर से सुबह दाखिल हलफनामे को शाम को संशोधित कर दायर किया गया। इसमें पिछले हलफनामे के पैरा 5 आ को हटाने का जिक्र किया गया है। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 21 अगस्त को शीर्ष कोर्ट के समक्ष कहा था कि बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए जातिगत सर्वेक्षण का असर होगा।
दो हलफनामे
इस मामले में भास्कर की रिपोर्ट है कि केंद्र ने सुबह कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि राज्यों को जनगणना या उससे मिलते जुलते कवायद का अधिकार नहीं है लेकिन देर शाम संशोधित शपथ पत्र में कहा कि यह अनजाने में दर्ज हुआ है। नए हलफनामे से स्पष्ट हो गया है कि राज्य जातीय सर्वे या उससे जुड़े आंकड़े जुटा सकते हैं। केंद्र द्वारा वैधानिक स्थिति साफ करने के बाद मामले से जुड़ी लगभग सभी अड़चनें लगभग खत्म हो गई है।
चारा घोटाले में सज़ा
हिन्दुस्तान के अनुसार बहुचर्चित चारा घोटाले के अंतिम और आरोपियों की संख्या में सबसे बड़े मामले में सीबीआई कोर्ट ने रांची के पूर्व भाजपा विधायक गुलशन लाल आजमानी समेत 53 दोषियों को दो से तीन साल तक की सजा सुनाई। इनपर 13 सौ से लेकर 4.20 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव ने सोमवार को यह फैसला सुनाया। यह फैसला केस दर्ज होने के करीब 27 साल बाद आया है। जिन 53 अभियुक्तों को तीन साल की सजा सुनाई गई है, उन सभी को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए जमानत की सुविधा दी गई है।
ईडी का अफसर घूसखोरी में गिरफ्तार
सीबीआई ने पांच करोड़ के कथित भुगतान के संबंध में ईडी के सहायक निदेशक पवन खत्री को गिरफ्तार किया है। शराब कारोबारी अमनदीप ढल से पांच करोड़ रिश्वत लेने के आरोप में यह गिरफ्तारी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों के साथ सीबीआई ने एअर इंडिया के सहायक महाप्रबंधक दीपक सांगवान, क्लेरिजेस होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के सीईओ विक्रमादित्य, चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण कुमार वत्स और ईडी में एक यूडीसी नितेश कोहर और बीरेंद्र पाल सिंह को भी गिरफ्तार किया।
नीतीश की इच्छा नहीं
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: संयोजक बनने से नीतीश ने किया इंकार, कहा- मेरी कोई इच्छा नहीं। हिन्दुस्तान की सुर्खी है: मैं संयोजक नहीं बनना चाहता, विपक्ष को एकजुट करना मेरा लक्ष्य: नीतीश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में दो टूक कहा कि मैं संयोजक नहीं बनूंगा। ‘इंडिया’ का संयोजक कोई और बनेगा। मेरी कोई इच्छा नहीं है। मैं यही चाहता हूं कि विपक्ष एकजुट हो। वही प्रयास कर रहा हूं। मेरी कोशिश है कि ‘इंडिया’ गठबंधन की मुम्बई में होने वाली बैठक में और दल शामिल हों। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान के कुछ देर बाद जदयू के विशेष सलाहकार व मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के फाउंडर हैं। वे किसी भी बड़े पद के योग्य हैं। लेकिन हमारे लिए विपक्षी एकता बड़ी है, पद छोटे हैं।
बाढ़ का खतरा
नेपाल में लगातार हो रही बारिश से उत्तर बिहार की नदियों में उफान थम नहीं रहा। हालात, यह है कि बीते 48 घंटे में कई नदियां लाल निशान को पार कर गयी हैं। सोमवार तक प्रदेश की 15 नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया,जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंडक नदी गोपालगंज में, कोसी खगड़िया, सुपौल व सहरसा में, बागमती सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में, कमला बलान मधुबनी व दरभंगा में, ललबकिया पूर्वी चंपारण में, महानंदा पूर्णिया व कटिहार में, घाघरा सीवान में, घोघा नदी भागलपुर में, अधवारा दरभंगा में, लखनदेई मुजफ्फरपुर में, परमान पूर्णिया में गंडकी व माही सारण में और वाया वैशाली में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
कुछ और सुर्खियां
- बिहार के स्कूलों में रक्षाबंधन की छुट्टी 31 अगस्त को
- कोटा में खुदकुशी रोकने के लिए संडे टेस्ट नहीं होंगे, बुधवार फन डे, स्टूडेंट थाना भी
- नए नक्शे में चीन ने अरुणाचल प्रदेश को दिखाया अपना हिस्सा
- नूह से नहीं निकली यात्रा, प्रमुख लोगों ने किया जलाभिषेक
- अंबानी की अगली पीढ़ी बोर्ड में शामिल, मुकेश बोले- 5 साल ही रहेंगे चेयरमैन
- ट्रिब्यूनल ने रेरा की नियुक्तियों को अवैध बताया, अध्यक्ष बोले- ऐक्ट देखा, रूल नहीं
- मानहानि मामले में तेजस्वी यादव को अहमदाबाद की अदालत का समन
अनछपी: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट या ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर की गिरफ्तारी की खबर को जितनी तवज्जो मिलनी चाहिए शायद नहीं मिल पाई है। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह दिल्ली शराब या आबकारी घोटाले से जुड़ा है जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी तलवार लटक रही है। यह मामला इतना गंभीर है कि इससे दिल्ली सरकार का पतन भी हो सकता है। कहा जा रहा है कि एक आरोपित को बचाने के लिए ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर ने 5 करोड़ घूस की मांग की थी। यह अच्छी बात है कि सीबीआई ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी के इस अफसर को गिरफ्तार किया है लेकिन इसके साथ ही ईडी की गतिविधियों पर भी गंभीर सवाल खड़े हो सकते हैं। यह पूछा जा सकता है कि क्या ईडी का यही एक अधिकारी घूस की मांग कर रहा था या अन्य अधिकारियों पर भी ऐसे आरोप लगे हैं। ध्यान रहे कि विपक्ष की पार्टियां अक्सर सरकार पर आरोप लगाती हैं कि केंद्रीय एजेंसियों को उन्हें तंग करने के लिए लगाया गया है जिनमें ईडी का नाम भी प्रमुख है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, उनके पिता लालू प्रसाद और परिवार के अन्य सदस्य भी ईडी के चक्कर में फंसे हुए हैं। दूसरे राज्यों के भी प्रमुख नेता ईडी से जांच का झमेला झेल रहे हैं। ईडी के अलावा इनकम टैक्स अधिकारियों पर भी घूसखोरी का आरोप लगा है और सीबीआई ने कई बार गिरफ्तारी भी की है। अभी ईडी के जिस अफसर की गिरफ्तारी हुई है वह चूंकि बहुत ही महत्वपूर्ण मामले से जुड़ा हुआ है, इसलिए हो सकता है कि विपक्ष इसे मुद्दा बनाए और सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस मामले को मुद्दा बनाने की कोशिश करेंगे और अपने सरकार बचाने के लिए इस तर्क के तौर पर पेश कर सकते हैं।
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