छपी-अनछपी: तीन साल में गैस ₹613 महंगा कर ₹200 दाम घटाया, इसी साल होंगे लोकसभा चुनाव?

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रसोई गैस सिलेंडर का दाम ₹200 सस्ता होने की खबर अखबारों में छाई हुई है हालांकि यह बात भी अपनी जगह सही है कि 3 साल पहले इसकी कीमत 588 थी जो अब 1201 रुपए हो गई थी। नए ऐलान के बाद ₹1001 में मिलेगी। क्या लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही हो जाएंगे? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसा ही लगता है। इसके बारे में उनके बयान को प्रमुखता से छापा गया है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: रसोई गैस 200 रु. सस्ता; 3 साल में 588 से 1201 रुपए का हुआ था। जागरण की सबसे मोटी सुर्खी भी यही है: घरेलू गैस सिलेंडर 200 रुपये सस्ता, उज्ज्वला लाभार्थी को ₹400 राहत। भास्कर लिखता है राजस्थान ल, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम ₹200 घटा दिए हैं। 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर बुधवार से 1001 रुपए और उज्ज्वला योजना के तहत 703 रुपए में मिलेगा। दरअसल मई 2020 के बाद एलपीजी के दाम तेजी से बढ़ते हुए 588 रुपए से 1201 रुपये हो चुके थे। अब 200 रुपये की राहत सब्सिडी के रूप में मिली है जो सरकार तेल कंपनियों को देगी।

चुनाव इसी साल?

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: देश में कभी भी हो सकता है आम चुनाव: नीतीश। जागरण ने लिखा है: समय से पहले हो सकते हैं लोकसभा चुनाव, सभी लोग एकजुट हो जाएं: नीतीश। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में कभी भी आम चुनाव हो सकता है। लिहाजा, विपक्ष का जल्द एकजुट होना जरूरी है। मुख्यमंत्री मंगलवार को नालंदा में प्राचीन नालंदा महाविहार के पास नालंदा खुला विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि समय पर ही चुनाव हो, केंद्र में जो बैठे हैं, वह कभी भी चुनाव करा सकते हैं। हम तो सात-आठ महीने पहले से कह रहे हैं कि चुनाव कभी भी हो सकता है, इसीलिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट हो जाना चाहिए। हम उसी काम में लगे हुए हैं।

सांप्रदायिक तनाव रोकने को सोशल मीडिया पर नज़र

आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) सोशल मीडिया से उन्माद फैलाने वालों पर सख्त नजर रख रही है। इनसे जुड़े अपराध में शामिल होने वालों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं, आईटी एक्ट एवं अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार को ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों फेसबुक, ट्विटर, यू-ट्यूब आदि पर चलने वाले आपत्तिजनक, विवादित एवं संवेदनशील सामग्रियों की विभिन्न स्तरों पर लगातार निगरानी हो रही है। साइबर ट्रेंड के आधार पर संवेदनशील सामग्री की पहचान कर संबंधित जिलों के एसपी को सूचित किया जाता है, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। उन्होंने बताया कि बगहा में सोशल मीडिया के जरिये सांप्रदायिक तनाव फैलाने के मामले में इओयू ने तीन केस की जांच संभाल ली है।

मणिपुर में कूकी विधायक सदन नहीं आए

मणिपुर में हिंसा के माहौल के बीच विधानसभा का एकदिवसीय सत्र मंगलवार को कुछ देर ही चल सका। कांग्रेस विधायकों के हंगामे की वजह से सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। विधानसभा में कुकी समुदाय के सभी दस विधायक गैरहाजिर रहे। तीन मई को प्रदेश में भड़की हिंसा के बाद यह पहला मौका था जब विधानसभा कुछ देर चली। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने पर राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा में मारे गए लोगों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया। इस बीच वहां जारी हिंसा में दो लोगों की मौत और फायरिंग में 7 लोगों के घायल होने की भी सूचना है।

इमरान खान को राहत लेकिन रिहाई नहीं

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी। उन्हें तोशाखाना मामले में मिली तीन साल की सजा पर रोक लगाते हुए रिहाई का आदेश दिया। इससे पहले इमरान जेल से बाहर आते, उन्हें गोपनीय राजनयिक दस्तावेज लीक होने के एक मामले में हिरासत में ले लिया गया। वह जेल में ही रहेंगे, उन्हें इस मामले में बुधवार को अदालत में पेश किया जा सकता है।

जम्मू कश्मीर में चुनाव कब?

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब कराए जाएंगे। अनुच्छेद-370 पर 12वें दिन सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र से यह भी बताने को कहा कि जम्मू-कश्मीर को कब तक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह 31 अगस्त को होने वाली सुनवाई के दौरान बयान देंगे।

 कुछ और सुर्खियां

  • अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया
  • 17 अक्टूबर से मतदाता सूची में जोड़े- हटाए जाएंगे नाम
  • मधेपुरा में ऑटो रिक्शा व स्कॉर्पियो में टक्कर चार लोगों की मौत
  • राष्ट्रपति जो बाइडन जिस होटल में ठहरेंगे उसके 400 कमरे अमेरिकन सीक्रेट सर्विस ने बुक किये
  • जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ व उनके बेटे को ईडी का नोटिस
  • इस्लामाबाद में भारतीय उच्च आयोग की पहली महिला प्रभारी होगी गीतिका श्रीवास्तव
  • इस साल मैट्रिक इंटर परीक्षार्थियों को उपस्थिति में 15% छूट मिलेगी

अनछपी: चुनाव से ठीक पहले रसोई गैस की कीमत में ₹200 की कमी को क्या माना जाए? सरकार तो इसे रक्षाबंधन का उपहार बता रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान छपा है, ‘गैस की कीमतों में कटौती होने से मेरे परिवार की बहनों की सहूलियत बढ़ेगी और उनका जीवन और आसान होगा।” दिलचस्प बात यह है कि जब गैस की कीमत बढ़ती है तो सरकार इसमें अपनी भूमिका से पल्ला झाड़ देती है और इसका दोष पेट्रोलियम कंपनियों पर मढ़ देती है। जब इसके दाम में कटौती होती है तो सरकार इसका श्रेय लेने से नहीं चूकती। कहने के लिए तो कहा जाता है कि पब्लिक सब जानती है लेकिन पब्लिक सब जानबूझकर भी कितना जानती है इसका नतीजा चुनाव में नहीं मिलता है। पहली बात यह तय होनी चाहिए की गैस की कीमत घटाने और बढ़ाने के लिए जिम्मेदारी किसकी है? ऐसा क्यों है कि दाम बढ़ाने के लिए कंपनी जिम्मेदार है और घटाने का श्रेय सरकार लेती है? यह बात भी सबकी समझ में आने वाली है कि चुनाव के वक्त ऐसी घोषणा कर सरकार इसका लाभ लेना चाहती है लेकिन वह इसे बहनों पर उपकार बता रही है। जब रसोई की कीमत बढ़ती है तो परिवार की बहनों की सहूलियत का ध्यान कौन रखता है? बहरहाल बात यह है कि पिछले कई वर्षों में गैस की कीमत में जितना इजाफा हुआ है उसमें ₹200 कमी के बावजूद गैस सिलेंडर को महंगा ही माना जाएगा। गैस की कीमत में कमी करने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के उसे दावे को भी बल मिलता है कि चुनाव जल्दी कराई जा सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले कुछ सप्ताह में सरकार और क्या ऐसी घोषणाएं कर सकती है जिसे विपक्षी दल चुनाव से जोड़ सकते हैं। फिलहाल रसोई गैस की कीमत के बारे में यह बात बताना जरूरी है कि सरकार ने काफी दाम बढ़ाकर उसकी कीमत कम कर किसी पर कोई एहसान नहीं किया है।

 1,389 total views

Share Now

Leave a Reply