छपी-अनछपी: रामनवमी हिंसा में भाजपा के पूर्व भाजपा विधायक गिरफ्तार, पटना में हो सकता है विपक्ष का जुटान

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। रामनवमी हिंसा में भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद समेत दो लोगों की गिरफ्तारी की खबर पहले पेज पर कहीं लीड तो कहीं संक्षेप में छपी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में विपक्ष के जुटान की तैयारी की बात कही है जिसे पहले पेज पर पहली जगह मिली है। जेईई मेन के रिजल्ट में पटवाटोली, गया के गुलशन कुमार के स्टेट टॉपर बनने की खबर भी पहले पेज पर है। साथ लगी तस्वीर में गांधी जी के परपोते तुषार गांधी नफरत से मुकाबले पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है पूर्व विधायक गिरफ्तार, सीएम बोले- दोषी कोई हो, कार्रवाई। रामनवमी के मौके पर निकाले गए जुलूस के दौरान सासाराम में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को गिरफ्तार किया है। इसी कड़ी में मदार दरवाजा निवासी शाहनवाज आलम उर्फ लखानी को भी गिरफ्तार किया गया। पूर्व विधायक की गिरफ्तारी शुक्रवार की आधी रात लश्कररीगंज स्थित उनके घर से हुई। रोहतास एसपी विनीत कुमार ने बताया कि पूर्व विधायक इस मामले में अप्राथमिकी अभियुक्त थे। मामले में सासाराम पुलिस ने अब तक 63 लोगों को गिरफ्तार किया है। जवाहर प्रसाद सासाराम से 5 बार विधायक रह चुके हैं। 1989 में सासाराम में हुए दंगे में भी वे आरोपी थे। उनकी गिरफ्तारी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा नेता क्या बोलते हैं हमें इससे कोई मतलब नहीं। घटना में दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई होगी चाहे वह किसी भी दल से हों। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा हमने पुलिस की जांच में कभी हस्तक्षेप नहीं किया।

विपक्षी जुटान की बात

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: पटना में होगा विपक्ष का महा जुटान। हिन्दुस्तान की पहली खबर है: कर्नाटक चुनाव बाद विपक्षी एकता पर बढ़ेगी बात: सीएम। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों की एकता की बात कर्नाटक चुनाव के बाद आगे बढ़ेगी। उनके अनुसार, “हमारी कई दलों के नेताओं से बात हुई है। आगे और भी नेताओं से बात होनी है।” मुख्यमंत्री शनिवार को भामाशाह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। बिहार में विपक्षी एकता को लेकर बैठक करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग सभी नेताओं के साथ मिलकर बातचीत कर रहे हैं। अभी कुछ और लोगों से बातचीत होनी है। इसके बाद तय हो जायेगा कि कहां पर बैठक होगी। बहुत लोगों की राय है कि बैठक पटना में होनी चाहिए। सभी लोगों की राय से यह सब तय होगा।

जईई में बुनकर के बेटे का जलवा

जागरण की सुर्खी है: 43 को 100 परसेंटाइल, पटवाटोली के गुलशन राज्य टॉपर। हिन्दुस्तान ने लिखा है: गया: बुनकर के बेटे की प्रतिभा का देश में परचम। वस्त्रत्त् उद्योग के लिए मशहूर गया की पटवा टोली के एक सामान्य बुनकर के बेटे गुलशन कुमार ने पूरे देश में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। एनटीए ने शनिवार को जेईई मेन के दूसरे चरण का रिजल्ट जारी कर दिया है। दोनों सत्रों को मिलाकर 43 छात्रों को 100 पर्सेंटाइल प्राप्त हुआ है। इसमें बुनकर तुलसी प्रसाद के बेटे गुलशन का नाम भी शामिल है। हालांकि उसे पहले चरण में ही 100 पर्सेंटाइल मिला था। दूसरे चरण की परीक्षा में वह शामिल नहीं हुआ था। दूसरे चरण में बिहार से किसी को 100 पर्सेंटाइल नहीं आया है। दोनों चरणों को मिलाकर जो ऑल इंडिया रैंक जारी हुआ है, उसमें गुलशन का 37 वां स्थान है।

मुख्तार व अफ़ज़ाल अंसारी को सज़ा

यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और बसपा सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर मामले में शनिवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई। अफजाल पर 2005 में हुई भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का मामला है, वहीं मुख्तार के खिलाफ इस मामले के अलावा रुंगटा अपहरण और हत्याकांड का भी मामला जुड़ा है। यह खबर सभी जगह प्रमुखता से छपी है। अदालत ने मुख्तार को 10 साल की सजा के साथ पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। वहीं, अफजाल अंसारी को चार साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम दुर्गेश कुमार की अदालत ने दोनों भाइयों के खिलाफ सजा सुनाई। शनिवार सुबह 10: 30 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच सांसद अफजाल अंसारी को एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। वहीं, मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया। बसपा से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को पहली बार किसी मामले में सजा हुई है। गैंगस्टर मामले में सजा के बाद अब उनकी लोकसभा की सदस्यता भी जानी तय है।

आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती

आनंद मोहन की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की खबर सभी जगह है। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम कृष्णैया की हत्या मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे आनंद मोहन की जेल से समय पूर्व रिहाई के खिलाफ आईएएस अधिकारी जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। उन्होंने ने तर्क दिया है कि गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को आजीवन कारावास की सजा का मतलब उसे जीवनभर कारावास में रखना है। इसे केवल 14 साल तक व्याख्यायित नहीं किया जा सकता है।

नफरत फैलाने वालों से लड़ना होगा: तुषार गांधी

भास्कर की एक सुर्खी है: तुषार गांधी ने कहा- नफरत फैलाने वालों से सत्य, अहिंसा और प्यार से लड़ना होगा। “हमें जितना खतरा अंग्रेजों से नहीं था, उतना आज नफरत से है। हमें नफरत फैलाने वालों से सत्य, अहिंसा और प्यार से लड़ना होगा।” ये बातें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ सभागार में गांधी के शहादत के 75 वर्ष पर आयोजित दो दिवसीय समागम के पहले दिन कहीं। उन्होंने कहा कि आज गली गली में नफरत के बीज पल रहे हैं। आनंद मोहन की रिहाई पर उन्होंने कहा कि इसकी निंदा होनी चाहिए।

कुछ और सुर्खियां

  • अरविंद पनगढ़िया अंतरराष्ट्रीय नालंदा यूनिवर्सिटी के चांसलर बने
  • बायजूस के सीईओ के दफ्तर व आवास पर इनकम टैक्स के छापे
  • हिंद महासागर में चीनी जहाजों का भारी जमावड़ा भारत की पहली नजर
  • कांग्रेस अब तक 91 बार मुझे दे चुकी गाली: नरेंद्र मोदी

अनछपी: महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की बातें ध्यान देने की हैं। एक ऐसे दिन जब सासाराम में रामनवमी हिंसा के लिए भाजपा के पूर्व विधायक को गिरफ्तार किया गया उन्होंने नफरत से लड़ने के लिए सत्य, अहिंसा और प्यार का सहारा लेने के बाद कहीं। तुषार गांधी का कहना है कि अब सिर्फ अफसोस जताने या यह बताने का समय नहीं है कि हमें चौकन्ना रहना चाहिए बल्कि अब हमें गली-गली घूमकर नफरत से खुलकर लड़ना होगा। उनका यह भी कहना है कि सिर्फ ऑडिटोरियम में भाषण देने से नफरत से नहीं लड़ा जा सकता। गांधी जी की हत्या के 75 वर्ष पर आयोजित इस कार्यक्रम को अखबारों ने शायद उतना महत्व नहीं दिया जिसका यह हकदार था। नफरत के इस माहौल में गांधीजी के नोहा खली में किए गए सत्याग्रह की भी चर्चा की गई। यह ध्यान दिलाया गया कि गांधी जी ने कोई वक्तव्य जारी कर अपना काम पूरा नहीं कर लिया बल्कि वह सशरीर उस स्थान पर रहे जहां समस्या थी और इसका हल ढूंढने तक वहां बने रहे। आज के दौर में भी अब इसी बात की जरूरत है।

वक्तव्य जारी करने और सोशल मीडिया पर लिखने से आगे बढ़कर गली-गली में जाकर यह बात कहनी होगी कि नफरत सभी के लिए नुकसानदेह है। पटना से इस मामले में अच्छी शुरुआत हुई है और इस दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन एक संकल्प सभा का भी आयोजन किया गया है। अफसोसनाक सच्चाई यह है कि आज गांधी जी को कहीं गंभीरता से नहीं लिया जाता है। इससे भी आगे बढ़कर हम इस दौर में रह रहे हैं जिसमें गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की जाती है। यह ठीक ही कहा जाता है कि गांधी के हत्यारे को एक व्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि विचारधारा के रूप में देखा जाना चाहिए। कई लोगों का मानना है कि आज गांधी की हत्यारी विचारधारा का देश पर राज है और इससे लड़ने के लिए आम लोगों के बीच पहुंचना बेहद जरूरी हो गया है।

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