छ्पी-अनछपी: चुनाव आयोग के फरमान के खिलाफ आज चक्का जाम, खेमका हत्याकांड में एनकाउंटर
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। चुनाव आयोग के वोटर वेरीफिकेशन फरमान के खिलाफ आज बिहार में चक्का जाम है। मशहूर कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस ने एक आरोपी को एनकाउंटर में मारने का दावा किया है। बिहार में सरकारी नौकरियों में बिहार ही की महिलाओं को आरक्षण देने का फैसला किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और अमेरिका व्यापारिक करार के करीब हैं।
और, जानिएगा कि सरकार की परख में तीसरी से छठी के बच्चों का प्रदर्शन किस राज्य का सबसे नीचे है।
पहली ख़बर
प्रभात खबर के अनुसार बिहार में जारी मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ बुधवार को महागठबंधन की ओर से राज्यव्यापी चक्का जाम है। इसकी अगुवाई कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव करेंगे। साथ ही, भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, सीपीएम के महासचिव एमए बेबी, सीपीआई के महासचिव डी राजा भी इनकम टैक्स चौराहा से मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय तक होने वाले इस मार्च में शामिल होंगे। इंडिया गठबंधन ने वोटर पुनरीक्षण पर रोक लगाने की मांग की है। विपक्षी गठबंधन ने इसे विधानसभा चुनाव बाद कराने की सलाह दी है। गठबंधन का कहना है कि जिन 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वह गरीबों के पास नहीं है। इससे करोड़ों लोगों के नाम मतदाता सूची से कट सकते हैं। मतदाता गहन पुनरीक्षण के विरोध और श्रमिक संगठनों के 44 मुद्दों पर बंद का आह्वान किया गया है। बंद समर्थकों ने पूरे राज्य में चक्का जाम की चेतावनी दी है। दूसरी ओर राहुल गांधी की राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात के संभावना जताई गई है। महागठबंधन के नेता विशेष गहन पुनरीक्षण को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में विपक्षी दलों की याचिका पर 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है।
ट्रेड यूनियन और बैंक की भी देशव्यापी हड़ताल
बिहार में विपक्ष के चक्का जाम के साथ-साथ बुधवार को ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल भी बुलाई गई है। इसमें देश भर के 25 करोड़ कामगारों के शामिल होने का दावा ट्रेड यूनियन की ओर से किया गया है। इसमें बैंकिंग, बीमा, डाक सेवाओं से लेकर कोयला खदानों तक काम करने वाले कामगार शामिल रहेंगे। 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनकी सहयोगी इकाइयों ने सरकार की मजदूर और किसान नीतियों के विरोध में इस हड़ताल का आह्वान किया है। इन यूनियनों का आरोप है कि केंद्र सरकार मजदूरों की मांगों को अनदेखा करके कॉर्पोरेट हितों को बढ़ावा दे रही है।
खेमका हत्याकांड में एनकाउंटर
जागरण के अनुसार चर्चित उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या में शूटर जिस 29 वर्षीय विकास उर्फ राजा से हथियार उपलब्ध कराने को लेकर संपर्क किया था वह गिरफ्तारी के बाद पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया। अखबार ने यह नहीं लिखा है कि यह पुलिस का दावा है बल्कि पुलिस के दावे को जस का तस उतार दिया है। अखबार ने लिखा है, “पुलिस ने उसे उठाया और उसकी निशानदेही पर हथियार बरामद करने के लिए सोमवार की रात लगभग 2:45 बजे मालसलामी क्षेत्र के पीर दमड़िया घाट के पास ईंट भट्ठा परिसर में ले गई थी। राजा ने ईंट भट्ठा की चिमनी के नीचे कट्टा छिपा रखा था। हाथ में हथियार आते ही उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे मार गिराया। पुलिस मुठभेड़ की सूचना मिलती ही एसएसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारी बीमा के पर पहुंच गए।”
परिवार ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए
भास्कर के अनुसार राजा की मां शक्ति देवी, पिता प्रदीप प्रसाद और दादी ने एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। मां-पिता का कहना है कि विकास चेन्नई में काम करता था। एक सप्ताह पहले घर आया था। सोमवार को दिन में चार-पांच लोग आए जो खुद को पुलिस बता रहे थे। मालसलामी के दाउदचक नगला स्थित किराए के मकान से ले गए। कहा कि ठीक से नहा धोकर तैयार हो जाओ। नाश्ता भी कर लो। फिर राजा को साथ लेकर चले गए। मंगलवार को पता चला हत्या हो गई। उसके पेट, छाती, पीठ, कंधा और कमर के पीछे के हिस्से में गोली मारी गई। मां ने कहा कि बेटा दो बार जेल गया था।
जमीन के झगड़े में हुई खेमका की हत्या
गोपाल खेमका की हत्या जमीन विवाद में कराई गई थी। हत्या की साजिश डेढ़ महीने पहले रची गई थी। फतुहा और हाजीपुर समेत अन्य स्थानों पर करोड़ों की जमीन का विवाद था। कारोबारी अशोक साह ने शूटर उमेश यादव को 4 लाख की सुपारी दी थी। अशोक छज्जू बाग में स्थित उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 में रहता है। वह लोहे और जमीन का कारोबारी है। उमेश ने पहले विकास उर्फ राजा को हत्या करने के लिए कहा। इसके लिए राजा ने ₹400000 मांगे। उमेश को पैसों की जरूरत थी। उसने खुद ही हत्या करने का फैसला किया। पुलिस ने इस मामले में उमेश यादव और अशोक साव को गिरफ्तार कर लिया है।
बिहार में सरकारी नौकरियों में बिहार की ही महिलाओं को आरक्षण
हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार के सभी सरकारी सेवाओं और संवर्गों के पदों पर सीधी नियुक्तियों में बिहार की मूल निवासी महिलाओं को ही 35 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। हर वर्ग में 35 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी स्वीकृति दी गई। बैठक में 43 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पूर्व में भी महिलाओं को नौकरियों में यह आरक्षण प्राप्त था। पर, उसमें सिर्फ बिहार की मूल निवासी को ही यह आरक्षण का लाभ देने के लिए अनिवार्य नहीं किया गया था। अब यह अनिवार्य होगा। इस श्रेणी के आरक्षण में डोमिसाइल लागू करने के फैसले से राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरी में विशेष प्रावधान का शत प्रतिशत लाभ मिल पाएगा।
भारत और अमेरिका कारोबारी करार के करीब
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत के साथ व्यापार समझौता करीब है। हमने ब्रिटेन और चीन के साथ समझौता किया है। जल्द भारत से भी व्यापार करार करने जा रहे हैं। अंतरिम करार का ऐलान जल्द हो सकता है। अमेरिकी प्रशासन ने टैरिफ लागू करने की सीमा को नौ जुलाई से एक अगस्त कर दिया है। इससे भारत को समय मिल गया। ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया कि इसमें अब बदलाव नहीं होगा।
बिहार में तीसरी और छठी के बच्चों का प्रदर्शन देश में सबसे नीचे
भास्कर के अनुसार देश में छठी कक्षा के 47% बच्चे 10 तक के पहाड़ा भी नहीं सुना सकते। तीसरी के 45% छात्र 99 तक के अंक बढ़ते या घटते क्रम में नहीं रख पाते। तीसरी के ही 42% छात्र दो अंको की संख्याएं भी जोड़ घटा नहीं सकते। इस बात का पता शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय सर्वेक्षण परख में हुआ। पिछले 4 दिसंबर को 36 राज्यों केंद्र शासित क्षेत्र के 781 जिलों में स्थित 74229 स्कूलों में सर्वे हुआ था। इसमें तीसरी, छठी और नवमी के करीब 21 लाख 15 हजार छात्र शामिल हुए। बिहार के बक्सर जिले के कक्षा तीन और कक्षा 6 में सीतामढ़ी जिले के बच्चों का प्रदर्शन देश भर में अंतिम पायदान पर है।
कुछ और सुर्खियां:
- इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतेन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया
- हज 2026 के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन की आखिरी तारीख 31 जुलाई
- बिहार में 10 सदस्यों वाले युवा आयोग के गठन को मंजूरी
- पूर्णिया में आदिवासी परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ी से कड़ी सजा के मांग की
अनछपी: पटना के गोपाल खेमका हत्याकांड में पुलिस ने जिस तरह अपनी कामयाबी का ऐलान किया है और जैसे अखबारों ने हू ब हू पुलिस की बात को सच मानकर छापा है, उसके बाद वैकल्पिक मीडिया की यह जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वह पुलिस की थ्योरी पर सवाल करे और खास कर जिस मुठभेड़ में एक आरोपित को मारने की बात पुलिस कह रही है उस पर भी सवाल खड़े किए जाएं। इस बात की जरूरत इसलिए भी ज्यादा है कि भाजपा कोटे से उपमुख्यमंत्री बने विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी खुले आम एनकाउंटर करने की बात कर रहे थे जो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीति के अनुरूप नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के चलन के मुताबिक है। ऐसा लगता है कि कानून व्यवस्था के मामले में नीतीश कुमार का दखल खत्म हो चुका है और विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी इस मामले को देख रहे हैं। यह दोनों उपमुख्यमंत्री जो बात कह रहे हैं वह दरअसल बिहार के लोगों को यह भरमाने के लिए है कि सरकार अपराधियों के खिलाफ बहुत सख्त है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब अपने शबाब पर थे तो वह कहते थे कि उनकी सरकार में ना तो किसी को फंसाया जाएगा और ना ही किसी को छोड़ा जाएगा। इसी तरह उनकी बातों में एनकाउंटर का नारा कभी नहीं दिया जाता था। वह भी अपराध नियंत्रण की बात करते थे लेकिन कानूनी कार्रवाई के तहत। ऐसे में बहुत से लोग यह मानकर चल रहे हैं कि पुलिस तो वैसे भी फर्जी एनकाउंटर करने के लिए बदनाम रही है लेकिन दो-दो उपमुख्यमंत्रियों का दबाव इतना ज्यादा है के पुलिस फिर से उसी राह पर चल पड़ी है। यह बेहद खतरनाक रुझान है और ऐसा नहीं मानना चाहिए कि इससे दूसरे लोग प्रभावित नहीं होंगे। इसलिए इस एनकाउंटर पर चुप्पी का मतलब होगा पुलिस को यह लाइसेंस दे देना कि वह जिसे चाहे कानून की परवाह के बिना मारकर गिरा सकती है और उसे एनकाउंटर का नाम दे सकती है।
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