छ्पी-अनछपी: कांग्रेस बोली- 10 साल से अघोषित इमर्जेंसी, 5 लाख शिक्षकों की हाजिरी आज से ऐप पर

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने इमर्जेंसी की बात छेड़ी तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि देश में पिछले 10 साल से अघोषित इमर्जेंसी चल रही है। बिहार के 5 लाख शिक्षक आज से ऐप पर हाजिरी बनाएंगे। नीट पेपर मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम पटना पहुंची है। अडानी एंटरप्राइजेज के पास लगभग 60 हज़ार करोड़ रुपए कैश हैं। आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

भास्कर की सुर्खी है: संविधान इमर्जेंसी में कुचला गया: मोदी, 10 साल से अघोषित इमर्जेंसी है: कांग्रेस। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का आगाज काफी हंगामेदार रहा। जैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ लेने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी और संविधान की कॉपी लहराए। पीएम ने कहा, “संसद ड्रामा और स्लोगन से नहीं चलेगी। देश को जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है। “इमर्जेंसी को लेकर मोदी ने कहा 25 जून ना भूलने वाला दिन है। 50 साल पहले इसी दिन संविधान को कुचल दिया गया था। भारत को जेलखाना बना दिया गया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश में पिछले 10 साल से अघोषित इमर्जेंसी चल रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मोदी और उनकी सरकार द्वारा संविधान पर हो रहे हमले इंडिया ब्लॉक स्वीकार नहीं करेगा। “पीएम को जवाबदेही के बिना भागने नहीं देंगे।”

स्कूल टीचरों की हाजिरी आज से ऐप पर

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार के तकरीबन 78 हजार सरकारी स्कूलों के करीब 5 लाख शिक्षक और प्रधानाध्यापक मंगलवार से ई-शिक्षा कोष मोबाइल ऐप से हाजिरी बनाएंगे। इन्हें दो बार हाजिरी बनानी होगी। एकबार स्कूल आने पर और दूसरी बार स्कूल से जाते समय। मोबाइल ऐप पर हाजिरी बनते ही इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भी प्राप्त होगी। हालांकि, अगले कुछ दिनों तक मोबाइल ऐप पर ऑनलाइन के साथ-साथ भौतिक रूप से (रजिस्टर पर भी) शिक्षक-प्रधानाध्यापक अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। ताकि, किसी शिक्षक को शुरुआत में ऑनलाइन हाजिरी बनाने में तकनीकी दिक्कत आ रही हो तो रजिस्टर में उनकी हाजिरी दर्ज रहे। पर, आगे सिर्फ मोबाइल ऐप के माध्यम से ही हाजिरी बनाने की व्यवस्था रहेगी। स्कूल के 500 मीटर के दायरे में ही यह ऐप काम करेगा।

नीट की जांच को पटना पहुंची सीबीआई टीम

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार सीबीआई की दो अफसरों वाली टीम बिहार की इकोनामिक ऑफेंस यूनिट (ईओयू) ऑफिस पहुंची। सीबीआई और ईओयू का दफ्तर आसपास है। सीबीआई टीम ने ईओ की 39 दिन और पटना पुलिस की 11 दिन की जांच रिपोर्ट ली। सीबीआई टीम को हजारीबाग सेंटर से मिले दस्तावेज और सबूत की भी जानकारी दी गई। ईओयू ने सबूत के तौर पर एक घर से बरामद जले हुए प्रश्न पत्र के टुकड़े, गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल फोन, सिम कार्ड व लैपटॉप, पोस्ट डेटेड चेक और एनटीए द्वारा उपलब्ध कराया गया क्वेश्चन पेपर दिया गया। ईओयू ने अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्हें सीबीआई की टीम ट्रांज़िट पर दिल्ली ले जा सकती है।

₹1000 के स्टैंप पर पास कराने की गारंटी

प्रभात खबर की एक्सक्लूसिव खबर है कि नीट पेपर लीक मामले का सरगना संजीव मुखिया ₹1000 के स्टैंप पेपर पर परीक्षा पास करने की गारंटी देता था। यह बात ईओयू की जांच के आधार पर कही जा रही है। संजीव मुखिया हर उम्मीदवार से 30-40 लख रुपए वसूलत था। वह पोस्ट डेटेड चेक भी लेता था।

अडानी के पास कितना कैश!

भास्कर के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में अडानी एंटरप्राइजेज की कुल आय 45% बढ़कर रिकॉर्ड 82917 करोड़ रुपए रही। टैक्स के बाद मुनाफा 40129 करोड़ रुपए रहा। इसके अलावा कंपनी के पास रिकॉर्ड 59791 करोड़ रुपए का कैश है। ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने सोमवार को यह बातें कंपनी के शेयरधारकों की एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में कहीं।

सात यूनिवर्सिटी में नए रजिस्ट्रार

हिन्दुस्तान के अनुसार राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राज्य के सात विश्वविद्यालयों में नए रजिस्ट्रार (कुलसचिव) की नियुक्ति की है। पटना विश्वविद्यालय में डॉ. शालिनी को कुलसचिव बनाया गया है। ये पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की प्रोफेसर हैं। वहीं, पटना विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र के प्रो. नागेंद्र कुमार झा को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का कुलसचिव बनाया गया है। इस संबंध में सोमवार को राज्यपाल सचिवालय ने आदेश जारी कर दिया है। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के आरआरएस कॉलेज मोकामा के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. बिपीन कुमार मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलसचिव बनाये गये हैं। पटना विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. समीर कुमार शर्मा नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलसचिव बने हैं। वैशाली जिले के एमएसएम समता कॉलेज, जंदाहा में कार्यरत प्रो. नारायण दास जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलसचिव बने हैं।

केजरीवाल की ज़मानत पर रोक ‘असामान्य’

भास्कर के अनुसार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगाते हुए आदेश सुरक्षित रखने के हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने असामान्य बताया है। केजरीवाल को राउज़ एवेन्यू की विशेष कोर्ट ने 20 जून को जमानत दी थी। ईडी ने अगले दिन इसे चुनौती दी और हाईकोर्ट ने जमानत पर अंतरिम रोक लगाकर फैसला सुरक्षित रख लिया। इस मामले में अगली सुनवाई 26 जून को होगी। हाई कोर्ट आज फैसला सुना सकता है।

भारत टी 20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में

भारत ने टी 20 वर्ल्ड कप के एक मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल की सीट पक्की कर ली। भारत में पहले खेलते हुए पांच विकेट पर 205 रन बनाए। भारत की ओर से विराट कोहली तो जीरो पर आउट हो गए लेकिन रोहित शर्मा ने 7 चौकों और आठ छक्कों की मदद से 41 गेंद पर 92 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 7 विकेट पर 166 रन ही बना सकी। अर्शदीप सिंह ने 37 रन देखकर तीन विकेट लिए। अब 27 जून को भारत का मुकाबला सेमीफाइनल में इंग्लैंड से होगा।

कुछ और सुर्खियां

  • दक्षिण बिहार में मानसून का इंतजार, अभी जारी रहेगी लू, रक्सौल में अटका है मानसून
  • स्टाफ सेलेक्शन कमीशन कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल (सीजीएल) के 17727 पदों पर करेगा भर्ती, 24 जुलाई तक आवेदन का मौका
  • मुजफ्फरपुर में बैंक लुटेरे से मुठभेड़ में सरगना समेत दो को गोली लगी, चार फरार
  • जेपी नड्डा राज्यसभा में सदन के नेता चुने गए
  • पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग: मेडिकल दाखिला परीक्षा की पुरानी व्यवस्था लागू हो
  • भाजपा नेता अश्विनी चौबे का बयान: 2025 में बिहार में हो भाजपा नेतृत्व की सरकार
  • ग़ज़ा में हमास के खिलाफ युद्ध खत्म होने के करीब: नेतन्याहू

अनछपी: हमारे समाज में कई समस्याओं पर ध्यान तब जाता है जब इसके बारे में हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट अपनी कोई टिप्पणी करता है। ऐसी ही एक समस्या है फुटपाथ पर कब्जे की। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि जब प्रधानमंत्री और वीवीआईपी के लिए सड़क और फुटपाथ को खाली कराया जा सकता है तो आम लोगों के लिए क्यों रोज ऐसा नहीं हो सकता। न्यायमूर्ति एस सोनक और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने कहा कि साफ फुटपाथ और चलने के लिए सुरक्षित स्थान हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और उसे मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी है। अदालत ने कहा कि सरकार के सिर्फ सोचने भर से काम नहीं चलेगा कि शहर में फुटपाथों पर अतिक्रमण की समस्या के समाधान के लिए क्या किया जाए, उन्हें अब इस दिशा में कुछ कठोर कदम उठाने होंगे। अदालत की बात से अलग क्या हम कभी ऐसा सोचते हैं कि फुटपाथ पर चलना आम आदमी का मौलिक अधिकार है? क्या कभी हमारे समाज में पुलिस और दूसरी सरकारी संस्थाएं इस बात पर चर्चा करती हैं कि फुटपाथ पर कब्जा होना दरअसल आम लोगों के अधिकार पर कब्जा होना है? सड़क के साथ फुटपाथ बनाना भी जरूरी होता है लेकिन क्या हर जगह यह व्यवस्था मिलती है? फुटपाथ ना होने या उस पर कब्जा होने से आम लोग सड़क पर चलने को मजबूर होते हैं और उनके साथ हादसे भी हो जाते हैं। फुटपाथ पर कब्जा कैसे होता है, इसका पता लगाने के लिए अगर कोई सड़क पर सुबह और 10:00 बजे दिन में दो बार खड़ा हो तो पता चलता है कि कैसे दुकानदार और ठेला लगाने वाले उस पर कब्जा कर लेते हैं। कई बार अतिक्रमण हटाया भी जाता है लेकिन अक्सर दुकानदार अगले ही दिन दुकान के आगे वाले हिस्से पर भी दुकान लगा देते हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट की इस बात पर ध्यान देना बेहद जरूरी है कि जब वीवीआईपी के लिए सड़क और फुटपाथ खाली कराया जा सकते हैं तो आम आदमी के लिए ऐसा क्यों नहीं कराया जाता। फुटपाथ खाली कराया जाना सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी है और आम आदमी को हादसे से बचाने में भी इससे बहुत मदद मिलती है। फुटपाथ को आम आदमी के लिए खाली रहने दिया जाए, इसके लिए स्थाई उपाय करना जरूरी है।

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