छ्पी-अनछपी: ममता ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ कहा तो बवाल, भारत और कतर बढ़ाएंगे कारोबार

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ बताया तो भारी बवाल मच गया। भारत और कतर के बीच व्यापार बढ़ाने का समझौता हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त के लिए ‘आधी रात का फैसला’ अपमानजनक है। यूक्रेन पर रूस के हमले के झगड़े को सुलझाने के लिए बुलाई गई बैठक में यूक्रेन को ही बाहर रखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से बेशर्मी भरे बयान को रोकने के लिए कानून बनाने को कहा है।

और, जानिएगा कि होली कहां 14 मार्च को और कहां 15 मार्च को मनाई जाएगी?

हिन्दुस्तान के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुम्भ में भगदड़ की घटनाओं के मद्देनजर मंगलवार को कहा कि महाकुम्भ ‘मृत्यु-कुम्भ’ बन गया है। भाजपा ने ऐतराज जताते हुए इसे श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत करने वाला बताया। ममता ने पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए दावा किया, मृतकों की संख्या कम दिखाने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया गया। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुम्भ जैसे पवित्र आयोजन को मृत्यु कुम्भ बताकर करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया है। भाजपा प्रवक्ता केके शर्मा ने कहा, ऐसे बयान लोगों की आस्थाओं को चोट पहुंचाने वाले हैं। आंध्र प्रदेश में एनडीए की सरकार में उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा, लाखों लोग को संभालना बड़ा काम है।

भारत और कतर बढ़ाएंगे कारोबार

भारत और कतर ने कूटनीतिक रिश्तों की मजबूती और कारोबार को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को दो अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत यात्रा पर आए कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मंगलवार को हैदराबाद हाउस में इन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा की। कतर ने आगामी वर्षों में भारत में 10 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया है। भारत यात्रा पर आए कतर के अमीर शेख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मंगलवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में यह बात कही गई है। मौजूदा समय में कतर का भारत में निवेश 1.5 अरब डॉलर का है। अब 10 अरब डॉलर के और निवेश की बात कही गई है। कतर ने यह भी ऐलान किया है कि वह भारत में कतर निवेश बोर्ड (क्यूआईए) का कार्यालय खोलेगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त के लिए आधी रात का फैसला अपमानजनक: राहुल

भास्कर के अनुसार नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नियुक्ति की प्रक्रिया पर कड़ी असहमति जताई है। उन्होंने आधी रात को लिए गए फैसले को अपमानजनक और अशिष्ट बताया और कहा कि यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया जबकि चयन प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। राहुल ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर और चयन समिति से मुख्य न्यायाधीश को हटाकर सरकार ने चुनावी प्रक्रिया की ईमानदारी पर करोड़ों मतदाताओं की चिताओं को और बढ़ा दिया है।

रूस के हमले का शिकार यूक्रेन को शांति वार्ता से बाहर रखा गया

प्रभात खबर के अनुसार सऊदी अरब की राजधानी रियाद में शीर्ष अमेरिकी और रूसी राजनयिकों ने रूस- यूक्रेन युद्ध पर शांति वार्ता की लेकिन इस वार्ता में यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया। वार्ता का मकसद यूक्रेन से चल रहे युद्ध को खत्म करना और अमेरिका-रूस के बीच तनावपूर्ण संबंधों को फिर से सुधारना है। रूस की सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा कि है कि अगर जरूरी है तो राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंसकी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं। रूस यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त करने के लिए कुछ शर्तों पर अड़ा हुआ है। रूस की शर्त है कि वह यूक्रेन के कब्जे वाले इलाकों को अपने पास रखेगा और यूक्रेन अपनी सेना की संख्या को सीमित करे। उधर यूक्रेन ने इस शांति समझौते पर नाराजगी जताई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंसकी ने अमेरिका पर पुतिन को खुश करने और रूस के पक्ष में रियायत देने का आरोप लगाया।

अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए क़ानून बनाए सरकार: सुप्रीम कोर्ट

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि उनका बयान न सिर्फ ‘गंदा और विकृत’ है बल्कि समाज को शर्मिंदा करने वाला भी है। अदालत ने केंद्र सरकार को यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर परोसी जा रही अश्लील सामग्री को नियंत्रित करने पर विचार करने का निर्देश भी दिया। अदालत ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार सोशल मीडिया मंचों पर परोसी जा रही सामग्री को लेकर कदम उठाए। यदि सरकार कुछ करने को तैयार है, तो हमें खुशी होगी, अन्यथा हम इस कमी को उस तरह से नहीं छोड़ेंगे। अदालत ने कहा कि हमें इस मुद्दे के महत्व और संवेदनशीलता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। भास्कर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूब पर प्रसारित इंडिया हैज़ गोट टैलेंट मैं अशोक नहीं है वह अभद्र टिप्पणियों को लेकर सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया को गिरफ्तारी से राहत दे दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह ने कहा, रणवीर की टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं। “उनके दिमाग में कुछ गंदगी है जिसे उन्होंने शो में उगल दिया। उनके शब्द बेटियों, बहनों, माता-पिता और यहां तक कि समाज को भी शर्मिंदगी महसूस कराएंगे।

होली 14 मार्च को या 15 को?

जागरण के अनुसार इस बार फिर काशी और देश के अन्य भाग अलग-अलग दिन होली मनाएंगे। काशीवासी जहां परंपरा अनुसार एक दिन पहले ही होली मना लेंगे वहीं बाकी देश अगले दिन 15 मार्च को रंगोत्सव के साथ होली मनाएंगे। इस बार यह अंतर पूर्णिमा तिथि के मान के चलते हो रहा है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में ज्योतिषी विभाग के पूर्व अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय, प्रोफेसर विनय कुमार पांडे व प्रोफेसर गिरिजा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को सुबह 10:02 बजे लगेगी जो अगले दिन 14 मार्च को सुबह 11:11 बजे तक रहेगी। होलिका दहन 13 मार्च की रात को ही हो जाएगा और इसी के साथ काशी में परंपरा अनुसार होली को उत्सव आरंभ हो जाएगा लेकिन होली खेलने का विधान शास्त्र अनुसार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में होने के चलते अगले दिन 15 मार्च को पूरे देश में होगा।

कुछ और सुर्खियां:

  • चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता का पहला मैच आज, पाकिस्तान-न्यूजीलैंड में मुकाबला
  • बिहार मैट्रिक परीक्षा के दूसरे दिन 19 परीक्षार्थी निकाले गए, 11 फर्जी छात्र पकड़ाए
  • बिहार का 20वां मेडिकल कॉलेज कैमूर में खुलेगा
  • भीड़ कम करने के लिए रेलवे ने जनरल टिकटों पर ट्रेन का नाम लिखने का प्रस्ताव दिया
  • बिहार में फ्लैट और जमीन की न्यूनतम मूल्य दर (एमवीआर) की समीक्षा, बढ़ सकती है कीमत

अनछपी: भारत में चीफ इलेक्शन कमिश्नर के तौर पर कभी टीएन शेसन का जो रौब दाब था वह अब समाप्त हो चुका है और इस पद पर बैठने वाले व्यक्ति को सरकार का पिट्ठू समझा जाने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जिस तरह मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कर रही है उसे सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की भावना का घोर उल्लंघन हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने तात्कालिक तौर पर यह व्यवस्था दी थी कि प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के साथ-साथ उस समिति में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी शामिल किया जाए जो मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्त के नाम तय करती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए कानून बनाने की बात कही थी लेकिन मोदी सरकार ने ऐसी व्यवस्था की कि इसमें निष्पक्षता की उम्मीद किसी भी तरह से बाकी नहीं रही। मोदी सरकार की व्यवस्था यह है कि तीन सदस्यों वाली समिति में प्रधानमंत्री और उनके एक मंत्री के अलावा विपक्ष का नेता होगा। आसानी से समझ में आने वाली बात है कि जिस समिति में प्रधानमंत्री और उनके एक मंत्री का बहुमत होगा उसमें विपक्ष के नेता की कुछ भी नहीं चलेगी। वह बस शिकायत करता रह जाएगा। यहां से सुप्रीम कोर्ट का रोल शुरू होता है क्योंकि उसे यह भी देखना होगा कि जब यह मामला उसके पास विचाराधीन है तो सरकार ने कैसे चीफ इलेक्शन कमिश्नर की घोषणा कर दी। दरअसल यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए किसी भी तरह का सम्मान नहीं दर्शाने का सरकार कदम है। सरकार अगर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और फैसले तक कोई ऐसी प्रक्रिया अपनाती जिससे विपक्ष का नेता भी सहमत हो तो क्या लोकतंत्र के लिए यह बेहतर नहीं होता? नए चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार दरअसल एक ऐसे नौकरशाह हैं जो सरकार की कई विवादास्पद नीति में भागीदार रहे हैं। ज्ञानेश कुमार जब गृह विभाग में थे तब 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द करने की घोषणा हुई। राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के गठन में भी उनकी आम भूमिका मानी जाती है। इसके अलावा ज्ञानेश कुमार गृह मंत्री अमित शाह के भी काफी करीबी बताए जाते हैं और उनके साथ सहकारिता विभाग में भी रह चुके हैं। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के नाते कांग्रेस की यह जिम्मेदारी है कि आम लोगों तक वह इस मामले में भी अपनी बात को सशक्त ढंग से रखे। अगर वह चाहती है कि जनता का समर्थन इस मुद्दे पर उसे मिले तो उसे इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाना होगा।

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