छ्पी-अनछपी: वोटर लिस्ट से कटे 65 लाख नाम बताएगा चुनाव आयोग, बादल फटने से 46 मरे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले में निर्वाचन आयोग से कहा कि वह ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख लोगों की पहचान 19 अगस्त तक उजागर करे। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से 46 लोगों की मौत हो गयी। राजद के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को पटना हाई कोर्ट ने रेप के मामले में उम्र कैद की सजा को रद्द कर दी है।

पहली ख़बर

प्रभात खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मामले में निर्वाचन आयोग से गुरुवार को कहा कि वह मसौदा सूची से हटाए गए 65 लाख वोटरों की पहचान 19 अगस्त तक उजागर करे और 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपे। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आयोग से पूछा कि आप उन लोगों के नाम क्यों नहीं बता सकते जिनकी मौत हो गई है जो पलायन कर गए हैं या दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में चले गए हैं। कोर्ट ने कहा, आप इन नामों को डिस्प्ले बोर्ड या वेबसाइट पर डालें ताकि जिन्हें दिक्कत है वह लगभग 30 दिन के भीतर सुधार के उपाय कर सकें और दस्तावेज को ईपिक नंबर के आधार पर भी खोजा जा सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग अपने सार्वजनिक नोटिस में स्पष्ट करे कि अंतिम सूची में नाम शामिल करने के लिए दावा करते समय बाहर किए गए व्यक्ति अपना आधार कार्ड भी दे सकते हैं। चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया के बाद जिन लोगों के नाम मसौदा मतदाता सूची में शामिल नहीं किए गए हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी बूथ-स्तरीय सूचियां पहले ही राजनीतिक दलों के बीएलए के साथ साझा की जा चुकी हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, वोटरों को सियासी दलों के चक्कर लगाने के लिए क्यों मजबूर किया जाए। पीठ ने कहा, अगर आप मसौदा सूची से हटाए गए नाम सार्वजनिक करते हैं, तो आपके (चुनाव आयोग) के खिलाफ जो धारणा चल रही है, वह खत्म हो जाएगी।

कश्मीर में बादल फटने से 46 मरे

भास्कर के अनुसार उत्तराखंड के धराली के 9 दिन बाद अब जम्मू कश्मीर में आपदा आई है। यहां जम्मू रीजन के किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में गुरुवार दोपहर 12 से 1:00 बजे के बीच बादल फट गया। उस वक्त करीब 200 लोग 9500 फीट ऊंचे मचैल माता मंदिर की यात्रा के रास्ते पर थे। आसपास लंगर चल रहा था और दुकानें सजी थीं। बादल फटने के बाद पहाड़ से बाढ़ आई और चंद मिनट में सब बह गया। इसमें सीआईएसएफ के दो जवानों समेत 46 लोगों की मौत हो गई। एनडीआरएफ और सेना ने 167 लोगों को बचाया, इनमें 38 की हालत गंभीर है। अब भी करीब 100 लोग लापता हैं। उनके मलबे में दबे होने की आशंका है। बादल चशोती गांव में फटा जो मंदिर के मार्ग पर स्थित आखिरी गांव है। किसी वाहन से इसी गांव तक पहुंचा जा सकता है। इसके बाद लोग पैदल जाते हैं। चशोती में दोपहर करीब 12.30 बजे बादल फटा। इस वक्त बड़ी संख्या में लोग मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए एकत्र हुए थे। चशोती से मंदिर तक की 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू होती है।

पूर्व विधायक को नाबालिग से दुष्कर्म मामले से हाई कोर्ट ने बरी किया

जागरण के अनुसार राजद के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को पटना हाई कोर्ट ने नालंदा जिले की एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में दोष सिद्धि और उम्र कैद की सजा को गुरुवार को रद्द कर दिया। न्यायाधीश मोहित कुमार शाह और न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने यह अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया। न्यायालय ने अपने 315 पेज के निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में सफल रहा। पीड़िता और अन्य गवाहों के बयान में गंभीर विरोधाभास है। मामला वर्ष 2016 का है। हाईकोर्ट ने इस मामले में दूसरे अभियुक्त को भी बरी कर दिया है। कोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा कि पीड़िता की आयु 18 वर्ष से कम है। इसलिए इस केस में पॉक्सो कानून के प्रावधान लागू नहीं होंगे। पीड़िता से जबरन यौन संबंध बनाने का सबूत नहीं मिला।

मतदाता अधिकार यात्रा निर्णायक संग्राम: राहुल

हिन्दुस्तान के अनुसार मतदाता अधिकार यात्रा शुरू होने से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे निर्णायक संग्राम कहा है। सोशल मीडिया एक्स पर गुरुवार को उन्होंने लिखा है कि हम बिहार की धरती से वोट चोरी के ख़िलाफ़ सीधी लड़ाई छेड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ़ एक चुनावी मुद्दा नहीं – यह लोकतंत्र, संविधान और ‘वन मैन, वन वोट’ के सिद्धांत की रक्षा का निर्णायक संग्राम है। हम पूरे देश में स्वच्छ मतदाता सूची बनवाकर ही रहेंगे। अब की बार, वोट चोरों की हार – जनता की जीत, संविधान की जीत होगी। कांग्रेस ने सासाराम से शुरू होने वाली वोट अधिकार यात्रा की तैयारी तेज कर दी है। यात्रा 17 अगस्त को रेलवे स्टेडियम में सभा से शुरू हो रही है। सोलह दिनों की यात्रा में राहुल गांधी की यात्रा 25 जिलों से गुजरेगी। 1300 किमी की दूरी तय करते हुए पटना गांधी मैदान में एक सितंबर को रैली से इसका समापन होगा। यात्रा में राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ ही इंडिया गठबंधन के सभी दलों के वरीय नेता मौजूद रहेंगे।

कुछ और सुर्खियां:

  • बीएसएफ के एसाई मोहम्मद इम्तियाज और दीपक चिकन गम को मरणोपरांत वीर चक्र
  • चिराग पासवान की पार्टी की सांसद वीणा देवी और उनके पति एमएलसी दिनेश सिंह के पास भी दो वोटर कार्ड
  • वैशाली थाना क्षेत्र के चिंतामणि स्कूल के पास एसटीएफ और बदमाशों के बीच मुठभेड़ में सोना लूट कांड का अपराधी अरविंद सहनी ढेर
  • जदयू 17 से 23 अगस्त तक ‘सुशासन का सार आपके द्वार कार्यक्रम’ आयोजित करेगा
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आज होगी बातचीत

अनछपी: क्या यह मुमकिन है कि बिहार के 200 से अधिक अनएडेड या वित्त रहित डिग्री कॉलेज अनुदान के लिए बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से पैसे तो ले लें लेकिन उसका यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट या उपयोगिता प्रमाण पत्र ना दें? इस पर लोगों को ताज्जुब हो सकता है लेकिन यह बात सही है और हैरत में डालने वाली बात यह है कि यह मामला 2014-17 के शैक्षणिक सत्र का है। इन 200 वित्त रहित कॉलेजों में हजारों बच्चे पढ़ते हैं और सैकड़ो शिक्षकों और गैर शैक्षणिक कर्मचारी का मामला उनसे जुड़ा हुआ है। खबरों में बताया गया है कि मगध विश्वविद्यालय के वित्त रहित डिग्री कॉलेज के लिए शैक्षणिक सत्र 2014-17 में 120 करोड़ 69 लाख की राशि दी गई थी। इसके पहले के सत्रों के लिए दी गई राशि सहित कुल 348 करोड़ 32 लख रुपए अनुदान राशि दी गई थी। इनमें 120 करोड़ 69 लाख का उपयोगिता प्रमाण पत्र अब तक नहीं दिया गया है। यह किसी एक विश्वविद्यालय की बात नहीं है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय को 215 करोड़ रुपये से अधिक दिए गए थे। इनमें 40 करोड़ 73 लाख का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिला है। इसी तरह जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय से 9 करोड़ 60 रुपए लाख रुपए का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। बीएन मंडल विश्वविद्यालय को 37 करोड़ 71 लाख रुपए का उपयोगिता प्रमाण पत्र देना है। मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय को 30 करोड़ 79 लाख रुपए का उपयोगिता प्रमाण पत्र देना है। सवाल यह है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र इन वित्त रहित कॉलेजों के मैनेजमेंट ने नहीं दिया है या विश्वविद्यालय ने इसे शिक्षा विभाग को नहीं भेजा है? शिक्षा विभाग कह रहा है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने की वजह से 2015-18 सत्र के पैसे नहीं दिए जाएंगे। इससे तो कॉलेज मैनेजमेंट को यह कहने का मौका मिल जाएगा कि सरकार ने पैसे नहीं भेजे तो वह पैसे कैसे दे सकता है लेकिन इस तर्क से शिक्षकों का नुकसान जारी रहेगा। इसलिए शिक्षा विभाग को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि उसे समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र मिल जाए और शिक्षकों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े। सिर्फ मान मनुहार से यह काम नहीं हो सकता है।

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