छ्पी-अनछपी: हेल्थ ऑफिसर बहाली परीक्षा फर्ज़ीवाड़े के बाद रद्द, किसानों के दिल्ली कूच से महाजाम
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में 4500 कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर की परीक्षा में धोखाधड़ी पकड़ी गई है और इस मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। किसानों के दिल्ली कूच से वहां महाजाम लगने की खबर सामने आई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में शांति सेना तैनात करने की मांग की है। त्रिपुरा में बांग्लादेश उच्च आयोग में प्रदर्शनकारियों ने घुसकर तोड़फोड़ की है।
यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति ने कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) के 4500 पदों के लिए हो रही परीक्षा सोमवार को रद्द कर दी। एक दिसंबर को परीक्षा हो चुकी थी, 2 दिसंबर को होने वाली थी। समिति ने यह फैसला परीक्षा में फर्जीवाड़े की पुष्टि के बाद लिया है। कहा है कि शीघ्र ही परीक्षा की अगली तारीख घोषित की जाएगी। दरअसल सीएचओ की ऑनलाइन परीक्षा का जिम्मा वी शाइन कंपनी के पास था। फर्जीवाड़े की कहानी अगस्त से ही रची जा रही थी। सेंटर अलॉट होने के बाद ही कंपनी के अधिकारियों से मिलकर परीक्षा माफिया रवि भूषण और अतुल प्रभाकर फर्जीवाड़े की साजिश रचने लगे। परीक्षा के लिए 12 केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा केंद्र अलॉट करने के लिए माफियाओं ने हर केंद्र से चार-चार लाख वसूले। उनका टारगेट था कि 4500 हेल्थ ऑफिसर की बहाली में फर्जी तरीके से करीब 2000 की बहाली कर दी जाए। हर उम्मीदवार से इसके लिए पांच-पांच लाख रुपए वसूलने की बात सामने आई है। पूरे खेल से यह माफिया 100 करोड़ कमाने वाले थे।
कैसे हो रहा था फर्जीवाड़ा
हिन्दुस्तान के अनुसार आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) ने बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से आयोजित सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की 4500 पदों की भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया। ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर जिन अभ्यर्थियों की सेटिंग थी, उनकी बॉयोमेट्रिक हाजिरी लगाकर उन्हें सिर्फ कंप्यूटर पर बैठने के लिए कहा गया था। जबकि सेंटर संचालक और आईटी मैनेजरों या सपोर्ट स्टाफ की मिली-भगत से इन कंप्यूटर सिस्टमों को चिन्हित करके इनकी आईपी एड्रेस पहले ही लीक कर दी गई थी। इसके बाद विशेष तरह के सॉफ्टवेयर ‘रिमोट व्हियूइंग एप्लीकेशन’ की मदद से इन कंप्यूटर का कंट्रोल कहीं दूर बैठे सॉल्वर के पास था। सॉल्वर दूर बैठकर इन कंप्यूटर की स्क्रीन पर आ रहे प्रश्न को पढ़ रहे थे और इन्हें ऑनलाइन ही हल कर रहे थे। ऑनलाइन सेटिंग के लिए कुछ परीक्षा केंद्रों ने गुप्त रूप से प्रॉक्सी सर्वर बैठा रखा था।
दिल्ली कूच से महाजाम
नोएडा से दिल्ली कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए लगाई गईं बैरिकेडिंग और जांच से सोमवार को दिल्ली आने-जाने वाले रास्तों पर महाजाम लग गया। इस दौरान नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से सीधे चिल्ला बॉर्डर होते हुए दिल्ली जाने वाला रास्ता करीब चार घंटे तक बंद रहा। दिल्ली से नोएडा की ओर आने वाले यातायात को भी रोक-रोककर चलाया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने मांगें पूरी नहीं होने पर सोमवार को दिल्ली कूच का ऐलान कर रखा था।
बांग्लादेश में शांति सेना जाए: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र से बांग्लादेश के हालात को लेकर वहां शांति मिशन तैनात करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने की अपील की। उन्होंने प्रधानमंत्री से सताए गए भारतीयों को वापस लाने के लिए हस्तक्षेप करने की भी मांग उठाई। विधानसभा में ममता ने मांग की कि विदेश मंत्री को बांग्लादेश की स्थिति पर भारत के रुख से संसद को अवगत कराना चाहिए।
बांग्लादेश उच्चायोग में तोड़फोड़
जागरण के अनुसार त्रिपुरा की राजधानी अगरतला स्थित बांग्लादेश के उप उच्चायोग भवन पर सोमवार को कुछ असामाजिक तत्वों के हमले पर भारत ने गहरा दुख जताया है। इसके बाद देश भर में बांग्लादेश उच्चायोग के भवनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उधर बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने एक विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भारत को विएना समझौते की याद दिलाते हुए गहन जांच की मांग की है। इस हमले ने भारत को बैकफुट पर ला दिया है क्योंकि अभी तक भारत ढाका स्थित अपने उच्चायोग की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाए हुए था।
पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री बादल ‘गुनहगार’
अमृतसर से जागरण की खबर है कि श्री अकाल तख्त साहिब पर पांच सिंह साहिब की सोमवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। अकाली सरकार के समय डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को माफी देने और बेअदबी की घटनाएं होने, सिखों पर अत्याचार करने वाले अधिकारियों को प्रमोशन के साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी की ओर से टिकट देने के लिए तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल और उनके कैबिनेट में मंत्री रहे नेताओं को पंथ का गुनहगार माना गया। श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघवीर सिंह ने सभी को 11 दिन की धार्मिक सजा सुनाई जो 3 दिसंबर से शुरू होगी। सुखबीर समेत समस्त नेताओं को 11 दिन में से पहले तीन दिन एक-एक घंटा शौचालय साफ करने, एक-एक घंटा जूते और जूठे बर्तन साफ करने का आदेश दिया गया है। चूंकि सुखबीर बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा व्हीलचेयर पर हैं, ऐसे में वे शौचालय की सफाई नहीं करेंगे।
कुछ और सुर्खियां
- पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी के दक्षिणी भाग में एक फुटबॉल स्टेडियम में प्रशंसकों के बीच झड़प के बाद भगदड़, 56 लोगों की मौत
- गया, कोलकाता, गुवाहाटी और श्रीनगर से हज की उड़ानें स्पाइसजेट की होगी, हज उड़ानों से 185 करोड़ रुपये कमाएगी स्पाइसजेट
- पटना हाई कोर्ट ने कहा, आवेदक को जान का खतरा नहीं होने के आधार पर आर्म्स लाइसेंस नहीं हो सकता खारिज
- पटना से सटे पुनपुन में ट्रांसफॉर्मर फटने से महिला की हुई मौत, बेटी और नतिनी झुलसी
- मशहूर कोचिंग शिक्षक अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल
- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गद्दी छोड़ने से 50 दिन पहले बेटे हंटर बाइडन की सजा माफ की
- जेईई एडवांस्ड की परीक्षा 18 मई को दो पालियों में होगी
अनछपी: भारत का विदेश मंत्रालय समय-समय पर लोगों को सचेत करता रहता है और सलाह देता रहता है कि वह विदेश में नौकरी तलाशते समय सही जानकारी ले लें। इसके बावजूद बिहार के कई युवकों को नौकरी के नाम पर मानव तस्करों का शिकार होना पड़ा है और उनसे साइबर फ्रॉड के काम लेने के लिए उन पर अमानवीय अत्याचार किए गए हैं। कंबोडिया गए कुछ युवकों पर बिजली के झटका देने का मामला भी सामने आया है। अच्छी कमाई का लालच देकर उन्हें कंबोडिया और दूसरे ऐसे देश में ले जाकर उन्हें विदेशी एजेंटों को सौंप दिया जाता है। फिलहाल एनआईए इसकी जांच कर रही है और गोपालगंज के एजेंट के बारे में खबर आई है कि उन्होंने बहुत से युवाओं को झांसा देकर विदेश भेजा जहां उनपर साइबर फ्रॉड का काम लेने के लिए दबाव डाला गया। उदाहरण के लिए एक युवक को सेफ्टी इंचार्ज के काम के लिए भेजा गया लेकिन वहां पहुंचने पर उसे पाकिस्तानी एजेंट को सौंप दिया गया। उस एजेंट के पास पहले से दर्जनों भारतीय युवक थे। सभी से साइबर फ्रॉड का काम लिया जा रहा था। हमने पहले भी यह सुन रखा है कि कंप्यूटर का काम जानने वाले युवकों को झांसे में लेकर विदेश ले जाया जाता है और वहां उनसे साइबर फ्रॉड का काम कराया जाता है। गोपालगंज के जिन एजेंटों ने ऐसे युवकों को फंसाया है उन्हें छोड़ने के लिए पाकिस्तानी एजेंट 2000 डॉलर मांग रहे हैं। जो बेचारे खुद साइबर ठगों के चंगुल में फंस गए हैं वह ऐसी रकम की व्यवस्था कैसे कर सकते हैं। मामला सिर्फ गोपालगंज तक सीमित नहीं है बल्कि देश के कई हिस्सों में ऐसे एजेंट लोगों को झांसा देकर विदेश भेजते हैं जहां उनसे साइबर फ्रॉड का काम करने को कहा जाता है। मानव तस्करी और साइबर फ्रॉड के इस भयानक गठजोड़ को तोड़ना जरूरी है। युवकों को सचेत करने के लिए सिर्फ विदेश मंत्रालय ही नहीं बल्कि राज्य सरकार की ओर से भी जागरूकता अभियान चली चलाये जाने की जरूरत है। इसके साथ ही उतनी ही जरूरी बात यह है कि ऐसे एजेंटों पर कड़ी नजर रखी जाए जो लोगों को धोखा देते हैं और उन्हें मुश्किल में डाल रहे हैं।
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