छ्पी-अनछपी: संभल हिंसा पर संसद में तीखी बहस, ज़मीन सर्वे के लिए 31 मार्च तक मौक़ा
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। उत्तर प्रदेश के संभल में शाही मस्जिद के सर्वे के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए पांच लोगों के मुद्दे पर संसद में तीखी तकरार हुई है। बिहार में जमीन सर्वे के लिए दस्तावेज जमा करने की तारीख 31 मार्च 2025 तक कर दी गई है। दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने के बाद प्रदर्शन हुए हैं। महाराष्ट्र में कल शपथ ग्रहण समारोह है और उम्मीद की जा रही है कि आज मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
हिन्दुस्तान के अनुसार संभल में सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर मंगलवार को संसद में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी तकरार हुई। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हिंसा को सोची-समझी साजिश करार दिया। जवाब में भाजपा की ओर से गिरिराज सिंह और पीयूष गोयल ने मोर्चा संभालते हुए कड़ी आपत्ति जताई। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अखिलेश ने हिंसा के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निलंबित कर उन पर हत्या का मुकदमा चलाने की मांग की। अखिलेश ने कहा कि फिर सर्वे शुरू होने पर मुस्लिम समुदाय ने शांति और धैर्य बनाए रखा। जब एक घंटा गुजरने के बाद भी सर्वे का स्पष्ट कारण नहीं बताया गया, तो सवाल उठने लगे। तनाव बढ़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके विरोध में कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। तब सिपाही से लेकर पुलिस अफसरों ने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं। पूरी घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी मौजूद है।
ज़मीन सर्वे के कागजात जमा करने को और वक़्त
बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्य में रैयतों को बड़ी राहत दी गयी है। रैयत अब जमीन के कागजात (स्वघोषणा) 31 मार्च, 2025 तक जमा कर सकेंगे। इसके लिए दस्तावेजों को जमा करने की तिथि 30 दिन से बढ़ाकर 180 कार्यदिवस कर दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली, 2024 समेत 33 एजेंडों को मंजूरी दी गयी। यह संशोधन बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली- 2012 (यथा संशोधित-2019) में किया गया है।
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ, विरोध के बाद हटा
प्रभात खबर के अनुसार दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मार्शल लॉ लगा दिया। बीबीसी ने खबर दी है कि दक्षिण राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मंगलवार रात मॉर्शल लॉ लगाया लेकिन बुधवार सुबह उन्हें अपना फ़ैसला पलटना पड़ा। उन्होंने देर रात एक टीवी संबोधन में इसका ऐलान करते हुए कहा कि देश के उत्तर कोरिया समर्थकों को हटाने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पास मार्शल लॉ लगाने के अलावा और कोई चारा नहीं था। उन्होंने विपक्ष पर संसद को नियंत्रित करने, उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और देश विरोधी गतिविधियों से सरकार को गिराने की कोशिश का आरोप लगाया। राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने उत्तर कोरिया समर्थकों को ख़त्म करने और संवैधानिक लोकतांत्रिक व्यवस्था की व्यवस्था करने की कसम खाई हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसके तहत क्या खास कदम उठाएंगे। मार्शल लॉ के ऐलान के बाद इसके विरोध में सियोल में सड़कों पर लोग उतर गए और नेशनल असेंबली के बाहर भीड़ जुड़ गई। भीड़ को नेशनल असेंबली में प्रवेश से रोकने के लिए सेवा को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
महाराष्ट्र में आज खत्म हो सकता है सस्पेंस
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन होगा? यह सवाल भास्कर ने अपने दूसरे पेज पर किया है। अख़बार लिखता है कि चुनाव परिणाम आने के 11 दिन बाद इस सस्पेंस से बुधवार यानी आज पर्दा उठ जाएगा। भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक बुधवार सुबह 11:00 होने जा रही है। इसके लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी मंगलवार दे रात मुंबई पहुंच गए। बैठक में सभी विधायक अपना नेता चुनेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक के बाद दोपहर 3:00 बजे महायुति की बैठक कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास वर्षा पर हो सकती है।
बांग्लादेश में भारतीय हाई कमिश्नर तलब
जागरण के अनुसार त्रिपुरा में बांग्लादेश उप उच्चायोग में हमले के एक दिन बाद ढाका ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया। भारत के साथ बढ़ रहे विवाद के बीच बांग्लादेश ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अगरतला स्थित डेप्युटी हाई कमिशन की सभी सेवाएं बंद कर दी है। इधर त्रिपुरा होटल एवं रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के महासचिव सकत बंदोपाध्याय ने बताया कि सोमवार को एक बैठक आयोजित कर निर्णय लिया गया कि पड़ोसी देश में भारतीय ध्वज के अपमान के चलते इसके सदस्य बांग्लादेशी मेहमानों को खाना पानी नहीं देंगे।
घूस लेने वाला दारोगा गया जेल, यूपीआई से पेट्रोल पंप पर ट्रांसफर कराए थे पैसे
हिन्दुस्तान के अनुसार दोस्त की सालगिरह की पार्टी से लौट रहे मोबिल व्यवसायी जितेंद्र कुमार यादव को गौरीचक थाने की गश्ती गाड़ी ने रोककर पहले तलाशी ली, फिर 25 हजार रुपये की मांग कर डाली। दीदारगंज के कोठिया निवासी जितेंद्र और कार सवार उनके दोस्तों ने जब रुपये नहीं होने का हवाला दिया तो उन्हें गलत मामले में फंसाने की धमकी दी गई। इसके बाद डरे-सहमे पीड़ितों को पेट्रोल पंप पर ले जाया गया। फिर वहां स्कैनर के जरिये उनसे 10 हजार दो सौ रुपये लिये गये। बाद में पुलिसवालों ने पेट्रोलपंप कर्मियों से नकद ले लिये। अगले दिन दो नवंबर को व्यवसायी ने इसकी जानकारी पटना पुलिस के वरीय अधिकारियों को दी। इसके बाद गौरीचक थाने में तैनात 2019 बैच के दारोगा विवेक कुमार, दो होमगार्ड के जवान और एक निजी चालक प्रेम कुमार के खिलाफ जितेंद्र के बयान पर केस दर्ज किया गया। डीआईजी सह एसएसपी राजीव मिश्रा ने पुलिसवालों पर लगे संगीन आरोपों की जांच का जिम्मा सिटी एसपी पूर्वी को सौंपा। जांच आरोप सही निकला। इसके बाद दारोगा सहित चारों को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया।
कुछ और सुर्खियां
- बोधगया बम ब्लास्ट (2018) के मामले में तीन दोषियों को मिली सात-सात साल की सजा
- 2025 में सरकारी स्कूलों में 72 दिनों की छुट्टी, शिक्षकों को भी गर्मी-सर्दी की छुट्टी मिलेगी
- पटना की मशहूर सिन्हा लाइब्रेरी का भवन 7 मंजिला बनेगा, 67 करोड़ खर्च होंगे
- कुंदन कृष्णन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे, बने एडीजीजी मुख्यालय
- पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को धमकी देने वाला उनकी ही जन अधिकार पार्टी का सदस्य निकला
- मुजफ्फरपुर के कुढ़नी अंचल के राजस्व क्लर्क घूस लेते गिरफ्तार, सीओ के ठिकानों पर भी छापेमारी
अनछपी: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर भागने और दिल्ली पहुंचने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में काफी गिरावट आई है। आजकल वहां के बारे में यह आरोप लगाया जा रहा है कि हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार हो रहा है। भारत सरकार ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है। भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचार होने की बात कोई नई नहीं है। बांग्लादेश का यह विवाद दरअसल इस्कॉन के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी को लेकर है। उन पर राजद्रोह का आरोप लगा है और पुलिस के अनुसार उन्होंने बांग्लादेश के झंडे को नीचा दिखाया। इसके बाद से यह कहा जाने लगा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को सताया जा रहा है। वहां से मंदिरों पर हमले की खबरें भी आ रही हैं। निश्चित रूप से बांग्लादेश की सरकार को इसे तत्काल रोकना चाहिए। लेकिन बात का एक और दुखद पहलू यह है कि भारत में कई हिंदूत्ववादी शक्तियों ने झूठे प्रचार करना शुरू कर दिया है और इसे लेकर भारत में भी नफरत बढ़ा रही हैं। उदाहरण के लिए यह कहा गया कि चिन्मय कृष्णदास के वकील की हत्या कर दी गई है जबकि वहां सरकारी वकील की हत्या की गई थी और उसका आरोप भी चिन्मय कृष्णदास के समर्थकों पर लगा था। इसी तरह कुछ और वीडियो जारी किए गए जो बांग्लादेश के नहीं थे लेकिन उन्हें इसी तौर पर प्रचारित किया गया। उधर त्रिपुरा में बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमीशन में एक हिंदू संगठन के लोग घुस गए और भारी तोड़फोड़ की जिसके बाद भारत को औपचारिक रूप से इसके लिए खेद प्रकट करना पड़ा। अब अगरतला में बांग्लादेश डिप्टी हाई कमीशन में कामकाज बंद है। बांग्लादेश में भारत के हाई कमिश्नर प्रणय वर्मा को बुलाकर बांग्लादेश ने विरोध दर्ज कराया। भारत सरकार वैसे तो शेख हसीना की समर्थक मानी जाती है लेकिन ध्यान रखने की बात यह है कि अंतरराष्ट्रीय संबंध में अपने देश का हित देखना होता है। भारत की हिंदुत्ववादी शक्तियां जिस तरह का आचरण कर रही हैं उससे इस संबंध के बिगड़ने का पूरा खतरा है। भारत सरकार को ऐसे में बहुत संतुलित रवैया अपनाते हुए यह देखना पड़ेगा कि बांग्लादेश के साथ उसके संबंध कैसे बेहतर हों। दूसरी और बांग्लादेश को भी अपने यहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। दोनों पड़ोसी देशों के हित में यही बात है कि संबंध बेहतर हों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की शिकायत किसी को न मिले।
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