झारखंड में इंडिया-महारष्ट्र में एनडीए आगे, क्या अडानी को अमेरिका ले जाया जाएगा?

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। झारखंड विधानसभा चुनाव के आज निकल रहे रिजल्ट में सुबह दस बजे तक झारखंड मुक्ति मोर्चा वाले गठबंधन को बढ़त दिखाई जा रही है जबकि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को बढ़त मिली हुई है। ऐसी चर्चा है कि उद्योगपति गौतम अडानी को रिश्वत मामले में अमेरिका ले जाने की कोशिश हो सकती है। पटना के पास बिहटा में एक ट्रक ने ऑटो में टक्कर मार दी जिससे तीन स्कूली बच्चों की मौत हो गई।

81 सीट वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए। बीबीसी के अनुसार 10:00 तक मिले रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा वाले इंडिया गठबंधन को 46 सीट मिलती दिखाई गई थी जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को 33 सीट दिखाई गई थी। उधर महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए या महायुति को 181 सीटों पर बढ़त दिखाई गई है जबकि वहां बहुमत के लिए 145 सिम चाहिए। वहां कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी को 87 सीटें मिलती दिखाई गई हैं।

बिहार की चार सीटों पर गिनती जारी

बिहार विधानसभा के लिए चार सीटों इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ़ पर हुए उपचुनाव की गिनती जारी है। सुबह 10:00 बजे तक मिली जानकारी के अनुसार बेलागंज में जदयू की मनोरमा देवी आगे थीं जबकि इमामगंज में राजद के रौशन मांझी आगे थे। तरारी में भारतीय जनता पार्टी माले से आगे थी और रामगढ़ में बसपा का उम्मीदवार आगे था।

अडानी को भारत से अमेरिका ले जाने की कोशिश हो सकती है

अमेरिका भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी समझे जाने वाले उद्योगपति गौतम अडानी के प्रत्यर्पण की मांग कर सकता है। अमेरिका के एक प्रमुख अटॉर्नी ने करीब 2200 करोड़ रुपए के रिश्वत के मामले में अमेरिका में दीवानी और आपराधिक आरोप दायर किए जाने के बाद यह बात कही है। अमेरिकी न्याय विभाग ने भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित साथ अन्य लोगों पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया है। अड़ानी पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत के पैसे देने के लिए अमेरिका के निवेशकों से पैसे लिए।

सेबी भी करेगा जांच

भास्कर के अनुसार अमेरिकी निवेशकों के पैसों से भारत में 2200 करोड़ रुपए घूस देने के आरोप में फेडरल कोर्ट में केस दर्ज होने के बाद भारत में अडानी समूह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सेबी जांच कर रहा है कि क्या समूह ने बाजार को प्रभावित करने वाली जानकारी का डिस्क्लोजर करने के नियमों का उल्लंघन किया है? इस बीच सेबी ने समूह से स्पष्टीकरण भी मांगा है। सेबी ने केन्या में एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द किए जाने और अमेरिका में अभियोजन को लेकर भी जवाब तलब किया है।

चंद्रबाबू नायडू ने कहा, होगी कार्रवाई

जागरण के अनुसार गौतम अडानी पर अमेरिका में रिश्वत कांड पर केस दर्ज किए जाने के मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि वह पहले की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार और अडानी समूह के खिलाफ अनियमितताओं के मामलों पर कार्रवाई करने का वादा करते हैं। लेकिन पहले वह अमेरिकी आरोप पत्र की रिपोर्ट का अध्ययन करेंगे। नायडु ने कहा कि उनके पास अमेरिका की ओर से दायर आरोप पत्रों की पूरी रिपोर्ट है।

बिहटा में तीन स्कूली बच्चों को ट्रक ने कुचला

जागरण के अनुसार आरा- पटना एनएच पर बिहटा थाना क्षेत्र में विशुनपुरा गांव के पास शुक्रवार को दोपहर तेज रफ्तार बालू लदे ट्रक ने स्कूली बच्चों से खचाखच भरे ऑटो रिक्शा में टक्कर मार दी। दुर्घटना में तीन बच्चों की मौत हो गई जबकि आधा दर्जन बच्चे और ड्राइवर गंभीर रूप से जख्मी हो गए। सभी बच्चों की उम्र 7 से 12 वर्ष के बीच है। वे दूसरी से पांचवीं कक्षा तक के छात्र हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी, उसके बाद ऑटोरिक्शा 5 फीट तक ऊपर उछल गया। इस हादसे में दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई।

इमर्जेंसी के दौरान का हर फ़ैसला निरर्थक नहीं: चीफ जस्टिस

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि ‘आपातकाल के दौरान संसद द्वारा लिया गया हर फैसला निरर्थक नहीं हो सकता।’ शीर्ष अदालत ने संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता’ शब्द को शामिल किए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह टिप्पणी की है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि ‘प्रस्तावना में ‘समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता’ शब्द जोड़ने के लिए 1976 में संविधान में किए गए 42वें संशोधन की कई बार न्यायिक समीक्षा की गई है और यह नहीं कहा जा सकता कि आपातकाल के दौरान लिया गया संसद का हर फैसला निरर्थक था।’ पीठ ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और अन्य की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की।

कुछ और सुर्खियां

  • वायनाड लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी सुबह 10:00 बजे तक 60000 वोटों से आगे चल रही थीं
  • छत्तीसगढ़ के सुकमा में पुलिस का दावा- 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • बिहार की इंटरमीडिएट पास छात्राओं के प्रोत्साहन राशि के लिए 20 दिसंबर तक आवेदन
  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश: दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश तुरंत रोकें
  • भाजपा नेता विनोद तावड़े ने मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी को भेजा 100 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस
  • जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा से मिलने पहुंचे खान सर, जदयू में शामिल होने की अटकलें

अनछपी: क्या डॉक्टरों की लापरवाही ऐसी हो सकती है कि मरे हुए आदमी की जगह जिंदा आदमी का पोस्टमार्टम दिखाकर उसे डीप फ्रीजर में रखवा दिया जाए? यह बात सुनने में अजीब लगती है लेकिन राजस्थान से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। राजस्थान के झुंझुनू के जिला अस्पताल में 25 साल के एक युवक को जो ना सुन सकता है ना बोल सकता है, इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। कुछ ही देर के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो चुकी है। इसके बाद उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी तैयार कर दी गई और उसे डीप फ्रीजर में रखवा दिया गया। इस युवक के परिवार का पता नहीं इसलिए समाजसेवी उसे अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले गए। वहां उस युवक के शरीर में हरकत देख लोग हैरत में पड़ गए। उसके बाद उसे युवक को एंबुलेंस से तुरंत झुंझुनू अस्पताल और वहां से जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल लाया गया। हालांकि 12 घंटे बाद उस युवक की मौत हो गई लेकिन सवाल यह है कि उसकी मौत की वजह कहीं उसे डीप फ्रीजर में रखना तो नहीं बनी? इस मामले में जिला कलेक्टर ने फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने वाले तीन डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया है। ऐसी घटना अगर बिहार में होती तो शायद लोगों को बहुत ताज्जुब नहीं होता लेकिन राजस्थान में और वह भी भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में ऐसी घटना होना वास्तव में हमें यह बताता है कि हमारी चिकित्सा व्यवस्था कितनी बीमार है। एक तरफ बड़े-बड़े कॉरपोरेट हॉस्पिटल बना रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर का यह आलम है। जिन तीन डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया है उनका सस्पेंशन तो कुछ दिनों के बाद खत्म हो जाएगा, लेकिन यह सवाल बरकरार रहेगा कि आखिर उन्होंने फर्जी तरीके से उस युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट कैसे बनाई। यह सवाल भी अपनी जगह है कि आखिर जिंदा युवक को मरा हुआ कैसे बताया गया? यह गलती कागज बनाने में हुई है या यह तय करने में कि वह मरा है या जिंदा है, इस सवाल पर भी गौर करना जरूरी है।

 538 total views

Share Now