छ्पी-अनछपी: धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने को अविश्वास प्रस्ताव लाएगा विपक्ष, सीरिया में शांति
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के लिए विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। तानाशाह बशर अल असद के भागने के बाद सीरिया में फिलहाल शांति है। जॉर्ज सोरेस और कांग्रेस के संबंधों पर हंगामा के बाद संसद ठप हो गई। लॉ में एडमिशन की परीक्षा ‘क्लैट’ के रिजल्ट में कई गड़बड़ियों की शिकायत सामने आई हैं। ऐसी आशंका जताई गई है कि फतुहा में चीन का जासूसी नेटवर्क बन रहा था।
यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।
प्रभात खबर के अनुसार राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति के पद से हटाने के लिए विपक्ष उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। करीब 70 विपक्षी सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी और आम आदमी पार्टी के सांसद शामिल हैं। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कदम बहुत जल्द उठाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों ने नोटिस देने के लिए अगस्त में ही जरूरी संख्या में हस्ताक्षर ले लिए थे लेकिन वह आगे नहीं बढ़े क्योंकि उन्होंने धनखड़ को एक और मौका देने का फैसला किया था। लेकिन सोमवार के उनके आचरण को देखते हुए विपक्ष ने इस पर आगे बढ़ने का फैसला किया। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस मुद्दे की अगुवाई कर रही है जबकि तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित अन्य विपक्षी पार्टियों इस कदम का समर्थन कर रही हैं।
सीरिया में शांति
जागरण ने लिखा है कि सीरिया की सत्ता से बशर अल असद बाहर हो गए हैं लेकिन वहां की स्थितियों पर विश्व की नजर है। राजधानी दमिश्क, अलेप्पो और होम्स सहित हयात तहरीर अल शाम के नियंत्रण वाले क्षेत्र में शांति है। दमिश्क पर रविवार को कब्जे के बाद शुरू हुई लूटपाट और अराजकता को खत्म करने के लिए लड़ाकों ने रात में राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया था। सोमवार को कुछ इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई और वहां पर चहल-पहल देखी गई है। लेकिन बाजार अभी बंद है। मंगलवार को बैंक खोलने और तेल कंपनियों का कामकाज शुरू करने की योजना है। हमास ने दमिश्क पर कब्जे को न्याय की जीत बताते हुए विद्रोहियों को बधाई दी है।
जॉर्ज सोरेस और कांग्रेस के संबंध पर संसद ठप
जागरण के अनुसार संसद के दोनों सदनों में सोमवार को अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस के संबंध को लेकर सत्ता पक्ष ने जमकर हंगामा किया। साथ ही दोनों सदनों में देश की संप्रभुता और सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। हालांकि इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया और कहा कि अदानी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सत्ता पक्ष यह झूठ फैला रहा है। राज्यसभा में इस मुद्दे पर सबसे अधिक हंगामा हुआ। लोकसभा में कांग्रेस ने अदानी मुद्दे के साथ-साथ राहुल गांधी को देशद्रोही कहे जाने पर माफी को लेकर हंगामा जारी रखा।
भारत ने बांग्लादेश में उठाया हिंदुओं पर हमले का मुद्दा
भारत ने सोमवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के अधिकारियों के समक्ष वहां के अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों के मामले के उठाया। ढाका में भारत व बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय की बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने यह मुद्दा रखा। दोनों देशों के बीच सालाना होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए मिसरी सोमवार सुबह बांग्लादेश की राजधानी पहुंचे थे। मिसरी ने वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस और विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे तौहीद हुसैन से भी मुलाकात की। दूसरी तरफ बांग्लादेश की तरफ से बताया गया कि वह अपने हर नागरिक की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है और यह उनका आंतरिक मामला है।
क्लैट में गड़बड़ियों की शिकायत
भास्कर के अनुसार कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) की गलतियां अब चरम पर पहुंच गई हैं। आंसर शीट में गलतियां सुधारने के बाद परिणाम में तो गलतियां थी हैं, अब रैंक में भी गड़बड़ी शुरू हो गई हैं। इसका असर यह हुआ है कि जिन्हें पहले आसानी से प्रवेश मिल रहा था उन्हें मुश्किल हो गई है और जिनके प्रवेश की राह कठिन थी वह आसान हो गई है। कुछ स्टूडेंट्स को पहले अच्छी यूनिवर्सिटी में प्रवेश मिल रहा था लेकिन उन्हें अब नीचे रैंक वाली यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेना पड़ेगा। वजह यह है कि कंसोर्टियम ऑफ एनएलयूज़ ने कई स्टूडेंट्स के परिणामों को बिना सूचना के बदल दिया है।
फतुहा में बन रहा था चीन का जासूसी नेटवर्क?
हिन्दुस्तान के अनुसार राजधानी से महज कुछ दूरी पर स्थित फतुहा में नेपाली नागरिकों को भारतीय नागरिकता और प्रशिक्षण देकर ठगी करने की आड़ में चीनी जासूसी का नेटवर्क तैयार करने के सुराग मिले हैं। नेपाल के कई पूर्व सैनिकों का यहां के पते पर बने जाली दस्तावेज सहित बड़ी संख्या में बरामद फर्जी काजगात की जांच से ऐसी आशंका पैदा हो रही है। मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) की टीम इन तथ्यों के आधार पर पूरे मामले की तह तक पहुंचने में जुटी हुई है। हालांकि, जांच एजेंसी के अधिकारी अभी जासूसी की बात को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह रहे हैं।
कुछ और सुर्खियां
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अनछपी: हमारे देश में खेल भी कैसे नेतागिरी की भेंट चढ़ता है इसकी मिसाल आज के अखबारों में छपी दो खबरों से मिलती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ छपी खबर में बताया गया है कि पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में खेल प्रतिभाओं की खोज के लिए मशाल कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके तहत जिन प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा उसमें राज्य के स्कूलों के लगभग 60 लाख प्रतिभावान खिलाड़ी शामिल होंगे। अब पता नहीं इतनी बड़ी संख्या में प्रतिभावान खिलाड़ी के रहते बिहार खेलों के मामले में फिसड्डी क्यों है। यहां यह याद दिलाना जरूरी है कि कुछ दिनों पहले ही जब बिहार के सबसे पुराने मोईनुल हक़ स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ था तो वहां गीली पिच को सुखाने के लिए गोइठा जलाकर ट्रे में रखा गया था। यही नहीं इस स्टेडियम में विश्व कप क्रिकेट का मैच हो चुका है लेकिन फिलहाल वहां दर्शकों के जाने की मनाही है क्योंकि दर्शक दीर्घा बिल्कुल जर्जर हालत में है। इसी तरह बिहार के विश्वविद्यालय की टीमों को जब प्रतियोगिता में भाग लेने बाहर जाना होता है तो पैसे की कमी की वजह से वह बाहर नहीं जा पाती हैं। यह हालत तब है जब बिहार में कथित डबल इंजन की सरकार है। उधर दिल्ली से खबर यह है कि स्कूल गेम्स के लिए वहां बुलाए गए खिलाड़ियों को जमीन पर सोना पड़ रहा है। व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए विभिन्न राज्यों से आए कोच ने बताया कि जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया था कि खिलाड़ियों को थ्री स्टार होटल में ठहराया जाएगा लेकिन यहां पर स्थित इसके विपरीत है। महिला खिलाड़ियों को स्कूल के ऐसे कमरों में ठहराया गया है जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और उनके लिए बाथरूम भी सही नहीं हैं। स्कूल गेम्स का प्रबंधन देख रहे लोगों ने खिलाड़ियों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने की सलाह देने का एहसान जरूर किया है। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की ओर से आयोजित 68वीं राष्ट्रीय खेल अंडर-14, 17 और 19 वर्ग की प्रतियोगिताएं सोमवार को शुरू हो गईं लेकिन खिलाड़ियों के लिए की गई व्यवस्था के कारण उनकी सुरक्षा भी सवालों के घेरे में है। इस प्रतियोगिता में सभी 29 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा अन्य क्षेत्र से आए खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। कुल मिलाकर बात यह है कि नेता भाषण देते हैं और मीडिया उन भाषणों को खूब चाव के साथ सुनाता-दिखाता-पढ़ाता है।
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