छपी-अनछपी: बोले लालू- केंद्र सरकार जाति गणना से नफरत करती है, कई नदियों में तेज़ी से बढ़ रहा पानी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने केंद्र पर जाति गणना से नफरत करने का आरोप लगाया है। एक पुस्तक विमोचन समारोह में लालू प्रसाद ने अपने संक्षिप्त संबोधन में जाति की भूमिका पर भी बात की। इसकी कवरेज सभी अखबारों में है। लगातार बारिश के बाद नदियों में पानी बढ़ने की खबर भी पहले पेज पर है।

हिन्दुस्तान की ख़बर है: केंद्र जाति आधारित गणना कराए: लालू प्रसाद। जागरण ने लिखा है: जाति आधारित गणना की तरह मंडल कमीशन का हो रहा था विरोध: लालू। भास्कर की सुर्खी है: जाति गणना करने का निर्णय नहीं लेना बता रहा कि पीएम मोदी डरे हुए हैं: लालू। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार को जाति आधारित गणना पूरे देश में कराना चाहिए। भारत में जाति आधारित व्यवस्था में हर संदर्भ में व्याख्या होनी चाहिए। जातियों का भारत में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। हालांकि, अब जाति उपद्रव का तेवर धीमा हुआ है। प्रसाद ने शनिवार को बिहार कलेक्टिव के तत्वावधान में बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में लेखक मनोज मिट्टा की पुस्तक ‘कास्ट प्राइड’ का विमोचन किया और कार्यक्रम को संबोधित किया। राजद प्रमुख ने कहा कि कॉस्ट प्राइड इस दिशा में महत्वपूर्ण किताब है। बिहार में जातियों की गणना कराने के बिहार सरकार का निर्णय बेहद सराहनीय है। जबतक समाज में सभी जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं हो जाता है तबतक उनका सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। जाति गणना उस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण आयाम होगा। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन की अनुशंसा लागू कराने के समय भी ऐसे ही वर्तमान की तरह विरोध झेलना पड़ा था।

नदियों में उफान

हिन्दुस्तान की सबसे ख़बर है: बिहार की एक दर्जन नदियों में तेजी से बढ़ रहा जलस्तर। नेपाल में पिछले 72 घंटे से हो रही लगातार बारिश के बाद प्रदेश की एक दर्जन नदियां खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गयी हैं। बीती रात लखनदेई और तिलावे भी लाल निशान को पार कर गईं। गंडक, कोसी, बागमती, भूतही बलान, कमला बलान, ललबकिया, महांनदा, घाघरा, परमान, बाया नदी पहले ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। महज 48 घंटे में 8 नदियां लाल निशान को पार कर गईं। नदियों में तीन से 9 मीटर तक की वृद्धि हुई है। इसके बाद जहां तटबंधों पर दबाव बढ़ा है, वहीं नए-नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। बड़े इलाके में बाढ़ का खतरा भी पैदा हो गया है।

चंद्रयान उतरने की जगह के नामकरण पर विवाद

जागरण की सबसे बड़ी खबर है चंद्रयान उतारने का स्थान ‘शिव शक्ति स्थल’। अख़बार लिखता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्र मिशन की सफलता पर इसरो की सराहना करते हुए शनिवार को कहा कि चंद्रयान तीन का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर उतरा है उसका नाम शिव शक्ति स्थल रखा जाएगा। यह नाम कल्याण और शक्ति का प्रतीक है। कांग्रेस ने इस नामकरण का विरोध किया है तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस को हिंदुओं से नफरत है और वह हिंदुओं का अपमान कर रही है।

अदालत परिसर में गोली चली

हिन्दुस्तान के अनुसार समस्तीपुर में बदमाशों ने शनिवार को दिनदहाड़े कोर्ट परिसर में दो बंदियों को गोली मारकर जख्मी कर दिया। वारदात के बाद पिस्तौल लहराते हुए बदमाश पैदल ही भागने में सफल रहे। गोली लगने से घायल दोनों बंदियों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूचना मिलने पर एसपी विनय तिवारी ने पुलिस बल के साथ कोर्ट परिसर का जायजा लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जख्मी बंदियों की पहचान कल्याणपुर थाना के नीमा चकहैदर निवासी प्रभात चौधरी और मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दुधपुरा निवासी प्रभात तिवारी के रूप में की गयी है। प्रभात चौधरी को शराब के मामले में और प्रभात तिवारी को चोरी व गबन के मामले में मंडल कारा से पेशी के लिए लाया गया था।

भाजपा के 150 प्रत्याशी नए होंगे

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: अबकी बार युवाओं पर ऐतबार…150 नए प्रत्याशी उतारेगी भाजपा। 2024 की तैयारी में जुटी भाजपा एक साथ कई फॉर्मूलों पर काम कर रही है। इस क्रम में मौजूदा सांसदों की टिकट काटने से लेकर नए चेहरों को मौका देने तक पर मंथन जारी है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा लोकसभा चुनाव में 150 नए प्रत्याशी उतार सकती है। इनमें बड़ी संख्या 41 से 55 आयु वर्ग के लोगों की होगी पार्टी दो या इससे अधिक बार लोकसभा चुनाव जीत चुके नेताओं में से ज्यादातर को संगठन की जिम्मेदारी देने जा रही है।

ट्रेन में आग लगने से नौ की मौत

लखनऊ से चेन्नई जा रही साप्ताहिक ट्रेन के टूरिस्ट कोच में शनिवार की सुबह तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन पर आग लग गई। हादसे में नौ यात्रियों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हो गए। घायलों में सात की हालत गंभीर बताई जा रही है। दक्षिण रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक घटना मदुरै रेलवे स्टेशन पर शनिवार सुबह करीब सवा पांच बजे हुई। स्टेशन पर खड़े कोच में यात्री एलपीजी सिलेंडर पर चाय बना रहे थे, तभी सिलेंडर फट गया। इस कोच को नागरक्वायल जंक्शन पर 25 अगस्त को ट्रेन संख्या 16730 (मदुरै-पुनालुर एक्सप्रेस) में जोड़ा गया था।

जर्मनी में इस्लाम विरोधी पार्टी तेज़ी से उभरी

भास्कर की खबर है: जर्मनी में इस्लाम व शरणार्थी विरोधी पार्टी तेजी से उभर रही। जर्मनी में अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) नाम की कट्टरपंथी पार्टी तेजी से जड़े जमा रही है। इस्लाम और शरणार्थियों की विरोधी एएफडी को पूर्वी जर्मनी में दो स्थानीय चुनाव में जीत मिली है। अब इसने पहली बार मेयर और अन्य चुनाव में उम्मीदवार उतारे हैं। पूर्वी जर्मनी के थूरइंजिया प्रांत में सर्वे में इसकी लोकप्रियता 34% थी जो अन्य दलों से बहुत आगे थी। देश में ताजा ओपिनियन पोल में एएफडी को 20% मतदाताओं का समर्थन मिला।

कुछ और सुर्खियां

  • बिहार के 1.30 करोड़ निष्क्रिय जनधन खाते में 1936 करोड़
  • पटना में घर बनाने पर कुल लागत का एक प्रतिशत फीस लगेगी
  • शिक्षक भर्ती परीक्षा पूरी हुई, अगले माह आएगा रिजल्ट, 43 फर्जी उम्मीदारों की पहचान
  • सरकारी स्कूलों में शिक्षक भर्ती तक पढ़ाएंगे गेस्ट टीचर
  • 23 अगस्त को हर साल नेशनल स्पेस डे मनाने की घोषणा
  • आईएसआई को सूचना दे रहा दरभंगा का भक्तवंशी झा बंगाल से गिरफ्तार

अनछपी: 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी हर हाल में नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहती है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के पास राम मंदिर उद्घाटन और अन्य सांप्रदायिक मुद्दे होंगे तो उसके विरोधी दल जाति आधारित गणना पर काफी जोर देंगे। शनिवार को लालू प्रसाद ने एक पुस्तक विमोचन के दौरान जातियों के बारे में जो बात कही उससे आगे की सियासत का भी अंदाजा लगता है। लालू प्रसाद वैसे तो बीमार चल रहे हैं लेकिन उन्होंने अपनी यह बात जोरदार तरीके से रखी कि केंद्र की सरकार जाति गणना से नफरत करती है। कम से कम बिहार में भारतीय जनता पार्टी जाति गणना के मामले पर डिफेंसीव है और वह बार-बार यह कहती है की जाति गणना का फैसला उस समय हुआ था जब वह सरकार में शामिल थी। दूसरी तरफ यह कहा जाता है कि अगर भारतीय जनता पार्टी जाती आधारित गणना की समर्थक है तो वह अपने द्वारा शासित अन्य प्रदेशों में यह गणना क्यों नहीं कराती और साथ ही केंद्र इसे राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं कराता है? मनोज मिट्टा की ‘कास्ट प्राइड’ नाम की किताब में भी बिहार में जातीय हिंसा का विस्तार से वर्णन किया गया है। मनोज मिट्टा की यह बात महत्वपूर्ण लगी कि आखिर क्या कारण है कि बिहार में जातीय हिंसा के आरोपित अदालत से बरी हो गए और बेलछी हिंसा के बाद शायद ही किसी को फांसी की सजा मिली या हाइकोर्ट में सज़ा टिक पाई। ऐसा लगता है की जाति आधारित गणना जो बिहार में हुई है उसकी रिपोर्ट भी जल्द प्रकाशित की जाएगी और फिर इस आधार पर रिजर्वेशन की नई राजनीति शुरू हो सकती है। कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी की हिंदुत्व की राजनीति के खिलाफ जाति आधारित गणना और जातियों के अधिक अधिकार की लड़ाई 2024 का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकती है।

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