छ्पी-अनछपी: वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या, एसबीआई लोन महंगा
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता की दरभंगा में हत्या कर दी गई है। आज खबरों की शुरुआत एक ऐसी खबर से जो अखबारों में तो नहीं छपी है लेकिन सनसनीखेज है। आरा के चर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में खारिज की गई सीबीआई चार्जशीट के मामले में पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। देश के सबसे बड़ी सरकारी बैंक एसबीआई ने लोन पर ब्याज दर बढ़ा दी है। मध्य प्रदेश के कमाल मौला मस्जिद मामले में एएसआई ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
विकासशील इंसान पार्टी या वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की दरभंगा के बिरौल बाजार स्थित उनके घर में हत्या कर दी गई है। घटना सोमवार की देर रात की है। इसका पता मंगलवार की सुबह चला। पिता की हत्या की खबर सुनते ही मुकेश सहनी मुंबई से अपने घर दरभंगा के लिए निकल चुके हैं। पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच से लग रहा कि हत्या चोरी की नीयत से घर में घुसे लोगों ने की है।
ब्रह्मेश्वर मुखिया कांड में हाइकोर्ट की रोक
प्रभात खबर और जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सुनवाई करते हुए निचली अदालत की कार्यवाही पर पूरी तरह रोक लगा दी है। न्यायाधीश संदीप कुमार की एकल पीठ ने ब्रह्मेश्वर मुखिया के पुत्र इंदु भूषण की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। दरअसल ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई ने लोजपा (रामविलास) के नेता और पूर्व विधान परिषद हुलास पांडे सहित आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट को, जिसमें हुलास पांडे सहित चार नए अभियुक्त बनाए गए थे, भोजपुर के सेशन कोर्ट ने अमान्य कर दिया था। इसके खिलाफ ब्रह्मेश्वर मुखिया के पुत्र इंदु भूषण की ओर से पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इंदु भूषण के वकील ने आरोप लगाया कि सेशन कोर्ट तथ्यों के अनदेखी कर रहा है, ऐसे में जो दोषी हैं वह बच जाएंगे और निर्दोष फंस जाएंगे। ध्यान रहे कि ब्रह्मेश्वर मुखिया की पहली जून 2012 को आरा में हत्या कर दी गई थी।
एसबीआई लोन महंगा
प्रभात खबर के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया का लोन सोमवार से मांगा हो गया है। एसबीआई ने एमसीएलआर को बढ़ा दिया है। बैंक ने एमसीएलआर को 0.10% तक की बढ़ोतरी की है। इससे ऑटो लोन पर्सनल लोन होम लोन समेत अन्य क़र्ज़े महंगे हो जाएंगे। साथ ही लोगों को अब ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ेगी। नई दरें 15 जुलाई 2024 और सोमवार से लागू हो गई है। एमसीएलआर वह दर होती है जिससे कम ब्याज पर बैंक ग्राहक को लोन नहीं दे सकता है।
कमाल मौला मस्जिद-भोजशाला पर एएसआई की रिपोर्ट
हिन्दुस्तान के अनुसार मध्य प्रदेश के धार के भोजशाला मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सोमवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को सौंप दी। इस रिपोर्ट में एएसआई ने बताया कि भोजशाला मंदिर और कमल मौला मस्जिद का निर्माण मंदिरों के प्राचीन अवशेषों से किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया, स्थल पर मौजूदा मस्जिद सदियों बाद बनी। परिसर से मूर्तियां, प्राचीन सिक्के, शिलालेख भी मिले। एएसआई ने तीन माह के सर्वेक्षण के बाद हाईकोर्ट में 150 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी। इस में दावा किया गया है कि 94 मूर्तियां, 106 स्तंभ, 82 भित्तिचित्र, 31 प्राचीन सिक्के, 150 शिलालेख मिले।
ट्रंप की सुरक्षा में चूक
भास्कर की सुर्खी है: बड़ी चूक; ट्रंप की सुरक्षा में सिर्फ 6 सीक्रेट सर्विस एजेंट थे, होने थे 25। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले की साजिश में बड़ी खामियां उजागर हुई हैं। पेंसिलवानिया की रैली में लगभग 1000 लोग थे, ऐसे में अमेरिकी सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के अनुसार काम से कम 25 सीक्रेट सर्विस एजेंट लगते थे। जबकि मौके पर छह ही एजेंट तैनात किए गए। इनमें भी असाल्ट टीम के चार एजेंट मंच पर थे। सीक्रेट सर्विस के प्रवक्ता एंथोनी गूगलआइमी ने बताया कि ट्रंप को राष्ट्रपति के बराबर सुरक्षा प्राप्त है। पेंसिलवानिया की रैली के लिए स्थानीय पुलिस को 20 सिक्योरिटी अफसर लगाने थे, लेकिन दस ही अफ़सर लगाए गए। इस बीच ट्रंप ने बयान दिया है कि उनका जिंदा रहना चमत्कार है और उनके लिए चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं भी की गई हैं।
शिक्षकों की पोस्टिंग के लिए बनी पांच श्रेणी
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है कि बिहार के स्कूलों को पांच अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर शिक्षकों का स्थानांतरण और पदस्थापन होगा। भौगोलिक दृष्टिकोण से स्कूलों को शहरी, अर्धशहरी, ग्रामीण, पहाड़ी और दियारा क्षेत्र में विभाजित किया जाएगा। 40 साल से कम उम्र वाले शिक्षकों को पहाड़ी-दियारा क्षेत्र या सुदूर के स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। वहीं, महिलाओं और बीमार शिक्षकों के पदस्थापन और स्थानांतरण में भी भौगोलिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखा जाएगा। अपेक्षाकृत कम मुश्किल जगहों पर उम्रदराज और बीमार शिक्षकों को भेजा जाएगा।
कुछ और सुर्खियां
- बिहार के विश्वविद्यालयों में पीएचडी की 50% सीट ‘नेट’ पास उम्मीदवारों के लिए आरक्षित
- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले, राज्य पर विशेष ध्यान का किया आग्रह
- कश्मीर के डोडा जिले में आतंकियों से मुठभेड़ में पांच सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल
- नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने हजारीबाग से एक को हिरासत में लिया
- जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू के खिलाफ केस चलाने पर दो सप्ताह में फैसला लेने का आदेश
- एम्स, दिल्ली में जल्द शुरू होगी चेहरा प्रत्यारोपण (फेस ट्रांसप्लांट) की सुविधा
- केपी शर्मा ओली ने नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली
- थोक महंगाई दर 16 महीनों में सबसे ऊपर
अनछपी: पिछले दिनों मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की शादी में जो बेतहाशा खर्च किया गया उसके बारे में एक मजाक यह भी चला के जियो ने इस खर्च को पूरा करने के लिए अपनी टैरिफ बढ़ा दी है। मुकेश अंबानी के जियो ही नहीं बल्कि मित्तल समूह के एयरटेल ने भी अपनी टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की थी। बाद में वोडाफोन-आईडिया में भी इसी तरह का ऐलान किया था। मोटे तौर पर 21 से 25% तक टैरिफ में वृद्धि की गई थी। इसके बाद यह बहस चल पड़ी थी कि आखिर उपभोक्ता कहां जाएं जब हर कंपनी अपनी फीस बढ़ा रही हो? ले-दे कर एक कंपनी बच रही थी वह भी सरकारी बीएसएनल। और आपको बीएसएनल के बारे में भी इस मजाक का पता है जिसमें उसके बारे में भाई साहब नहीं लगेगा की बात कही जाती थी। अब कम से कम बिहार से यह खबर आई है कि मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों ने बड़ी संख्या में बीएसएनएल के सिम लेने शुरू किए हैं। इसका पता मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी एमएनपी की संख्या से चलता है। जागरण की खबर के अनुसार बिहार में जून 2024 में 1327 दूसरी कंपनियों की उपभोक्ताओं ने बीएसएनएल में नंबर पोर्ट कराए थे। 15 जुलाई तक यह आंकड़ा 14521 तक पहुंच गया है। जून में 36963 उपभोक्ताओं ने बीएसएनएल के नए कनेक्शन लिए थे। यह आंकड़ा 15 जुलाई तक 91656 तक पहुंच गया है। एक दूसरी सुखद खबर यह है कि अक्सर नुकसान में रहने वाला बीएसएनल बिहार में लाभ देने वाली कंपनी बन सकता है। लेकिन समस्या यह है कि बीएसएनएल इस्तेमाल करने वाले फिर नेटवर्क की दिक्कत की बात करेंगे। बड़े शहरों में तो बीएसएनल का नेटवर्क फिर भी ठीक-ठाक है लेकिन सफर के दौरान अक्सर बीएसएनल का नेटवर्क सही नहीं रहता है। ऐसे समय में जबकि मोबाइल टेलीफोन उपभोक्ता प्राइवेट कंपनियों से परेशान हैं, बीएसएनल को इस मौके का भरपूर फायदा उठाना चाहिए और अपनी सेवाएं भी बेहतर करनी चाहिए। बीएसएनएल के बारे में किसी बेईमानी की शिकायत नहीं मिलती और उसका टैरिफ भी सबसे कम रहता है। फिर भी इसके उपभोक्ता कम इसलिए रहते हैं कि इसकी सेवा सही नहीं पाई जाती। बीएसएनल को चाहिए की सफर के दौरान अपने नेटवर्क पर विशेष ध्यान दें ताकि उपभोक्ता सिर्फ काम टैरिफ की वजह से नहीं बल्कि बेहतर सेवा की वजह से भी उसके पास आएं।
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