छ्पी-अनछपी: नेपाल में हालात बेकाबू-तख्तापलट, सीपी राधाकृष्णन बने 15वें उपराष्ट्रपति

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नेपाल में सरकार के खिलाफ युवाओं के गुस्से ने भयानक हिंसा का रूप ले लिया और हालात बेकाबू होने के बाद सरकार का तख्तापलट हो गया। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन 15वें उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। आधार सिस्टम में सेंधमारी कर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।

और, जानिएगा कि क्लीन एयर रैंकिंग में पटना का हाल और बुरा हुआ।

पहली ख़बर

हिन्दुस्तान के अनुसार भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर रोक के खिलाफ नेपाल दूसरे दिन मंगलवार काे भी सुलगता रहा। हालात इतने बिगड़ गए कि प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट को आग के हवाले कर दिया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के निजी आवास, कई मंत्रियों और नेताओं के घरों, दफ्तरों में तोड़फोड़ एवं आगजनी की। आक्रोश के आगे सरकार को झुकना पड़ा और ओली ने इस्तीफा दे दिया। सरकार ने सोमवार रात सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटा लिया था, लेकिन भीड़ शांत नहीं हुई। प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार और 19 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, संचार मंत्री पृथ्वी गुरुंग और पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के घरों पर तोड़फोड़ की। पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, नेपाल राष्ट्र बैंक के गवर्नर विश्व पौडेल के घरों पर पथराव गया। नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय कार्यालय, सीपीएन-यूएमएल के कार्यालय पर हमला किया। सुरक्षाबलों से हथियार भी छीन लिए।

पूर्व पीएम का घरआग के हवाले, पत्नी की मौत

भीड़ ने मंगलवार को नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल के आवास में भी आग लगा दी। घर में मौजूद उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी गंभीर रूप से झुलस गईं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इधर, नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सभी पक्षों से संयम बरतने और बातचीत की अपील की है। फिलहाल सेना ने सुरक्षा संभाल ली है।

बिहार-नेपाल बॉर्डर सील, बस-ट्रेन बन्द

प्रदर्शनों के कारण एयर इंडिया, इंडिगो और नेपाल एयरलाइंस ने दिल्ली से काठमांडू के लिए उड़ानें रद्द कर दी हैं। बिहार से नेपाल के लिए रेल सेवा और भारत-नेपाल मैत्री बस का परिचालन भी रोक दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने भारतीयों से नेपाल की यात्रा न करने की सलाह दी है। साथ ही नेपाल से सटे बिहार के छह जिलों में चौकसी बढ़ा दी गयी है। सीमा भी सील कर दी गई है।

सीपी राधाकृष्णन बने 15वें उपराष्ट्रपति

प्रभात खबर के अनुसार सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो गए हैं। उनका सीधा मुकाबला विपक्ष के साझा उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी से था। उन्होंने रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से हरा दिया। राधाकृष्णन को 401 वोट मिले जो बहुमत के लिए जरूरी 385 से 67 ज्यादा है जबकि रेड्डी के पक्ष में 300 वोट पड़े। हालांकि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि चुनाव में विपक्ष एकजुट रहा और उसके सभी 315 सांसदों ने वोट डाला। अब कहा जा रहा है कि बाकी 15 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है। उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 98% मतदान दर्ज किया गया। 781 सांसदों में से 12 सांसदों ने वोट नहीं डाला। बीआरएस और बीजेडी ने चुनाव से किनारा किया। राधा कृष्ण तमिलनाडु से आते हैं। वे 2023 में झारखंड के राज्यपाल बने थे। जुलाई 2024 में उन्हें महाराष्ट्र स्थानांतरित किया गया था। वह 1998 और 99 में कोयंबटूर सीट से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

आधार सिस्टम में सेंधमारी कर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

जागरण के अनुसार बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने आधार सिस्टम में सेंधमारी कर फर्जी दस्तावेज बनाने और इसे साइबर अपराधियों को बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में मंगलवार को मधेपुरा से 3 अपराधियों राम प्रवेश कुमार, मिथिलेश कुमार और विकास कुमार को गिरफ्तार किया गया है। यह अपराधी अवैध रूप से ईसीएमपी (आधार सॉफ्टवेयर) डाउनलोड कर ऑपरेटर की मदद से फर्जीवाड़ा कर डेटा में बदलाव कर रहे थे। इसके लिए नकली वेबसाइट का प्रयोग कर आधार कार्ड जमा किया जाता था जिसे बाद में छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किया जा रहा था। इस फर्जी दस्तावेज को साइबर अपराधियों को बेच दिया जाता था। साइबर अपराधी इसकी मदद से साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे।

बंटवारे के बाद जमाबंदी के लिए सीओ और डाटा ऑपरेटर मांग रहे थे घुस दोनों गिरफ्तार

हिन्दुस्तान के अनुसार बेगूसराय जिले के बलिया प्रखंड में डंडारी प्रखंड के अंचलाधिकारी व डाटा इंट्री ऑपरेटर को निगरानी विभाग की टीम ने रिश्वत के रूप में लिए दो लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया। मंगलवार को पीड़ित के आवेदन पर डंडारी अंचल कार्यालय में निगरानी की टीम ने छापेमारी की। छापेमारी में सीओ राजीव कुमार व डाटा इंट्री ऑपरेटर कुंदन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस संबंध में निगरानी विभाग के डीएसपी अरुणोदय पाण्डेय ने बताया कि बांक के विजय कुमार चौरसिया ने शिकायत पत्र दिया था कि हम तीन भाई हैं और तीनों ने आपस में जमीन का बंटवारा किया है। तीनों अपनी-अपनी जमीन की जमाबंदी कायम करना चाहते हैं। आवेदन में आरोप लगाया गया था कि जमाबंदी कायम करने के एवज में राजीव कुमार के द्वारा तीन लाख रिश्वत मांगी जा रही थी। आखिर में दो लाख रुपए पर बात बनी। शिकायत के बाद सत्यापन कराया गया। इसके बाद निगरानी थाने में मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने डाटा ऑपरेटर व अंचलाधिकारी को 2 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया। वहीं सीओ ने आरोपों को गलत बताया है।

क्लीन एयर रैंकिंग में पटना और नीचे गिरा

जागरण के अनुसार स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की रिपोर्ट पटना के लिए निराशाजनक और चिंताजनक है। रैंकिंग में गिरावट आई है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले 48 शहरों की श्रेणी में पटना 27वें स्थान पर आ गया है। पिछले वर्ष यह रैंकिंग में दसवें स्थान पर था। तीन से 10 लाख की दूसरी श्रेणी की रिपोर्ट में गया का रैंक भी गिरा है। यह आठवें से 11वें स्थान पर चला गया है। हालांकि मुजफ्फरपुर की आबोहवा कुछ बेहतर हुई है। 2024 की रिपोर्ट में यह शहर 32 वें स्थान पर था जो अब तीसवें स्थान पर पहुंच गया है।

कुछ और सुर्खियां:

  • बिहार में राजस्व कर्मचारियों के 3300 नए पद सृजित किए गए
  • बिहार सरकार की घोषणा सभी 8053 पंचायत में कन्या विवाह मंडप का निर्माण होगा
  • 24 कैरेट सोने की कीमत में 5080 की छलांग, 1,12, 750 में 10 ग्राम
  • चुनाव आयोग ने सभी डीएम को वोटर सत्यापन में आधार को शामिल करने का आदेश दिया
  • नगर विकास विभाग ने पटना की मेयर सीता साहू को कारण बताओं नोटिस जारी किया

अनछपी: नेपाल में नेताओं के खिलाफ गुस्से की वजह तो समझ में आती है लेकिन इस गुस्से में नेपाल की संसद और सुप्रीम कोर्ट के अलावा दूसरी इमारत में आग लगाने की घटना कैसे सही ठहराए जा सकती है? आग लगने से हुई बर्बादी की भरपाई आखिरकार नेपाल की जनता की गाढ़ी कमाई से ही होगी। अगर नेपाल के युवाओं और आम जनता को यह लगता है कि संसद और सुप्रीम कोर्ट से उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो क्या उनमें आग लगाकर इंसाफ की भरपाई हो जाएगी? इस वक्त नेपाल के गुस्साए हुए लोग शायद इस बात को सुनना पसंद नहीं करें लेकिन जब मामला कुछ शांत होगा तो यह बात उन्हें भी सताएगी की आखिर इस अशांति और मारधाड़ से क्या फायदा हुआ? इसी तरह का तख्ता पलट बांग्लादेश में भी हुआ था लेकिन वहां लोगों को पहले से मालूम था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कैसे चुनाव में धांधली की है और किस तरह अपने विरोधियों को अदालतों का सहारा लेकर मौत के घाट उतार दिया। नेपाल के बारे में ऐसी कोई शिकायत पहले तो सुनने को नहीं मिली थी। वहां चुनाव में धांधली या विरोधियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए अदालत की व्यवस्था का दुरुपयोग करने की शिकायत भी नहीं थी। अब तक जो बात मालूम हुई वह यह की वहां के युवाओं को प्रधानमंत्री और दूसरे नेताओं से यह शिकायत थी कि वह नेपाल में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से त्रस्त हो चुके हैं और नेताओं के बाल बच्चे रईसी और अय्याशी में जीवन बिता रहे हैं। अपनी इन बातों को वह सोशल मीडिया पर उठा रहे थे लेकिन सरकार ने उनकी आवाज को दबाने के लिए ही सोशल मीडिया पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। इतना तय है कि सरकार को इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि इस प्रतिबंध के बाद प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा और मंत्रियों को खदेड़कर कर पीटा जाएगा। अब हालात यह है कि काठमांडू के मेयर और रैपर के तौर पर मशहूर गायक बालेंद्र शाह को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की जा रही है लेकिन यह सोचने की बात है कि क्या यह एक लोकतांत्रिक व्यवस्था होगी या केवल तात्कालिक व्यवस्था? नेपाल में अशांति की वजह से बिहार की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को सील कर दिया गया है। अगर देखा जाए तो बिहार के युवाओं में भी कम बेचैनी नहीं है और यहां के नेताओं की ठाट-बाट और दबंगई भी कम नहीं है। लेकिन यहां उस तरह के आंदोलन की गुंजाइश नहीं लगती और हिंसक आंदोलन के बारे में तो सोचना भी सही नहीं है।

 122 total views

Share Now

Leave a Reply