छ्पी-अनछ्पी: इंडिया गठबंधन की बैठक में नहीं जाएंगे नीतीश, मैट्रिक का इम्तिहान 15 फरवरी से
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। 6 दिसंबर को इंडिया गठबंधन की होने वाली चौथी बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं जाएंगे हालांकि लालू प्रसाद व ललन सिंह इस में शामिल होंगे। यह खबर सभी जगह है। अगले साल होने वाली मैट्रिक की परीक्षा 15 फरवरी से और इंटर की परीक्षा 1 फरवरी से होगी जिसकी खबर सभी ने प्रमुखता से ली है। सीतामढ़ी के जदयू सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है जिस पर पार्टी ने उनसे इस्तीफा मांगा है। भास्कर ने यह खबर पहले पेज पर दी है।
जागरण की खबर है: नीतीश के फार्मूले पर बनेगी भाजपा को परास्त करने की रणनीति। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद कांग्रेस की ओर से बुलाई गई इंडिया गठबंधन की बैठक में बिहार का प्रतिनिधित्व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जल संसाधन मंत्री संजय झा करेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 6 दिसंबर को नई दिल्ली में यह बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि खड़गे ने नवंबर के पहले सप्ताह में टेलीफोन पर बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री को बताया था कि विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही इंडिया की बैठक होगी।
ममता ने कहा- बैठक का पता नहीं
प्रभात खबर में पहले पेज पर सुर्खी दी है: ममता बोलीं- इंडिया की बैठक के बारे में नहीं दी गई कोई जानकारी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उन्हें 6 दिसंबर को नई दिल्ली में इंडिया गठबंधन की होने वाली बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। यदि जानकारी होती तो वह बैठक में शामिल होने के लिए समय निकालतीं। ममता ने कहा कि इस बैठक के बारे में किसी ने उन्हें फोन पर नहीं बताया है। “मुझे नहीं पता कि बैठक कब और कहां हो रही है। मैंने प्रोग्राम पहले ही तय कर लिया है।”
मैट्रिक परीक्षा 15 फरवरी से
हिन्दुस्तान ने लिखा है कि बिहार बोर्ड की इंटर परीक्षा एक से 12 फरवरी तक होगी। वहीं मैट्रिक परीक्षा 15 से 23 फरवरी तक ली जाएगी। बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने सोमवार को बोर्ड परिसर में वर्ष 2024 का वार्षिक कैलेंडर जारी करते हुए इसकी जानकारी दी। कैलेंडर में वर्ष 2024 में होने वालीं सभी परीक्षाओं की तिथि का जिक्र है। इंटर की प्रायोगिक परीक्षा 10 से 20 जनवरी तक होगी जबकि मैट्रिक का आंतरिक मूल्यांकन 18 से 20 जनवरी तक होगा।
जदयू सांसद भाजपा के बौरो प्लेयर
भास्कर की सुर्खी है: जदयू सांसद ने कहा- जनता ने दिखाया कि मोदी है तो मुमकिन है, पार्टी बोली- इस्तीफा दें। सीतामढ़ी से जदयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि जनता ने भाजपाइयों की इस बात पर मुहर लगा दी कि मोदी है, तो मुमकिन है। “तीन राज्यों में मोदी मैजिक चल गया।” वे सोमवार को मीडिया से मुखातिब थे। उनसे विधानसभा चुनाव के रिजल्ट को लेकर सवाल पूछा गया था। यह पूछे जाने पर कि आप जदयू सांसद होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे हैं, पिंटू ने कहा, “मैं तो रिजल्ट के हवाले जनता द्वारा भाजपाइयों की साबित की गई बात को सिर्फ दोहरा रहा हूं।” उन्होंने कहा मैं जदयू में भाजपा का बौरो प्लेयर हूं जिस दिन भाजपा से कॉल आ जाएगा वहां चला जाऊंगा। हां जब तक जदयू में हूं पूरी मजबूती से हूं। इधर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि उत्तर पूर्व के राज्य में प्रधानमंत्री को वोट मांगने के लिए जाना मंजूर नहीं है। इसके बाद भी अगर सुनील कुमार पिंटू बहुत प्रभावित हैं तो वह अंतिम कश तक लोकसभा सदस्य रहने का आनंद लेते रहेंगे क्या? अगर उनको मोदी है तो मुमकिन है, यह नजर आ रहा है तो चंद माह की बात है वे लोकसभा से इस्तीफा दें और बाहर आ जाएं। “वोट लिया है जदयू के नाम पर और प्रभावित हो रहे हैं भाजपा से। हद है।”
मिजोरम में कौन जीता
मिजोरम विधानसभा चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) को शानदार जीत मिली है। जेडपीएम ने मिजोरम विधानसभा की 40 में से 27 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को यह जानकारी दी। चुनाव में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) व कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद थी। लेकिन, एमएनएफ को हार का सामना करना पड़ा। उसे मात्र 10 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा को 2 सीटों (पलक और सैहा) पर जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को महज एक सीट (लांग्तलाई वेस्ट) पर विजय हासिल हुई है।
मणिपुर में उग्रवादी गुट भिड़े, 13 की मौत
मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में सोमवार को उग्रवादियों के दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि घटना सोमवार को म्यांमार सीमा से लगते लीथू गांव में हुई। तेंगनौपाल जिले के एक अधिकारी ने कहा कि म्यांमार जा रहे उग्रवादियों के एक समूह पर उग्रवादियों के एक अन्य समूह ने घात लगाकर हमला किया। मौके पर पहुंचे सुरक्षाबलों को अब तक 13 शव मिले हैं।
बिहार में अपराध दर
जागरण की सुर्खी है: बिहार में अपराध दर गुजरात, यूपी, मध्य प्रदेश और हरियाणा से कम। भारत में 2022 में सबसे अधिक हत्याएं भले ही उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई हो मगर जमीन संपत्ति जाति और वर्ग संघर्ष के कारण सबसे अधिक हत्याएं बिहार में हो रही हैं। इसके अलावा निजी दुश्मनी भी हत्या का बड़ा कारण है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो एनसीआरबी की वर्ष 2022 की ताजा रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में वर्ष 2022 में करीब तीन लाख 47 हज़ार कांड दर्ज किए गए। पिछले साल की आंकड़ा दो लाख 82 हज़ार था। बिहार में अपराध दर गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों से कम है।
कुछ और सुर्खियां
- हैदराबाद के पास वायु सेना का विमान क्रैश, दो पायलट मरे
- पंचायत उपचुनाव 28 दिसंबर को 1675 पदों के लिए होगी वोटिंग 30 को रिजल्ट
- सेंसेक्स में 1384 अंकों की उछाल, निफ्टी भी रिकॉर्ड उच्च स्तर पर
- अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान की एस्कॉर्ट कार से टकराया ट्रक, चालक की मौत
- चेन्नई में मिचौंग तूफान से एयरपोर्ट समेत कई इलाके डूबे
अनछपी: जागरण में एक छोटी सी खबर है: राजस्थान में जीतते ही संत ने दिखाए तेवर, कहा- बंद कीजिए नॉनवेज की दुकानें। जयपुर शहर में हवा महल सीट से विधायक चुने गए बालमुकुंद आचार्य सोमवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर निकले और अधिकारियों से कहा कि खुले में नॉनवेज बेचना 12 घंटे में बंद करवाए नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। बालमुकुंदाचार्य जब मुस्लिम इलाके की तरफ पहुंचे तो उनके समर्थकों का कुछ दुकानदारों से विवाद भी हुआ। हालांकि पुलिस ने मामला शांत करवाया। अक्सर अखबारों ने इसे नज़रअंदाज़ किया है लेकिन जागरण ने भी पूरी बात नहीं बताई है। पहली बात तो यह कि बालमुकुंदाचार्य और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार दोनों को 95 हज़ार से अधिक वोट मिले हैं और कुछ ही मतों से बालमुकुंदाचार्य जीते हैं। दूसरी बात यह है कि बालमुकुंदाचार्य के समर्थकों ने मुस्लिम नॉनवेज दुकानदारों के साथ गाली-गलौज की यह बात छिपा ली गई। सोचने की बात यह है कि अभी शपथ ग्रहण भी नहीं हुआ कि विधायक की यह दबंगई सामने आई। जागरण ने इसे तेवर लिखा है लेकिन वीडियो देखने के बाद उसे दबंगई कहना ही सही लगता है। बालमुकुंदाचार्य का वायरल हुआ वीडियो देख कर समझा जा सकता है कि वह कैसे एक वर्ग को टारगेट कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं लेकिन उनके विधायक सिर्फ मुस्लिम वर्ग से लाइसेंस खोज रहे हैं। लाइसेंस तो और भी दुकानों के लिए जरूरी होता है लेकिन उसकी ओर ध्यान न देकर केवल मुस्लिम दुकानदारों को टारगेट करना भारतीय जनता पार्टी के लिए कोई नई बात नहीं है। दूसरी बात यह है कि विधायक कानून लागू करने के लिए नहीं है बल्कि कानून लागू करवाने के लिए हैं। क्या यह सही नहीं होता कि वह इस बारे में थोड़ा इंतजार करते और सरकार बनने के बाद अधिकारियों से इस बारे में बातचीत कर सही कदम उठाते? ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी में इस बात की होड़ मची है कि कौन कितना अधिक मुस्लिम विरोधी कदम उठाता है। इस दबंगई को दिखाने के लिए विधायक ने वीडियो तैयार कर वायरल करवाया है। अफसोस की बात है कि ऐसे मामलों में अदालत भी कोई खास एक्शन नहीं लेती। क्या कानून हाथ में लेना और सिलेक्टिव तरीके से लागू करना कानून का पालन करना है?
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