छ्पी-अनछ्पी: अखबारों में मोदी ही मोदी, इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक 6 को

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की जीत की खबर में मोदी लहर की चर्चा सभी अखबारों में है। तेलंगाना में कांग्रेस के जीत हुई है लेकिन हिंदी पट्टी में हार के बाद अब उसने इंडिया गठबंधन की बैठक 6 तारीख को बुलाने का फैसला किया है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: हिंदी पट्टी में प्रचंड मोदी लहर। जागरण ने लिखा है: मोदी पर ही भरोसा। भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: मोदी की गारंटी पर मुहर। प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: मोदी मोदी मोदी। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से चार के नतीजे रविवार को आ गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर पर सवार भाजपा ने हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मात देकर जबरदस्त जीत हासिल की। दूसरी ओर, तेलंगाना में कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति को हरा जादुई आंकड़ा हासिल किया। मिजोरम में वोटों की गिनती सोमवार को होगी। चुनाव में हार के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और तेलांगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने पद से इस्तीफा दे दिया।

मध्यप्रदेश में क्या हुआ?

मध्यप्रदेश में भाजपा ने 163 सीट जीत कर बहुमत का आंकड़ा (116) हासिल कर सत्ता बरकरार रखी। हालांकि यहां केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा हार गए। कांग्रेस पार्टी ने यहां 66 सीटें हासिल कीं।

राजस्थान का हाल

राजस्थान में हर पांच वर्ष में सत्ता परिवर्तन का रिवाज नहीं बदला। कांग्रेस को भाजपा से करारी मात मिली। भाजपा ने 115 सीट पर जीत दर्ज की। वहीं, कांग्रेस 69 सीट ही जीत पाई। यहां आठ निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।

छत्तीसगढ़ का रिज़ल्ट

भाजपा ने 90 में से 54 सीटें जीत कर पांच साल बाद सत्ता में वापसी की। पिछले चुनाव में तीन चौथाई सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस इस बार 35 सीट पर ही सिमट गई।

तेलंगाना में कांग्रेस

तेलंगाना में जोरदार जीत ने कांग्रेस को कुछ राहत दी। जीत के बाद कांग्रेस ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। यहां कांग्रेस ने 64 और भारत राष्ट्र समिति ने 39 सीटें हासिल कीं जबकि भाजपा को 9 सीट मिली। यहां से एआईएमआईएम ने 7 सीटों पर जीत हासिल की।

मोदी को अपनी हैट्रिक की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान सभी अखबारों में है कि अभी की जीत लोकसभा चुनाव में भाजपा की हैट्रिक की गारंटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन राज्यों में जीत की हैट्रिक को आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की हैट्रिक की गारंटी बताया। दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में अबकी बार 400 पार के नारों के बीच उन्होंने इन नतीजों को ऐतिहासिक करार दिया।

चुनाव की कुछ और बातें

  • छत्तीसगढ़ में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव समेत कांग्रेस के 9 मंत्री हारे
  • भाजपा के उम्मीदवार वेंकट रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को कामरेड्डी सीट से हराया
  • तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव एक सीट से हारे, दूसरी से जीते
  • मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छठी बार बुधनी सीट से जीते
  • राजस्थान और छत्तीसगढ़ को कांग्रेस से छीनने के बाद अब बारह राज्यों में भाजपा की सरकार, तीन राज्यों तक सिमट गई कांग्रेस

यह कांग्रेस की हार है: त्यागी

जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा है कि तीन राज्यों में हुई विपक्ष की हार सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की हार है। इसका इंडिया गठबंधन से कोई वास्ता नहीं है। कांग्रेस ने किसी भी घटक दल से ना संपर्क किया और ना ही सहयोग मांगा। कांग्रेस अपने बलबूते पर भाजपा को हराने की योजना बना रही थी, जो एक दिवास्वप्न है।

भाजपा के 21 सांसद में नौ हारे

प्रभात खबर की खबर है: चुनाव मैदान में भाजपा ने उतारे थे 21 सांसद, 12 जीते और नौ को मिली हार। भाजपा ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते समेत अपने 21 सांसदों को मैदान में उतारा था। इसमें मध्य प्रदेश व राजस्थान से साथ-साथ छत्तीसगढ़ से चार और तेलंगाना से तीन सांसद शामिल थे। इन 21 सांसदों में से 12 ने जीत दर्ज की है जबकि 9 सांसदों को हार मिली है। तेलंगाना से एक भी संसद विधानसभा का चुनाव जीत पाने में सफल नहीं हो सके।

‘इंडिया’ की बैठक छह को

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हार के बाद कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव में रणनीति पर चर्चा करने के लिए इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है। छह दिसंबर को दिल्ली में होने वाली इस बैठक में सीट बंटवारे पर भी चर्चा होने की संभावना है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण सीट बंटवारे पर बातचीत नहीं हो पाई थी। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की बैठक ऐसे वक्त हो रही है, जब चार राज्यों के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना में जीत दर्ज करने में सफल रही है।

फ़लस्तीनी कहीं सुरक्षित नहीं

जागरण की खबर है: ग़ज़ा में फलीस्तीनी कहीं भी सुरक्षित नहीं। इजरायली हम लोग के चलते ग़ज़ा पट्टी में फलस्तीन के आम लोग कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं और हर बीतते घंटे के साथ उनके रहने की जगह कम होती जा रही है। इसराइली लड़ाकू विमान और टैंक खान यूनिस और रफा शहरों पर थोड़े-थोड़े समय अंतराल में बमबारी और गोलीबारी कर जान माल का भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसराइली हमले का लगातार निशाना बन रहा यह वही रफाह शहर है जहां दक्षिणी ग़ज़ा में रहने वाले फलस्तीनियों को सुरक्षा की दृष्टि से जाने के लिए इसराइली सेना कह रही है।

कुछ और सुर्खियां

  • चुनाव आयोग ने तेलंगाना के डीजीपी को किया निलंबित
  • संसद का शीत सत्र आज से हंगामा होने के आसार
  • बीएससी 68वीं मुख्य परीक्षा में 867 उम्मीदवार हुए सफल
  • पद्मश्री सुधा वर्गीज को जमनालाल पुरस्कार मिलेगा
  • इंटर व मैट्रिक के 116 टॉपरों को किया गया सम्मानित

अनछपी: यह महज इत्तेफाक है, आम समझ है या इसका कोई और कारण है कि आज के अखबारों ने भारत की जनता पार्टी की जीत पर सुर्खी में मोदी को रखा है। इसमें कोई शक नहीं कि भारतीय जनता पार्टी के जीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ रहता है लेकिन अखबारों का यह रवैया क्या बतलाता है? कुछ महीनों पहले जब कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की हार हुई थी तब तो किसी अखबार ने हार का ठीकरा नरेंद्र मोदी पर नहीं फोड़ा था। अखबारों की यह सोच शायद सही है कि हिंदी पट्टी में नरेंद्र मोदी का जादू चलता है। बताया गया है कि चार राज्यों में प्रधानमंत्री विरोधी ने 40 रैलियां की थीं। यह बात अपनी जगह सही है लेकिन जीत का सेहरा मोदी के नाम बांधने वाले अखबार हार के वक्त यह जिम्मेदारी उन पर क्यों नहीं डालते। इन चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को तीन में जीत मिली है। जिस जगह उसे जीत नहीं मिली वह दक्षिण का राज्य तेलंगाना है और यह सुर्खी भी बन रही है कि क्या भारतीय जनता पार्टी दक्षिण में बिल्कुल कामयाब नहीं है। वैसे भी दक्षिण भारत में उसे कर्नाटक छोड़कर और कहीं कामयाबी नहीं मिलती। बहरहाल चुनाव परिणाम को देखने का एक दूसरा नजरिया यह भी है कि यह कांग्रेस की करारी हार है। बहुत से लोगों का मानना है कि अगर कांग्रेस पार्टी सही से चुनाव लड़ती तो चुनाव परिणाम इतना बुरा नहीं आता। मध्य प्रदेश में जिस तरह कांग्रेस नेता कमलनाथ ने ‘अखिलेश-वखिलेश’ की बात की उसका बहुत बुरा असर उसके चुनाव परिणाम पर पड़ा। बहुत से लोगों का मानना है कि अगर मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी को साथ लेकर चलती तो कांग्रेस वहां अच्छी पोजीशन में होती। यह भी कहा जा रहा है कि बाकी राज्यों में भी अगर इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ती तो परिणाम कुछ और होता। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बारे में ध्यान दिलाया था कि कांग्रेस पार्टी इंडिया गठबंधन के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा था कि चुनाव के बाद शायद वह कुछ करें और ऐसा ही हुआ है हालांकि यह काम उसने हार के बाद किया। कांग्रेस पार्टी शायद यह सोच रही थी कि इन राज्यों में जीत के बाद इंडिया गठबंधन में वह ज्यादा हिस्सा लेने के लिए दावा पेश करेगी लेकिन फिलहाल उसके लिए बेहतर यही होगा कि सभी को लेकर चले और कुछ कुर्बानी देने के लिए तैयार रहे।

 

 1,290 total views

Share Now

Leave a Reply